advertisement
advertisement
रसमलाई सी आंटी की चूत चुदाई
advertisement

advertisement
advertisement
HOT Free XXX Hindi Kahani

गोरी चूत की चुदाई का मौक़ा मुझे तब मिला जब मैं हॉस्पिटल में इंटर्नशिप कर रहा था. एक मस्त गोरी चिट्टी आंटी डॉक्टर से मिलने आई. उन्हें मैंने कैसे चोदा?

हैलो जी, ये Gori Chut ki Chudai Kahani तब की है, जब मैं एक हॉस्पिटल में इंटर्नशिप कर रहा था.

मेरी पिछली कहानी थी: उत्तराखण्ड की कुंवारी चुत का मजा

वो ठंड का मौसम था और उस ठंड में मुझे गर्मी एक रसमलाई जैसी आंटी ने दी.

उस दिन मेरे बॉस दूसरे शहर में मरीज़ देखने गए थे तो सभी मरीजों की ज़िम्मेदारी मेरे और मेरे साथ के स्टाफ पर थी.

उसी दिन उन आंटी से मैं पहली बार मिला था.
ठंड के कपड़ों की वजह से उनके जिस्म कि गोलाइयों का अंदाज़ा लगाना जरा मुश्किल था, पर चेहरे से वो मस्त माल थीं, एकदम गोरी चिट्टी और चिकनी जैसे भोजपुरी टीवी अभिनेत्री रश्मि देसाई.

जब मैंने उनसे कहा कि अपनी बीमारी के बारे में बताइए तो वो थोड़ा हिचकिचाईं.

आंटी- मैं आपको नहीं बता सकती, डॉक्टर साब को बुलाइए.
मैं- डॉक्टर साब गए हुए हैं, अगर आपको सिर्फ उनसे ही बात करनी है, तो आप दो दिन बाद आइएगा.

आंटी- मैं बहुत दूर से आई हूं, कुछ हो नहीं सकता क्या … प्लाज हेल्प मी! मैं बहुत परेशान हूं.
मैं- अगर आपको कोई प्रॉब्लम नहीं हो तो मैं आपकी परेशानी बॉस को कॉल पर बता देता हूं, वो मुझे दवाई और इलाज बता देंगे, फिर मैं आपको दवाई दे दूंगा.

आंटी मेरी बात मान गईं.
उन्होंने बताया कि उनकी जांघ पर इंफेक्शन हो गया है, जिस वजह से वे परेशान हैं.

Hot Japanese Girls Sex Videos
advertisement
ये हिंदी सेक्स कहानी आप HotSexStoriesPictures.Com पर पढ़ रहें हैं|

मैं- आप एक काम कीजिए, जिस जगह इन्फेक्शन है, रूम में जाकर वहां की फोटो ले लीजिए, ताकि मैं बॉस को भेज सकूं और वो मुझे बता देंगे कि क्या करना है.

आंटी को मेरा सुझाव अच्छा लगा.
उन्होंने अन्दर कमरे में जाकर फोन से फोटो निकाली और बाहर आ गईं.

आंटी- ये फोन नया है, तो आप इसमें से फोटो देख कर डॉक्टर साब को भेज दो.

मैंने चालाकी से उनके व्हाट्सएप से फोटो खुद को सैंड की और फिर बॉस को भेजी.

पांच मिनट तक तो मैं उनकी गोरी और मोटी जांघ ही देखता रहा.
मेरा ध्यान सिर्फ उन आंटी पर था, बाकी मरीजों को दूसरों के भरोसे डालकर मैं इधर मन ही मन मौज ले रहा था.

बॉस ने फोटो देखी और मुझे डिलीट करने का मैसेज देकर और दवाई बताकर ऑफलाइन हो गए.

मगर मैं फोटो क्यों डिलीट करता, मैंने सम्भाल कर रख ली और आंटी को बोल दिया- मैंने अपना नंबर आपके फोन में डाल दिया है, कुछ परेशानी हो, तो कॉल कर लेना.

आंटी हैरानी के साथ दवाई लेकर चली गईं.

उसके बाद दो रातों तक उनकी याद में मैंने मुठ मारी, सारी रात यहीं सोचा कि क्या चेहरा था आंटी का, रसमलाई के जैसा, एकदम मीठा रसगुल्ला. उनके चेहरे से मिठास टपक रही थी, स्ट्राबेरी के जैसे रसीले होंठ मानो रस भरा पड़ा हो.

फिर अचानक से चौथी रात को मेरे पास आंटी की कॉल आई.
मैंने हैरानी से कॉल उठाई क्योंकि मुझे इसकी उम्मीद बिल्कुल भी नहीं थी.

advertisement
देसी हिंदी सेक्स वीडियो

आंटी- हैलो जी, मैं आशिमा बोल रही हूं बरेली से, जो आपके पास दवाई लेने आई थी … याद है न आपको?
मैं अपनी खुशी दबाता हुआ बोला- जी हां याद है. अब आपकी तबियत कैसी है?

आंटी- जी थोड़ा ठीक है, मगर खुजली बहुत है. मैं सो नहीं पा रही हूं. आप कुछ बता दीजिए.
मैं- ऐसे कभी कभी खुजली होती है, आप परेशान मत हो, जल्दी आराम हो जाएगा.

मैं सोचने लगा कि ऐसा क्या करूं, जो आंटी से दोस्ती हो जाए.
मैंने अब उनके व्हाट्सैप के स्टेटस देखना और उन पर कमेंट्स करना शुरू किए.

फिर प्राइवेसी के साथ सिर्फ उनके लिए मैं अपने हॉट स्टेटस लगाने लगा.
मैंने नोटिस किया कि वो मेरे स्टेटस रेगुलर देख रही हैं.

अब मैंने नॉटी किस और सेक्स वाले स्टेटस लगाए.
वो भी अब मुझसे स्टेटस सैंड करने को कहती थीं.

इस तरह हमारी बात शुरू हो गई.
बातों बातों में पता चला कि वो अपनी जिन्दगी में बहुत डिप्रेशन से गुजरी हैं. ये सब जानकर मुझे उनसे हमदर्दी हो गई.

अब हम रोज़ बात करते और मैं उनसे फ्लर्ट करता.
वो मुझे अपनी फोटो देतीं और मैं उनके स्टेटस बनाता.

वो पिक्स भी बहुत सेक्सी भेजती थीं.
उनके चूचे इतने बड़े लगते थे कि मेरे हाथों में आएंगे ही नहीं.
उनका गला जैसे आम की बड़ी सी खाप, जिसे काटो तो ज़िंदगी खुशहाल हो जाए.

उनकी गांड और सोफे के तकियों में कोई फर्क ही नहीं लगता था.
एक बार वो गोद में बैठ जाएं तो मखमल के बिस्तर में दबने का अहसास हो.

यही सब सोचकर पता नहीं कितनी बार मेरे लंड ने उनकी याद में आंसू निकाले.

advertisement
Free Hot Sex Kahani

अब काफी वक़्त गुज़र गया था, हम दोनों काफी खुल चुके थे.
वो मुझसे फोन सेक्स करतीं और वीडियो कॉल पर अपनी चूत के दर्शन करातीं.

वो मुझे अपना गुलाम बनाने में कामयाब हो चुकी थीं.

फिर वो दिन आया जब हम दोनों के जिस्म की प्यास बुझने वाली थी.

रात का वक़्त था, बारिश का मौसम था.
मैं हॉस्पिटल में था, मेरी ड्यूटी ख़त्म होने में आधा घंटा था और डॉक्टर साब जा चुके थे.

मौसम को देखकर स्टाफ भी मुझे फंसा कर जल्दी घर चला गया.
तभी आंटी की कॉल आई.

आंटी- मैं दवाई लेने आ रही हूं, मौसम खराब है, तो आप मेरी दवाई बनाकर तैयार रखिएगा.
मुझसे जवाब लिए बिना ही कॉल कट गई.

आंटी आईं और बोलीं- अरे यार, डॉक्टर साब चले गए क्या?
मैं शैतानी से बोला- मैं तो हूँ ना. ये रही आपकी दवाई.

तभी बहुत तेज़ बारिश होने लगी.
मैंने पूछा- आप अकेली आई हो?

आंटी- मैं रिश्तेदार के घर आई थी तो सोचा कि दवाई भी लेती चलूं. मगर अब इस बारिश में कैसे जाऊंगी, बड़ी मुसीबत हो गई.
मैंने फौरन से उनका हाथ पकड़ा और करीब हो गया.

आंटी हैरानी से मुझे देखने लगीं- क्या कर रहे हो, कोई देख लेगा.
मैं- कोई नहीं देखेगा, यहां लोग दूसरों के केबिन में नहीं जाते.

advertisement
कामुकता सेक्स स्टोरीज

ये बोलकर मैंने अपने हाथ उनकी कमर में डाला और उन्हें खींचने लगा, उनको दीवार से लगा दिया.

आंटी हंसने लगीं- आज आपको क्या हो गया? शर्म नहीं आती एक मजबूर का फायदा उठाते हुए?
मैं- जब मजबूर ही फायदा दे रहा हो, तो क्यों पीछे हटूं?

फिर बिना देरी के मैं उनके होंठों को चूसने लगा.
उनके होंठ जैसे रसमलाई में रसगुल्ले की याद दिला रहे थे.
उनकी लिपस्टिक जैसे रसमलाई में स्ट्रॉबेरी शेक का काम कर रही थी.

मैं लगातार उनके होंठों को चूस रहा था और वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थीं.
मेरे हाथ मेरे काबू के बाहर हो गए थे.

खुद ही खुद एक हाथ उनके बूब पर जमा था, दूसरा हाथ उनकी सलवार को चीरता हुए अन्दर घुस गया था और गांड दबा रहा था.

मेरी और आंटी की जुबानों ने लड़ाई शुरू कर दी थी.
ऐसा लग रहा था कि मैंने अपनी जुबान रूह अफजा की बोतल में डाल दी हो.

मेरे ऊपर जोश पूरा चढ़ा था.
आंटी भी नहीं रुकने वाली थीं.

माहौल ओर मौसम भी हमारे साथ थे.

मैंने आंटी को एक सोफे पर लेटाया और उनकी कुर्ती उतार दी.

मैं लगातार उनके गले को आम की कली की तरह चाट रहा था.
वो अपने नाखूनों से मुझे जख्मी कर रही थीं.

Video: मेमसाहब दीदी और सेक्सी कामवाली का अत्यंत भड़काऊ लैसबियन सेक्स!

फ्री इरॉटिक सेक्स स्टोरीज
advertisement

मुझसे रहा नहीं गया; मैंने उनकी ब्रा उतार दी और पेट पर किस करते हुए सलवार उतारने लगा.
उनका इंफेक्शन अब ठीक हो चुका था इसलिए मुझे कोई परेशानी नहीं हुई.

मैंने बिना देर किए उनकी पैंटी उतारी.

वो मेरे सामने अपने नंगे 40 साइज़ के गोरे चिट्टे बूब्स 36 की कमर ओर 42 की गांड के साथ नंगी पड़ी मचल रही थीं.
मैंने उनकी चूत पर हाथ रखा और पैरों पर किस करना शुरू कर दिया. नीचे से चाटते हुए धीरे धीरे ऊपर जाने लगा.

एक हाथ उनके पेट पर और दूसरा चूत पर था. पहला हाथ चूत के पास से होते हुए पेट पर जाने लगा था और दूसरा हाथ दूध पर जाने लगा था.
मुझे उस वक़्त बस आंटी की सांसों की आवाज़ आ रही थी.

मैंने हाथ चूत से हटकर बूब्स पर रखा तो आंटी ने वापस उसे चूत पर रखवा दिया और दूसरे हाथ को बूब्स पर रख दिया.
मैं मुस्कुराया और उनके निप्पल पीने लगा.

उनके निप्पलों से हल्का हल्का दूध मेरे मुँह में आ गया, जैसे रसमलाई में अलग से मलाई डाल दी हो.

उस वक़्त आंटी मेरे लिए बिल्कुल रसमलाई का 65 किलो का थाल जैसी थीं जिसे मुझे अकेले ही खाकर खत्म करना था.
मुझे एक डर भी था, क्योंकि अगर मैं आंटी को खुश नहीं कर पाया तो बहुत इज्जत का भारी कचरा होगा.

मैंने खुद को संभाला और उनको मज़े देने शुरू कर दिया.
मैं दस मिनट उनसे जुबान लड़ाने के बाद उनकी चूत पर आ गया और उसे देखने लगा.

और आंटी की चूत ऐसी, जैसे कटे सेब पर मीठा जैम लगा हो, ऐसी चूत थी उनकी!
आंटी- मेरी जान रुक क्यों गए, तड़पा कर ही जान ले लोगे क्या?

ये सुनकर मैं उनकी चूत में लगा सारा मीठा जैम चाटने लगा.
मैं अपनी जुबान को चूत में अन्दर तक डालता और निकालता.

देसी चुदाई की कहानियाँ
advertisement

आंटी एक बार रस छोड़ चुकी थीं लेकिन मेरे कपड़े अभी नहीं उतरे थे और आंटी के हाथ में लंड नहीं आया था इसलिए मेरे लंड ने हार नहीं मानी थी.

वे तुरंत ही वापस जोश में आ गईं जैसे जन्मों की प्यासी हों.
उन्होंने मेरे बाल पकड़ कर मुझे ऊपर खींच लिया- अब नहीं रुका जाता, इससे पहले मैं तड़प कर मर जाऊं, मुझे चोदो मेरी जान … फाड़ दो मेरे छेद को.
बस वो मुझे किस करते हुए मेरे कपड़े उतारने लगीं.

उनकी हवस इतनी बढ़ गई थी कि उन्होंने मुझे एक दो पल में पूरा नंगा कर दिया और धक्का देकर मेरे ऊपर चढ़ गईं.
मुझे लगा मैं मखमल के बिस्तर के नीचे दबा जा रहा हूं.

लेकिन हवस की वजह से मुझे ये भी मंजूर था.
उन्होंने मेरा लंड मुँह में लेकर गीला किया और हल्का सा काट भी लिया.

मुझे मीठा सा दर्द हुआ, मगर मजा आ गया.
फिर उन्होंने अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़ा और अपनी गोरी चूत पर घिसा.
चूत ने मुँह खोल दिया था और मेरा सुपारा चूत की फांकों के रस से लिथुड़ने लगा था.

उसी वक्त आंटी ने अपनी गांड को एक जर्क दिया और एक ही बार पूरा लंड अपनी चूत में अन्दर कर लिया.
उसी पल आंटी की चीख निकली और वो एक पल को ऊपर को उठीं.

मगर मैंने एक साथ दो काम किये.
एक तो अपना मुँह उनके मुँह में घुसा दिया और अपने दोनों हाथों से उनकी गांड को अपने लौड़े पर दबा दिया.
कुछ पल दर्द के बीते, उसके बाद आंटी कूद कूद कर मेरे लंड को अन्दर लेने लगी थीं.

वो इतनी जबरदस्त तरीके से चूत को लंड पर घुस रही थीं मानो आज लंड के साथ मुझे पूरा ही अपने अन्दर भर लेंगी.

मेरे सामने आंटी के उछल कूद मचाते हुए दो बड़े बड़े बूब्स थे.
मैं अपने हाथों से उनके साथ खेलने लगा.

आंटी ने जोश में अपना होश खो दिया था और पागलों की तरह चुद रही थीं.
मैं खुद पर काबू रखने की कोशिश में था ताकि जल्दी ना झड़ूं.

Free XVideos Porn Download
advertisement

फिर कुछ देर में आंटी की सांसें भर आई और वो थक कर रुक गईं.
मैंने इशारा किया और वो मेरे लौड़े से हट कर बाजू में लेट गईं.

सोफे पर जगह कम थी तो मैं उनके बाजू होते ही उनके ऊपर चढ़ गया.

मैंने लंड गोरी चूत में पेला और अन्दर धकेल दिया.
आंटी- आह जान अब रुकना मत, मैं इस चुदाई से पागल हो रही हूं … मुझे जोर जोर से चोदो … आह मुझे चोदो.

मैंने अपनी पूरी तेजी से आंटी की चुदाई शुरू कर दी.
उनके बूब्स मेरे हाथ में नहीं आ रहे थे.
मैंने दोनों हाथ आंटी के मम्मों पर रखे और चोदते हुए आंटी के चेहरे को देखने लगा.

आंटी- आह आह … पेल दे आह.
आंटी की आवाज़ मुझमें जोश भर रही थीं.

advertisement
Hindi Antarvasna Kahani

मैं भी हचक कर आंटी को चोदते हुए आवाज करने लगा था- आंह हूँ ले .. आंह ले … और ले!

हम दोनों पसीने पसीने हो चुके थे.

अब मेरा काम निपटने वाला था.
उसी समय आंटी ने मुझे पलटाने की कोशिश की और हम दोनों संतुलन खोकर सोफे से ज़मीन पर आ गिरे.

आंटी को तो जैसे गिरने का अहसास भी नहीं हुआ.
वो मेरे ऊपर आ गई थीं और मुझे अपने नीचे दबा कर चुदाई करती जा रही थीं.

मैंने उनकी गांड पकड़ी तो अहसास हुआ कि उनके दोनों कूल्हे बड़ी तेजी से ऊपर नीचे हो रहे थे.

Free Indian Sexy Stories

आंटी ने अचानक अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी और मजा लेने लगी.
दोस्तो, कभी अनुभव करना कि जिस वक्त लंड चूत में हो, उसी वक्त जीभ आपस में एक दूसरे से लड़ रही हों, तो कितना ज्यादा जोश बढ़ता है.

मैं- हमम्म अह …
वो- उन्ह आह …

अब हमारी चुदाई की समाप्ति का वक़्त आ गया था.
आंटी ने चुदते चुदते अपने पूरी लिपस्टिक मेरे मुँह में लगा डाली थी.

मैं उनके ऊपर आया लेकिन आंटी ने गले से लगाए रखा, उनके पैर अब मेरी कमर पर बंध चुके थे.

हम दोनों की स्पीड अब चरम पर थी.
बस एक विस्फोट हुआ और ‘ओह … ऑह …’ दोनों ही झड़ने लगे.

उस वक्त बहुत जोर जोर से चुदाई के झटके लगे और हम दोनों साथ में चिपक गए.
मेरी हालत खराब थी, ऐसा लग रहा था जैसे नीम्बू सा निचुड़ गया हूँ.

मैंने आंटी की तरफ देखा तो लाइफ में पहली बार किसी के चेहरे पर दर्द से सुकून तक का सफर देखा.

आंटी- आह मजा आ गया मेरी जान. अब रेडी हो जा!

मैं हैरान हो गया कि किस बात के लिए रेडी होना है. मैं उनके नीचे था.

आंटी उठीं और 69 में होकर मेरे मुँह पर चूत टिका कर बैठ गईं.

अन्तर्वासना पोर्न कहानियाँ
advertisement

वो मेरा लंड चूसने लगीं और अपनी गोरी चूत से मेरे मुँह पर चाशनी टपकाने लगीं.

उन्होंने मेरा सारा माल साफ कर दिया था.
मेरे मुँह पर चूत मसल मसल कर मेरे पूरे चेहरे पर चूत लंड का माल लगा दिया था.
फिर मेरे होंठों पर चूत रख कर घिसने लगीं.

अचानक आंटी का फोन बजा और वो मेरे ऊपर से उठ कर फोन पर बात करने लगीं.
फिर जल्दी जल्दी से उन्होंने अपने कपड़े पहने.

आंटी- घर से मुझे लेने मेरे शौहर आ रहे हैं यहां, वो आने वाले हैं, यह बताने के लिए कॉल किया है. हम अपना बाकी का काम फिर कभी करेंगे.

मैं थोड़ा मायूस हुआ और कपड़े पहनने लगा.
इतने में आंटी ने झटके से मुझे खींचा और किस करने लगीं- आंह उम्माह!

आंटी ने इतनी जोर से चुम्मा लिया था कि मुझे आज भी याद है.
वे मुझे आंख मारती हुई गांड मटका कर बाहर निकल गईं.

मैं साथ में बने बाथरूम में जाकर अपने चेहरे पर आंटी की लिपस्टिक के दाग छुटाने लगा.
आपको देसी आंटी की गोरी चूत की चुदाई की कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करें.
[email protected]

Video: बीमार लड़के ने अपनी केयर टेकर को चोद दिया

advertisement

advertisement
advertisement
advertisement
advertisement
advertisement
advertisement
advertisement