क्लीनिक की गर्मी घर में उतारी

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मैं पेशे से डॉक्टर हूं मैंने अपनी डॉक्टर की पढ़ाई 4 वर्ष पहले पूरी कर ली थी और उसके बाद मैंने अपने घर से कुछ दूरी पर ही क्लीनिक खोल लिया। पहले मैं एक हॉस्पिटल में जॉब करती रही लेकिन मैंने वहां से रिजाइन दे दिया और अपना ही क्लीनिक में काम शुरू कर दिया मेरे पास आसपास के पेशेंट आने लगे, एक दिन मेरे पास एक व्यक्ति आये वह मुझे कहने लगे मेरी तबीयत बहुत ज्यादा खराब है और मुझे 3 दिन से बुखार आ रहा है, मैंने उनसे पूछा क्या आपको इससे पहले भी बुखार आया था? वह कहने लगे नहीं इससे पहले तो मुझे दो वर्ष पहले बुखार आया था। मैंने उनके हाथ को पकड़ा तो उनका हाथ काफी गर्म हो चुका था मैंने उन्हें कहा आपको तो बहुत तेज बुखार है, मैंने जब उनका बुखार चेक किया तो उनको बुखार काफी ज्यादा था मैंने उन्हें कहा मैं आपको दवाई लिख कर दे देती हूं आप दो दिन बाद दोबारा से आ जाइएगा।
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मैंने उन्हें दो दिन की दवाई दे दी और वह चले गए, दो दिनों बाद जब दोबारा से वह क्लीनिक में आए तो कहने लगे मैडम मेरी तबीयत अभी ठीक नहीं हुई, मैंने उन्हें कहा कि आप खाने में परहेज कर रहे हैं, वह कहने लगे हां लेकिन अब भी मुझे आराम नहीं मिल रहा, मैंने उन्हें कहा ठीक है मैं आपको दवाई चेंज कर के दे देती हूं। मैंने उन्हें दवाई चेंज कर के दे दी उन्हें थोड़ा बहुत आराम तो मिल गया लेकिन वह जब दोबारा मेरे पास आए तो कहने लगे मुझे अभी पूरी तरीके से ठीक महसूस नहीं हो रहा वह मेरे पास तीन चार बार आए जब वह पूरी तरीके से स्वस्थ हो गए तो एक दिन वह क्लीनिक में आये और कहने लगे मैडम अब मेरी तबीयत ठीक हो चुकी है उनका नाम रोहन है और उसके बाद वह आते जाते मुझसे मिल लिया करते या फिर उनके परिवार में किसी को भी कोई बीमारी होती तो वह मेरे पास ले आते हैं क्योंकि उन्हें मेरा व्यवहार काफी पसंद आया था, उनके साथ मेरी दोस्ती हो चुकी थी उनकी उम्र और मेरी उम्र लगभग बराबर ही थी वह किसी कंपनी में मैनेजर हैं।

एक दिन रोहन जी ने मुझे मेरे व्हाट्सएप पर मैसेज किया उस वक्त मैं अपने क्लीनिक में थी इसलिए मैं उनसे बात नहीं कर पाई परंतु जब मैं शाम को घर गई तो मैंने सोचा रोहन जी को रिप्लाई कर देती हूं, मैंने उन्हें हाय लिख कर भेजा कुछ ही देर बाद उनका भी रिप्लाई मुझे आया और वह मुझे कहने लगे शीतल मैडम कैसी हो और हम दोनों की व्हाट्सएप पर चैटिंग शुरू हो गई, मैं चैटिंग में इतना व्यस्त हो गई कि मुझे पता ही नहीं चला कि कब मेरी मम्मी मुझे खाने के लिए आवाज लगाने लगी, मम्मी मेरे रूम में आई और कहने लगी शीतल तुम तो मेरी आवाज़ भी नहीं सुन रही हो मैं कब से तुम्हें खाने पर बुला रही हूं, मैंने मम्मी से कहा बस मम्मी कुछ देर में आती हूं। मैंने रोहन जी को व्हाट्सएप पर रिप्लाई किया और कहा कि मैं डिनर करने जा रही हूं उसके बाद आकर आपसे बात करती हूं, वह कहने लगे ठीक है तब तक मैं भी डिनर कर लेता हूं। मैं मम्मी और मेरे भैया टेबल पर बैठ कर डिनर कर रहे थे तब मेरे भैया ने कहा कि तुम्हारा काम कैसा चल रहा है, मैंने भैया से कहा भैया काम तो ठीक चल रहा है मेरे और मेरे भैया की बात चीत ज्यादा नहीं हो पाती क्योंकि मैं भी अपने क्लिनिक पर बिजी रहती हूं और भैया डॉक्टर हैं इस वजह से हम दोनों को ज्यादा समय नहीं मिल पाता, मेरे पिताजी भी डॉक्टर हैं जो कि लखनऊ में सरकारी अस्पताल में कार्यरत हैं। जब हम लोगों ने डिनर कर लिया तो मैं अपने रूम में चली गई मैंने चादर ओढ़ ली और मैंने रोहन को मैसेज रिप्लाई किया उनका कुछ देर तक तो मैसेज का रिप्लाई नहीं आया मुझे नींद आने लगी थी लेकिन तब तक रोहन का मैसेज मुझे आ गया मैंने रिप्लाई किया तो वह कहने लगे सॉरी मैं अपने ऑफिस का कुछ काम करने लग गया था मैं आपका मैसेज नहीं देख पाया, उन्होंने मुझसे मेरी पर्सनल लाइफ के बारे में पूछा और मैंने भी उनसे उनके बारे में पूछा, मुझे उस दिन पता चला कि उनके परिवार में उनके तीन भाई हैं और वह तीनों ही अब अलग रहते हैं रोहन अपने माता-पिता के साथ रहते हैं।

मैंने रोहन जी से पूछा आपने शादी के बारे में नहीं सोचा तो रोहन कहने लगे मुझे आपकी जैसी लड़की कभी मिली कि नहीं यदि आपके जैसी लड़की मुझे मिल जाती तो मैं जरूर शादी के बारे में सोचता, जब रोहन ने मुझसे यह बात कही तो मैंने भी मैसेज में रिप्लाई किया और कहा कि यदि मैं आपको हां कर दूं तो क्या आप मुझसे वाकई में शादी कर लेंगे, वह कहने लगे हां मैं आप से जरूर शादी करूंगा क्योंकि आपके बात करने का तरीका और आपका व्यवहार मुझे बहुत अच्छा लगा आपका व्यवहार बिल्कुल ही सामान्य है और आप बहुत ही शांत स्वभाव के भी हैं। उस दिन हम दोनों काफी रात तक चैटिंग पर बात करते रहे, अगले दिन मैं अपने क्लिनिक चली गई और मैं जब भी फ्री होती तो मैं रोहन को मैसेज कर दिया करती वह भी मुझे मैसेज का रिप्लाई कर दिया करते अब हम दोनों एक दूसरे से हर एक बात पूछने लगे थे कभी कबार हम दोनों फोन पर भी बात कर लिया करते हम दोनों एक दूसरे के बिना जैसे अधूरे से थे और मैं हमेशा ही रोहन से बात करने के लिए उत्सुक रहती, रोहन का फोन जब भी मुझे आता तो मैं झट से रोहन का फोन उठा लिया करती मुझे भी लगने लगा था कि शायद मैं रोहन से प्यार करने लगी हूं और रोहन भी मुझसे प्यार करने लगे हैं।

एक दिन मैंने रोहन से अपने दिल की बात कह दी क्योंकि मैं काफी समय तक सोचती रही कि क्या पता रोहन मुझे कहेंगे लेकिन उन्होंने कभी भी मुझसे अपने दिल की बात नहीं की और जिस दिन रोहन को मैंने प्रपोज किया तो उन्होंने ने भी मुझे झट से हां कह दी वह कहने लगे कि मैं तो कब से अपने दिल की बात तुम्हें बताना चाहता था लेकिन मेरी हिम्मत ही नहीं हुई और शायद इसी वजह से मैं तुमसे कुछ कह नहीं पाया लेकिन मैं भी तुमसे बहुत प्यार करता हूं और इसका पता मुझे उस वक्त लगा जब तुम मुझे मैसेज नहीं करती या फिर मेरा फोन रिसीव नहीं करती, मुझे तुम्हारी बहुत चिंता भी रहती है। रोहन मुझसे कभी कबार मिल भी लिया करते थे लेकिन जब हम दोनों मिल जाए तो एक दूसरे से खुलकर बात नहीं हो पाती थी जब हम दोनों की मैसेज के द्वारा या फिर फोन पर बात होती तो हम दोनों एक दूसरे से घंटों बात किया करते हैं परंतु जैसे ही हम दोनों एक दूसरे के सामने आते तो मेरी भी हिम्मत नहीं होती और ना ही रोहन की मुझसे बात करने की हिम्मत हो पाती लेकिन धीरे-धीरे हम दोनों एक दूसरे से बात करने लगे हम दोनों के रिलेशन को एक वर्ष के आस पास हो चुका था।  रोहन और मेरे बीच में इतनी ज्यादा बातें होने लगी थी कि हम दोनों एक दूसरे के बिना बिल्कुल भी रह नहीं पाते थे लेकिन मुझे इस चीज का डर था कि मेरे पिताजी शायद रोहन को कभी भी हां नहीं कहेंगे क्योंकि मेरे पापा हमेशा से चाहते हैं कि वह मेरी शादी एक डॉक्टर से ही करवाएं और रोहन डॉक्टर नहीं है इस बात की चिंता मुझे हमेशा रहती थी यह बात जब मैंने रोहन से कहीं तो वह कहने लगा कोई बात नहीं अभी हम लोग एक दूसरे को थोड़ा और समय देते हैं, रोहन दिल के बहुत ही अच्छे हैं। हम दोनों ने एक दूसरे को थोड़ा समय दिया, हम दोनों के बीच में एक दिन सेक्स हो गया उससे पहले हम दोनों के बीच कभी भी सेक्स नहीं हुआ था। एक दिन रोहन मेरे क्लीनिक में आया और कहने लगे मुझे तुमसे बात करनी है मैंने रोहन से कहा हां रोहन कहो।

रोहन और मैं साथ में बैठे हुए थे, रोहन ने जब मेरे हाथों को अपने हाथ में लिया तो मुझे भी अच्छा लगने लगा। जैसे ही रोहन ने अपने हाथ को मेरी जांघ पर रखा तो मैं मचलने लगी मेरी चूत फड़फड़ाने लगी। मैंने जैसे ही रोहन के होठों को चूमा तो मुझे बहुत अच्छा लगने लगा, रोहन भी मेरे होठों को चूमने लगा। हम दोनों ने एक साथ काफी देर तक किस किया मैंने रोहन से कहा यह सब यहां ठीक नहीं है। हम दोनों वहां से मेरे घर पर चले आए उस दिन मेरी चूत में कुछ ज्यादा ही खुजली हो गई थी इसलिए मैं और रोहन मेरे घर पर आ गए, मेरी मम्मी कहीं काम से बाहर गई हुई थी और भैय्या भी घर पर नहीं थे इसलिए मैं रोहन को अपने साथ ले आई। जब मैं रोहन को अपने साथ लाई तो रोहन और मैंने अपने कपड़े उतार दिए जब मैंने और रोहन ने अपने कपड़े उतारे तो मैंने रोहन के लंड को मुंह में ले लिया और उसके लंड को सकिंग करने लगी।

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मुझे उसके लड को चूसने में एक अलग ही मजा आ रहा था, काफी देर तक मे रोहन के लंड को चुसती रही जैसे ही रोहन ने अपने लंड को मेरी चूत में डाला तो मेरी चूत पूरी गीली हो चुकी थी। मेरी चूत मे रोहन के लंड के जाते ही मुझे बहुत दर्द महसूस होने लगा। रोहन मुझे तेजी से धक्के मारने लगा मैं अपने मुंह से सिसकिया लेने लगी, रोहन तेजी से मुझे धक्के दिए जाती। रोहन के झटको से मेरे मुंह से चीख निकल जाती जब रोहन ने मुझे घोड़ी बनाकर चोदना शुरू किया तो मेरे मुंह से चीख निकलने लगी। वह कहने लगा मुझे बहुत मजा आ रहा है मै और रोहन 10 मिनट तक एक दूसरे के साथ संभोग करते रहे मुझे बहुत मजा आया। जब रोहन और मैंने एक दूसरे के साथ सेक्स कर लिया तो मैंने रोहन से कहा तुम चले जाओ नहीं तो मम्मी आ जाएगी। रोहन और मैं एक दूसरे के साथ सेक्स कर के बहुत खुश थे। जब रोहन अपने घर चले गया तो रोहन ने मुझे फोन किया और कहा कि मैं घर पहुंच गया लेकिन आज का दिन मुझे याद रहेगा। मैंने रोहन से कहा मुझे भी तुम्हारी बहुत याद आ रही है और इस प्रकार से हम दोनों के बीच पहली बार सेक्स हुआ।