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मेरी प्यारी अकेली आंटी
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HOT Free XXX Hindi Kahani
हाई दोस्तों, मेरी कोई गल्फ्र्न्द नहीं थी, Antarvasna सो जब भी मुझे चुदाई का मन करता में, अपने दोस्तों के पास से ब्लू फिल्म की सीडी ले आता और घर पे देखता रहता | उन्हें देखता और लंड को मसलता रहता | और फिर जब की हालत खराब हो जाती तब मन करता की किसी को भी पकड़ के पेल दू |

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मेरे घर के बाजु में एक आंटी रहती थी, उनके पती ने उन्हें शादी के २ साल बाद ही छोड दिया था और तबसे वो अकेली रहती हे अपनी एक लड़की के साथ जिसकी उम्र करीब मेरे जितनी ही थी | वो अकेली रहती थी इसीलिए मोम मुझे बोल देती थी की उनका काम कर दिया करो | हम दोनों के घर एक जेसे हो गए थे | और आंटी मेरी आंटी काम दोस्त जादा थी | एक दम खुल के रहती थी मेरे साथ | आंटी मेरे साथ मस्ती करती थी में भी उनके साथ करता था कभी कभी दोपहर को उन्ही के घर में उनके साथ सो जाता था | सब कुछ होता मगर मेने उनको कभी वासना वाले नजर से नहीं देखा था |अब दोस्तों के साथ रह रह कर उनसे बातें सीख के और ब्लू फिल्म देख देख के अब मेरी नज़ारे बदलने लगी और में अब आंटी को किसी और रूप से देखता था | अब में खुद जानबुज के उनके साथ सो जाता था और उनके जिस्म के अंग अंग को देखता रहता था | एक दिन क्या हुआ की मेरे मोम डैड को नानी के घर जाना था कुछ काम से तो वो मुझे उन्ही के घर पे छोड के गयी थी | जब से में उनके घर पे रहना लगा मुझे हर दिन पता नहीं किस बात की खुशी रहती थी | मेरे घर वाले एक महीने के लिए गए हुए थे | और आंटी की बेटी स्कूल के बाद कोचिंग करने जाती थी तो सीधे शाम के सात बजे आती थी | अब पुरे दिन में और आंटी रहते थे | एक दिन क्या हुआ की में अपने दोस्त के पास से ब्लू फिल्म की सीडी ले आया और अपने घर में रख आया | सीडी सबसे पहले वाले कमरे में ही थी | मेने वह इसी लिए रखा क्युकी मेरे घर पे कोई आता नहीं था | हम पुरे दिन आंटी के घर पे ही रहते थे | मेरे घर भी खुल्ला रहता था | अब वो सीड मेरे घर पे थी और उसके दूसरे दिन आंटी ने मुझे सामान लेन के लिए कहा तो में बाजार चला गया | बाजार से आया और फिर उनके घर में थोडा आराम किया फिर मेरा मन किया की में थोडा चुदाई देख लू कंप्यूटर में | में उठा और अपने घर गया, और सीडी लेने क लिए निचे झुका तो देखा की वह सीडी नहीं हे | एक पल के लिए मेरी फट गयी की सीडी मेने अब कहा रख दी |मेने अच्छे से सोचा, मगर मुझे बार बार यही याद आ रहा था की सीडी मेने वही पे रखा था | अब मेरी फटी इसीलिए क्युकी इस बार सीडी मेने अपने से बड़े भैया से ली थी, और सीडी नहीं देने पे वो मेरी गांड मार देता | फिर मेने सोचा की साली सीड खुद चलने क्या किसी को पेलने गया हे क्या, यही ओत रखी थी मेने सीडी | फिर मेरा लंड की प्यास वेसी ही रही और में आंटी के घर पे आ गया, में बहुत परेशां था और मेरी चिंता कीस को भी पता चल जाता की मेरी कोई चीज गम हुई हे | आंटी ने खाना बना दिया था फिर आंटी मुझे बोली की आओ खाना खा लो | आंटी मुझसे आराम से बत कर रही थी | मैं और आंटी फिर खाना खाने लगे, मैं बार बार आंटी की तिरछी नज़र से देख रहा था, मेने भी देखा की आंटी एक दो बार मुझे देख के मुस्कुराई | मेने फिर एक बार आंटी को झटके से दकेह और पूछा क्या हुआ आंटी आप मुझे ऐसे क्यों देख रही हो ? आंटी बोली कुछ नहीं में देख रही हू की तुम कितने बड़े हो गए हो | मुझे हसी और शर्म दोनों एक साथ आई |मैं – क्या आंटी आप भी न कुछ भी किसी भी वक्त बोल देती हो |आंटी – मेरे पास आई और मुझसे चिपक के बैठ गयी और मुझसे बोली की मैं जो बोली एक दम सही बोली |मैं – क्या मतलब ? आंटी ने फिर मेरे लंड पे हाथ रखा और दबाने लगी |मैं – अरे आंटी ये क्या कर रही हो ? मैं झट से खड़ा हो गया |आंटी – अब मुझसे क्या शरमाते हो ? तुम जो अपनी सीडी धुंद रहे हो वो मेरे पास हे, मेने कल देख ली और मुझे काफी अच्छी लगी वो फिल्म |अब मेरे पास कोई जवाब नहीं था फिर भी मेने कहा आंटी आप मेरी माँ सामान हो, आपको मुझसे ऐसी बातें नहीं करनी चहिये | आंटी ने मुझे फिर अपनी तरफ खीचा और बोली आज के लिए भूल जा की मैं तेरी आंटी हू | तू आज के लिए मेरा दोस्त बन जा सबसे अच्छा दोस्त |मैं – अगर आप मेरी दोस्त हो तो फिर आपकी बेटी ?आंटी – दोस्त में हू वो नहीं | उसको ये सब कुछ पता नहीं चलना चहिये, तुझे जो करना हे मेरे साथ उसको बिच में मत लाना |मेने कहा ठीक हे, और फिर मैं आंटी के साथ उनके कमरे में चला गया | मेने उनको बिस्तर पे लेटा दिया और फिर उनके बाजु में बैठ के उनके जिस्म पे हाथ फेरने लगा | वो धीरे धीरे अजीब सी होने लगी थी | अब मेने उनके चुचो को अपने दोनों हाथो में भर लिया और हलके हलके से सहलाने लगा, जिसके कारण वो और भी मदहोश सी होने लगी थी | आंटी ने अब मेरे लंड पे हाथ रख दिया और फिर सहलाने लगी, जिसके कारण मेरा लंड अंदर से बहार आने को बेताब हो रहा था | उनके कहते ही मेरे शारीर में एक करंट सी दोड पड़ी | मेने अब उनके चुचो को कास के निचोडना शुरू कर दिया जिससे उनके मुह से आआआया निकल पड़ी |अब हम दोनों पुरे जोश में थे, आग अब दोनों तरफ बराबर की लगी थी | अब में उनके चुचो को मसलने के साथ साथ उनको चूमने भी लगा था | अब मेने उनके चुचो को छोड दिया और उनको चूमने लगा, उनके गोरे गोरे गालो पर फिर गले पे हर जगाह उनको चूमा मेने और वो भी बिच बिच में मुझे चूमने लगती | अब वो गरम हो चुकी थी उनके मुह से सिसकिय निकलती जा रही थी अह्ह्ह्ह्ह म्मम्मम ओह्ह्ह्ह्ह अआया | अब मेने उनके पुरे शारीर को मसलने लगा, और वो अब पुरे जोश में आ चुकी थी | अब उन्होंने मेरे सर पे हाथ रख दिया और मेरे बालो को नोचने लगी थी | मुझे लगा की अब आंटी को क्यों तडपना पेल ही देता हू | मगर इतने में आंटी ने अपने हाथ मेरे लंड पे रख दिया और उसे सहलाने लगी, उनका लंड चुना था की मेने उनको अपने उपर खीच लिया और उन्हें चूमने लगा, बिच बिच में उनके गांड को भी मसल देता मैं | उन्होंने अब मेरे होठो पे अपने होठ रख दिया और फिर अपनी जीभ मेरे मुह में घुमाने लगी और अपने हाथो से मेरे बालो को नोचने लगी | मेने उनके नाइटी की सारे बुट्तों खोल दिए और उनको नंगा कर दिया | उन्होंने सिर्फ पेंटी पहनी हुई थी ब्रा नहीं था |अब वो मेरे बाजु में बैठ के मेरे लंड को सहला रही थी | वो बिना कपडे में क्या लग रह थी एक दम जवान आइटम लग रही थी, एक दम कासी छुई चुचे, गोरे गोरे जिस्म, फिगर तो बस देखने लायक था | मेरे खयाल से उनका फिगर ३६-२८-३८ होगा | आंटी अब सिर्फ पेंटी में लेती हुई थी, में उनके उपर चाड गया और उनके जिस्म के साथ खेलने लगा | मैं कभी उनके चुचो को चुस्त तो कभी चुत पे हाथ फेरता तो कभी चुचो को मसलता | अब काफी देर ताक उनके उपरी हिस्सों के साथ खेलने के बाद मेने उनकी पेंटी में हाथ डाल दिया, छु के देखा तो चुत बिकुल साफ़ थी | मेने उनको देख के मुस्कुराया तो उन्होंने मुझे आँख मारा और एक प्यारी सी मुस्कान दी | मेने कुछ देर उंगलिया फेरी उनकी चुत पे और फिर छेद पे उंगली टिका दी, और ऊँगली को अंदर की और धकेल दिया, ऊँगली अंदर क्या गया आंटी तो शायद आसमान में उड़ने लगी उनके मुह से सिसकिय रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह हूऊ ह्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म आआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह एस्स्स्स्स्स्स किये जा रही थी | मेने ऊँगली को धक्का देते रहा और मेरी ऊँगली अंदर जाती रही और उनके मुह से सिसकिय निकलती रही अह्ह्ह्ह्ह्ह ह्म्म्म्म्म्म्म्म ओह्ह्ह्ह्ह्ह आआआया | उनकी चुत पहले से ही काफी गीली थी जिसके कारण मेरी ऊँगली आराम से अंदर चली गयी थी |मैं अब ऊँगली को अंदर बहार करने लगा, और कुछ देर ताक ऐसे ही किया और फिर आंटी ने मुझे कास के अपने तरफ खीच लिया और गले लगा लिया और बोली छोटू और मत तड़पाओ मुझे बरसो की प्यासी हू जल्दी से मेरी प्यास बुझा दो |मैं – आंटी चिंता मत करो, भगवन ने मुझे आपके लिए ही पैदा किया हे, अबसे आप कभी भूकी प्यासी नहीं रहोगी, मैं आ गया हू | इतना कह के मेने उनकी पेंटी पूरी उतार दी और निचे फेक दी | अब मुझे इ दम कासी हुई चुत दिखाई दे रही थी, जिसे देख के मेरे लंड ने सलामी देना शुरू कर दिया | मेने उनको गले से लगा लिया और चूमने लगा और फिर मेने अपनी एक ऊँगली उनकी चुत में डाल दिया और अंदर बहार करने लगा और फिर उनके एक चुचे को अपने मुह में ले लिए और इसी का जवाब देते हुए, आंटी ने मेरे लंड को पकड़ के मसलना शुरू कर दिया | अब हम दोनों अपना काम शुरू कर दिए, और धीरे धीरे फिरसे उनकी सिसकिय तेज होने लग गयी |कुछ देर के बाद मेने आंटी से पूछा – आंटी लंड नहीं चखना क्या ?आंटी क्यों नहीं छोटू दो मुझे, जरा में भी तो देखू केसा हे तुम्हारा लंड ?मेने फिर आंटी के मुह में लंड दे दिया, और आंटी उसे चूसने लगी, मुझे काफी मज़ा आ रहा था, मेने फिर उनके बालो को पकड़ के उनके मुह को पेलना शुर कर दिया | कुछ देर के बाद मेने उनके चुचो को दोनों हाथो से बाजु से दबाया और अपने लंड को बिच में रख दिया और उनके चुचो को पेलने लगा, उनकी मुह से अब कस कस के सिसकिय निकलने लगी | आंटी का आब बुरा हाल था, वो एक दम नशीली आँखों से मुझे देख रही थी | मेने सोचा अब बहुत हो गया जादा नहीं तडपना चाहिए सो मेने उनकी टांगो को खोल दिया और बिच में जाके बैठ गया और अपना लंड उनकी चुत पे रगड़ने लगा और ५-६ बार रगड़ने के बाद मेने लंड को धक्का मारा और वो फच कर के अंदर चला गया | अब उनकी चुत तो पहले से ही गीली थी इसीलिए लंड आराम से अंदर बहार हो रहा था | मेने आंटी से पूछा की मुठ कहा गिराऊंगा ? वो बोली अंदर ही, मेरा ओप्रेतैओं हो चूका ह मैं कभी माँ नहीं बनुगी अब |इतना सुन के में खुश हो गया और उन्हें कास कास के पेलने लगा, उन्होंने बिस्तर को कस के पकड़ लिया और अपनी तरफ खिचने लगी | उनको काफी मज़ा आ रहा था जो की उनके चेहरे से दिख रहा था |

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आंटी अब सातवे आसमान में उड़ने लगी थी | काफी देर की खिचाई के बाद में उनकी चुत में ही झड गे और फिर उन्ही के पर लेट गया |फिर रात को मेने उन्हें फिर से पेला, उन्होंने अपनी बेटी को दूसरे रूम में सुला दिया था | अब हमे जब भी मोका मिलता रात हो या दिन कभी भी, तब हम मज़े करते | मोम डैड के आने के बाद में उनके साथ हफ्ते में एक दो से जादा बार नहीं कर पाता था |

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