advertisement
advertisement
Jangal Sex Ki Kahani - सबसे छोटी मामी जी को बीहड़ में पेला- 3
advertisement

advertisement
advertisement
HOT Free XXX Hindi Kahani
मामी को बीहड़ में नंगी करके चूत चाटी..

जंगल सेक्स कहानी में पढ़ें कि कैसे मैं बहाने से अपनी सबसे छोटी मामी को अपने साथ जंगल में ले गया. वहां मैं मामी को चोदना चाहता था. क्या मैं ऐसा कर पाया?

अब तक जंगल सेक्स कहानी के पिछले भाग
सबसे छोटी मामी को अपना लंड दिखाया
में आपने जाना कि मैं किस प्रकार उर्मिला मामी जी को चोदने के इरादे से जंगल में लेकर गया और फिर किस तरह से मैंने जानबूझकर मामी जी के उरोजों को दबा दिया था.

हम जंगल में बेर तोड़ते हुए आगे बढ़ रहे थे। मेरा लन्ड मामी जी की चूत की सैर करने के बैचेन हो रहा था लेकिन मामी जी चूत देने के लिए राजी नहीं थी।

दोस्तो, वो लंड ही क्या जो इतनी सुनसान जगह में भी चूत को लंड लेने के लिए नहीं मना सकें।
इतने सुनसान माहौल में तो अगर किसी चूत के पास लंड खड़ा हो तो वो चूत खुद ही लंड लपकने के लिए बेताब हो जाएगी।

मैंने पजामे में कीड़ा घुसाने का बहाना करके अपना पजामा उतार दिया. नीचे कच्छा नहीं होने के कारण मेरा खड़ा लंड मामी ने देख लिया.

अब जंगल सेक्स कहानी आगे:

तभी मैं लंड को मसलता हुआ मामी जी से कहने लगा- देखो मामी जी कीड़े ने मुझे कितना ज्यादा काटा है।
और ये कहकर मैंने मामी जी के पास आकर मेरे लन्ड को मामी जी को पकड़ा दिया।

मामी जी चुप थी। वो चुपचाप मेरे लन्ड को पकड़े हुए थी और लंड को देखने लगी।
मेरा लन्ड बहुत ज्यादा कड़क और गर्म हो रहा था।

शायद मामी जी मेरे लन्ड को देखकर होश खोने लगी थी।

थोड़ी देर बाद होश में आने के बाद मामी जी कहने लगी- कहां है कीड़ा?
मैं- मामी जी वो तो पजामे के साथ ही निकल गया। अब तो मामी जी … आपके सामने बड़ा खीरा है। अब आप ही सोचो इतने मस्त खीरे को खावोगी? या फिर इसे ऐसे ही छोड़ दोगी?

Hot Japanese Girls Sex Videos
advertisement
ये हिंदी सेक्स कहानी आप HotSexStoriesPictures.Com पर पढ़ रहें हैं|

मामी जी ने कुछ नहीं कहा।

मैं समझ गया था कि मामी जी मेरे खीरे को खाने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

तब मामी जी ने सोचकर कहा- लेकिन कोई देख लेगा तो मेरी बहुत ज्यादा बदनामी होगी।
मैं- मामी जी, यहां आप और मैं ही हूं। कोई दूसरा नहीं नहीं। तो इस बात की तो आप चिंता करना ही छोड़ दो।

मामी- तू मुझसे पाप मत करवा!
मैं- मामी जी ये कोई पाप नहीं है। मैं तो बस आपकी चूत को मेरे लन्ड से मिलवा रहा हूं।

मामी जी- अरे यार, तू नहीं मानेगा। तू मुझसे पाप करवा कर ही मानेगा।
अब मैं समझ चुका था कि मामी जी की चूत भी मेरे लन्ड को लीलने के लिए कुलबुला रही है।

फिर क्या था … मामी जी के कहते ही मैं तो खुशी से झूम उठा और उर्मिला मामी जी को बांहों में भर लिया।

अब मैं मामी जी के गुलाबी सुर्ख होंठों को खाने लगा। मुझे मामी जी के होंठों को चूसने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।

इधर मेरे हाथ मामी जी की मस्त गदराई हुई गांड पर पहुंच गए और मैं ताबड़तोड़ मामी जी की गांड को मसलने लगा।
आह क्या मस्त गांड थी मामी जी की!
कसम से यारो … मज़ा आ गया।

अब मामी जी भी मेरा साथ देने लगी और वो भी धीरे धीरे मेरे प्यासे होंठों को पीने लगी।
मैं मामी जी के होंठों को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा।

अजब गजब नज़ारा था यारो … जिस उर्मिला मामी जी पर मैं कोई खास ध्यान नहीं दे रहा था आज उन्हीं मामी जी को चोदने के लिए मेरा लन्ड कुलबुला रहा था।
थोड़ी देर पहले जो मामी जी चुदने के लिए इतने नखरे दिखा रही थी वो अब मेरे लन्ड को देखकर चुदने के लिए तड़प उठी थी।

advertisement
देसी हिंदी सेक्स वीडियो

मुझे मामी जी के रसीले होंठों को चूसने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। मामी जी भी लपक लपककर मेरे होंठों से प्यास बुझा रही थी।

इधर मेरा लन्ड मामी जी की चूत को टच कर रहा था।
दिल तो कर रहा था कि अभी के अभी मामी जी की चूत में लंड पेल दूं!
लेकिन फिलहाल मेरे लन्ड को चूत में जाने का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा था।

किस करने के बाद अब मैं मामी जी के साड़ी के पल्लू को उरोजों पर से हटाने लगा.
तभी मामी जी ने कहा- थोड़ा सा बड़ी झाड़ियों की आड़ में चल।

मैंने मामी जी की बात मान ली और मैं मेरा पजामा उठाकर लाया। फिर मैंने मामी जी को बांहों में उठाया और मेरा पजामा मामी जी के मुंह पर रख दिया।
अब मैं मामी जी को बांहों में उठाकर थोड़ी ही दूर बड़ी झाड़ियों के पास में चल दिया।

अजब गजब नज़ारा था यारो!
जो मामी जी थोड़ी देर पहले मुझे इतने प्रवचन दे रही थी; अब वो मामी जी चुदने के लिए चुपचाप मेरी बांहों में थी।
मेरा लन्ड बांस बनकर मामी जी को चोदने के लिए बेताब हो रहा था।

हम बेर की बड़ी बड़ी झाड़ियों की आड़ में पहुंच चुके थे।
मैंने मामी जी को बांहों से उतारकर नीचे घास पर लेटा दिया।

अब मुझसे सब्र नहीं हो रहा था। मेरा लन्ड अब बेकाबू हो चुका था।
मैंने तुरंत मेरी टीशर्ट खोल दी और मैं पूरी तरह से नंगा हो गया।

मामी जी मेरे लन्ड को देख रही थी। अब मामी जी की वासना की आग भभक चुकी थी।

मैंने तुरंत मामी जी की टांगों को ऊपर किया और टांगों को फैला दिया जिससे मामी जी की साड़ी और पेटीकोट खिसक कर कमर पर आ गए.
अब मामी जी की पेंटी बिल्कुल मेरे लंड के सामने आ गई। मामी ने हरे रंग की पैंटी पहनी हुई थी।

मामी जी की पैंटी देखते ही मेरा लंड चूत चोदने के लिए छटपटाने लगा।
अब मैंने मेरा मुंह मामी जी की चूत पे दे मारा और भूखे शेर की तरह पैंटी के ऊपर से ही मामी जी की चूत को किस करने लगा।

advertisement
Free Hot Sex Kahani

आह … पैंटी में से चूत की कितनी शानदार खुशबू आ रही थी। मैं तो चूत की खुशबू से ही पागल हो रहा था।

मैं ताबड़तोड़ मामी जी की चूत को चूम रहा था।

अब मामी जी भी धीरे धीरे मदहोश हो रही थी। मामी जी मेरे सिर में हाथ घुमाने लगी।

इधर मेरा लन्ड मामी जी की चूत में घुसने के लिए बैचेन हो रहा था। अब मैं मामी जी की चूत को नंगी करने के लिए आतुर हो रहा था।

अब मैंने मामी जी की पैंटी को पकड़ा और एक ही झटके में पैंटी को निकाल फेंका।
मामी जी की चूत मेरे सामने नंगी हो चुकी थी।
चूत को देखते ही मेरा लन्ड तूफान मचाने लगा।

गजब नज़ारा था यारो मामी जी की चूत का!

मामी की चूत एकदम कसी हुई थी जिसके चारों ओर झांटों का जंगल था। इन झांटों के जंगल ने चूत को चारों ओर से घेर रखा था। चूत की दोनों फांकों के बीच एक पतली सी, लंबी सी झील थी जिसमें पानी की बूंदें टपकना शुरू हो चुकी थी।

मैंने फिर से मामी जी की टांगों को पकड़कर चौड़ा कर दिया और चूत को चाटने लग गया।

आह … कितना मस्त मज़ा आ रहा था यारो!
कितनी मस्त रसीली चूत है मामी जी की!

मामी भी मदहोश होने लगी और चेहरे को इधर उधर करने लगी।
धीरे धीरे मामी जी सिसकारियां भरने लगी। अब मामी जी ने घास को मुट्ठियों में भींच लिया।

advertisement
कामुकता सेक्स स्टोरीज

मैं ताबड़तोड़ मामी जी की चूत को चाट रहा था।
मामी जी लगातार सिसकारियां भर रही थी। मुझे मामी जी की चूत चाटने में बहुत ज्यादा मजा आ रहा था।

अब तक मामाजी की चूत बहुत ज्यादा गीली हो चुकी थी। अब मामी जी की चूत ने गरमागरम लावा छोड़ दिया था। मैंने चूत का गरमागरम लावा चाट चाट कर साफ कर दिया था।

तब मैंने मेरा मुंह मामी जी की चूत पर से हटा लिया।

अब मैंने मामी जी की चूत में मेरी एक साथ दो उंगलियां घुसा दी।

मामी जी की चूत में मेरी उंगलियां घुसते ही मामी जी दर्द से एकदम से कुलबुला उठी। मामी जी जोर जोर से चेहरे को इधर उधर करने लगी।

मैं लगातार मामी की चूत में उंगलियां अंदर बाहर करता जा रहा था। मामी जी की सिसकारियां बढ़ती जा रही थी।
मैंने मामी जी की चूत को उंगलियों से अच्छी तरह से चोद दिया।

अब मेरा लंड मामी जी की चूत में घुसने के लिए बेकरार हो रहा था लेकिन मैं मामी जी की चूत में लंड डालने से पहले मामी जी को अच्छी तरह की से निचोड़ना चाहता था ताकि मामी जी को मेरे लंड से हुई चुदाई याद रहे।

मैंने मामी के उरोजों को पकड़ा और जोर से मसल डाला।
मामी मेरे हाथों को उरोजों पर से हटाने लगी लेकिन मैं नहीं माना और जोर जोर से उरोजों को मसलता रहा।

मुझे मामी जी के कसे हुए उरोजों को मसलने में बहुत ज्यादा मजा आ रहा था। मामी जी के बोबे दूध से भरे हुए थे।
मैंने उरोजों को मसल मसल कर बुरी तरीके से कुचल डाला।

अब मुझसे सब्र नहीं हो रहा था। मैं मामी को नंगी करना चाहता था। अब मैं मामी की साड़ी को पेटीकोट में से बाहर निकालने लगा।

फ्री इरॉटिक सेक्स स्टोरीज
advertisement

तभी मामी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और साड़ी निकालने के लिए मना करने लगी।
मामी कहने लगी कि साड़ी मत उतार, ऐसे ही कर लेना।
लेकिन मैं नहीं माना।

मैंने कहा- मामी जी, अगर मैं आपकी साड़ी नहीं खोलूंगा तो मुझे आपको चोदने में मजा नहीं आएगा. इसलिए आप मुझे साड़ी खोलने दो।
मामी जी चुप हो गई।

तब मैंने मामी जी के हाथों को हटाया और साड़ी को पेटीकोट में से निकाल लिया.
लेकिन अभी भी मामी जी की गांड के नीचे साड़ी अटकी हुई थी।

तब मैंने मामी जी की गांड को ऊपर उठाया और पूरी साड़ी को निकाल कर एक तरफ फेंक दिया। अब मामी जी मेरे सामने सिर्फ पेटिकोट और ब्लाउज में ही थी।

तभी मैंने मामी जी को ऊपर उठाया और हाथ पीछे ले जाकर मामी जी के ब्लाउज के हुक खोल दिए।
ब्लाउज के हुक खुलते ही मामी जी का ब्लाउज मेरे हाथ में आ गया और मैंने मामी के ब्लाउज को एक तरह रख दिया।

अब मामी जी सिर्फ ब्रा पहनी हुई थी। तब मैंने ब्रा के ऊपर से ही उरोजों को पकड़कर बुरी तरह से निचोड़ डाला।

मामी के उरोजों को मसलने में मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा था। अब मैं मामी जी के उरोजों पर ब्रा को नहीं रहने दे सकता था इसलिए मैंने ब्रा को भी उतार कर फेंक दिया।

अब मामी जी के मस्त मुलायम रस से भरे हुए बोबे मेरे सामने नंगे हो गए। मामी के उरोजों को देखते ही मेरा तो लंड फनफना उठा।

मैं मामी जी के स्तनों पर टूट पड़ा और जोर से पकड़ कर उरोजों को मसल डाला; मैं बुरे तरीके से उरोजों को रौंदने लगा।
मुझे मामी जी के रसीले उरोजों को मसलने में बहुत ज्यादा मजा आ रहा था।

जिन मामी जी को मैं इतने दिनों से चोदने के बारे में सोच रहा था वह मामी जी आज मेरे लंड के नीचे थी इसलिए आज मेरा लंड बहुत ज्यादा खुश था।

देसी चुदाई की कहानियाँ
advertisement

अब तक मैंने मामी जी के उरोजों को बुरी तरीके से मसल डाला था। मैंने दोनों उरोजों को मसल मसल कर लाल कर दिया था।

मामी जी चुपचाप होकर उरोजों को मसलवा रही थी।

अब मैंने मामी जी के बोबे को मुंह में भर लिया और निप्पल को चूसने लगा।
क्या मस्त बोबा है मामी जी का! कसम से यारो … मजा आ रहा था। बस मजा आ रहा था।
मैं भूखे शेर की तरह मामी जी के बोबे को चूस रहा था।

थोड़ी देर में मामी जी बिखर गई और बोबे में दूध भर आया। मैंने मामी जी के दूध को निचोड़ निचोड़ कर पी लिया। मामी जी का दूध बहुत ज्यादा मीठा था।

अब मैंने दूसरे बोबे को चूसना शुरू कर दिया। थोड़ी देर में बोबे में दूध भर आया और मैंने बोबे को निचोड़ कर पी लिया।
आज मैं अपने आपको बहुत ज्यादा खुश महसूस कर रहा था क्योंकि जिस मामी जी को मैं इतने दिनों से चोदने के बारे में सोच रहा था वह मामी जी आज मुझसे चूत चुदवाने वाली थी।

मामी के दूध को पीने के बाद मैं नीचे आया और मामी जी के पेटिकोट के नाड़े को खोलने लगा।

मैंने तुरंत ही मामी जी के पेटिकोट को खोलकर एक तरफ पटक दिया। अब मामी जी मेरे सामने बिल्कुल नंगी पड़ी हुई थी.
और मामी जी के सामने मेरा लंड चूत में घुसने के लिए तैयार खड़ा था।

आपको मेरी मामी की जंगल सेक्स कहानी आपको कैसी लगी? मुझे कमेंट पर सन्देश भेज कर जरूर बताएं.

जंगल सेक्स की कहानी जारी रहेगी.


Free XVideos Porn Download
advertisement

इस कहानी का अगला भाग: सबसे छोटी मामी जी को बीहड़ में पेला- 4


advertisement

advertisement
advertisement
advertisement
advertisement
advertisement
advertisement
advertisement