अनिता की खूनी चूत

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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सैम है. मेरे पापा के दोस्त की लड़की जो राजस्थान से थी और चंडीगढ़ पढ़ने के लिए आई थी और अब वो हमारे घर आने जानी लगी थी, उसका नाम अनिता था, वो 18 साल की थी. अब वो हमसे काफी घुलमिल गयी थी और मुझसे भी, लेकिन इतनी कमसिन हसीना को में भी पाना चाहता था और अपनी लंड की नयी खुराक समझकर उस पर लाईन मारने लगा था और थोड़ा बहुत वो भी मुझे पसंद करने लगी थी.

अब उसे कोई दिक्कत होती, तो पापा मुझे बोल देते थे कि अनिता की मदद कर दो, तो में उसकी मदद कर देता था. अब वो जब भी फ्री होती तो वो हमारे घर आ जाती और रात को हमारे यहाँ ही रहती थी, वो माँ के साथ सोती थी. अब में क़िसी मौके की तलाश में था कि कब बात बने?

फिर फाइनली मुझे उससे बात करने का मौका मिल ही गया. फिर एक दिन जब वो मेरे यहाँ आई, तो मम्मी और पापा बाहर गये हुए थे. अब मेरे घर में पड़ोस की छोटी लड़की निक्कू 10 साल की कभी-कभी आ जाती थी. अब में चाहता था कि कैसे भी उसे बाहर भेज दूँ? अब में सोच रहा था कि इतने में निक्कू मेरे पास आई और मुझसे कहा कि भैया ये प्रोब्लम सॉल्व नहीं हो रही है और एग्जाम के हिसाब से यह बहुत जरूरी है.

मैंने उसकी प्रोब्लम को देखा तो मुझे उसका हल आता था, लेकिन मैंने उससे कहा कि मुझे यह आता नहीं है, लेकिन कुछ किताब मिल जाए तो में यह प्रोब्लम हल कर सकता हूँ. फिर निक्कू बोली कि मेरे पास तो इस प्रोब्लम की कोई किताब नहीं है, लेकिन मेरे फ्रेंड करण के पास जरूर होगी, करण पड़ोस का ही लड़का है.

अब में अपना पीछा छुड़ाना चाहता था तो मैंने उससे तुरंत कहा कि तो जाओ और वो किताब ले आओ. फिर वो मान गयी और अनिता से कहा कि चलो, वो किताब ले आए, वो अनिता को जानती थी. तो इस पर मैंने कहा कि नहीं-नहीं, तुम जाकर किताब ले आओ तब तक में और अनिता इस पर कोई दूसरा हल है क्या? ये देखते है. अब मुझे पता था कि वो 10-15 मिनट में आ जाएगी. फिर वो जैसे ही गयी, तो मैंने अपना दरवाज़ा बंद कर दिया, तो अनिता हैरान हुई कि में ये क्या कर रहा हूँ?

फिर में अनिता के पास गया और उससे कहा कि घबराओं नहीं में कोई ऐसी वैसी हरकत नहीं करूँगा, अनिता में तुमसे कुछ बात करना चाहता हूँ. फिर उसने कहा कि क्या? तो मैनें कहा कि अनिता में तुम्हें पसंद करता हूँ. तो मेरी इस बात पर वो शर्मा गयी और जमीन की तरफ देखने लगी. फिर में और थोड़ा उसके करीब गया और अपने हाथ उसके कंधो पर रखकर बोला कि क्या तुम भी मुझे पसंद करती हो? तो वो कुछ नहीं बोली.

फिर मैंने उससे कहा कि अनिता क्या में तुम्हें किस कर सकता हूँ? तो वो अचानक से बोली कि नहीं- नहीं अभी कुछ भी नहीं, मुझे ये अच्छा नहीं लगता है और मेरे हाथ हटाकर बेडरूम में भाग गयी. फिर तो में भी उसके पीछे दौड़ा और उसको पकड़कर ज़ोर से बेड पर धकेल दिया. फिर वो जैसे ही बेड पर गिरी, तो में भी उसके ऊपर गिर गया. अब वो पूरी तरह से मेरे नीचे थी और में उसके ऊपर था. फिर मैंने अपने होंठ उसके होंठो पर रख दिए और करीब-करीब 5 मिनट तक उसे पागलों की तरह किस करता रहा, सोचो वो क्या सीन होगा? अब पहले तो वो मेरा विरोध करने लगी थी, लेकिन फिर धीरे-धीरे उसका विरोध ख़त्म हुआ और वो भी किस का आनंद लेने लगी, अब में तो जन्नत में था. फिर मैंने उसके बूब्स को छुआ, लेकिन मुझे ऐसे मज़ा नहीं आ रहा था, अब में उसके अंदर हाथ डालना चाहता था.

फिर जब मैंने उसके बूब्स को पूरा पकड़ लिया, तो वो बोली कि ओह सैम, प्लीज, आहहहहह, लीव मी, आआआ कोई आ जाएगा और हमें देख लेगा, प्लीज मुझे छोड़ दो, लेकिन में पूरी कोशिश में था कि आज ही उसका गेम बजा डालूं, लेकिन किस्मत को शायद ये मंजूर नहीं था और में आगे बढ़ पाता कि मुझे निक्कू के आने की आवाज़ सुनाई दी, तो में जल्दी से उस पर से हट गया और फिर हम दोनों ने अपने कपड़े ठीक कर लिए.

उस दिन तो वो चली गयी और अगले 3-4 दिन तक मेरे घर पर आई ही नहीं. अब में डर गया था कि कहीं वो यह बात निक्कू को तो नहीं बता देगी, तो मेरी खैर नहीं या मेरी माँ को नहीं बता दे, लेकिन उसने क़िसी को कुछ नहीं कहा. फिर कुछ दिन के बाद मेरे मम्मी, पापा को मामा के यहाँ जाना पड़ा और क्योंकि मेरा कॉलेज था तो में नहीं गया था, तो ये सर्प्राइज़ था कि अनिता ये नहीं जानती थी कि मेरे मम्मी, पापा घर पर नहीं है और वो मेरे घर आ गयी.

फिर उसने डोर बेल बजाई तो मैंने दरवाज़ा खोला. फिर उसने मेरी मम्मी के बारे में पूछा तो मैंने कहा कि वो अंदर है जाओ बेडरूम में तुम्हारा ही इंतज़ार हो रहा है. फिर वो अंदर चली गयी, तो में भी उसके पीछे-पीछे आ गया. अब मुझे डर था कि कहीं वो उस दिन की तरह नाराज ना हो जाए. फिर मैंने दरवाज़ा बंद कर दिया और फिर अनिता बाहर आई और बोली कि अंदर तो कोई भी नहीं है. फिर इस पर में मुस्कुराया और कहा कि हाँ मेरी रानी अंदर कोई भी नहीं है, सब लोग गाँव गये है और अब सिर्फ़ में और तुम ही घर पर है. फिर वो थोड़ी घबराकर दरवाजे की तरफ भागी, लेकिन मैंने झपटकर उसे दबोचा और अपनी बाहों में उठा लिया.

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मैंने उस पोज़िशन में भी उसकी गांड को दबाने का मौका नहीं छोड़ा. फिर में उसे सीधा अपने बेडरूम में ले गया और उसे बेड पर सुला दिया. तो उसने कहा कि मुझे जाने दो सैम, कोई देख लेगा तो क्या कहेगा? तो मैंने उसे अपनी बाहों में भर लिया और समझाया कि डरो मत अनिता ये बात सिर्फ़ हम दोनों तक ही सीमित रहेगी और तुम तो यहाँ रोज आती हो तो किसी बाहर वाले को शक भी नहीं होगा, अब चुपचाप मुझे वो करने दो जो में करना चाहता हूँ, प्लीज अब मुझे मत रोको.

फिर मैंने उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए और धीरे से अपना एक हाथ उसकी सलवार की चैन पर ले गया और फिर मैंने उसकी वो चैन खोल दी. तो उसने कहा कि जो भी करना है ऊपर से करो, इसे क्यों उतार रहे हो? तो मैंने कहा कि जानेमन इसके बिना मज़ा नहीं आएगा और फिर मैंने धीरे-धीरे उसकी सलवार नीचे से लेकर उसके हाथों से लेकर उतार दी. तो वो बोली कि ऐसा मत करो, प्लीज ऐसा मत करो, लेकिन अब में सुनने के मूड में नहीं था.

मैंने अपना ध्यान उसकी कमीज पर लगा दिया और उसकी कमीज उतारने के लिए मुझे बहुत मेहनत करनी पड़ी. अब वो नहीं मानी तो फिर मैंने उसे प्यार से समझाया कि देखो अनिता, में तुम्हे आज ऐसे ही जाने नहीं देने वाला, मुझे इन्जॉय करने दो और में अपनी मनमानी कर लूँ. फिर इससे उसका विरोध थोड़ा कम हो गया और मैंने मौका देखकर उसकी कमीज भी नीचे उतार दी. अब वो सिर्फ ब्रा और पेंटी में थी, उसने ब्लेक ब्रा और ब्लेक पेंटी पहनी थी. अब वो कितनी हसीन लग रही थी? वो काला रंग उसकी गोरी और चिकनी स्किन पर चमक रहा था, वो सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में बहुत ही सेक्सी लग रही थी.

अब मेरे हाथ उसके पूरे शरीर पर दौड़ रहे थे. अब वो जोर-जोर से सिसकारियां ले रही थी आहह नो, प्लीज लीव मी, कोई देख लेगा, लेकिन अब मुझ पर उसकी जवानी का भूत सवार हो चुका था. अब में उसके बूब्स को उसकी ब्रा के ऊपर से ज़ोर-ज़ोर से दबा रहा था. अब उसका जिस्म देखकर मुझे ऋतु भाभी की याद आ गयी थी. अब वो कह रही थी नो नो, अऔचह, समीर जरा धीरे, प्लीज जरा धीरे, मुझे दर्द हो रहा है. फिर मैंने उसे चाटना शुरू किया, उसके फेस से लेकर हाथ, पेट, पैर. अब में उसे पागलों की तरह चाट रहा था तो इतने में मेरी नजर उसकी ब्रा पर गयी तो मैंने सोचा कि ये अब तक यहाँ क्यों है? इसे तो अब तक उतर जाना चाहिए था और फिर मैंने उसकी ब्रा भी उतार दी. फिर मैंने भी अपने कपड़े उतारने शुरू किए और धीरे-धीरे में भी उसके सामने नंगा हो गया, तो इस पर उसने अपनी आँखें बंद कर ली.

फिर मैंने उसे फिर से अपनी बाहों में लिया और उसे किस किया. अब वो भी पूरे मूड में आ गयी थी और मेरा साथ दे रही थी. अब मेरा लंड बहुत गर्म और टाईट हो गया था और अब मुझे डर था कि अगर में ऐसे ही खेलते रहा, तो ये बाहर ही अपना लावा उगल देगा इसलिए मैंने अपना एक हाथ उसकी पेंटी पर रख दिया और उसकी चूत पर से धीरे-धीरे सहलाना शुरू किया. अब में चैक कर रहा था कि अंदर का मौसम कैसा है? तो उसकी चूत गीली थी और मेरा लंड अंदर था. फिर मैंने उसकी पेंटी उतार दी, तो वो बोली कि ये मत करो, इतना सब तो तुम कर चुके हो, प्लीज मुझे जाने दो, कोई देख लेगा, लेकिन मैंने उसकी पेंटी निकालकर फेंक दी. अब वो बिल्कुल नंगी मेरे सामने लेटी थी. अब वो अपने गुप्तांगो को छुपाने की असफल कोशिश कर रही थी और में उसकी तरफ देखकर हंस रहा था.

फिर मैंने अपना हाथ उसके बूब्स पर रखा और हल्के से उसे दबाया और साथ ही उसका दूसरा बूब्स अपने मुँह में लेकर चूसने लगा. फिर अनिता मौन करने लगी आआआआआअहह, प्लीज, सस्स्स्स्सस्सस्स, आह समीर गुदगुदी हो रही है. फिर मैंने धीरे से अपना एक हाथ उसकी दोनों टाँगों के बीच में डाल दिया और उसकी दोनो टाँगों को चौड़ा कर दिया और उसकी दोनों टाँगों के बीच में बैठ गया और अपने एक हाथ से उसकी चूत को टटोला.

मैंने अपना एकदम टाईट लंड उसकी चूत पर रखा और एक ज़ोर का झटका दिया. तो वो बहुत ही ज़ोर से चिल्लाई ओह माई गॉड, प्लीज ऐसा मत करो, नहीं-नहीं, बाहर निकालो, में मर जाऊंगी, प्लीज रहम करो, समीर प्लीज दर्द हो रहा है. अब वो ज़ोर-जोर से रोने लगी थी, तो में थोड़ा घबरा गया, लेकिन मैंने कहा कि अब ज्यादा दर्द नहीं होगा और धीरे से दूसरा झटका लगाया तो मेरा लंड आधा उसकी चूत में चला गया.

फिर वो सिसकते हुए बोली कि ओह समीर प्लीज बाहर निकालो, बहुत दर्द हो रहा है, ऊऊऊईईईईई, माँ आआआआआआआ, में मर गयी. फिर मैंने थोड़ा सा अपना लंड बाहर निकाला और फिर अपना लंड अंदर डाला. फिर थोड़ी देर के बाद उसका दर्द कुछ कम हुआ और वो भी मजे लेने लगी. अब में उसके ऊपर था और मेरे दोनों हाथ उसके हाथों को रोकने की कोशिश कर रहे थे और मेरे होंठ उसके होंठो पर थे, यह बहुत सेक्सी पोज़िशन थी, मुझे जब भी याद आती है तो में मुठ मार देता हूँ. फिर मैंने एक ज़ोर का झटका लगाया, तो वो चिल्ला उठी ऊऊऊऊऊहह समीर, प्लीज धीरे करो, ऊऊऊऊऊहह, ये कैसा आनंद है? अब पूरे रूम में आआआआअहह, ऊऊओह, अऔचह, प्लीज, सस्स्स्स्सस्स्स्स्सस्स्स्सस और पच-पच की आवाज़े आ रही थी. अब 20 मिनट की चुदाई के बाद मेरा लंड झड़ने वाला था और उसकी चूत भी दो बार अपना पानी छोड़ चुकी थी.

फिर मैंने उसे ज़ोर से पकड़ा और ज़ोर-जोर से उसकी चुदाई शुरू की. अब अनिता कह रही थी कि प्लीज सैम ज़ोर से चोदो, मेरी चूत मारो, आअहह फुक मी, लव मी, आआआआअहह, समीर प्लीज, ओह गॉड, आई एम इन हेवेन प्लीज, आआआआहह मारो, ज़ोर से. अब उसकी चूत मेरे लंड के पानी से भर गयी थी, जो मेरे लंड ने उसकी चूत के अंदर छोड़ा था.

थोड़ी देर के बाद उसने भी अपना पानी छोड़ दिया और हम दोनों शांत हो गये. फिर मैंने देखा कि बेड पर खून के दाग गिरे थे और यह उसके लिए दर्द भरा था, लेकिन यह एक नये अनुभव का सफर था. फिर वो खड़ी हुई, लेकिन अब उससे सही तरीके से खड़ा भी नहीं हुआ जा रहा था. अब उसको दर्द हो रहा था और फिर वो खड़ी होकर मेरे सीने से लिपट गयी और बोली कि प्लीज किसी से मत कहना, अब में जब भी फ्री रहूंगी तो तुझसे चुदवा लूँगी. फिर हमें जब कभी भी कोई मौका मिला तो हमने खूब चुदाई की और खूब इन्जॉय किया.