advertisement
advertisement
जवान मौसी की चुदाई झाड़ियों में की
advertisement

advertisement
advertisement
HOT Free XXX Hindi Kahani

आंटी रोडसाइड सेक्स कहानी में मैंने अपनी सगी मौसी को सड़क किनारे की झाड़ियों में ही चोद दिया. मैं उन्हें स्टेशन से लिवाने गया था पर इतनी देर में ही सेटिंग हो गयी.

डियर फ्रेंड्स, मैं आपका दोस्त माणिक बिहार के बेगूसराय जिला के बेगमपुर से हूँ.
मेरे घर में हम सब मिला कर कुछ छह लोग रहते हैं. मैं 21 साल का हूँ. मेरी मम्मी 42 साल की हैं, पापा जी 46 के और तीन छोटी बहनें हैं.

लेखक की पिछली कहानी थी: दीदी की ननद के साथ ट्रेन में चुदाई

पहली सरगम 22 साल की, दूसरी निशा 20 साल की, फिर सीमा 18 साल की.
हमारा घर बेगूसराय सिटी से 23 किलोमीटर दूर है.

आज जो Aunty Roadside Sex Kahani मैं आपको बताने जा रहा हूँ, वो 2013 के जून महीने की है.

हमारा घर तीन फ्लोर का है. ग्राउंड फ्लोर पर एक बड़ा हॉल और किचन है.
फर्स्ट फ्लोर पर चार मास्टर बेडरूम्स हैं. एक मम्मी और पापाजी का है. दूसरा मेरी तीनों बहनों का है. तीसरा मेरा बेडरूम है और एक गेस्ट रूम है.

मेरे और गेस्ट बेडरूम में सिर्फ़ एक बाथरूम है.
लेकिन मेरी बहनों और मम्मी पापा के बेडरूम में अलग अलग बाथरूम हैं.

चाचू सिटी बेगूसराय में रहते थे और दादाजी भी उनके साथ रहते थे.

जून 2013 में मैंने स्नातक का एग्जाम दिया था और रिज़ल्ट के आने को अभी दो महीने बाकी थे.

हमारे गांव में (मई से अगस्त) चार महीने फसल की कटाई होती है और उस समय दादाजी, चाचू और पापाजी दिन भर खेत पर ही रहते हैं.
वहां हमारा एक छोटा सा घर बना है. वो लोग रात में देर से घर आते हैं.

Hot Japanese Girls Sex Videos
advertisement
ये हिंदी सेक्स कहानी आप HotSexStoriesPictures.Com पर पढ़ रहें हैं|

हालांकि सेक्स कहानी के इस भाग में इस सबको बताने का कोई अर्थ नहीं है.
फिर भी आपको कहानी पसंद आई तो इसके आगे भाग में आपको इन सब बातों से जुड़ाव होगा.

मेरे एग्जाम कंप्लीट हो चुके थे और मैं पापाजी के पास जाने वाला था.
तो मम्मी ने मुझसे कहा- माणिक, तेरी मौसी दिल्ली से नौ साल बाद कल सवेरे साढ़े सात बजे गांव आ रही हैं और तुझे कल उन्हें लेने बेगूसराय स्टेशन जाना है.
मैं- ठीक है मम्मी आप मुझे सवेरे पांच बजे उठा देना.

मम्मी- तू दो तीन दिन घर पर ही रहना और मौसी को ज़रा गांव घुमा देना.
मैं- ठीक है मम्मी, जैसी आपकी इच्छा.

अगले दिन मम्मी ने मुझे सुबह पांच बजे उठा दिया और मैं नहा धोकर चाय नाश्ता करके मौसी को लेने स्टेशन पहुंच गया.
ट्रेन समय से तीस मिनट देरी से चल रही थी.

मैंने इन्तजार किया.
ट्रेन प्लेटफॉर्म नम्बर तीन पर आ गई.

मैं प्लेटफॉर्म पर पहुंचा और मौसी के ट्रेन के डब्बे से बाहर आने का इन्तजार कर रहा था.
कुछ समय पश्चात एक 30-32 साल की औरत काले रंग की साड़ी में डब्बे के दरवाजे पर खड़ी होकर देखने लगी.

जिस समय वो झुक कर कुली ढूँढ रही थीं, उनकी साड़ी का पल्लू उनके कंधे से सरक गया.
मेरी नज़रें उनके मम्मों पर जा पड़ीं और एकदम गोरे गोरे बूब्स देख कर मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया.

अचानक उनकी नज़र मुझ पर पड़ी और वो मेरी तरफ देखने लगी थीं.

मैं उनकी ओर बढ़ा और पूछा- आप नेहा मौसी हो?
नेहा मौसी ने खुश होकर मेरी तरफ देखा और कहा- तुम मुझे नेहा बुला सकते हो!

मैं- कहां है आपका सामान?
नेहा- अन्दर कम्पार्टमेंट में है.

advertisement
देसी हिंदी सेक्स वीडियो

हम दोनों कम्पार्टमेंट में जाने लगे.
मौसी मेरे आगे आगे चल रही थीं. मौसी की गांड कमाल की मटक रही थी.

मैंने अपने लंड पर हाथ रखा और उसे छुपाने की कोशिश कर रहा था.

अचानक मौसी की सीट आ गई.
मौसी सीट पर बैठ कर नीचे से अपना बैग खींच रही थीं और एक बार फिर से उनका पल्लू उनके कंधे से सरक गया.
एक बार फिर से जलजला आ गया और उनके दूध मेरी नज़रों के सामने जलवा बिखेरने लगे थे.

मैं मौसी के मम्मों को निहार रहा था.

अचानक मौसी ने अपना मुँह मेरी ओर किया और मेरी नज़रों को पकड़ लिया.
फिर वो मेरे हाथ की ओर देखने लगीं.

मौसी हल्के से मुस्कुराईं और मुझसे बोलीं- ज़रा ये बैग बाहर निकालना, बहुत भारी है.
मैं- जी मौसी.

नेहा- फिर मौसी बोला, तुझे कहा ना … तू मुझे नेहा कहेगा.
मैं- ओके नेहा.

फिर मैं नीचे बैठ गया और बैग को पुल करके सीट के नीचे से निकाल दिया.
मौसी के पास एक बड़ा बैग और दो ट्रॉली बैग्स थे.

हमने तीनों बैग ले लिए और तुरंत कम्पार्टमेंट से बाहर आ गए.

हम दोनों स्टेशन से बाहर गाड़ी के पास पहुंच गए.
मौसी का सामान गाड़ी में रख कर हम घर की ओर चल पड़े.

advertisement
Free Hot Sex Kahani

गाड़ी में बैठते ही मौसी ने अपने हैंडबैग से पानी की बोतल निकाली और पानी पीने लगीं.
कुछ पानी मौसी के गले में गया और कुछ उनके बूब्स पर गिरने लगा.

मेरा पूरा ध्यान मौसी की ऊपर नीचे होती छाती पर था.
मौसी के चूचे उनकी हर सांस के साथ ऊपर नीचे हो रहे थे.

मैंने तुरंत गाड़ी स्टार्ट की और हम घर की ओर निकल पड़े.

स्टेशन से घर जाते समय रास्ते में मौसी ने पूछा- माणिकशु तेरे एग्जाम हो गए?
मैं- हां मौसी.

नेहा- आगे क्या करने का विचार है?
मैं- किसी मल्टीनेशनल कंपनी में कुछ साल जॉब करना चाहता हूँ.

नेहा- अगर जॉब करनी है, तो तू दिल्ली आ जा, तेरे मौसा जी कुछ ना कुछ अरेंज कर देंगे.
मैं- जैसा आप कहें.

नेहा- तू तो बहुत हैडसम हो गया है?
मैं- आप भी तो बहुत खूबसूरत हो!

नेहा- मैं खूबसूरत हूँ? मुझमें ऐसा क्या अच्छा है?
मैं- आप तो सिर से पैर तक खूबसूरत हो!

नेहा- अच्छा … मुझमें ऐसा क्या है जो तुझे अच्छा लगता है?
मैं- सब कुछ.

नेहा- सच सच बता, तुझे मुझमें क्या अच्छा लगता है?
मैं- आप सब जानती हो.

advertisement
कामुकता सेक्स स्टोरीज

नेहा- तू बता ना … तुझे क्या अच्छा लगता है. मैं किसी को नहीं बताऊंगी, प्रॉमिस.
मैं- मुझे आपके बूब्स और आपके बम्स दोनों बहुत अच्छे लगे हैं.

नेहा- हम्म … छोकरा जवान हो गया है … तेरी आंखों में वासना की झलक साफ़ नज़र आती है.
मैं- आपका फिगर भी बहुत सेक्सी है.

नेहा- मेरा फिगर तो एकदम तेरी मम्मी के जैसा है.
मैं- वो तो मुझे पता नहीं, पर आप बहुत सेक्सी लगती हो.

नेहा- तभी तो कहा कि तू एकदम जवान हो गया है और बहुत वासना भरी नज़रों से औरतों को देखता होगा.
मैं- अब आप हो ही इतनी खूबसूरत कि किसी भी आदमी का पैर फिसल सकता है.
नेहा- तेरे पैर का तो पता नहीं, पर तेरा कुछ और ज़रूर फिसलता दिख रहा है.

ये शब्द बोल कर मौसी जोर जोर से हंसने लगीं.
मैंने भी अपने एक हाथ को मौसी के कंधे पर रख दिया.

नेहा- मुझे लगता है, हम दोनों एक दूसरे के अच्छे दोस्त बन सकते हैं?
मैं- ऐसा क्यों?

नेहा- हम दोनों की सोच बहुत मिलती-जुलती है.
मैं- जैसी आपकी इच्छा!

नेहा- माणिक में तुझसे सिर्फ़ 8 साल बड़ी हूँ और तुझे मौसी ना बोला कर.
मैं- ओके … मैं आपको कभी कभी मौसीजी कहा करूँगा.

नेहा- ठीक है … फिर उस समय मेरे पैर छूकर आशीर्वाद भी ले लिया कर.
मैं- पैर छूकर या कुछ और चूम कर?
नेहा- हां पता है. बहुत देर से तू कुछ चूमने के प्रयास में है.

बातों बातों में मैंने मौसी के पल्लू को उनके कंधे से सरका दिया और मौसी के बूब्स के दर्शन होने लगे.
मौसी ने ब्लैक कलर का स्लीवलैस, गहरे गलेवाला ब्लाउज पहना हुआ था. मौसी भी मेरी ओर देख रही थीं.

फ्री इरॉटिक सेक्स स्टोरीज
advertisement

नेहा- माणिक गाड़ी कहीं साइड में रोक यार … मुझे बहुत ज़ोर से सुसु आ रही है.
मैं- ठीक है मौसी, कुछ आगे एक टर्निंग है, वहां गाड़ी रोकता हूँ.

Video: बड़ी गांड वाली देसी लड़की की चुदाई

कुछ आगे चलने के बाद मैंने गाड़ी लेफ्ट साइड मोड़ दी. फिर कच्चे रास्ते पर गाड़ी ले जाकर रोक दी.
गाड़ी के चारों ओर घनी झाड़ियां थी. मैंने गाड़ी ऐसी जगह रोकी थी कि किसी को हम लोग तो क्या .. गाड़ी भी दिखाई न दे.

मौसी ने गाड़ी का गेट खोला और सामने झाड़ियों में जाने लगीं.
अचानक वहां से एक कुत्ता निकल कर भगा और मौसी एकदम डर गईं.

मैंने तुरंत गाड़ी का इंजन बंद किया और नीचे उतर गया.
मैं मौसी के पास पहुंचा तो मौसी थोड़ी सी डरी हुई थीं.

मैंने अपना एक हाथ मौसी की कमर में रखा और उन्हें अपनी ओर खींच लिया.
मौसी तुरंत मुझसे लिपट गईं और उनका बदन सिहरने लगा था.

मैंने मौसी को अपने शरीर से लिपटा लिया और धीरे से उनके कान में बोला- चिंता मत करो नेहा, मैं तुम्हारे साथ हूँ.
नेहा- थैंक्स माणिक.
मैं- योर वेलकम.

नेहा- माणिक मेरा एक काम करेगा?
मैं- हां मौसी … आप जो बोलोगी, मैं वो सब करूँगा.

नेहा- मेरे हैंडबैग में मेरा एक ट्रैक सूट पड़ा है, वो लाकर मुझे दे दो.
मैं- ओके मौसी.

मैं तुरंत गाड़ी में से मौसी का ट्रैक सूट लेकर उनके पास आ गया.

मैं- मौसी ये लो आपका ट्रैक सूट.
नेहा- तू पूछेगा नहीं कि मैंने ट्रैक सूट क्यों मंगाया?

देसी चुदाई की कहानियाँ
advertisement

मैं- आप डर गयी थीं इसलिए हो सकता है आपकी सुसु कपड़े में ही निकल गयी है और आपको चेंज करना हो?
नेहा- तू हैंडसम तो है ही और साथ ही बड़ा होशियार भी है.

मैं कुछ नहीं बोला और मैंने अपना एक हाथ मौसी के कंधे पर रख दिया.
मौसी का ब्लाउज स्लीवलैस था, जिसके कारण मेरे हाथ की गर्मी मौसी के बदन को गर्मा रही थी.

नेहा ने पलट कर मेरी ओर देखा और धीरे से झाड़ियों में जाने लगीं.
मौसी ने पलकें झपका कर मुझे पीछे आने का आमंत्रण दिया और मैं समझ गया कि आज रोड सेक्स का मजा मिलने वाला है.
मैं भी उनके पीछे झाड़ियों में चला गया.

झाड़ियों में 7 से 8 मीटर चलने के बाद मौसी अचानक रुक गईं.
मैं भी रुकना चाहता था पर हम दोनों के शरीर एक दूसरे से टकरा गए.

मैंने धीरे से अपना हाथ, जो मौसी के कंधे पर रखा था … उनके पेट पर रख दिया और उन्हें अपने शरीर से एकदम से सटा लिया.

अब मेरा खड़ा लंड मौसी की गांड में टच हो रहा था.
मैंने अपने दोनों हाथ मौसी के मम्मों पर रख दिए और उन्हें धीरे धीरे मसलने लगा.
मौसी की ओर से कोई विरोध ना पाकर मेरा साहस एकदम से बढ़ गया और मैंने मौसी की साड़ी उनकी कमर से निकाल कर नीचे ज़मीन पर डाल दी.

अब मौसी सिर्फ़ ब्लाउज और पेटीकोट में थीं.
मौसी ने भी अपना हाथ पीछे की ओर बढ़ाया और मेरे लंड को मेरी पैंट पर से ही सहलाने लगीं.

मैंने तुरंत अपने एक हाथ से मौसी के पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और वो मौसी के चरण स्पर्श करने लगा.

अब मौसी मेरी ओर घूम गईं और उनके दूध मेरी नजरों के सामने थे.
मैंने तुरंत मौसी के मम्मों को मसलना शुरू कर दिया और मौसी के ब्लाउज को खोल कर अलग कर दिया.

मेरी मौसी मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में खड़ी थीं.
मौसी ने अपना हाथ आगे बढ़ाया और मेरी पैंट का बेल्ट खोल दिया, पैंट को मेरे पैरों में गिर जाने दिया.
मैंने तुरंत अपनी टी-शर्ट को भी उतार दिया और नीचे ज़मीन पर बिछा दिया.

Free XVideos Porn Download
advertisement

उन्होंने अपने हाथ अंगड़ाई की मुद्रा में ऊपर किए तो मैंने मौसी की ब्रा का हुक खोल दिया और उसे उनकी साड़ी व पेटीकोट के साथ रख दिया.
मौसी के 36 साइज़ के तने हुए दूध देख कर मेरा लंड अंडरवियर में कड़क होने लगा.

मौसी ने अपने एक हाथ से मेरी अंडरवियर को नीचे की ओर खींच दिया.
मैंने भी समय नष्ट नहीं करते हुए मौसी की पैंटी को उनके शरीर से अलग कर दिया.
अब हम दोनों पूरी तरह से नंगे थे.

मैंने मौसी को अपनी टी-शर्ट पर लिटा दिया और उनके मम्मों को बारी बारी अपने मुँह में लेकर चूसने लगा.

नेहा- आह माणिक … ज़रा धीरे करो … जब तुम इतने जोर से चूसते हो तो बहुत दर्द होता है यार!
मैं- इतने खूबसूरत बूब्स जब सामने हों तो कंट्रोल नहीं होता है. नेहा मेरी जान आपके बूब्स, गांड की तरह बहुत खूबसूरत हैं.

नेहा आंटी बोली- तू तो बड़ा चोदू लगता है!

advertisement
Hindi Antarvasna Kahani

बातों बातों में मैंने अपनी एक उंगली मौसी की चूत में डाल दी और मौसी एकदम से बोल पड़ीं- आह बेदर्दी … ज़रा धीरे कर ना. महीनों से चुदी नहीं हूँ.
मैं- मौसाजी का लंड उठता नहीं है क्या? आपके जैसी औरत मेरी पत्नी हो, तो मैं उसे महीने में सौ बार चोदूं और चूत का भोसड़ा बना कर रख दूँ.

नेहा- तेरे मौसाजी को हर समय अपने बिजनेस की पड़ी होती है.
मैं- लगता है, आपके साथ दिल्ली चलना पक्का करना पड़ेगा.

नेहा- अभी तो मैं तेरे पास दो महीने हूँ. देखती हूँ कितनी बार मुझे संतुष्ट करता है?
मैं- मौसी इन दो महीनों में आपकी गोद तो भर ही दूँगा.

नेहा- अगर तूने इन दो महीनों में मुझे गर्भवती कर दिया, तो तुझे इतनी चूत दिलाऊंगी कि तू चोदते चोदते थक जाएगा.
मैं- तो फिर आप घर जा कर गेस्टरूम में नहीं रूकना. मेरे रूम में एक सिंगल बेड पड़ा है, वहीं डेरा डाल देना.

मौसी- अरे कहीं भी रुकूँ, उससे क्या होता है. रात तो तेरे पहलू में ही गुजारूंगी मेरी जान.

Free Indian Sexy Stories

तब तक मैंने मौसी की दोनों टांगों को फैलाया और अपना मुँह उनकी चूत पर लगा दिया.
मौसी की चूत एकदम सफाचट और एकदम शीशे की तरह साफ़ थी.

मेरे चूमते ही मौसी एकदम से उछल पड़ीं और अपने एक हाथ से मेरे सिर को अपनी चूत पर दबाने लगीं.
मैं भी मौसी चूत की सुगंध पाकर एकदम मदहोश हो गया था और अपनी जीभ को उनकी चूत के अन्दर डालने का प्रयास कर रहा था.

मौसी ज़ोर ज़ोर से सीत्कार करने लगीं और कुछ ही पलों में उनके पैर अकड़ने लगे.
मैं समझ गया कि मौसी झड़ने वाली हैं. मैंने अपनी जीभ को मौसी की चूत में और अन्दर डालने का प्रयास करने लगा.

फिर अचानक मौसी की चूत ने पानी छोड़ दिया और उनका पूरा माल मेरे मुँह में चला गया.
मैंने देखा कि मौसी एकदम से ढीली पड़ गईं और उन्होंने अपने शरीर को निढाल छोड़ दिया.

मैंने टांगों से उठ कर अपना लंड मौसी के मुँह के पास रखा और उसे अन्दर डालने का प्रयास करने लगा.
मौसी ने भी अपना मुँह खोला और मेरे लंड के सुपारे को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगीं.

मौसी जिस समय मेरा लंड बड़े मज़े से चूस रही थीं, तभी मैंने 69 में आकर मौसी की चूत पर अपना मुँह लगा दिया और फिर से चूत चाटने लगा.
अब मौसी से कंट्रोल नहीं हो रहा था.

नेहा- माणिक अब तू अपना लंड मेरी चूत में डाल दे, मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा है.
मैं- थोड़ा धीरज रखो मेरी जान.

इतना बोल कर मैं मौसी की चूत को किसी कुत्ते की तरह से चाटने लगा.
कुछ समय बाद मैंने अपना लंड मौसी के मुँह से निकाला और मौसी की चूत के होंठों पर रगड़ने लगा.

नेहा- अब और कितना तड़पाएगा … हरजाई कहीं के … आह जल्दी से डाल दे मेरी चूत में अपना लंड और आज मुझे एक बार फिर से औरत बना दे.
मैं- जान अब ये लंड रोज़ आपकी चुदाई करेगा … और आपकी बंजर ज़मीन पर अपने बीज से फंसल उगाएगा.

इतना बोल कर मैंने अपने लंड का सुपारा मौसी की चूत के मुँह पर रख दिया और मौसी कसमसाने लगीं.

अन्तर्वासना पोर्न कहानियाँ
advertisement

कुछ सेकेंड रुक कर मैंने एक ज़ोरदार धक्का मारा.
मगर मेरा लंड स्लिप हो गया और निशाना चूक गया.

मैंने तुरंत अपने लंड पर मौसी की चूत का पानी लगाया और बड़ी सावधानी से लंड के टोपे को उनकी चूत में घुसा दिया.
मौसी की आंखों से आंसू बहने लगे थे.

मैंने एक ज़ोरदार धक्का मारा और मेरा तीन चौथाई लंड मौसी की चूत को चीरता हुआ अन्दर प्रवेश कर गया.
मौसी ज़ोर से चीख पड़ीं और कराहने लगीं- आह मर गई … आह जल्दी से बाहर निकाल इसे … मेरी चूत फट जाएगी.
मैं- मेरी जान धीरज रखो … थोड़े समय में आपको स्वर्ग का मज़ा मिलेगा.

नेहा- तुमने मेरी चूत को फाड़ कर रख दिया है … मेरी चूत लहूलुहान हो गयी है.
मैं- मेरी जान ये दर्द तो कुछ ही समय का है, इसके बाद जो मज़ा आएगा, वो जीवन भर रहेगा.

कुछ समय तक मैं ऐसे ही शांत पड़ा रहा और फिर से एक और ज़ोरदार झटका मार कर पूरा लंड मौसी की चूत में पेल दिया.
मौसी दर्द से छटपटाने लगीं और अपना सिर इधर उधर करने लगीं.

मैं कुछ समय तक शांत पड़ा रहा और जब मौसी का छटपटाना कम हुआ, तो मैंने अपना लंड आगे पीछे करना शुरू कर दिया.
कुछ समय तक मैं धीरे धीरे मौसी की चुदाई करता रहा.

नेहा- आह अब मज़ा आ रहा है.

मैं- मौसी आपकी चूत तो एकदम कुंवारी लड़की की तरह है.
नेहा- पता है तुझे, मुझे तेरे मौसाजी से चुदे पांच महीने हो गए है और वो भी 08 से 10 धक्के मार कर सो जाते हैं. फिर मुझे अपनी उंगलियों से काम करना पड़ता है.
मैं- मौसी आपके जैसी बीवी अगर बिस्तर पर हो … तो मैं 20 से 25 मिनट तक चोदता रहूं.

मौसी से बातें करते समय मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और मौसी की सिसकारियां भी बढ़ गईं.
कोई 20 मिनट तक मैं मौसी को चोदता रहा था.

अब मेरा लंड एकदम कड़क हो गया और मौसी के पैर अकड़ने लगे.
हम दोनों एक दूसरे का साथ देने लगे और तभी मेरे लंड ने पिचकारी छोड़ दी.
मौसी भी झड़ गईं.

देसी हिंदी अन्तर्वासना सेक्स कहानी पढ़े।

कुछ समय तक हम दोनों उसी अवस्था में पड़े रहे. उसके पश्चात हम एक दूसरे से अलग हुए.

मौसी ने मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चाट कर साफ़ कर दिया.
मैंने मौसी की चूत को अपनी अंडरवियर से साफ़ कर दिया.

मौसी ने जल्दी जल्दी अपना ट्रैक सूट पहन लिया और हम दोनों गाड़ी में बैठ कर घर की ओर चल पड़े.

आपको मेरी ये आंटी रोडसाइड सेक्स कहानी कैसी लगी, ज़रूर बताएं.

[email protected]

Video: कमसिन भोजपुरी अभिनेत्री की शानदार चुदाई

advertisement

advertisement
advertisement
advertisement
advertisement
advertisement
advertisement
advertisement