दोस्त की बहन की टाईट चूत

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 हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राहुल है और में दिल्ली का रहने वाला हूँ। दोस्तों आज में आप सभी  चाहने वालो को अपने जीवन की एक सच्ची घटना, जिसमे मैंने अपने एक दोस्त की बहन के साथ उसकी जमकर चुदाई के मज़े लिए वो सब सुनाने के लिए लिए आया हूँ। दोस्तों अपनी इस कहानी को शुरू करने से पहले में अपना और उस लड़की का परिचय भी करवा देना चाहता हूँ। दोस्तों आप सभी की तरह मुझे भी सेक्सी कहानियों को पढ़ने का पिछले कुछ सालों से बहुत शौक है और में अब ना जाने कितनी कहानियों को पढ़कर उनके मज़े ले चुका हूँ। दोस्तों मेरी उम्र 21 साल और मेरी लम्बाई 5.5 इंच है। में दिखने में एकदम ठीक-ठाक होने के साथ साथ ही मेरे लंड की लम्बाई सात इंच है जो किसी भी प्यासी चूत की चुदाई करके उसको संतुष्ट करने के लिए बहुत अच्छा साधन है। दोस्तों में रहने वाला दिल्ली का हूँ लेकिन अब में अपनी नौकरी की वजह से बेंगलोर में रहता हूँ, में एक प्राइवेट कम्पनी में एक सॉफ्टवेर का काम करता हूँ और इसलिए मुझे यहाँ आकर रहना पड़ा। यहीं पर मेरा एक बहुत पुराना दोस्त भी रहता है, उसकी एक बहन है जिसका नाम अनु है। उसकी भी उम्र 21 साल है और उसकी लम्बाई 5.3 इंच होने के साथ साथ वो दिखने में बहुत सुंदर बड़ी ही आकर्षक लगती है और उसके बूब्स का आकार 36-30-38 होने के साथ साथ जब भी वो चलती है तो मुझे उसके हिलते हुए वो बड़े आकार में गोलमटोल बूब्स और कूल्हें दिखाई देते है।
दोस्तों में उसको पहली बार देखकर ही उसका दिवाना बन चुका था और कुछ दिनों बाद ही मैंने उसके घर आना जाना शुरू किया और हमारे बीच बड़ी गहरी दोस्ती धीरे धीरे प्यार में बदल गई। अब में उसको कहीं बाहर और कभी उसके घर में ही छुप छुपकर मिलने लगा था और हम कई बार बाहर भी घूमने गए। उसको मेरे साथ और मुझे उसके साथ रहना समय बिताना बड़ा अच्छा लगने लगा था। फिर एक दिन में उसको मिलने उसी के घर गया था तब मेरी अच्छी किस्मत ने मेरा साथ दिया और वो उस समय अपने घर में बिल्कुल अकेली ही थी और आज में उसके साथ अपने मन की इच्छा वो सभी काम करना चाहता था। में जिसके बारे में सोच रहा था और मैंने दरवाजे की घंटी बताई और उसी ने आकर दरवाजा खोल दिया। दोस्तों मैंने देखा कि वो बहुत खुश बड़ी हॉट सेक्सी लग रही थी, उसने मुझे अंदर आने को कहा में अंदर जाकर सोफे पर बैठ गया। अब में उसको कुछ पूछता उसके पहले ही उसने मुझे बताया कि आज में घर में बिल्कुल अकेली हूँ। अब उसके मुहं से यह बात सुनकर मेरी हिम्मत पहले से कुछ ज्यादा बढ़ गई और मैंने उसके बूब्स पर अपने एक हाथ को रख दिया, लेकिन उसने उस समय मुझसे कुछ भी नहीं कहा और उसकी तरफ से बिल्कुल भी विरोध ना देखकर में मन ही मन बहुत खुश हुआ।

अब मैंने धीरे धीरे उसके बूब्स को दबाना शुरू किया और तभी कुछ देर बाद अचानक से मैंने उसका एक हाथ अपने लंड पर महसूस किया और हम दोनों एक दूसरे में खो गए। फिर कुछ घंटे उसके साथ बिताने के बाद में अपने घर वापस आ गया, लेकिन मेरा मन अब अपने घर नहीं लगा, में हर समय उसके साथ चुदाई के सपने देखने लगा था और उस दिन भगवान ने मेरे मन की बात को सुनकर एक दूसरा मौका भी दिया। फिर कुछ दिनों के बाद उसके घरवाले किसी काम की वजह से शहर से बाहर चले गये और उसने मुझसे फोन करके कहा कि उसको अकेले में बहुत डर लगता है, क्या आप आज शाम को कुछ देर के लिए मेरे घर आ सकते है? और फिर में उसको हाँ कहकर खुश होकर उसी शाम को उसके घर चला गया। मैंने देखा कि वो मुझे अपने पास पाकर बहुत खुश नजर आ रही थी। फिर उसके कहने पर में अंदर जाकर बैठ गया और थोड़ी देर तक हमारे बीच इधर उधर की बातें होती रही और फिर अचानक से वो कुछ देर बाद मेरे एकदम पास में सरककर बैठ गयी, जिसकी वजह से अब हमारे बीच कोई दूरी नहीं बची थी। अब मैंने आगे बढ़कर उसका हाथ अपने हाथ में ले लिया और में उसको सहलाने लगा, तभी वो मुस्कुराने लगी और अब मेरी हिम्मत धीरे धीरे बढ़ गई और मैंने उसके बूब्स को कपड़ो के ऊपर से ही दबाना शुरू किया।

फिर मैंने देखा कि मेरे ऐसा यह मज़े लेते समय उसने अपनी दोनों आखों को बंद कर लिया था और वो धीरे धीरे जोश में आकर गरम हो रही थी। फिर हम दोनों वहीं पर लेट गये और में उसके ऊपर चढ़ गया और मैंने उसका वो गाउन थोड़ा सा ऊपर सरका दिया, जिसकी वजह से अब मेरा सात इंच का मोटा लंबा लंड उसकी गरम चूत पर पेंटी के ऊपर से ही रगड़ खा रहा था। फिर मैंने जैसे ही उसकी पेंटी को नीचे सरकाना चाहा, वो एकदम से पलटकर उल्टी होकर लेट गयी। अब मैंने भी पीछे से थोड़ी सी जगह बनाई और अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ना शुरू किया और वो सिर्फ़ लगातार नहीं नहीं कर रही थी और वो लंबी लंबी सांसे ले रही थी। फिर मैंने एक तकिया उसके पेट के नीचे लगा दिया और उसकी पेंटी को खींचकर अलग कर दिया और अब इस तरह से मुझे उसकी चूत का वो छोटा सा गुलाबी रंग का छेद साफ नजर आ रहा था जो मुझे लगातार अपनी तरफ आकर्षित कर रहा था। अब मैंने अपने लंड को उसकी चूत में डालने का निर्णय लिया और मैंने अपने लंड के टोपे को उसकी कामुक चूत पर धीरे से दबाव डालकर दबाना शुरू किया जिसकी वजह से वो एकदम से चीख पड़ी।

अब मैंने पीछे से ही उसके दोनों हाथों को पकड़ लिया और एक ज़ोर का झटका लगा दिया और उस दर्द की वजह से वो चिल्ला पड़ी आह्ह्हहह नहीं आईईई प्लीज अलग हटो मुझे बहुत तेज दर्द हो रहा है में इसकी वजह से मर जाउंगी। दोस्तों अब मैंने उसके बदन को अपने हाथों से सहलाना शुरू कर दिया था और अब तक मेरा लंड करीब दो तीन इंच तक उसकी चूत के अंदर जा चुका था और वो आठ दस सेकिंड के बाद ही धीरे धीरे सिसकने लगी थी। अब वो सिसकियाँ लेते हुए मुझसे कहने लगी ऊउईईई माँ मुझे बड़ा तेज दर्द हो रहा है प्लीज अब बस भी करो, में वैसे ही रुक गया और कुछ देर बाद मैंने उसको अपने सामने डॉगी स्टाइल में करके अपने लंड को उसकी चूत के अंदर डालकर कुछ देर वैसे ही रहने दिया और में थोड़ी देर ही उसके पीछे बैठा रहा। फिर मैंने उसकी चूत से निकली कुछ खून के बूंद देखी और उनको मैंने अपने एक रुमाल से साफ कर दिया, वरना वो अपनी चूत से निकले खून को देखकर डर जाती। फिर कुछ देर बाद जब वो मुझे थोड़ा सा शांत नजर आने लगी और तब मैंने अपना पूरा लंड एक ही जोरदार झटके के साथ पूरा अंदर डाल दिया। अब वो मुझसे छूटने उठने की कोशिश करती हुई चिल्ला पड़ी आईईईइ माँ मार डाला उफफ्फ्फ्फ़ और में वैसे ही कुछ देर दोबारा रुक गया।
फिर कुछ देर बाद अचानक से मैंने जोश में आकर चार पांच झटके एक बार फिर से दे दिए, जिसकी वजह से वो दोबारा से चीख उठी ऊउईईईईईइ आह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़। दोस्तों उसके चूत इतनी टाइट थी कि मुझे अब लगा जैसे कि में कहीं झड़ ही ना जाऊं और इसलिए में भी थोड़ा सा रुक गया और तभी मुझे लगा कि उसकी चूत में अंदर ही अंदर कुछ हलचल मुझे महसूस हो रही है। फिर एक हल्के से दबाव के बाद अंदर जब गीला सा हो गया तब उसी समय मैंने कुछ चिपचिपा सा महसूस करके धक्के देने का निर्णय लिया और अब उस काम को करने पर मुझे महसूस किया। अब मेरा लंड बड़े ही आराम से फिसलता हुआ उसकी चूत के अंदर बाहर होने लगा था, इसलिए में बहुत खुश होकर धक्के देने लगा और अब वो भी पहली बार थोड़ा सा मुस्कुराने लगी। अब मैंने भी लगातार धक्के देना शुरू कर दिए और फिर पहली बार उसने भी मेरे साथ साथ अपनी पतली कमर को आगे पीछे हिलाकर वो मुझसे कहने लगी अह्ह्ह हाँ अब और ज़ोर से थोड़ा ज़ोर से करो ना। फिर उसके मुहं से यह बात सुनकर मुझे भी जोश आ गया। मैंने उसकी कमर को अच्छी तरह कसकर पकड़ा और अब मैंने उसको ज़ोर ज़ोर से बड़े तेज धक्के देकर चोदना शुरू कर दिया।

दोस्तों मैंने बड़ी तेज गति से ताबड़तोड़ धक्के दिए जिसको सह पाना उसके लिए कुछ देर बाद बड़ा मुश्किल हो चुका था इसलिए अब वो दोबारा से मुझसे अपना पीछा छुड़ाकर एकदम से भागने की कोशिश करने लगी थी, लेकिन में उसको कमर से पकड़कर दबोच रहा था। दोस्तों अब वो मेरे सामने बिल्कुल उस एक लाचार बेबस कुतिया की तरह अपने दोनों घुटनों पर बैठी हुई थी जो पहले तो कुत्तो को अपनी तरफ आकर्षित कर लेती है लेकिन जब कुत्ता अपनी औकात पर आकर उसकी चूत में लंड को डालकर उसकी चुदाई करता है और वो उसके मोटे लंड को बाहर निकालने के लिए दर्द से छटपटाती हुई भागने की कोशिश तो बहुत बार करती है, लेकिन हर बार नाकाम रहती है, ठीक वैसा ही हाल उसका भी था। अब में पीछे से उसको बड़ी तेज धक्के लगा रहा था और मेरा पूरा लंड फिसलता हुआ उसकी गीली चूत के अंदर बाहर हो रहा था। फिर तीन चार मिनट की उस जोरदार चुदाई के बाद में एकदम थककर उसके ऊपर ही पड़ गया और यही हाल उसका भी था। दोस्तों अब मेरे लंड से मेरा वीर्य वो जोश बाहर आने लगा था, जिसकी वजह से में अब तक उसको छोड़ने का नहीं उसकी चुदाई करके आज उसकी चूत का चोद चोदकर भोसड़ा बना देने का विचार बना रहा था और मैंने ऐसा वैसे अब उसके साथ कर भी दिया था। दोस्तों अब मेरी उस जानवरों वाली चुदाई की वजह से उसकी चूत फटकर मेरे लंड के आकार की हो चुकी थी और उसके बाद हम दोनों अलग हुए और हम दोनों ने अपने कपड़े पहने और में कुछ घंटे उसके साथ रुकने के बाद दोबारा अपने घर आ गया। दोस्तों तब से लेकर अब तक हम दोनों ना जाने कितनी बार यह चुदाई का खेल खेल चुके है, जिसमें अब उसको भी बड़ा मज़ा आने लगा है और वो हर बार अब मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी है। दोस्तों में उम्मीद करता हूँ कि मेरी यह सच्ची घटना सभी पढ़ने वालों को जरुर पसंद आएगी और अब मुझे जाने की आज्ञा दे ।।
धन्यवाद