संगीता भाभी के चेहरे का नकाब

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मैं पटना का रहने वाला 28 वर्षीय युवक हूं। मैंने पटना से ही अपनी पढ़ाई पूरी की है और उसके बाद मैं लखनऊ जॉब के सिलसिले में चला गया। मैं जिस कंपनी में जॉब करता हूं उस कंपनी में मेरी नौकरी ठीक चल रही थी लेकिन एक दिन मेरा मैनेजर के साथ झगड़ा हो गया और उसके बाद उन्होंने मुझे कंपनी से निकाल दिया। मैं काफी समय तक घर पर ही बैठा हुआ था। मैंने सोचा कुछ समय तक मैं काम ना करूं इसलिए मैंने कहीं भी कुछ समय तक जॉब के लिए अप्लाई नहीं किया। मैं घर पर ही रहने लगा। एक दिन मैं अपने घर की छत पर था उस दिन मैं अपने पिताजी से बात कर रहा था। मेरे पिताजी मुझसे पूछने लगे बेटा तुम्हारी जॉब कैसी चल रही है। मैंने उन्हें कहा कि जॉब तो अच्छी चल रही है बस कुछ दिनों के लिए छुट्टी ली है इसलिए घर पर ही था। वह कहने लगे कि कोई दिक्कत तो नहीं है। मैंने उन्हें कहा नहीं पिताजी कोई दिक्कत नहीं है आप लोग निश्चिंत रहिये।

यह कहते हुए मैंने फोन को कट करते हुए अपने मोबाइल को अपनी जींस की जेब में रख लिया। उसके बाद मैंने छत के पीछे से देखा कि हमारे पड़ोस में रहने वाली संगीता भाभी किसी व्यक्ति से मिल रही हैं। छत के बीच में ज्यादा गैप नहीं था इसलिए मुझे ढंग से दिखाई नही दे रहा था कि वह व्यक्ति कौन है। मैं उस व्यक्ति को नहीं देख पाया परंतु वह लोग काफी देर तक वहां खड़े होकर बात करते रहे और उसके बाद संगीता भाभी बड़ी तेजी में अपने घर की ओर गईं। वह अपने घर में चली गई। मैं सारा माजरा देख रहा था और कुछ देर बाद उनके पति भी आ गए। उनकी पूरी मोहल्ले में बहुत ही इज्जत है और सब लोग उनकी बड़ी इज्जत करते हैं। आज तक किसी ने भी उनके बारे में गलत नहीं कहा इसलिए मैंने भी सोचा कि क्या पता उनका कोई मिलने वाला व्यक्ति हो।

मैंने भी उस बात को अपने दिमाग से निकाल दिया लेकिन कुछ दिनों बाद दोबारा से ऐसा हुआ और दोबारा से वह किसी व्यक्ति से अपने घर के बाहर आकर मिली। कुछ देर बाद वह वापस अपने घर चली गई। मैं लगातार यह चीज देख रहा था मुझे यह सब देखते हुए एक हफ्ता हो गया। मैं यह जानने के लिए उत्सुक हो गया कि वह व्यक्ति कौन है जो बार-बार संगीता भाभी से मिलता है। मैंने भी सोचा कि मैं इसके बारे में पता करता हूं कि वह व्यक्ति कौन है। वैसे भी मेरे पास कुछ और काम तो था नहीं इसीलिए सोचा चलो इस बहाने कम से कम मेरा टाइम पास तो हो जाएगा। मैं एक दिन काला चश्मा और टोपी लगाकर वहीं कोने में खड़ा हो गया और मैं काफी देर तक वहीं कोने में खड़ा होकर सिगरेट पी रहा था। मैंने देखा कि संगीता भाभी वहां पर नहीं आई थी। वह कुछ देर बाद वहां पर आकर इधर-उधर टहलने लगे और कुछ देर बाद एक व्यक्ति वहां पर आए। वह दूर से ही मुझे दिखाई दिए। जब वह पास में आए तो मैंने देखा यह तो उनके देवर हैं। जब मैंने यह देखा तो मेरे पैरों तले जैसे जमीन खिसक गई हो और मैं सोचने लगा कि सब लोग संगीता भाभी को कितने अच्छी महिला समझते हैं और यह ना जाने क्या गुल खिला रही हैं। वह दोनों वहां पर बड़े प्यार से मिले और जब संगीता भाभी जा रही थी तो वह दोनों एक दूसरे के गले मिल रहे थे। मैं यह देख कर बड़ा चौक गया। उस दिन के बाद संगीता भाभी की इज्जत मेरे नजरों में गिर गई। मेरे लिए यह बड़ा ही अजीब था। मेरे दिमाग मे उनकी अलग ही इमेज बन गयी। मैं उनकी जितनी भी इज्जत करता था वह सब एक साथ एक ही झटके में खत्म हो गई। मैं अक्सर वहीं खड़ा होकर उन्हें देखता रहता और वह दोनों हमेशा ही वहां पर मिलते लेकिन ज्यादा देर तक वह लोग नहीं मिल पाते थे। एक दिन वह लोग काफी देर तक वहां बात करते रहे थे। उसके बाद संगीता भाभी अपने देवर की बाइक में बैठ कर पता नहीं कहां चली गई। मैंने भी जल्दी से अपनी बाइक स्टार्ट की और उनके पीछे अपनी बाइक दौड़ा दी। मैंने जब उनके पीछे अपनी बाइक दौड़ाई तो वह लोग एक पार्क में गए। मैं उनके पीछे ही पार्क में बैठा हुआ था और कुछ देर तक मैं उनके पीछे बैठकर एक किताब पढ़ रहा था। मैं उनके हाव भाव देख रहा था और मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहा था।

मैं अपने दिमाग में सोचने लगा कि संगीता भाभी अपने पति को भी धोखा दे रही हैं और उनके देवर भी अपने भैया को कितना बड़ा धोखा दे रहे हैं यदि उन्हें इसके बारे में पता चलेगा तो उन्हें कितना बुरा लगेगा। यह बात मैं सोच कर ही घबरा रहा था। यदि यह बात संगीता भाभी के पति को पता चलती तो उनका ना जाने क्या हाल होता। वह लोग सीट पर ही बैठे हुए थे और काफी देर तक एक दूसरे से बात करते रहे। मैं सोच रहा था कि कब यह लोग कब उठे और मैं भी इनके पीछे घर जाऊं लेकिन मेरी भी दिलचस्पी और बढ़ती जा रही थी। मैं बड़े ध्यान से उन दोनों को देख रहा था। जब वह दोनों उठे तो वह दोनो वहां से उठकर एक घर की ओर चले गए। जब वह उस घर में गए तो वहां पर कोई भी नहीं था। मैं बाहर से सब कुछ देखने लगा। उनके देवर और उनके बीच काफी देर तक सेक्स संबंध बने। मैं यह सब देख कर दंग रह गया। उस दिन उनकी छवि मेरी नजरों में गिर गई लेकिन मैं भी उनके सेक्सी बदन को देखकर अपने आप को नहीं रोक पाया। मैंने उस दरवाजे पर लात मारी और अंदर घुस गया। वह दोनों नंगे लेटे हुए थे वह दोनों डर कर अपने बदन पर कपड़े पहनने की कोशिश करने लगे लेकिन मैंने भी सीधा ही संगीता भाभी के स्तनों पर हाथ लगाते हुए कहा आप तो बड़ी शरीफ महिला होने का ढोंग करती हैं पर आज आपके चेहरे से नकाब उतर गया। मैं आपको सबके सामने नंगा करने वाला हूं।

वह डर गई और मेरे पैर पकड़ने लगी। वह कहने लगी आप किसी को मत बताना आपको जो चाहिए मैं सब कुछ दूंगी। उनके देवर की गांड फट कर पूरी लाल हो चुकी थी और वह तो मेरे सामने घबरा रहा था। संगीता भाभी ने भी अपने यौवन को मेरे सामने समर्पित कर दिया। मैंने उनसे कहा आज मै आपकी चूत मारकर आपकी रंगरलियो को खत्म कर दूंगा। उन्होंने कहा तुम मेरी चूत मार लो लेकिन किसी को मत बताना। जब उन्होंने यह बात कही तो मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया। मैं उन्हें चोदने के लिए उत्सुक था। उन्होंने भी जब अपने मुंह में मेरे लंड को लिया तो वह बड़े अच्छे से मेरे लंड को चूस रही थी। इसस मै उनके एक्सपीरियंस का अंदाजा लगा बैठा कि इन्होंने बड़े लंड अपने मुंह में लिए हैं। वह बड़े अच्छे से मेरे लंड को चुसती जब मेरा वीर्य पतन उनके मुंह में हुआ तो वह मुझे कहने लगी अब तुम मेरी चूत मार लो। मैंने भी उनके दोनों पैरों को खोल लिया उनका देवर कोने में ही बैठा हुआ था। मैंने उसे कहा मादरचोद अब तुम यहां दिखना मत तुम यहां से निकल लो। वह चुपचाप अपनी दूम दबाकर वहा से भाग गया। मैंने संगीता भाभी की योनि के अंदर अपने लंड को डाल दिया। जब मेरा लंड उनकी चूत मे घुसा तो वह चिल्लाने लगी। उनकी चूत बहुत टाइट थी। मुझे बड़ा मजा आ रहा था मेरा लंड जब उनके अंदर होता तो मेरे अंदर से और भी जोश पैदा हो जाता। मुझे ऐसा लगता जैसे मैं उन्हें चोदते रहूं। मैंने उनके दोनों पैरों को कंधे पर रखते हुए उन्हें चोदना जारी रखा। मैं उन्हें इतनी तेजी से चोद रहा था। मैं भी नहीं समझ पाया कि मेरा वीर्य क्यों नहीं गिर रहा है। उस दिन मेरा स्टैमिना कुछ ज्यादा ही बढ़ा हुआ था और मेरा वीर्य गिरने का नाम नहीं ले रहा था। लेकिन जैसे ही मेरे वीर्य की धार बाहर की तरफ निकलने को हो गई तो मुझे पूरा मजा आ गया। कुछ देर हम दोनों साथ में बैठ गए। मैंने संगीता भाभी से कहा आप मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसो। उन्होंने मेरे लंड को बहुत देर तक चूसा उन्होंने मेरे लंड का जूस निकाल दिया। मुझे और भी अच्छा लगा। मैंने उनके सामने एक शर्त रखी आज के बाद आप अपने देवर के साथ सेक्स संबंध नहीं बनाएंगे जब भी आपको जरूरत पड़ेगी तो आप मुझे कॉल करेंगे। मैं आपको चोदने आ जाऊंगा। वह इस बात पर राजी हो गई।