उसकी सिसकियाँ सुनकर मेरा लंड और खड़ा हो गया

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मेरा नाम सुरेश है, मैं हरियाणा के रोहतक का रहने वाला हूं। मेरी उम्र 28 वर्ष है और मैं रोहतक में ही रहता हूं, मैं यहीं पर नौकरी करता हूं और मेरे घर में मेरे पिताजी है जो की एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं। वह कई सालों से उसी कंपनी में काम कर रहे हैं और उन्हें अब बहुत अच्छे पैसे मिलते हैं इसीलिए हमने कुछ दिनों पहले एक नया घर ले लिया। मैंने भी अपने पिताजी को कुछ पैसे दिए, जिससे कि उनकी आर्थिक मदद हो पाए और वह बहुत खुश हुए जब मैंने उन्हें पैसे दिए, वह कहने लगे तुमने यह बहुत अच्छा काम किया कि मेरी आर्थिक रूप से मदद कर दी क्योंकि मुझे अभी पैसों की आवश्यकता भी थी और तुमने मुझे मदद कर दिया तो मुझे बहुत खुशी हुई।

मेरे घर में मेरी बहन भी है जिसकी हमें शादी करनी है, उसके लिए मेरी मम्मी रिश्ता देख रही है और मेरे पापा ने भी उसके लिए रिश्ता देख रहे है लेकिन अभी तक कहीं भी हमें कोई अच्छा रिश्ता नहीं मिला जिससे कि हम उसकी शादी करवा पाए, यदि उसकी शादी हो जाएगी तो उसके बाद मेरे घरवाले मेरी भी शादी तुरंत ही करवा देंगे परन्तु अभी तक मेरी बहन के लिए कोई भी अच्छा रिश्ता नहीं आया और ना ही उसे कोई लड़का अभी तक समझ आया। मेरे मोहल्ले में बहुत सारे लड़के रहते हैं जो कि मेरे अच्छे दोस्त हैं, मैं उन्हें हमेशा ही शाम को मिलता हूं क्योंकि मैं ऑफिस से शाम के वक्त ही लौट जाता हूं इसलिए मेरी मुलाकात हमसे शाम के वक्त ही होती है। एक बार मैं अपने दोस्तों के साथ कहीं बाहर घूमने गया हुआ था और हम लोग जिस रेस्टोरेंट में बैठे हुए थे वहीं पर एक लड़की भी थी, जिसकी आंखें भूरी थी और उसके बाल बड़े लंबे थे। वह मुझे बहुत अच्छी लग रही थी लेकिन मैं उसके बारे में ज्यादा जानता नहीं था और मैंने अपने मन में सोच लिया कि ऐसे तो बहुत ही मिलते रहते हैं लेकिन मुझे नहीं पता था कि वह लड़की मुझे दोबारा मिल जाएगी। जब वह मुझे दोबारा से मिली तो मैंने अपने दिमाग पर जोर डाला कि मैंने इस लड़की को कहां देखा है लेकिन मुझे ध्यान नहीं आ रहा था कि मैंने इस लड़की को कहां पर देखा है, उसे मेरे एक ऑफिस के दोस्त ने मुझसे मिलाया।

मैंने जब उससे पूछा कि मैंने आपको पहले कहीं देखा है तो वह कहने लगी कि मुझे तो इस बारे में ध्यान नहीं है क्योंकि मैंने आपको आज से पहले कभी नहीं देखा। उस लड़की का नाम कमला है और जब मेरे दोस्त ने मुझसे कहा कि इन्हें  कोई घर चाहिए, जहां पर यह अपनी फैमिली के साथ रह सके। मैंने कमला से पूछा कि आपके परिवार में कौन है तो वह कहने लगी कि मेरे परिवार में मेरे माता-पिता और मेरी छोटी बहन है जो कि स्कूल पड़ती है। मैंने उसे कहा कि मैं अपने घर के आस पास आपके लिए कोई कर देख लूंगा और आप को उसके बारे में सूचना दे दूंगा। मैंने अब कमला का नंबर ले लिया और मैं घर देखने लगा। उसके पिता भी एक सरकारी कर्मचारी ही हैं जो की काफी समय से रोहतक में रह रहे हैं। मैंने जब अपनी मम्मी से कहा कि यदि यहां आसपास में कहीं पर भी कोई घर खाली हो तो आप मुझे बता दीजिएगा, वो कहने लगी ठीक है मैं इस बारे में पता कर लूंगी क्योंकि कुछ समय बाद हमारे मोहल्ले में किटी पार्टी होने वाली है इसलिए मैं इस बारे में पता कर के तुम्हे सूचित कर दूंगी। अब मेरी मम्मी ने इस बारे में पूछ लिया और मेरी मम्मी मुझे कहने लगी कि हमारे पड़ोस में ही एक घर खाली है, वह लोग यहां नहीं रहते, वह लोग दिल्ली रहते हैं यदि तुम कहो तो मैं उनसे बात कर लेती हूं। मैंने उन्हें कहा ठीक है मैं इस बारे में अपने दोस्त से बात कर लेता हूं, उसके बाद आपको बताता हूं। मैंने जब कमला को फोन किया तो मैंने उसे उस घर के बारे में बताया और दूसरे दिन बाहर से ही उसे वह घर दिखाया, क्योंकि इसकी चाबी मेरे पास नहीं थी और उसके बाद मैं उसे अपने घर पर ले आया। जब मैंने उसे अपनी मम्मी और पिता जी से मिलाया तो वह बहुत खुश हुई और वह मेरी मम्मी के साथ बैठकर काफी बातें कर रही थी। वह दोनों आपस में बहुत बातें कर रहे थे। जब कमला से मेरी मम्मी ने पूछा कि तुम कहां की रहने वाली हो तो वह कहने लगी कि हम पानीपत के रहने वाले हैं और मेरे पिताजी यहीं पर सरकारी कर्मचारी हैं, वह रोहतक में काफी समय से नौकरी कर रहे हैं।

मेरी मम्मी भी पानीपत की ही थी, अब वह कमला से मिलकर बहुत खुश थी और उससे बहुत बातें करने लगी और उसे पूछने लगी कि पानीपत में अब कुछ बदलाव भी आया है, वो कहने लगी कि अब तो बहुत ही बदल चुका है क्योंकि मेरी मम्मी काफी समय से पानीपत नहीं गई थी। मेरे दोनों मामा दिल्ली में ही रहते हैं इस वजह से मेरी मम्मी का जाना नहीं हो पाता और मेरे नाना नानी का देहांत हो चुका है। मेरी मम्मी ने कमला से उसका नंबर ले लिया, उसके बाद मैंने उन्हें कहा कि आप पड़ोस में जो घर है उनसे उनका नंबर ले लीजिएगा और उन्हें हम लोग फोन कर देंगे। यह कहते हुए कमला और मैं चले गए। मैं कमला को उसके घर छोड़ने गया और जब उसके घर में मैं उसे छोड़ने गया तो उसने मुझे कहा कि तुम चाय पी कर चले जाना, मैंने उसे कहा कि अभी मुझे देर हो रही है लेकिन वह कहने लगी कि तुम कुछ देर के लिए घर पर रुक जाओ उसके बाद चले जाना। अब वह मुझे अपने घर पर ले गई और उसने अपने माता-पिता से मुझे मिलवाया, जब मैं उसके माता-पिता से  मिला तो मुझे उनसे मिलकर बहुत अच्छा लगा और कमला ने भी मेरा परिचय उन्हें दे दिया। मैं उनसे मिलकर बहुत खुश हुआ और वह भी मुझसे मिलकर बहुत खुश हुए। मैंने कमला के पिताजी से कहा कि आप बिल्कुल भी चिंता मत कीजिए हमारे पड़ोस में ही है घर खाली है वह आपको मैं दिलवा दूंगा। थोड़ी देर बाद मैं अपने घर वापस लौट आया और मेरी मम्मी ने भी हमारे पड़ोस में जो लोग रहते थे उनका नंबर ले लिया और मैंने उन्हें फोन करते हुए उनसे कहा कि आपके पास घर की चाबी हो तो आप हमे दे दीजिए।

उन्होंने अपनी चाबी अपने ही पड़ोस में रहने वाले किसी व्यक्ति को दी हुई थी। मैंने उनसे वह चाबी ले ली और कमला को फोन कर दिया। उसे वह घर बहुत पसंद आया और उसने अपने पापा को भी जब वह घर दिखाया तो वह भी कहने लगे कि हम लोग कुछ दिनों बाद यहां पर शिफ्ट कर लेते हैं, उन्होंने अब हमारे पड़ोस में ही घर शिफ्ट कर लिया था जिस वजह से कमला और मेरी मुलाकात रोज होने लगी थी। फिर मुझे ध्यान आया कि मैं कमला से पहली बार रेस्टोरेंट में मिला था, मैंने उसे कहा कि मैंने तुम्हें पहली बार रेस्टोरेंट में देखा था। वह कहने लगी हां शायद तुमने मुझे रेस्टोरेंट में देखा होगा क्योंकि हम लोग पहले वहीं पर रहते थे, कमला और मेरे बीच में बातें बहुत होती थी और मैं उसे फोन पर भी बात करता था। वह भी मुझसे बात कर के बहुत खुश होती थी। वह कहती थी कि तुमने मेरी बहुत मदद की यदि तुम मुझे सही समय पर घर नहीं दिलवाते तो हमें बहुत समस्या हो जाती क्योंकि मेरे पिताजी के पास समय नहीं होता और मेरी मां भी अपने घर के कामों में व्यस्त रहती है और मैं भी सुबह ऑफिस निकल जाती हूं,  उसके बाद ही मैं ऑफिस से घर लौटती हूं। कमला और मैं साथ में ही ऑफिस जाया करते थे क्योंकि उसने जहां पर अपना ऑफिस जॉइन किया था वह मेरे ऑफिस के रास्ते में ही पड़ता था इसलिए मैं उसे ऑफिस तक छोड़ दिया करता था और उसके बाद अपने ऑफिस चले जाता था, वह मुझे हमेशा ही फोन करती थी। एक दिन हम दोनों ऑफिस से साथ में ही लौट रहे थे लेकिन उस दिन कमला बहुत ही ज्यादा सुंदर लग रही थी और मुझे उसे देख कर अंदर से बहुत ज्यादा उत्तेजना पैदा होने लगी। मुझे ऐसा लगने लगा कि मैं उसकी चूत मार लूं मैंने कमला से इस बारे में बात की तो वह कहने लगी ठीक है हम लोग कहीं चलते हैं मैं उसे अपने घर पर ले आया।

मैं जब उसे अपने घर पर लाया तो मैं उसे अपने कमरे में ले गया। मैंने उसके सारे कपड़े खोल दिए जब मैंने उसका बदन देखा तो मेरे अंदर की उत्तेजना अब और ज्यादा बढ़ने लगी। उसने पिंक कलर की पैंटी और ब्रा पहने हुई थी और उसकी गांड का साइज बहुत बड़ा था उसके स्तन भी बहुत बड़े थे। मैंने उसकी ब्रा को खोलते हुए उसके स्तनों को अपने मुंह में ले लिया और उसके स्तनों का बहुत ही अच्छे से मैंने रसपान किया। मैंने उसके होठों को भी बहुत देर तक चूसा उसके बाद मैंने अपने लंड को निकालते हुए उसके मुंह में डाल दिया। उसने वह पूरा अपने गले तक उतार लिया और बहुत अच्छे से मेरे लंड को चूसने लगी उसकी योनि से कुछ ज्यादा ही पानी बाहर की तरफ निकल रहा था। मैंने उसकी पैंटी को उतारते हुए अपने लंड को उसकी योनि पर सटा दिया और जैसे ही मैंने अपने लंड को उसकी योनि के अंदर डाला तो वह चिल्लाने लगी। मैं उसे बड़ी तेजी से धक्के दे रहा था और उसकी योनि से खून निकल रहा था मुझे बड़ा मजा आ रहा था जब मैं उसे झटके दिए जा रहा था और वह अपने मुंह से सिसकियां ले रही थी। वह मेरा पूरा साथ दे रही थी मुझे भी उसे धक्के मारने में एक अलग ही तरीके की अनुभूति हो रही थी और मुझे बहुत मजा भी आ रहा था मैंने उसे बड़ी तेजी से धक्के मारे। मैंने उसके दोनों पैरों को चौड़ा कर लिया और उसे बड़ी ही तेजी से मैं चोदे जा रहा था वह मेरा पूरा साथ दे रही थी और अपने मुंह से बड़ी तेज सिसकियां निकाल रही थी। मैं उसकी टाइट योनि को ज्यादा देर तक बर्दाश्त नहीं कर पाया और मैंने अपने लंड बाहर निकालते हुए उसके मुंह के अंदर सारा वीर्य गिरा दिया। कमला मेरा जुगाड़ बन चुकी है मेरा जब भी मन करता है तब मैं उसे चोदता हूं।