हर किसी की प्रेम कहानी से लेकर सेक्स कहानी में आज तक आप सभी ने यही सुना होगा की किस्सा सारा लड़का शुरू करता है जोकि लड़की के बदन पर जाकर खतम होता है पर दोस्तों हमारी सेक्स जोड़ी में कुछ और ही हुआ |
मैं अपने दूसरे वर्षीय कॉलेज के दिनों में पढाई में कुछ ज्यादा ही कमज़ोर होता जा रहा था और इसीलिए मेरी माँ ने एक लड़की के यहाँ मेरी पढाई का बंदोबस्त कर दिया जिसकी हालही में नौकरी लगी थी और कुछ कॉलेज के बच्चों को भी पढ़ा दिया करती थी |
उस लड़की के यहाँ मैं अकेला ही पढ़ रहा था उन दिनों और हमेशा पढाई करते वक्त कभी मेरी नज़र उनके झुके हुए टॉप के अंदर दिख रहे चुचों पर से नहीं हटती थी |
कुछ सप्ताह तक इसी तरह चला और एक दिन ऐसा जब पढते पढते उसने अपनी हथेली को बांह पर हलके से फिराया और मेरे अंदर हवस की चिंगारियां उठ पड़ी मैं भी अब में में उनकी बांह को सहलाता हुआ एक दम करीब आ गया |
अब मैंने उसे टॉप को उतारते हुए अपने भी कपडे उतारने चालू कर दिए और उसके नंगे चुचे मेरी खुली आँखों के सामने आते ही मैंने उसके चुचों को भींचता हुआ उनके होठों को चूस रहा था |
नीचे से मैंने मैंने उसकी चुत के उप्पर अपनी हटली रगड़ते हे अपनी उँगलियों को अंदर देने लगा और उसकी सीत्कारें रोके नहीं रुक रही थी |
मेरा तना हुआ खड़ा था और मैंने भी अब सुपाडे को उसकी चुत पर टिकाते हुए मस्त वाले ज़ोरदार झटकों में अपने लंड को चुत में घुसा दिया जिसपर सिसकियाँ ज़ोरदार होने लगी |
मैं भी जोरदार झटके देने लगा तो उसकी चुत से अब खून निकल रहा था |
मैं कुछ देर के लिए शांत पड़ गया और अब उसकी गांड को उप्पर उचाकाकर उसकी गांड में अपना लंड सटा दिया और वहीँ झटके देने लगा |
उसे गांड में चुदाई से भी दर्द हो रहा था पर चुत से कम तो अब मैंने अपने लंड पर थूक लगाया और जमकर चालू हो गया |
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मैं उसे किसी कुत्ता – कुतिया की चुदेली जोड़ी की तरह उसे भी अपनी कुतिया बनाकर चोद रहा था और जब थककर मैं चूर हो गया तो आखिर में अपने लंड को मलते हुए वहीँ अपना मुठ छोड़ दिया |
दूसरी पारी में मैंने उसकी चुत को शिकार बनाया और लंड के बेचुक झटके उसकी चुत में दनादन देने लगा |
वो मज़ा किसी जन्नत की सैर से कम नहीं था और भी क्यूँ न हो, जब लड़की इतनी देसी इंडियन चुत वाली हो |
अब हमेशा से उसे कभी गांड उठाकर चोदता हुआ तो कभी उसकी चुत में अपने लंड की चक्की चलाता हुआ बिलकुल किसी सडकछाप कुतिया की तरह |