कभी भावना समझ के देखो लंड की

HOT Free XXX Hindi Kahani

कैसा है सब दोस्तों आज मैं फिर से फ्री में आपकी सेवा में हाज़िर हो गया हूँ और मुझे आपके साथ कोई सहानुभूति नहीं है क्यूंकि ये कहानी मैं आपके लिए नहीं अपने लिए लिख रहा हूँ | जी हाँ मुझे कहानी पढने से ज्यादा कहानी लिखने में मज़ा आता है और इससे मेरा लंड खड़ा हो जाता है और मैं मुट्ठ मार लेता हूँ | हाँ मैं लुक्खा हूँ और मुझे कोई लड़की अपनी चूत नहीं देती पर इतना बता देता हूँ जिस दिन मादरचोद किस्मत बदली उस दिन पूरी दुनिया को चोद दूंगा | मुझे सब अपने से दूर रखते हैं क्यूंकि मैं रंडी चोदता हूँ पर इसमें गलत क्या है | आज मैं तुम सब से पूछता हूँ जब चूत नहीं मिलती तो कहाँ जाते हो | घूम फिर के रंडी के पास ही जाना पड़ता है इसलिए कभी किसी के शौक के बदले किसी को बदलो मत | हो सकता है वो तुमसे अच्छा हो पर नहीं तुम लोग तो बड़े ऊंचे शौक रखते हो बहुत रुतबा है तुमाहरा | जिस दिन इस शरीर को छोड़ोगे उस दिन देखूंगा कौन अपना है कौन पराया और क्या ले जाओगे अपने साथ | इंसान कर्म करके इंसान बनता है ना कि नफरत की आग लगा के |

तो दोस्तों मेरा नाम असलम है और मैं मक्कानगर में रहता हूँ और मुझे हिन्दू लोग इसलिए नहीं मानते क्यूंकि मैं एक मुसलमान हूँ और मुसलमान इसलिए नहीं मानते क्यूंकि मैं इस्लाम के कुछ नियम नहीं मानता | भाई मुझे जो सही लगता है मैं वही करता हूँ | अब आप लोग सोच रहे होगे भाई क्या बकवास कर रहा है ? तो मैं पहले ही बता दूँ ये कहानी मैं अपने लिए लिख रहा हूँ | मैं उस गर्दिश का सितारा हूँ जिसने खुद जलके दूसरों को रोशन कर दिया है और साहब एक बात सुनलो जो अपन को मानते हैं वो कभी ये नहीं कहते कि ये मुसलमान है वो कहते हैं ये एक सच्चा इंसान है | तो अब मैं शुरू करता हूँ अपनी दास्ताँ बताना | मैं पैदा हुआ कहाँ मुझे पता नहीं और मेरे माँ बाप कौन मुझे पता नहीं | बड़ा हुआ तो देखा एक मदरसा है वहां के पास वाले झोपड़े में कुछ और बच्चे थे उनके साथ मुझे एक हाजी जी मिले उन्होंने कहा अरे असलम आज तालीम लेने नहीं आये | तब मुझे पता चला मेरा नाम असलम है | उसके बाद मुझे एक चाय की दूकान में काम मिल गया और मैं छोटी उम्र से ही काम करने लगा | हाजी जी का स्वाथ्य ख़राब रहता था इसलिए उन्होंने कहा बच्चों ना जाने कब इस देह को छोड़ के चला जाऊं अब आगे तुमको खुद को बनाना है |

सब अपने अपने रास्ते निकल गए बस बच गया मैं | मैंने सोचा जब तक हाजी जी हैं उनकी सेवा कर देता हूँ ताकि कोई शिकायत ना रहे उनको | मैं उनकी सेवा करने लगा और कुछ बाद उनका इंतकाल हो गया | उसके बाद मैंने एक नया काम ढूँढा वहां एक घर था मुझे उसकी रखवाली करनी होती है | उसके अलावा मुझे वहां का राशन पानी देखना रहता था | उसके बाद मुझे पता चला वो एक रंडी खाना था जहाँ पर लोग आते थे और चुदाई करके जाते थे | मैंने सोचा अब मैं क्या करूँ | मैंने आँखे बंद की और कहा या – खुदा – मुझे माफ़ करना मैं नहीं जानता मैं क्या कर रहा हूँ ? पर मुझे यहाँ से काम मिला है मैं सिर्फ काम करूँगा | उसके बाद मैं अपने काम में मन लगा के अपना हर कुछ दे रहा था | उसके बाद मैंने उस काम को छोड़ दिया और उसके बाद का जगह काम किया और तब तक मैं पूरा बड़ा हो चूका था | उसके बाद मुझे कुछ समझ नहीं आया तो मैं वहीँ चला गया वापस उसी चकले में जहाँ मैं पहले काम करता था |

उसके बाद मैं पूरा बदल गया था क्यूंकि मुझे अब कई च्चेजों की समझ आ गयी थी और मुझे कुछ ऐसी चीज़ें थी जिनके लिए डर बदर भटकना पड़ता था | इनमे से सबसे पहला स्थान आता है चूत | ये होती है हर औरत के पास पर मिलती नहीं है | इसे आप चीन भी नहीं सकते क्यूंकि जेल जाना पड़ेगा | इसलिए सबसे अच्छा तरीका है रंडी चोदो | उसके अलावा एक और चीज़ थी जिसकी सबसे ज्यादा ज़रुरत महसूस होने लगी और वो थी पैसे की | पैसा जहाँ ज्यादा मिलेगा वहां इंसान काम करेगा भले ही गंदा क्यूँ ना हो | तो इस बात से समझ आ गया होगा कि दुनिया हर इंसान को अपने जाल में किसी ना किसी तरीके से फसा ही लेती है | उसके बाद कोई उम्मीद नहीं बची थी मेरे पास और अब मुझे उस चकले के अन्दर का काम मिल गया था | मुझे पैसे का हिसाब लेना देना पड़ता था | पर ठीक था क्यूंकि खाना और बाकी सब चीओं के साथ पैसे भी मिल जाते थे | वहां के लोग कहते थे भाई चूत मारले जिसको भी पसंद करता है | मैं मन कर देता था और वहां से चला जाता था | पर वहां एक लड़की थी पारो और वो काफी सुन्दर थी और उसी की वजह से चकला चलता था | वो इतनी हसीं थी कि लोग उसके लिए हज्ज़रों खर्च करते थे | महारानी जैसी थी वो वहां पर | और हर किसी की चूत मिल जाती थी बस पारो को कोई कुछ कह नहीं सकता था |

मैंने सोचा जब मैं किसी की नहीं ले पाया तो इसकी कैसे ले पाऊंगा | मैंने खैर उस बारे में कुछ और सोचा भी नहीं था और मुझे कोई ख़ास ज़रुरत भी नहीं थी क्यूंकि मैं नंगी लड़कियों को और उनकी चुदाई देखकर मुट्ठ मार लेता था | कई बार मैंने लड़कियों के सामने मारा है और कई बार लड़कियों ने खुद पकड़ के हिला दिया है और अपने दूध पर गिराया है मेरा माल | ये सब चकले के अन्दर ही हुआ है मेरे साथ बाहर कुछ नही करता था मैं | एक दिन सब काम में लगे हुए थे और मालकिन भी बाहर थी और मैं बस आराम से बैठ कर टीवी देख रहा था | उतने में पारो आई और उसने कहा असलम यहाँ आओ | मैंने कहा हाँ आया और उसने कहा यार आज ना मुझे मिठाई खाने का मन कर रहा है तो तू सबके लिए ले आ | मैंने कहा ठीक है और उसने पैसे दिए और सबके लिए मिठाई आ गयी | उसने कहा तू ना मेरी वाली मेरे कमरे में निकाल के रख दे मैं आ रही हूँ | वो सबका ध्यान रखती थी और अच्छी भी थी काफी | मालकिन ने भी सबको अच्छे से रखा था और उनकी तरफ से किसी के लिए कोई रोक टोक नहीं थी | मैंने उनके कमरे में मिठाई निकाली और रख दी और जैसे ही मैं निकलने लगा वो अचानक से आ गयी और मुझसे टकरा गयी |

मैंने उसे पकड़ा और कहा पारो जी आपको लगा तो नहीं और उसने कहा कहाँ जा रहे हो | मैंने कहा आपकी निताई रख दी अब आप खाओ मैं चला टीवी देखने | उसने कहा रुको मेरे साथ खा लो फिर चले जाना | मैंने कहा ठीक है | अब उसने एक टुकड़ा अपने मुँह में रखा और कहा इसको अपन दोनों खायेंगे | मैंने कहा जी वो वैसे तो उसने कहा जल्दी करो | मैं उसके पास गया और खाने लगा और धीरे धीरे जब मिठाई ख़त्म हो गयी तब हम दोनों के होंठ आपस में मिल गए | उसके होंठ ऐसे लगे जैसे कोई पारी हो | इतने नाज़ुक और मुलायम | फिर उसने मुझे पकड़ा और मुझे चूमने लगी और मेरे होंठों को दबाने लगी | मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था | मैंने भी उसका साथ दिया और उसके होंठों को चूमने लगा | फिर पता नहीं कैसे मेरे हाथ उसके दूध पर चले गए और मैं उसके दूध को दबाने लगा | उसके बाद मैंने उसके दूध को खोला और उसके नाज़ुक गोर दूध को दबाने लगा और उसके निप्पल चूसने लगा | वो आआआआ ऊऊऊ ऊउम्म्म ऊउफ़्फ़फ़ आअह्ह्ह्ह आआआआ ऊऊऊ ऊउम्म्म ऊउफ़्फ़फ़ आअह्ह्ह्ह करने लगी कुछ देर बाद और उसके निप्पल टाइट हो गए | मुझे इन सब से जोश चड़ने लगा और वो इस बात को समझ गयी | उसके बाद उसने मेरा लंड बाहर निकाला और चूसने लगी और मुझे मज़ा आने लगा |

मुझे उसका लंड चूसना जोश दिला रहा था और मैं आ फ़्फ़ फ़्फ़फ़ आअह्ह्ह्ह करते हुए उसके मुँह को चोद रहा था | उसके बाद वो लेट गयी और उसने कहा मेरी चूत में अपना लंड डालो | मैंने उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया और उसको चोदने लगा | जब मैंने लंड डाला तो उसने कहा बड़ा है और उसे हल्का सा दर्द हुआ | उसके बाद वो आआआआ ऊऊऊ ऊउम्म्म ऊउफ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़ आअह्ह्ह्ह आआआआ ऊऊऊ ऊउम्म्म ऊउफ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़ आअह्ह्ह्ह करते हुए चुद्वाती गयी | मैंने उसे करीब आधे घंटे तक चोदा और उसके पेट के ऊपर अपना माल गिरा दिया | उसने कहा अच्छा लगा तो मैंने हाँ में सिर हिला दिया |