“अच्छा बताओ …तुम्हारी कोई गर्ल फ्रेंड है …… ”
” नही मैम .. गर्ल फ्रेंड नहीं पर महिमा मुझे अच्छी लगती है …..”
“अच्छा … और उसे तुम अच्छे लगते हो ?….. ”
“हाँ मैम … मुझसे बात भी करती है और मुझे ललचाई नजरों से देखती है ”
“ठीक है … कल मैं उसको यहाँ बुलाती हूँ …या कल तुम उसे यहाँ ला सकते हो?
मैम ऐसे कैसे मैं ला सकता हूँ उसे? आप ही बुला लो यहाँ !
वो चुद जाएगी तुमसे ?
अगर आप हेल्प करोगी तो वो जरूर आ जायेगी ..और फ़िर देखेंगे क्या होता है…. शायद चुद जाए ! ”
ठीक है.. उसे फिर खूब चोदना .. मेरे सामने …”
“प्रोमिस मैम …?
प्रोमिस !!!
वो खुश हो गया. और किताब उठा कर चला गया
अगले दिन मैंने महिमा को रोहित के साथ आने को कह दिया. महिमा तुंरत तैयार हो गयी. मैं समझ गयी आग दोनों और लगी है.
रोहित उसे अपनी मोटर साइकिल पर बैठा कर ले आया.
रोहित और महिमा को मैंने पास पास ही सोफे पर बैठाया. मैं चाय बना कर ले आयी. मैंने देखा कि वो दोनों एक दूसरे की टांगों को स्पर्श करते हुए बैठे बात कर रहे थे. मैं मुस्कुरा उठी.
“महिमा ……..रोहित तुम्हारी बहुत तारीफ कर रहा था …”
रोहित ने तुंरत ही कहा -“मैम …. मैं अभी आया ….” वो उठ कर बाहर चला गया.
महिमा ने कहा – “मैम ! मुझे क्यों बुलाया है?
तुम्हें रोहित अच्छा लगता है?
…. वो मेरे से कुछ बात ही नहीं करता है ज्यादा ..”
“तुम उसे पसंद करती हो? …”
“वो शरमा गयी – “मैम वो मुझे अच्छा लगता है. ”
वो भी तुम्हें चाहता है, उसी के कहने पर तुम्हें मैंने यहाँ बुलाया है, पर वो झिझकता है अपने प्यार का इज़हार करने में ! देखो अब भी उठ कर दूसरे कमरे में चला गया शरमा कर !
मैंने तो उसे कई बार संकेत दिए पर वो समझ ना सका.
ऐसी बात नही कि वो तुम्हारे इरादों से बेखबर है, वो डरता है और शरमाता भी है , वो तो कल मुझ से पढ़ने आया तो मैंने बातों बातों में ऐसे ही पूछ लिया उससे कि कोई गर्ल फ्रेंड है या नही तो बहुत बार पूछने पर बताया कि तुम उसे अच्छी लगती हो तो मैंने उस से प्रोमिस किया कि मै तुम दोनों की दोस्ती करा दूंगी.
“तो सुनो महिमा … तुम्हे मैं एक मौका देती हूँ …वो मेरे बेड रूम में है जाकर उसे जो कहना है … कह देना ….”
“मैम …शर्म आयेगी मुझे भी ! वो लड़का हो कर भी नहीं कह सकता फ़िर मैं तो लड़की हूँ !..”
“अच्छा .. तो मैं तुम्हारा काम बनती हूँ …पर इसका टैक्स देना पड़ेगा …”
“मैम बस एक बार हमारी दोस्ती करवा दो .! फ़िर ……”
“ओके ..फ़िर. क्या करोगी …….बता दो …” मैंने उसे रहस्यमई निगाहों से देखा .
“मैम वो …. कुछ खास नहीं बस कुछ नही मैम … ”
कुछ तो …! अगर वो तुम्हें किस करे तो? तो करने दोगी?
मैम …… आप भी बस !
बताओ ना !
“मैम वो …. कुछ खास नहीं बस कुछ नही मैम … ”
कुछ तो …! अगर वो तुम्हें किस करे तो? तो करने दोगी?
मैम …… आप भी बस !
बताओ ना !
हाँ !
और?
और क्या?
“हाँ ..हाँ … बोलो …. और भी कुछ …”
“मैम .. आप को भी मज़ा आ रहा है यह सब पूछ कर !
हाँ बहुत मज़ा है इस सब में !
अच्छा बताओ अगर रोहित तुम्हारे बूब्स पकड़ ले तो?
मैम बस करो ! आप तो बेशरम होती जा रही हो !
क्यूँ ! इसमें ऐसी क्या बात है ! क्या तुम्हारा मन नहीं करता कि कोई तुम्हें किस करे तुम्हारे शरीर को मसल दे, इस उमर में यह सब करने की इच्छा होती है, मुझे तो बहुत होती है, तुम्हें भी जरूर होती होगी, है ना?
हाँ मैम पर डर लगता है किसी को पता चल गया तो ?
यहाँ हमारे सिवा और कौन है बस सारी बात हम तीनों के बीच ही रहेगी.
मैम कुछ होगा तो नही? मुझे डर लग रहा है और अब तो इच्छा भी बहुत जाग उठी है.
डरो मत ! अन्दर बेड रूम में जाओ और कह दो रोहित से दिल कि बात ! वो भी बेचैन है .
नही मैम आप उसे यहीं बुला लो यहाँ आपके सामने ही, बल्कि आप ही कह दो सारी बात !
चलो यह काम अगर मै करुँगी तो बाकी काम भी मै ही कर लूंगी उसके साथ !
मैम !
(TBC)…