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Desi Ladkiyon Ki Chudai Kahani - दो गर्लफ्रेंडज़ के साथ उनकी सहेली भी चुदी- 2
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देसी लड़कियों की चुदाई कहानी में पढ़ें कि मेरी एक्स गर्लफ्रेंड ने 2 और लड़कियों को बुलाकर कैसे उनकी चूत दिलायी और ग्रुप सेक्स का मजा लिया.

दोस्तो, मैं प्रकाश एक बार फिर से तीन चुत की एक साथ अकेले लंड से चुदाई की कहानी को आगे लिख रहा हूँ.
देसी लड़कियों की चुदाई कहानी के पहले भाग
तीन जवान लड़कियां नंगी मेरे साथ
में अब तक आपने पढ़ा था कि मैंने एक ही बिस्तर पर तीन नंगी हसीनाओं की चुदाई का ताना-बाना बुनना शुरू कर दिया था.

अब आगे देसी लड़कियों की चुदाई कहानी:

मैं अपना लंड लेकर रुचि की चुत पर आ गया. मैंने लंड में थूक लगाया और उसकी चुत को उंगली से रगड़ने लगा.
इससे रुचि गर्म होने लगी और मेरे लंड को पकड़ कर चुत ले मुँह में ले जाने लगी.

लेकिन मैं उसे तड़पाना चाह रहा था, तो मैंने पहले उसके होंठ पर अपने होंठ रखकर उसे चूसने लगा.

कभी वो मेरी जीभ चूसने लगती, तो कभी मैं उसकी जीभ चूसने लगता.

धीरे धीरे मैं रूचि के कान के पास चूसने लगा, इससे उसे सहा न गया और उसने मेरे लंड को पकड़ लिया और हिलाने लगी.
वो लंड को चुत के छेद में डालने लगी.

उससे रहा नहीं जा रहा था तो मैंने भी लंड को सैट किया और एक धक्का दे मारा. लेकिन मेरा लंड फिसल कर बाहर ही रह गया.

मैंने पूछा- कभी चुदी नहीं है क्या?
उसने सिर हिला कर कहा- नहीं.

मैंने कहा- तेरा तो बॉयफ्रेंड था न?
उसने कहा- था तो सही … पर साला खाली उंगली करवाता था.

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ये हिंदी सेक्स कहानी आप HotSexStoriesPictures.Com पर पढ़ रहें हैं|

मैंने पूछा- मतलब?
रूचि- मतलब केवल फ़ोन सेक्स करता था कमीना. एक बार मैं जानबूझ कर उसके सामने नंगी हो गयी तो साले ने बस मम्मे चूसे और लंड चुसाया. बस भैन के लंड ने चुत को तड़पता हुआ छोड़ दिया.

मैंने चुटकी लेते हुए कहा- तो अपने मम्मों को तूने इतना बड़ा कैसे कर लिया?
उसने भी बड़े ही सलीके से मुझे जवाब दिया- प्रकाश जी, भगवान ये दोनों हाथ केवल खाने के लिए नहीं दिए है.

उसकी मासूमियत पर हम सब हंसने लगे.

रूचि के मम्मों का साइज़ चाहे जैसे बड़ा हो लेकिन साली के दूध में बड़ी कसावट थी … और सबसे बड़ी बात यह थी कि इतने बड़े बड़े थे कि मेरे एक हाथ में नहीं आ रहे थे. बिल्कुल गोरे चिट्टे बेदाग़ मम्मे थे. ऊपर पिंक कलर के निप्पल उठे हुए थे. वह तो मुझे कहर ही ढा रहे थे.

अब क्या था, मैंने लौड़े पर थूक लगाया और चुत पर भी मल दिया.

मैं लंड चुत में डालने की कोशिश करने लगा. अब जब भी मैं लंड को चुत में दबाने की कोशिश करता था, तो उसे दर्द होने लगता था, जिससे वो कराह उठती थी.

मुझे उसे चोदना तो था ही, मैं कोई चूतिया तो था नहीं कि इतनी खूबसूरत बला को बिना चोदे छोड़ देता.
फिर मैंने अपने हाथों से उसके दोनों मम्मों पकड़े और उनको सहलाते हुए धीरे धीरे दबाने लगा.

इधर मैं अपने लंड को धीरे धीरे घुसाने का प्रयास करने लगा.
लंड का सुपारा चुत की फांकों में जैसे ही फंसा, मैंने एक जोर का धक्का लगा दिया. साथ ही मैंने उसके होंठों को मेरे होंठों के बीच दबा लिया.

मेरा आधा लंड चुत में घुस गया था. वो छटपटाने लगी थी और चिल्लाने की कोशिश कर रही थी.
मगर मैं उसे चोदने में लगा रहा.

कुछ देर बाद उसकी छटपटाहट कम हुई तो मैंने होंठों को हटाया और उसके मम्मों को चूसने चाटने लगा.

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सामने चंचल और ऋतु भी हमारी चुदाई देखने में मस्त हो रही थीं.
शायद उन्हें उनके पुराने दिन याद आ रहे थे. जब मैंने उनकी भी चुत की सील इसी तरह खोली थी.

कुछ देर बाद मैंने फिर से धक्का लगाया, जिससे मेरा पूरा लंड चुत की गहराई में अन्दर तक घुसने लगा था.

वो जरा सिहरी मगर उसने हिम्मत दिखाते हुए मेरे लौड़े को जज्ब कर लिया.
मैं उसे धकापेल चोदने लगा. पहले धीरे धीरे चोदा, फिर जोर जोर से अन्दर बाहर चालू कर दी.

अब रुचि अपनी चुत के बाजू में उंगली फेर रही थी और मैं उसे ताबड़तोड़ चोद रहा था.

कुछ देर बाद रुचि एक बार झड़ चुकी थी.
लेकिन मेरा आना बाकी था. मैं उसे चोदे जा रहा था.

वो भी दुबारा चार्ज हो गई और लंड का मजा लेने लग गयी थी.

हम दोनों की चुदाई की गति तेज होने लगी थी.

फिर जब मुझे लगा कि मेरा रस निकलने वाला है तो मैंने उन तीनों को खड़ा कर दिया और तीनों के चेहरे पर लंड से वीर्य की पिचकारियां मारनी शुरू कर दीं.
मैंने अपना सारा स्पर्म उनके चेहरों पर डाल दिया.
कुछ बचे हुए स्पर्म को रूचि के मम्मों में भी डाल दिया.

अब ऋतु मेरे पास आई.
मैंने उससे कहा कि तुझे तभी चोदूंगा … जब तू मेरा लंड चूसेगी.

साली ने आज तक कभी भी मेरा लंड नहीं चूसा था. शायद उसने किसी का भी लंड नहीं चूसा था.

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वो लंड चूसने से मना करने लगी.
लेकिन चुत में हुई खुजली ने उसे लंड भी चूसने को मजबूर कर दिया.

अब वो मेरे लंड को पकड़ कर मुँह के अन्दर लेने लगी.
लेकिन उससे लिया नहीं जा रहा था.

फिर मैंने पीछे से उसके बाल पकड़े और लंड को मुँह के अन्दर गले तक ठांस दिया.

इस पर वह सहम गई और लंड को बाहर निकालने की नाकाम कोशिश करने लगी.

मैं भी उसे छोड़ने का नाम नहीं ले रहा था. मैं लंड मुँह में डालने में लगा रहा तो उसने थोड़ी देर बाद लंड चूसना स्टार्ट कर दिया.

शायद अब उसे भी मजा आने लगा था.

वो चुदक्कड़ तो थी, लेकिन साली लंड चूसना पसंद नहीं करती थी. उसने भले ही अपने दोनों छेदों में लंड ले लिया था, पर मुँह में कभी नहीं लिया था.

ऋतु लंड को ऐसे चूसने लगी, जैसे बच्चा लॉलीपॉप चूस रहा हो.

मैं भी जोश में था, उसे जोर जोर से चोदने लगा. लेकिन इस बार मेरे लंड ने धोखा दे दिया और मैं उसके मुँह में ही झड़ गया.

उसने मेरा सारा माल गटक लिया.

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अब रुचि पास आ गयी, उसने मेरे होंठों पर किस किया और लंड को हिलाने लगी. फिर लंड चूसने लगी.

जब मुझे लगा कि लंड तैयार है, तब मैंने ऋतु को लेटने को कहा और उसकी दोनों टांगों को पकड़ कर अपने कंधों पर रख लिया.

तभी रुचि ने एक कंडोम का पैकेट फाड़ा और मेरे लंड पर चढ़ा दिया.
मैंने लंड को चुत की दरार में सैट किया और शॉट दे मारा.
ऋतु को भी दर्द होने लगा लेकिन वह सह गयी.

अब धीरे धीरे मैं अपनी स्पीड बढ़ाता गया और ऋतु को चोदने लगा.

इधर चंचल उसके सिर के पास जाकर अपनी चुत चुसवाने लगी, तो वहीं रुचि बाजू में आकर अपने मम्मों और होंठों को मेरे मुँह में देने लगी.

अब चुदाई का जोरदार माहौल बन गया था … पूरे रूम का तापमान बढ़ गया था.

मैंने ऋतु को उठाया और गोदी में बिठा कर चोदने लगा.

रुचि और चंचल भी एक दूसरे को गर्म करने लगीं.

कुछ देर बाद ऋतु झड़ चुकी थी, उसकी चुत से बहते रस को रुचि पीने की कोशिश कर रही थी. उसने अपनी जीभ चुत के पास लगा दी थी. वहीं मेरा लंड भी था, रूचि लंड चुत दोनों पर जीभ की नोक से गुदगुदी करने लगी थी.

अब झड़ने की मेरी बारी थी.

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हम चारों थक गए थे, लेकिन अभी भी हम पूरे जोश में थे.
चारों बेड के चारों किनारे पर इस प्रकार लेट गए कि रुचि की चुत मेरे मुँह में, मेरा लंड ऋतु के मुँह में … और ऋतु की चुत चंचल के मुँह में. वहीं चंचल की चुत रुचि के मुँह में.

हम थोड़ी देर ऐसे ही एक दूसरे को मजे देने लगे.

फिर हमने टाइम देखा तो दोपहर हो गई थी. चंचल और ऋतु रसोई में खाना बनाने चली गईं.
तब तक रुचि मेरे लंड से अपनी गांड सटा कर खड़ी हो गयी.

मैंने उसकी गांड में उंगली की तो वो चिहुंक गई मगर उसने सामने से तेल की शीशी मुझे दे दी. मैं उसकी गांड में तेल लगा लगा कर उसकी गांड ढीली करने लगा.

फिर मैंने उसे कुतिया बनाया और उसकी गांड में लंड पेलने लगा.

चूंकि ये उसका पहली बार था, इसलिए मुझे काफी मशक्कत करनी पड़ी. अंतत मैं सफल हुआ और उसकी गांड में लंड सटासट चलने लगा.

इसी दौरान चंचल और ऋतु भी आकर चुद लेती थीं और किचन में लेस्बियन का भी मजा ले रही थीं.

मैं रुचि को लगभग सभी पोज़ में चोद रहा था. बैठा कर, लिटा कर, दीवार से सटा कर, डॉगी स्टाइल, हवा में लटका कर, एक टांग उठा कर, दोनों टांग मेरे कंधे पर रख कर … मतलब मैं उसे तमाम आसनों में चोद चुका था.

अब खाना तैयार था लेकिन हम नहाये नहीं थे, तो हमने बाथरूम में एक कुर्सी खींच ली. सबसे नीचे मैं बैठ गया मेरे ऊपर चंचल, जिसकी चुत में मेरा लंड घुस रहा था, उसके ऊपर रुचि और अंत में ऋतु.

मैं ऋतु के मम्मों को दबा रहा था, वो नीचे से रुचि की चुत में उंगली डाल रही थी और चंचल तो चुद ही रही थी.

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मैंने शॉवर चालू किया, खूब नहाये फिर बाहर आ गए और खाना खाने लगे.

उस पर भी हम किसी के मम्मों में कुछ डाल कर चूस रहा था, तो कोई किसी की चुत में डाल भरके चूस रहा था.

इस तरह खाना भी पूरा हो गया था.

अब सबको नींद आ रही थी, तो हम सब सोने चले गए.

सबसे पहले चंचल, बीच में मैं … और लास्ट में ऋतु. रुचि मेरे ऊपर चढ़ गई थी.

कुछ समय बाद मुझे लगा कि कोई मेरे लंड से खेल रहा है. मैंने देखा कि रुचि सोई नहीं थी बल्कि लंड चूस रही थी.

मैंने भी उसे 69 के पोजीशन में ले लिया और हम दोनों ने एक दूसरे को शांत कर दिया.

फिर हम दोनों ऐसे ही सो गए.

थोड़ी देर बाद फिर मुझे अहसास हुआ कि फिर कोई मेरे लंड के साथ खेल रहा है.
वो ऋतु थी, मैंने उसे लंड चूसने दिया क्योंकि मुझमें अभी हिम्मत नहीं बची थी.

जब मैं उठा तो देखा कि वो तीनों उठ गई थीं और नंगी ही बैठ कर बातें कर रही थीं.

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मैंने देखा कि रात के 9 बज गए थे. जैसा उन्होंने मुझे देखा, मुझे उठा पाकर तीनों मेरे सीने से चिपक गईं.

मैंने कहा- रात का क्या प्लान है?
तीनों ने एक साथ कहा- चुदने का प्लान है.

मैंने सिर में हाथ ठोकते हुए कहा- अरे भाई खाने क्या प्लान है?
खाना बनाने की पोजीशन में तो कोई था नहीं, तो सबने कहा कि बाहर से कुछ आर्डर कर लेते हैं.

ऋतु ने आर्डर कर दिया और हम सब बेड में बैठ कर बातें कर रहे थे.

कुछ देर बाद डोर बेल बजी … तो ऋतु अपने क्लीवेज की बीच में पैसे डाल कर उस पर टॉवेल लपेट कर आर्डर लेने गयी.

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मुझे उसकी हरकत थोड़ी अजीब लगी, वो दरवाजे पर गयी तो देखा कि एक गबरू जवान लड़का खड़ा था.
उसने उसे पैसे देने के लिए अपने क्लीवेज से पैसे ऐसे निकाले कि उसकी टॉवेल गिर जाए.

अब वो डिलीवरी बॉय के आगे नंगी थी. ऋतु ने सॉरी कहा, तो डिलीवरी बॉय ने अपनी आंखें बंद कर लीं.
लेकिन था तो लड़का ही … वह चोर नजरों से नज़ारे का जायका ले रहा था.

इस पर ऋतु ने जो किया, जिसका अंदाजा डिलीवरी बॉय को क्या … हमें भी नहीं था.
उसने पार्सल लेकर हमारे पास छोड़ा … फिर उस डिलीवरी बॉय के पास जाकर उसकी पैंट निकाल दी और उसका लंड चूसने लगी.

वो लौंडा बौरा गया था.

ऋतु ने उसे अन्दर खींच लिया और उसके हाथ को अपने मम्मों में रख कर दबवाने लगी.

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अब वो डिलीवरी बॉय भी अपने रंग में आ गया. वो ऋतु को बुरी तरह से चाटने लगा और चूमने लगा.

वह साला बहुत हरामी लौंडा था. साला अपने लंड पर थूकता … और उसे ऋतु से चुसवाता था. वो कुछ ही देर में पूरे जोश में आ गया था.

तभी उसकी नजर हमारी तरफ पड़ी, जहां मैं दोनों लड़की के साथ नंगा बैठा था.

लड़के ने ये देखा और बिना कुछ कहे ऋतु को लेटा कर चोदने लगा. साथ ही साथ गाली भी देने लगा- आह तेरे जैसी रंडी हम जैसे डिलीवरी बॉय के लंड लिए ही होनी ही चाहिए.
इस पर ऋतु बोली- तो चोद न साले … इस रंडी को … तेरी गांड में दम नहीं है क्या मादरचोद.

इस पर डिलीवरी बॉय को गुस्सा आ गया और उसने जोर जोर से चुदाई शुरू कर दी.

उसने ऋतु को डॉगी स्टाइल में खड़ा किया और पीछे से लंड पेल कर उसे चोदने लगा और उसकी गांड में थप्पड़ मारने लगा.

दस मिनट में ऋतु झड़ गयी और वो लड़का भी झड़ने वाला हो गया था.
उसने ऋतु को अपनी तरफ किया और उसके मम्मों पर अपना सारा माल गिरा दिया.

फिर वो दोनों उठ कर बाथरूम चले गए. वहां शॉवर लेते हुए उन दोनों ने एक बार फिर से चुदाई कर ली.

अब वो लड़का हमारी तरफ आने लगा.
पर मैंने उसे इशारे से ही निकल जाने को कहा.

जब ऋतु बाहर आई, तो उस दौरान हमारी भी चुदाई चल रही थी.

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चुदाई का समापन हुआ और सबने खाना खाया.
खाने के बाद हम चारों रात में चुदाई की बात करने लगे.

मैंने उस रात को उन तीनों लड़कियों को चोदा.
सुबह सबकी हालात खराब थी. रुचि से चला नहीं जा रहा था … चंचल तो जैसे बेहोश ही पड़ी थी. ऋतु दर्द से कराह रही थी.

मैंने देखा कि मेरा लंड भी बुरी तरह से छिल गया था.

हम सब फिर से सो गए. ऐसे ही हमने एक हफ्ते मस्ती की … और अब भी करते हैं.

लॉकडाउन ने हमें और भी अच्छा मौका दे दिया था. इस लॉकडाउन में दो और लड़कियां हमसे जुड़ गई थीं. उनके साथ मिल कर हम छहों चुदाई के मजे करते हैं. पांच लड़कियों को चोद कर मेरे लंड की हालत खराब हो जाती है.

दोस्तो, अभी इस देसी लड़कियों की चुदाई कहानी में केवल इतना ही … आगे की सेक्स कहानी के लिए जुड़े रहिये. तब तक के लिए अलविदा और हां कमेंट जरूर कीजिये, जिससे सेक्स कहानी लिखने की प्रेरणा मिलती रहे.

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