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कैरेक्टर ढीला कर लिया
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सुबह के 6:00 बज रहे थे, अखबार वाले ने हमारे गेट के अंदर अखबार को बड़ी तेज गति से फेंका जोकि कमर के दरवाजे से आकर टकराया। मेरी नींद तो खुली चुकी थी मैंने सोचा अखबार ले आती हूं मैंने दरवाजा खोला और अखबार को अपने हाथ में लिया। मेरे पति कहने लगे लाओ मुझे पेपर दे दो मैं अभी पढ़ लेता हूं। मैंने उन्हें कहा आप रहने दीजिए पहले मुझे पढ़ने दीजिए लेकिन वह मुझसे जिद करने लगी और कहने लगे पहले मुझे पेपर पढ़ने दो मुझे ऑफिस जल्दी जाना है तुम तो घर पर ही रहने वाली हो। मुझे उनकी बात दिल पर लगी और मैंने सोच लिया कि अब मैं घर पर नहीं रहूंगी हालांकि उनके कहने का ऐसा कोई मतलब नहीं था लेकिन अन्यथा ही मैंने उनकी बात को अपने दिल पर ले लिया।

 उन्होंने अखबार को पूरा पढ़ा तो उसके बाद वह अपने ऑफिस के लिए निकल पड़े। मैंने उन्हें उनका टिफिन दे दिया था मुझे काम करते हुए 10:00 बज चुके थे मैंने घर का सारा काम कर लिया था। मैने अखबार टटोलना शुरू किया तो उसमें सिर्फ हिंसक घटनाएं थी मुझे ऐसी कोई खबर नहीं मिली जो पढ़ने लायक थी लेकिन मैंने जब अखबार में इश्तहार देखा तो वह इश्तहार  एक कम्पनी में हिंदी टाइपिस्ट की जॉब के लिए था मैं हिंदी टाइपिंग जानती थी। मैंने उस पर छपे हुए मोबाइल नंबर को ले लिया मैंने सोचा मैं कॉल करूं लेकिन तब तक मेरे पड़ोस में रहने वाली सुनीता भाभी आ गई और उनसे बात करने के चलते मेरे दिमाग से पूरी तरीके से निकल गया कि मुझे उस कंपनी में फोन करना था। जब मुझे ध्यान आया कि मुझे उस कंपनी में फोन करना था तो मैंने कॉल किया सामने से एक कड़क सी आवाज आई उस आवाज मे दम था। वह मुझे कहने लगे हेलो मैंने भी उनके हेलो का जवाब देते हुए कहा हेलो। वह कहने लगे कहिए क्या काम था मैंने उन्हें बताया मैंने आज आपकी कंपनी का अखबार में इश्तहार देखा था क्या आपके यहां पर हिंदी टाइपिस्ट की वैकेंसी है? वह कहने लगे हां हमारे यहां पर हिंदी टाइपिस्ट की वैकेंसी है आप चाहें तो आज दोपहर में आ सकती हैं। मैं यह सुनकर खुश हो गई और जल्दी से अपनी पिंक साड़ी पहन ली मैं बार-बार अपने आपको शीशे में देखे जा रही थी।

मैं साड़ी में कुछ ज्यादा ही हॉट लग रही थी इसलिए मुझे बहुत अच्छा लग रहा था मैंने अपने चेहरे पर मेकअप कर लिया और अपने बालों को मैंने हेयर  ड्रायर से सुखा लिया। मैंने अपने हाथ में अपने डॉक्यूमेंट की फाइल ली और मैं उस ऑफिस में चली गई। जब मैं ऑफिस में गई तो वहां पर मैंने देखा ऑफिस तो छोटा सा था वहां पर ज्यादा लोग भी नहीं थे मुझे तो बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि मुझे क्या यहां पर अच्छी तनख्वाह मिल भी पाएंगे या नहीं लेकिन मैं मन ही मन सोचने लगी जब मैं आ चुकी हूं तो इंटरव्यू दे ही देती हूं। मैं रिसेप्शन पर बैठी हुई थी तभी मेरे पास आकर एक लड़की बैठी उसने मुझे ऊपर से लेकर नीचे तक देखा और कहने लगी क्या आप इंटरव्यू के लिए आई हैं? मैंने उसे कहा हां मे इंटरव्यू के लिए आई हूं वह मुझे ऐसे देख रही थी जैसे कि मुझे वह इंटरव्यू देने ही नहीं देखी। उसने मुझसे पूछा क्या आप शादीशुदा हैं? मैंने उसे कहा हां मैं शादीशुदा हूं। वह तो रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी और सवालों की झड़ीयों की बौछार उसने मुझ पर कर दी। मैंने उसके सारे जवाब बड़ी ही शालीनता स दिए क्योंकि मैं पहले आई थी तो रिसेप्शन पर बैठे हुए युवक ने मुझे कहा मैडम आप अंदर चले जाइए। उसके मैडम कहने में भी एक अलग ही बात थी मैं कैबिन मे चली गई मैं जब अंदर गई तो मैंने देखा अंदर एक मोटे से व्यक्ति चश्मा लगाए हुए बैठे थे। उन्होंने पहले तो मुझे ऊपर से लेकर नीचे तक देखा और उसके बाद कहने लगे आप बड़ी अच्छी लग रही हैं उनके कहने का अंदाज़ कुछ अलग ही था। मैं समझ गई कि वह मुझसे क्या कहना चाहते हैं मैंने उन्हें कहा धन्यवाद सर मैंने अपनी साड़ी के पल्लू को थोड़ा सा नीचे किया। मै जब झुककर बैठी तो मेरे स्तनों के ऊभार उनको दिखाई देने लगे वह मेरे स्तनों के जाल में फंस चुके थे। वह मुझे कहने लगे अच्छा तो आप इंटरव्यू देने के लिए आई हैं उनके कहने का अंदाज़ तो कुछ और ही था क्योंकि वह तो सिर्फ मेरे छाती का नाप लेना चाह रहे थे उनकी आंखे सिर्फ मेरे स्तनों पर थी। मुझे वह किसी भी नजरिए से बॉस प्रतीत नहीं हो रहे थे मुझे ऐसा लग रहा था जैसे कि वह एक हवस के भूखे इंसान है।

मुझे भी नौकरी चाहिए थी मेरे पति की बात मेरे दिल पर जो लगी थी इसलिए मैं भी चाहती थी कि मैं किसी भी सूरत में नौकरी हासिल कर कर रहूं। मैंने अपने स्तनों को उन्हें दिखाना शुरू किया उन्होंने मुझसे ज्यादा सवाल नहीं पूछा सिर्फ उन्होंने मुझसे मेरा नाम पूछा और आप कितनी सैलरी लेंगी। मैंने उन्हें कहा सर आप देख लीजिए आप मुझे कितनी तनख्वाह देना चाहते हैं मुझे तो पूरी उम्मीद थी कि मेरी नौकरी पक्की है। मैं वहां से अपने घर चली आई अगले ही दिन मुझे फोन आ गया वह कहने लगी मैडम आप कल से ऑफिस आ जाइएगा। मैंने उन्हें कहा ठीक है मैं कल से ऑफिस आ जाऊंगी मेरे पति को जब मैंने यह बात बताई तो वह मेरी तरफ देखकर कहने लगे सुनैना तुम्हें नौकरी करने के लिए किसने कहा है तुम घर का काम संभालो मैं नौकरी करता हूं क्या पैसों की कोई कमी होने लगी है। मैंने उन्हें कहा नहीं ऐसा तो कुछ भी नहीं है कि पैसों की कमी होने लगी है लेकिन मैं भी चाहती हूं कि मैं कुछ करूं क्योंकि घर पर काफी वक्त मेरा बच जाता है जिससे कि मुझे लगने लगा कि मुझे भी कुछ कर लेना चाहिए इसीलिए तो मैंने जॉब के लिए अप्लाई किया और देखो मेरी जॉब भी लग गई अब भला मैं कैसे मना कर सकती हूं तुम ही बताओ।

मेरे पति हालांकि गुस्से में थे लेकिन फिर भी उन्होंने मुझे कहा कि ठीक है यदि तुम्हें जॉब करनी है तो तुम कर लो। यह कहते हुए उन्होंने मुझे कहा लेकिन तुम देख कर जाना आजकल माहौल कुछ ठीक नहीं है मैंने उन्हें कहा हां ठीक है मैं अपना ध्यान रखूंगी। अगले दिन से मैं ऑफिस जाने लगी जब मैं अगले दिन से ऑफिस जाने लगी तो वहां पर मेरी मुलाकात और भी लोगों से हुई पहले दिन ही सब लोगों से मेरी बड़ी अच्छी बातचीत हो गई क्योंकि मै दिखने में तो सुंदर थी। ऑफिस के पुरुष मुझ पर पहले दिन से ही लट्टू होने लगे थे मैं बहुत ज्यादा खुश थी पहला दिन मेरा बहुत अच्छा रहा। हमारे ऑफिस के बॉस अमित वह तो मुझ पर अपनी नजर ऐसे जमाए बैठे रहते थे कि जैसे मुझे कच्चा ही खा जाएंगे क्योंकि उनकी नीयत कुछ ठीक नहीं थी। अगले दिन जब मैं ऑफिस गई तो अमित जी की पत्नी भी ऑफिस में आई हुई थी उन्हें शायद कोई काम था इसलिए वह ऑफिस में आई थी। उस दिन अमित जी ने ऑफिस   मे सबसे मिलवाया उनकी पत्नी बहुत ज्यादा सुंदर है लेकिन उसके बावजूद भी वह सबको ऐसे दखते रहते हैं जैसे गांड मारने वाले हो। एक दिन मुझे हिंदी में कोई एप्लीकेशन टाइप करनी थी और उस एप्लीकेशन में मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई जिस वजह से अमित जी को भी डांट सुननी पड़ी। उन्होंने मुझे अपने कैबिन में बुलाया वह बड़े ही गुस्से में थे वह कहने लगे सुनैना मैडम आपकी गलती की वजह से मुझे भी सुनना पड़ा आप ऐसा मत किया कीजिए थोड़ा ध्यान से काम किया कीजिए। उनका गुस्सा बहुत बढने लगा था मैने अपने साड़ी के पल्लू को खिसकाते हुए अपने गोरे स्तनों के ऊपरी हिस्से को अमित जी को दिखाया वह मुझसे बड़े प्यार से बात करने लगे।

 वह मुझे बड़े प्यार से समझाने लगे और कहने लगे देखिए सुनैना जी ऐसा बिल्कुल भी ठीक नहीं है आपको तो मालूम ही है कि यदि एक गलती भी हो जाती है तो मुझे काफी सुनना पड़ता है इसलिए मैं चाहता हूं कि आगे से आप ऐसी गलती मत कीजिए। मैंने उन्हें कहा ठीक है सर, उन्होंने अपनी कुर्सी से उठते हुए मेरे कंधे पर अपने हाथ को रखा और कहने लगे सुनैना मुझे मालूम है आप बहुत मेहनती हैं और यह कहते हुए उन्होंने अपने हाथ को मेरे स्तनों पर फिरा दिया। मैं उनकी मंशा तो पहले से ही जानती थी जब भी कभी वह गुस्सा होते तो मैं अपने हुस्न की बूंदे छिड़क दिया करती थी जिसे कि उनकी आग बुझ जाती थी। अब बात कुछ ज्यादा ही बढ़ने लगी थी और मैं चाहती थी कि मैं अपने पति के अलावा भी किसी और के साथ एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर चलाऊ और उसी के चलते मैंने अपने बॉस अमित के साथ में एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर चलाने शुरू कर दिए। हम दोनों साथ में घूमने जाते और वह मुझसे बात कर के बहुत खुश होते इसलिए उन्होंने मेरा वेतन काफी बढ़ा दिया था। उन्होने मेरा वेतन बढ़ा दिया था तो मैं भला उनका ध्यान कैसे नहीं रखती। एक दिन मैंने ऑफिस में ही उन्हें इशारे देने शुरू कर दिए वह भी समझ चुके थे कि मैं क्या चाहती हूं।

वह मुझे अपनी कार में अपने घर ले गए उस दिन मैंने जब उनके मोटे लंड को हिलाना शुरू किया तो वह बड़े खुश हुए और कहने लगे सुनैना तुम आज मुझे अपने बदन को दिखा ही दो। तुम्हारे नाम से ना जाने कितनी बार मैंने हस्तमैथुन कर लिया है यह कहते ही मैंने अपने बदन को उन्हें दिखाया तो वह रह ना सके और मुझे कहने लगे आओ मेरे लंड के ऊपर बैठ जाओ। मैंने अपनी योनि को उनके लंड पर सटाया और उनका मोटा लंड मेरी योनि के अंदर चला गया। मैं अपनी चूतडो को ऊपर-नीचे करती जाती और वह मुझे बड़ी तेज गति से धक्के दिए जाते ऐसा ही काफी देर तक चलता रहा। जब हम दोनों के बदन पूरी तरीके से गर्म होने लगे तो मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी। मैंने उन्हें कहा मुझे बड़ा मजा आ रहा है और मैं अपने मुंह से आवाज निकालती कभी मेरे मुंह से आह आह की आवाज आती और कभी ऊह ऊह ऊह की आवाज आती। जब उनका वीर्य पतन होने वाला था तो उन्होंने मेरे मुंह के अंदर अपने वीर्य को गिरा दिया मैंने अपना एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर अमित जी से शुरु कर दिया है।

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