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ऑफिस के लड़के ने मेरी इच्छा को पूरा किया
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मेरा नाम सुजाता है मैं दिल्ली की रहने वाली हूं, मेरी उम्र 29 वर्ष है। मेरी शादी को एक वर्ष हो चुका है, मेरे पति का नाम राजेश है। मैं आपसे रिश्ते से बिल्कुल भी खुश नहीं हूं क्योंकि मेरे ससुराल वाले मुझ पर दहेज के लिए हमेशा ही दबाव बनाते रहते हैं, वह कहते हैं कि तुम्हारे घर वालों ने हमें कुछ भी नहीं दिया। मैं हमेशा उन्हें कहती हूं कि जितना वह दे सकते थे उन्होंने उससे ज्यादा ही आप लोगों को दिया है परंतु उसके बावजूद भी मेरे ससुराल पक्ष वाले बिल्कुल भी मेरी बात नहीं सुनते और हमेशा ही मुझे कुछ ना कुछ बात पर ताने मरते रहते हैं। पहले मुझे लगा कि मेरे पति का व्यवहार अच्छा होगा। मुझे उनके साथ रहते हुए एक वर्ष हो चुका है तो उसके बाद मुझे पता चला कि मेरे पति का नेचर भी ऐसा ही है लेकिन वह भी दहेज के लालची हैं और वह मुझ पर बहुत दबाव बनाते हैं इसलिए मैं बहुत ज्यादा तनाव में रहती हूं परंतू यह बात मैंने अपने घर पर नहीं बताई क्योंकि मुझे लगा की वह लोग परेशान हो जाएंगे।

मेरी एक छोटी बहन और है उसकी शादी भी अभी होनी है यदि मैंने उन्हें घर पर अपने बारे में बता दिया तो वह परेशान हो जाएंगे। मेरी बहन के लिए भी रिश्ते आने लगे थे इसी वजह से मैंने उन्हें घर में कुछ भी नहीं बताया। मैं तनाव में थी और मैं बहुत ज्यादा परेशान हो गई थी। मेरे और राजेश के बीच में बिल्कुल भी बातें नही हो रही थी इसी वजह से मैं बहुत परेशान हो गई थी। मुझे कई बार ऐसा लगता था कि मैंने यह शादी कर के बहुत बड़ी गलती की है क्योंकि मेरे ससुराल वालों ने मुझसे सब कुछ झूठ कहा था। मेरे पति किसी बड़ी कंपनी में नौकरी नहीं करते, बल्कि वह एक छोटी सी कंपनी में नौकरी करते हैं और ना ही उनके तनख्वाह इतनी ज्यादा है कि वह घर का खर्चा चला पाए। मेरे पति घर में एकलौते हैं लेकिन उनकी नौकरी अच्छी नहीं है और ना ही मेरे ससुराल पक्ष वाले आर्थिक रूप से इतने सक्षम है कि वह कुछ भी अपने पैसों से खरीद सके इसीलिए वह बार-बार मुझे ही परेशान करते रहते हैं।

मेरे पिताजी बैंक में हैं और मेरी मां भी घर में सिलाई का काम करती हैं इसीलिए मेरे पिताजी से जितना हो सकता था उन्होंने शादी में खुलकर खर्चा किया। किसी भी चीज में उन्होंने कमी नहीं रखी लेकिन उसके बावजूद भी मेरे ससुराल पक्ष वाले बिल्कुल भी खुश नहीं थे और कहने लगे कि तुम्हारे घर वालों ने शादी में हमारी बिल्कुल भी खातिरदारी नहीं की। एक दिन हम लोगों का इतना ज्यादा झगड़ा बढ़ गया कि मैंने उस उस दिन अपने घर पर फोन कर दिया और जब मैंने अपने पिताजी को यह बात बताई तो वह भी बहुत गुस्सा हो गए और मुझे कहने लगे कि तुमने इतने समय से हमें यह सारी बातें क्यों नहीं बताई। मेरे पिताजी को पता है कि मेरा व्यवहार बिल्कुल भी झगड़ालू किस्म का नहीं है, मैंने आज तक कभी भी किसी के साथ झगड़ा नहीं किया।  मैं बहुत ही शांत स्वभाव की हूं इसीलिए मेरे पिताजी ने मुझे कहा कि तुम घर आ जाओ उसके बाद मैं उन लोगों से बात कर लूँगा। मैं उस दिन अपने घर चली गई और उसके बाद राजेश मुझे फोन करते रहे लेकिन मैंने उनका फोन नहीं उठाया। शाम को जब मेरे पिता जी ऑफिस से लौटे तो उन्होंने मुझसे सब कुछ पूछा, मैंने उन्हें बताया कि वह लोग मुझे काफी समय से दहेज के लिए परेशान कर रहे हैं लेकिन मैं आपको बिल्कुल भी बताना नहीं चाहती थी इसीलिए मैंने आपको कभी इसके बारे में जानकारी नहीं दी, लेकिन अब मुझे लगने लगा था कि शायद अब कुछ ज्यादा ही झगड़े होने लगे हैं इस वजह से मैंने आपको फोन किया। जब मैंने अपने पिताजी को यह सारी बात बताई तो उन्होंने गुस्से में मेरे पति को फोन कर दिया और कहने लगे कि तुम लोगों ने हमारे साथ धोखा किया है और मैं तुम्हारी कंप्लेंट अब मैं पुलिस में करूँगा। मेरे पति उनके सामने गिड़गिड़ाने लगे और कहने लगे कि आप मुझसे एक बार मिल लीजिए उसके बाद ही हम लोग इस बारे में बात कर पाएंगे लेकिन मेरे पिताजी उनकी एक भी बात सुनने को तैयार नहीं थे। उसके बाद उन्होंने पुलिस में कंप्लेंट करवा दी। जब पुलिस में कंप्लेंट हुई तो उसके बाद वह लोग भी थाने में आ गए और वहां बैठकर वह मेरे पिता जी से माफी मांगने लगे।

मेरी सास मुझसे कहने लगे कि हमने तो तुमसे कभी भी झगड़ा नहीं किया और ना ही तुम्हें कभी भी किसी प्रकार की तकलीफ दी है लेकिन मैंने उन्हें कहा मैंने तो आपको हमेशा ही अपनी मां की तरीके से माना परंतु आपने कभी भी मुझे अपनी बेटी की तरह नहीं माना और हमेशा ही मुझ पर दहेज के लिए दबाव बनाते हो। मेरे पिताजी ने बिल्कुल भी राजेश की बात नहीं सुनी और उन्होंने पुलिस में कंप्लेंट दर्ज करवा दी। उसके बाद जब पुलिस ने जांच की तो जितना भी हम लोगों ने उन्हें दहेज दिया था वह सब उन्होंने हमें लौटा दिया, उन्होंने अपने रिश्तेदारों से भी पैसे लेकर हमें वह वापस कर दिए। अब मेरा राजेश के साथ कोई भी संबंध नहीं था और ना ही मुझे उससे कोई मतलब था लेकिन मैं अपने घर में बहुत ही परेशान थी, मुझे कई बार लगता था कि अब मेरा क्या होगा। मेरी वजह से कहीं मेरी छोटी बहन पर भी कोई दिक्कत ना आ जाए और कहीं उसके लिए रिश्ते आने बन्द ना हो जाये,  लेकिन मेरे माता-पिता ने कभी भी मुझे इस चीज का एहसास नहीं होने दिया और धीरे-धीरे मैं इन सब चीजों से उभरने लगी। मैं घर पर ही थी तो मैंने सोचा कि मैं कहीं नौकरी कर लेती हूं इसीलिए मैंने एक कंपनी ज्वाइन कर ली। वहां पर मैं अकाउंट का काम संभालने लगी थी। उसी ऑफिस में एक लड़का भी काम करता है, उसका नाम विमल है।

विमल और मेरे बीच में काफी नजदीकियां होने लगी थी और जब उसे मेरे बारे में पता चला कि मेरा डिवोर्स हो चुका है तो वह मुझसे पूछने लगा कि यह सब कैसे हुआ। मैंने उसे बताया कि मेरे ससुराल वाले मुझे दहेज के लिए बहुत परेशान करते थे इसीलिए मैंने डिवोर्स ले लिया और अब मैं अपने घर पर ही रहती हूं। विमल का नेचर बहुत ही अच्छा और शांत है वह ऑफिस में ज्यादा किसी से बात नहीं करता,  वह सिर्फ अपने काम से ही मतलब रखता है। मुझे भी विमल अच्छा लगने लगा था और धीरे-धीरे हम दोनों में नजदीकियां पड़ने लगी। वह भी मुझे एक्सेप्ट करने को तैयार था और उसने मेरे पिताजी से भी इस बारे में बात की। मेरे पिताजी ने भी उसे मना नहीं किया और हम लोगों की रिश्ते की बात आगे बढ़ने लगी लेकिन मैंने विमल से कहा कि मुझे कुछ समय और चाहिए। उसके बाद ही मैं तुमसे शादी का फैसला कर पाऊंगी क्योंकि मैं नहीं चाहती थी कि जो गलती मैंने पहले की है। वह इस बार मैं दोबारा करू। राजेश ने भी मुझ से बहुत कुछ चीजें छुपाई थी इसीलिए मैंने यह मैंने उससे साफ कह दिया और कहा कि पहले मुझे तुम्हारे साथ कुछ वक्त बिताना है, उसके बाद ही मैं तुमसे शादी करूंगी। विमल को भी इससे कोई भी आपत्ति नहीं थी और अब हम दोनों ही साथ में समय बिताने लगे। हम लोग जब भी ऑफिस से फ्री होते तो कुछ समय विमल और मैं साथ में ही कहीं पर बैठ जाया करते थे और काफी देर हम लोग बात करते थे। विमल मुझे हमेशा ही मेरे घर पर छोड़ने आता था और मैं विमल के घर वालों को भी मिल चुकी थी लेकिन उसके घर पर मेरा इतना आना जाना नहीं था। विमल का हमारे घर पर काफी आना जाना था। मेरे माता-पिता विमल को बहुत पसंद करते हैं और वह उसकी बहुत तारीफ करते हैं। वह मुझे कहते हैं कि तुम विमल से जल्दी से जल्दी शादी कर लो क्योंकि वह बहुत ही अच्छा लड़का है और तुम्हें बहुत खुश रखेगा लेकिन मैंने अपने मम्मी पापा से कहा कि मुझे कुछ और समय चाहिए। उसके बाद ही मैं शादी करूंगी। विमल और  मेरे बीच में बहुत ही अच्छा रिलेशन है वह मुझे बहुत अच्छे से समझता है। एक दिन विमल मुझे कहने लगा कि मुझे तुमसे अकेले में बात करनी है क्या तुम मुझसे अकेले में मिल सकती हो। मैंने उसे कहा ठीक है मैं तुमसे अकेले में मिलत हू। उस दिन उसने मुझे अपने घर बुला लिया और जब मैं विमल के घर गई तो वह अपने कमरे में बैठा हुआ था।

उसके घर पर उस दिन कोई भी नहीं था। विमल मेरे साथ ही बैठा हुआ था और हम दोनों साथ मे बैठे हुए थे हम आपस में बात कर रहे थे और बात करते-करते विमल ने मेरी जांघो को सहलाना शुरू कर दिया और उसने मुझे अपनी बाहों में ले लिया। जब उसने मुझे अपनी बाहों में लिया तो मुझे भी अंदर से कुछ गर्मी महसूस होने लगी। मैंने भी विमल के होठों को किस करना शुरू कर दिया मैंने उसके होठों को बहुत अच्छे से चूसा जिससे कि उसका पूरा शरीर गर्म हो गया था। उसने अपने लंड को बाहर निकाल दिया जब मैंने उसके 9 इंच मोटे लंड को देखा तो मैंने उसे अपने मुंह में ले लिया और बहुत अच्छे से चूसने लगी। मैंने उसके लंड को अच्छे से सकिंग किया तो उसे बहुत मजा आने लगा और कुछ देर बाद उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए। वह मेरे स्तनों को अपने मुंह में ले रहा था तो मेरे अंदर से गर्मी बाहर आती और मुझे बहुत अच्छा महसूस होने लगा। उसने मेरी योनि को भी काफी देर तक चाटा जब वह मेरी चूत को चाट रहा था तो मेरी योनि से पानी निकलने लगा। जब उसने अपने मोटे लंड को मेरी योनि में डाला तो मुझे बहुत दर्द महसूस हुआ। मैंने अपने दोनों पैरो को चौडा कर लिया विमल मुझे बड़ी तेजी से झटके देने लगा। मैंने काफी समय बाद किसी के साथ सेक्स किया था इसलिए मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था और मैं उसका पूरा साथ दे रही थी। मैं अपने मुंह से मादक आवाज निकल रही थी और वह मुझे तेजी से धक्के मार रहा था। उसने मुझे इतने तेज धक्के मारे कि मुझसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हुआ और जब मैं झड़ने वाली थी तो मैंने अपने दोनों पैरों से विमल को जकड़ लिया। जैसे ही उसका वीर्य मेरी योनि में गया तो मुझे बहुत अच्छा महसूस होने लगा और हम दोनों एक दूसरे को पकड़कर लेटे गए।

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