आखिर मैं सेक्स करवा ही बैठी

HOT Free XXX Hindi Kahani

कुछ समय पहले मैंने एक किताब ऑनलाइन मंगवाई लेकिन वह काफी समय तक मेरे पास नहीं पहुंच पाई थी। मैं किताब का इंतजार कर रही थी की किताब मेरे पास कब पहुंचेगी काफी दिनों बाद जब मेरे पास किताब पहुंची तो मैंने उस कुरियर बॉय से पूछा कि तुम्हें इतने दिन क्यों लग गए। वह कहने लगा मैडम आप की किताब हमें कल ही तो मिली थी तो मैं आज आपके पास ले आया। मैंने उससे ज्यादा बात करना उचित नहीं समझा और मैंने उससे वह कोरियर ले लिया। मैंने जब कुरियर को पढ़ा तो उसके अंदर वही किताब थी जो मैंने मंगवाई थी मुझे किताबें पढ़ने का बड़ा शौक है। मैंने वह किताब मेज पर रखी तो मेरी मां कहने लगी कि बेटा मैं पड़ोस में जा रही हूं तुम घर पर ही होना तो मैंने मां से कहा हां मां मैं घर पर ही हूं।

मां पड़ोस में चली गई और जब वह पड़ोस में गई तो उन्होंने मुझे कहा कि बेटा घर का ध्यान रखना, मैं घर पर अकेली थी करीब दो घंटे बाद घर की डोर बेल बजी और सामने एक अनजान से व्यक्ति खड़े थे मैंने उन्हें कभी नहीं देखा था। वह मुझे कहने लगे कि क्या यह राजेश जी का घर है तो मैंने उन्हें कहा कि हां यह राजेश जी का यह घर है लेकिन आपको क्या काम था। वह मुझे कहने लगे कि मुझे दरअसल किसी ने बताया था कि यहां पर घर खाली है तो क्या आप मुझे दिखा सकती हैं मैंने कहा लेकिन पापा तो अभी घर पर नहीं है आप एक काम कीजिएगा आप कल आ जाइएगा। वह कहने लगे ठीक है मैं कल आ जाऊंगा और वह व्यक्ति चले गए शाम के वक्त मम्मी भी लौट आई थी और पापा भी कुछ देर बाद लौट आये तो मैंने पापा से कहा पापा कोई व्यक्ति आए हुए थे वह आपके बारे में पूछ रहे थे। पापा कहने लगे वह किस लिए आए हुए थे मैंने उन्हें बताया कि वह यह पूछ रहे थे कि आपके यहां पर घर खाली है तो मैंने उन्हें कहा कि आप इस बारे में पापा से ही बात कीजिएगा तो वह चले गए। पापा कहने लगे चलो कोई बात नहीं कल वैसे भी मेरी छुट्टी है, रात को जब हम लोग साथ में खाना खा रहे थे तो पापा मुझसे कहने लगे कि बेटा आगे क्या सोचा है तुमने।

मैंने पापा से कहा पापा अभी तक तो मैंने ऐसा कुछ सोचा नहीं है। पापा चाहते थे कि मैं शादी के लिए मान जाऊं लेकिन अभी मैं शादी करना नहीं चाहती थी घर में मैं ही एकलौती थी इसलिए पापा चाहते थे कि मैं किसी अच्छे घर की बहू बन जाऊं उसके लिए वह मुझे हर रोज कहा करते थे। अगले दिन वह व्यक्ति दोबारा से आए उस वक्त पापा घर पर ही थे मैंने जब दरवाजा खोला तो मैंने उन्हें कहा आप अंदर आ जाइए पापा घर पर ही हैं। वह अंदर आ गए और पापा से मिले जब वह पापा से मिले तो पापा कहने लगे आप कल भी आए थे तो वह कहने लगे हां सर मैं कल भी आया था। मैं वहीं बैठी हुई थी कुछ देर बाद मै चाय बनाने के लिए रसोई में चली गई और उनके लिए मैं चाय बना कर ले आई पापा और वह व्यक्ति आपस में बात कर रहे थे मैंने पापा से कहा उन व्यक्ति को चाय दे दो तो पापा ने उनसे मेरा परिचय करवाया। पापा कहने लगे यह सुरेश है पापा के चेहरे की मुस्कान बता रही थी कि अब वह हमारे घर पर ही रहने वाले हैं। थोड़ा बहुत उन्होंने भी हमें अपने बारे में बताया और मुझे यह मालूम चला कि उनका परिवार भी उनके साथ रहने वाला है उनका परिवार रोहतक में रहता है और अब उनका ट्रांसफर दिल्ली में हो चुका है इसलिए वह दिल्ली अपने परिवार को लेकर आने वाले थे। वह अभी किसी रिश्तेदार के घर पर रह रहे थे वह हमारे घर पर करीब एक घंटे बैठे और उसके बाद भ चले गए। जब वह गए तो पापा उनकी बड़ी तारीफ करने लगे और कहने लगे कि सुरेश बड़े ही कमाल के हैं मैंने पापा से कहा पापा आपकी मुलाकात तो उनसे अभी सिर्फ एक घंटे की ही हुई है एक घंटे में ही आपको वह कमाल के लगने लगे। पापा मुझे कहने लगे कि बेटा यह बाल धूप में ऐसे ही सफेद नहीं हुए हैं मैंने भी अपनी पूरी उम्र काट दी है और सुरेश से बात कर के मुझे लग गया था कि वह एक अच्छे परिवार से हैं और एक समझदार व्यक्ति भी हैं। मैंने पापा से कहा हां पापा अब आपने कह दिया है तो वह समझदार ही होंगे ना पापा कहने लगे तुम भी हमेशा मेरी बातों को बस हल्के में लेती रहती हो।

मैंने पापा से कहा पापा छोड़िए भी आप भी ना जाने कहा कि बात ले आते हैं आप यह बताइए कि सुरेश यहां रहने के लिए कब आ रहे हैं। वह कहने लगे कि वह दो दिन बाद अपना सामान यहां शिफ्ट कर देंगे लेकिन उनकी फैमिली अभी यहां नहीं आ रही है वह लोग अगले महीने आएंगे, मैंने पापा से कहा कि अच्छा वह लोग अगले महीने आएंगे। पापा कहने लगे हां वह अगले महीने आएंगे मैं और पापा साथ में बैठे हुए थे तभी मम्मी भी आ गई और वह भी मुझसे बात करने लगी। पापा और मैं आपस में बात कर रहे थे तो मम्मी कहने लगी जो व्यक्ति आए थे क्या वह यहां रहने के लिए आने वाले हैं मैंने मम्मी से कहा मम्मी वह कुछ दिन बाद यहां अपना सामान रखवा जाएंगे। मम्मी कहने लगी चलो अच्छा ही है वैसे भी हमारे घर का ऊपर का फ्लोर कब से खाली पड़ा हुआ है कम से कम कोई वहां रहेगा तो साफ सफाई तो हो जाया करेगी। मैंने मम्मी से कहा हां मम्मी तुम बिल्कुल ठीक कह रही हो कम से कम इस बहाने वहां सफाई तो हो जाया करेगी। दो दिन बाद सुरेश ने घर पर सामान रखवा दिया था और वह अब हमारे घर पर रहने लगे थे कुछ ही दिनों में उनकी पापा से बड़ी अच्छी जमने लगी थी और पापा तो उनके मुरीद हो गए थे।

सुरेश का हमारे घर पर बैठना हो गया था इसलिए वह हमारे घर पर ही ज्यादा बैठा करते थे। पापा की सुरेश के साथ बातचीत अच्छी थी और पापा हमसे सुरेश से बात कर के खुश हो जाते। एक दिन पापा ने कहा कि बेटा सुरेश जी से पैसे ले लेना तो मैंने कहा ठीक है पापा मैं उनसे पैसे ले लूंगी। सुरेश जी उस वक्त घर पर आए ही थे तो उन्होंने मुझे कहा कि रोशनी आप मुझसे पैसे ले लीजिए। मैं अपने घर के ऊपर फ्लोर मे गई और उनसे पैसे लेने के लिए मैं बाहर बरामदे में ही खड़ी थी उन्होंने मुझे कहा कि आप अंदर आ जाइए। मै अंदर चली गई जब मैं अंदर गई तो मैंने देखा उन्होंने अपना टेबल के नीचे कंडोम रखा हुआ था उस कंडोम को देखकर मेरा मन मचलने लगा। मैं उत्तेजित होने लगी जब सुरेश आए तो वह मुझे कहने लगे यह लीजिए पैसा गिन लीजिएगा। मैंने कहा ठीक है मैं गिन लूंगी और मैंने वह पैसे गिने तो वह पैसे पूरे थे क्योंकि उन्होंने हमें शुरुआत में थोड़े ही पैसे दिए थे। वह मेरे बगल में आकर बैठे तो मैंने उनको कहा कि मैं अब चलती हूं मैं वहां से तो चली गई लेकिन मेरे मन में उनके साथ सेक्स करने की इच्छा जाग उठी। मैं चाहती थी कि मै उनके साथ में संभोग का आनंद लूं मैंने वही किया मैंने जब सुरेश जी को इशारे देने शुरू किए तो वह भी मेरी तरफ पूरी तरीके से फिदा होने लगी थी। वह मुझ पर लट्टू हो गए थे शायद उनके अंदर की आग जलने लगी थी। मैं उनके पास अक्सर जाया करती थी और उनसे बात करने की कोशिश करती लेकिन वह मुझसे शर्माते हुए चले जाते थे। एक दिन उन्होंने मेरे हाथ को पकड़ लिया और उस दिन जो सिलसिला आगे बढ़ा उसे आज तक हम दोनों नहीं रोक पाए हैं। जब उन्होंने मेरे हाथ को पकड़ा तो मैंने भी उनके हाथ को पकड़ते हुए उन्हें अपने गले लगा लिया। उन्होंने मुझे अपनी बाहों में भर लिया हम दोनों के अंदर से ही आवाज आने लगी थी हम दोनों को एक दूसरे के साथ संभोग कर लेना चाहिए और हम दोनों ने वही किया।

जब हम दोनों ने एक दूसरे के साथ संभोग का आनंद लिया तो हम दोनों बहुत ज्यादा खुश थे। मैंने जब सुरेश के लंड को अपने मुंह के अंदर लिया तो यह मेरे लिए पहला ही अनुभव था लेकिन पहला ही अनुभव बड़ा ही शानदार था मुझे बड़ा अच्छा लगा। मुझे इस बात की खुशी थी मैं सुरेश के लंड को अपने मुंह के अंदर ले रही हूं जब सुरेश ने भी मेरी योनि पर अपनी जीभ को लगाया तो मै मचलने लगी उन्होंने काफी देर तक मेरी योनि को चाटा और मेरी योनि से पानी बाहर निकाल कर रख दिया था। मेरी योनि से पानी बाहर निकलने लगा था और मेरे अंदर की उत्तेजना बढन लगी थी लेकिन जैसे ही सुरेश ने अपने मोटे लंड को मेरी योनि पर लगाया तो मैंने सुरेश से कहा आराम से डालना। सुरेश ने धीरे से मेरी योनि के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवाया तो मेरी योनि के अंदर सुरेश का मोटा लंड जा चुका था मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था और जिस प्रकार से सुरेश अपने मोटे लंड को मेरी योनि के अंदर बाहर करते उससे मुझे बड़ा मजा आ रहा था।

वह मेरे स्तनों को भी अपने मुंह में ले रहे थे मेरी योनि पूरी तरीके से छिलकर बेहाल हो चुकी थी और मुझे बड़ा अच्छा भी लग रहा था लेकिन काफी देर तक मैंने सुरेश के साथ संभोग का आनंद लिया और हम दोनों एक दूसरे की इच्छा को पूरी करने में कामयाब रहे। अब हम दोनों के बीच अक्सर सेक्स संबंध बनते रहते। अब सुरेश की पत्नी आ चुकी है इसलिए हम दोनों को चोरी छुपे मिलना पड़ता है लेकिन उसके बावजूद भी हम लोग चोरी छुपे मिलते रहते हैं। कुछ ही दिन पहले की बात है जब मेरे और सुरेश के बीच में सेक्स संबंध बने थे उस वक्त उनकी पत्नी अपने मायके गई हुई थी। उनकी पत्नी का मायका पानीपत में है और वह अपने मायके गई थी तो मुझे सुरेश के साथ समय बिताने का मौका मिल गया था। मैंने जब सुरेश के साथ सेक्स संबंध स्थापित किए तो मुझे बड़ा अच्छा लगा काफी समय बाद हम दोनों के बीच सेक्स संबंध बन रहे थे और सुरेश ने उस दिन मेरे साथ एनल सेक्स का भी मजा लिया।