राधिका की शादी को हुए अभी 6 महीने ही हुए थे लेकिन वह खुश नहीं थी राधिका मेरी बहन का नाम है राधिका उम्र में मुझसे दो वर्ष छोटी है उसकी शादी हम लोगों ने एक अच्छे परिवार में करवाई लेकिन उसके बावजूद भी शायद वह दुखी थी। मुझे उसके दुख का कारण तो नहीं पता लेकिन मुझे इस बात का बहुत दुख था कि क्या हम लोगों ने उसे बिना पूछे हुए उसकी शादी करवा दी क्योंकि मेरे पिताजी पुराने ख्यालातो के हैं। मेरी बहन एक अच्छे परिवेश में पली बढ़ी है लेकिन मेरे पिताजी ने उसे एक बार भी नहीं पूछा कि क्या तुम अपने इस रिश्ते से खुश हो मैं भी उनके साथ कुछ नहीं कह सकता था क्योंकि मुझे लगता यदि मैं कुछ कहूंगा तो शायद पिताजी को बुरा लग जाएगा इसलिए मैंने भी उन्हें कुछ नहीं कहा। राधिका बिल्कुल भी खुश नहीं थी उसे जब भी मैं फोन पर बात करता तो वह मुझसे बिल्कुल भी बात नहीं किया करती थी राधिका और मेरे बीच में बचपन से ही बहुत ज्यादा प्रेम है इसलिए मैं नहीं चाहता था कि राधिका को किसी भी प्रकार की कोई तकलीफ हो।
मैं एक दिन राधिका से मिलने के लिए चला गया मैं जब राधिका से मिलने के लिए उसके ससुराल में गया तो उसके घर में उसकी सासु मां और उसके ससुर जी थे। मैं जब राधिका के घर पहुंचा तो मैंने देखा राधिका झाड़ू लगा रही थी राधिका की सास ने कहा सोहन बेटा तुम आज बिना बताए घर पर कैसे आ गए मैंने उन्हें कहा बस ऐसे ही राधिका की याद आ रही थी तो सोचा से मिलता हुआ चलूँ। वह कहने लगे चलो तुमने अच्छा किया उन्होंने मुझे बैठने को कहा और कहा तुम बैठो मैं राधिका को भेजती हूं राधिका जब मेरे पास आई तो राधिका बहुत खुश हो गई उसने मुझे गले लगाया और कहा भैया आपने बताया नही। मैंने राधिका से कहा तुम्हारी बहुत याद आ रही थी तो सोचा तुमसे मिल लूं इसलिए मैं तुमसे मिलने के लिए चला आया राधिका कहने लगी मैं भी सोच रही थी कि आप काफी समय से आए नहीं हैं। मैंने राधिका से पूछा क्या तुम खुश नहीं हो तो वह कहने लगी नहीं भैया ऐसी तो कोई बात नहीं है मैंने राधिका से कहा देखो यदि तुम खुश नहीं हो तो तुम मुझे बता सकती हो तुम्हे अपने दुख को किसी से भी छुपाने की जरूरत नही है।
वह मुझे कहने लगी नहीं भैया ऐसी बिल्कुल भी कोई बात नहीं है आप बेवजह ही परेशान हो रहे हैं मैंने राधिका से कहा भला मैं क्यों परेशान ना हूं मैं तुमसे जब भी फोन पर बात करता हूं तो तुम काफी उदास नजर आती हो इसलिए मुझे लगा कि मैं तुमसे मिल लेता हूं। मैंने राधिका से पूछा तुम्हारे पति कहीं नजर नहीं आ रहे वह मुझे कहने लगी वह अपने किसी काम से गए हुए हैं वह मुझसे पूछने लगी कि घर में तो सब कुछ ठीक है ना मैंने उसे बताया हां घर में सब कुछ ठीक है पापा मम्मी तो तुम्हें बहुत याद करते रहते हैं और हमेशा तुम्हारी बात करते हैं। राधिका मुझसे कहने लगी भैया आप भी अब शादी कर लो ताकि मम्मी पापा को भी सहारा मिल सके मैंने राधिका से कहा ठीक है मैं देखता हूं यदि कोई अच्छी लड़की मिली तो मैं जरूर शादी के बारे में सोच लूंगा। राधिका और मैं बात कर ही रहे थे कि तभी उसकी ननद सामने से आई और कहने लगी अरे भैया और बहन की क्या बात चल रही है मैंने उन्हें कुछ जवाब नहीं दिया। राधिका की ननद का डिवोर्स हो चुका है और वह घर पर ही रहती है उम्र में तो वह राधिका से पांच दस वर्ष पड़ी है लेकिन वह बिल्कुल भी सही नहीं है उसका व्यवहार और उसके बात करने का तरीका मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं आता। मैंने उससे कहा बस ऐसे ही अपनी बहन से उसके हाल-चाल पूछ रहा था वह मुझे कहने लगी चलो आप कम से कम अपनी बहन का हाल चाल पूछने आ गए एक मेरा भाई है जो मेरा ख्याल ही नहीं रखता। जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है राधिका के पति का नेचर बहुत अच्छा है और वह अपनी बहन का बहुत ध्यान रखते हैं लेकिन उसके बावजूद भी उसे हमेशा ही लगता है कि उसका कोई ख्याल नहीं रखता। हालांकि जब से उसका डिवॉर्स हुआ है तब से वह घर पर ही है उन लोगों ने उसे कभी कोई कमी महसूस नही होने दी।
वह हमारे बगल में आकर बैठ गयी उसके बाद मैंने राधिका से भी ज्यादा बात नहीं की वह हमारे साथ करीब एक घंटे तक बैठी रही जब वह गई तो मैंने राधिका से कहा मैं भी चलता हूं राधिका कहने लगी भैया आज आप यहीं रुक जाओ ना। मैंने उसे कहा फिर कभी आऊंगा मैं तो सिर्फ तुम्हारे हाल-चाल पूछने आया था और फिर मैं वहां से चला आया घर मे मेरे पापा मम्मी ने मुझसे पूछा राधिका तो ठीक है ना मैंने उन्हें कहा हां राधिका तो बहुत खुश है और सब कुछ ठीक है। उसके कुछ समय बाद ही राधिका का फोन आया और वह काफी परेशान दिख रही थी मैंने राधिका से उसकी परेशानी का कारण पूछा लेकिन वह कुछ बताती नहीं थी। मैं उसे फोन करता रहा करीब दो तीन बार फोन करने के बाद उसने मुझे बताया कि उसकी ननद की वजह से उसके घर में झगड़े होने लगे हैं। उसके पति और उसके बीच भी कई बार झगड़े हो जाते हैं मेरी तो कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि मुझे ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए। मैंने पापा मम्मी से बात की तो वह कहने लगे सोहन बेटा तुम एक बार राधिका से मिल आओ और हो सके तो एक-दो दिन तक वहीं पर रहना ताकि तुम्हें भी मालूम चल सके कि उनके परिवार में क्या समस्याएं चल रही हैं। मैंने अपने पिताजी से कहा ठीक है मैं राधिका से मिलने के लिए चला जाता हूं। मैं राधिका से मिलने के लिए चला गया जब मैं उससे मिला तो वह काफी दुखी नजर आ रही थी वह मुझे कहने लगी भैया आइये अंदर रूम में बैठते हैं। हम लोग उसके रूम में बैठ गए मैंने उससे पूछा आखिर तुम्हारी परेशानी का कारण क्या है जो तुम इतनी ज्यादा परेशान रहने लगी हो।
वह कहने लगी भैया मेरी ननद मेरे साथ बिल्कुल भी अच्छा व्यवहार नहीं करती वह हमेशा ही अपनी मम्मी और मेरे पति को ना जाने मेरे खिलाफ क्यों भड़काती रहती हैं। उन्हें ऐसा लगता है कि जैसे मैं अच्छी नहीं हूं और हमेशा ही वह मुझे नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं मैं बहुत ज्यादा परेशान हो चुकी हूं आप ही बताइए कि मुझे क्या करना चाहिए। मैंने राधिका से कहा तुम चिंता मत करो हम लोग हैं ना तुम्हें चिंता करने की आवश्यकता नहीं है राधिका कहने लगी भैया मैं नहीं चाहती कि मैं आपको और पापा मम्मी को आपनी तकलीफो के बारे में बताऊं। राधिका ने आज तक कभी भी पापा से किसी चीज के लिए कुछ नहीं कहा था उसे यदि कुछ भी चाहिए होता था तो वह मुझसे ही कहा करती थी, उसने शादी भी पापा के कहने पर ही की उसकी जिंदगी उसकी ननद की वजह से तकलीफ में थी। मैंने सोचा मुझे उसकी ननद से बात करनी चाहिए मैंने उसकी ननद ललिता से बात की और उसे मैंने समझाने की कोशिश की लेकिन मुझे नहीं लग रहा था कि वह मेरी बातों को ध्यान से सुन रही है। मेरी बातों का उस पर कोई असर ही नहीं पढ़ रहा था मुझे लगा कि अब यह शायद मेरी बातों को समझने वाली नहीं है इसलिए मैंने उससे बात नहीं की। मैंने राधिका से कहा कि तुम चिंता मत करो मैं एक दो दिन तुम्हारे घर पर ही रुक जाता हूं, मैं एक-दो दिन उसके घर पर रुकने वाला था। मुझे इतना तो समझ आ चुका था राधिका की ननद ललिता की वजह से ही यह सब हो रहा है उसी रात में जब अपने कमरे में लेटा हुआ था तो मुझे नींद नहीं आ रही थी।
मैं उठकर जब छत पर जा रहा था तो मैंने देखा ललिता अपनी चूत पर तेल लगा रही है मैं यह सब देखकर पूरी तरीके से उत्तेजीत हो गया। मैं जैसे ही उसके कमरे में गया तो वह अपने बदन को ढकने की कोशिश कर रही थी लेकिन वह ऐसा कर ना सकी मै उसके पास जाकर बैठ गया मैंने उसकी योनि को सहलाना शुरु किया तो उसे भी मजा आने लगा। जैसे ही ललिता की योनि के अंदर मैने उंगली डाली तो वह मचलने लगी और पूरी तरीके से उत्तेजित हो गई वह बहुत ज्यादा उत्तेजित हो चुकी थी। वह अपने आप पर बिल्कुल भी काबू नहीं कर पा रही थी और पूरे जोश में आ चुकी थी मैंने भी अपने लंड को उसकी योनि पर लगा दिया। उसकी योनि बहुत ज्यादा गिली थी मैने लंड पर तेल लगाया और लंड को उसकी योनि में घुसा दिया वह चिल्ला रही थी मैं उसे तेजी से धक्के देने लगा। मैंने उसे काफी देर तक धक्के दिए जिससे कि उसकी योनि से गर्मी बाहर की तरफ निकलने लगी उसे भी बड़ा मजा आ रहा था वह कहने लगी अरे आप तो बड़े ही जोशीले हैं आपके अंदर तो एक अलग ही जोश है।
मैंने उसे कहा मुझे तो आपकी गांड मारनी है क्या आप अपनी गांड दोगी वह कहने लगी क्यों नहीं अब आपने मेरे अंदर का जोश जगा ही दिया है तो आप मेरी गांड मार लीजिए। मैंने अपने लंड पर दोबारा से तेल लगाया और उसे ललिता की गांड में डाल दिया जैसे ही ललिता की गांड में मेरा लंड घुसा तो मुझे बड़ा मजा आने लगा और उसे भी एक अलग ही मजा आ रहा था। मैंने काफी देर तक उसकी गांड के मजे लिया जैसे ही मेरा लंड उसकी टाइट गांड के अंदर घुसता तो वह मुझसे कहने लगी आज तो मजा आ गया आपके जैसे मोटे लंड तो आज तक मैंने अपनी गांड मे नहीं लिए। उसकी भी इतने सालों की तड़प को मुझसे पूरा करवा लिया, मैंने उसे कहा तुम राधिका को परेशान मत किया करो। वह मेरी बातो को मान गई और कहने लगी ठीक है आज के बाद मैं कभी राधिका को परेशान नहीं करूंगी और उसे कोई भी तकलीफ नहीं होगी। उसके बाद राधिका ने कभी कुछ नहीं कहा और ना ही ललिता ने उसे कभी परेशान किया मुझे भी इस बात की खुशी है कि कम से कम उसने मेरी बात मान ली।