किरायेदार की छत पर चुदाई

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हैल्लो दोस्तों, आज में आपको अपनी एक नई स्टोरी बताने जा रहा हूँ. ये उन दिनों की बात है जब हमारे घर में नये किरायेदार रहने आए थे. हम लोग हमारे घर के नीचे के हिस्से में रहते थे, वो सभी एक ही शहर से थे और सब एक दूसरे को जानते थे.

उन दोनों लड़कियों के नाम शिल्पा और सीमा था, वो दोनों लड़कियां दिखने में बहुत खूबसूरत थी, ख़ासकर शिल्पा बहुत खूबसुरत थी, वो जब घर में रहती थी तो वो स्कर्ट और शर्ट पहनती थी. सीमा भी खूबसूरत थी, लेकिन शिल्पा के जितनी नहीं थी. शिल्पा की बॉडी फिगर भी बहुत अच्छा था, उसकी बॉडी भरी-भरी थी, जिससे वो और भी अच्छी लगती थी, उसके काले बाल उसकी खूबसूरती को और भी बढ़ाते थे.

गर्मी में शाम देर से होती है, तो में अक्सार शाम को छत पर चला जाया करता था और छत पर 1-2 घंटे रहता था. शिल्पा मेडिकल की तैयारी कर रही थी और उसकी क्लास 2 बजे तक ख़त्म होती थी और वो 3 बजे तक वापस घर आ जाती थी. फिर जब में शाम को छत पर जाता था, तो मुझे अक्सर शिल्पा भी अपने रूम के बाहर दिखती थी. में शिल्पा से हमेशा बात करने की कोशिश में रहता था और मुझे जैसे ही कोई मौका मिलता था, तो में वैसे ही उससे बातें करता था.

उसे इंटरनेट के बारे में कुछ भी पता नहीं था. फिर एक दिन उसने मुझसे कहा कि मुझे अपने एक फ्रेंड को मैल करना है, लेकिन मैल कैसे करते है? मुझे पता नहीं है, क्या आप मेरी मदद करेंगे? तो मैंने कहा कि ठीक है, में आपको बता दूँगा. हमारे घर से थोड़ी दूरी पर ही एक साइबर कैफे है, तो में और शिल्पा वहाँ गये और मैंने उसे मैल करने के बारे में बताया. अब जब में उसे बता रहा था तो बहुत बार मेरा हाथ उसके हाथों से टच हुआ. मुझे तो बहुत अच्छा लग रहा था. लेकिन जब भी मेरा हाथ टच होता, तो में उसे सॉरी बोलकर बात को इग्नोर करने की कोशिश करता.

फिर उसने कहा कि सॉरी बोलने की कोई जरूरत नहीं है, जब आप मुझे कुछ सीखा रहे है तो हाथ टच हो गया, तो क्या हुआ? फिर में वही कैफे में उसके हाथ को हल्के से पकड़ने की कोशिश करने लगा और एक बार पकड़ भी लिया. उसके हाथ इतने सॉफ्ट थे कि में आपको बता भी नहीं सकता हूँ, बस मेरा दिल कर रहा था कि उसके हाथों को इस तरह से पकड़े रहूँ.

फिर थोड़ी देर के बाद हम लोग कैफे से घर चले आए और फिर वो अपने रूम में चली गयी. अब में उस दिन बहुत बेचैन हो गया था कि शिल्पा से कैसे बात करूँ? वो मॉर्निंग में अपनी मेडिकल क्लास जाती थी और वो क्लास जाने के लिए घर से ऑटो में जाती थी और ऑटो घर से थोड़ी दूरी पर ही मिलता था.

फिर मैंने डिसाइड किया कि जब वो क्लास से लौटेगी तो तब उससे बात करूँगा. फिर में दूसरे दिन 2 बजे घर से निकल गया और उसकी कोचिंग क्लास के बाहर जाकर उसकी क्लास छूटने का इंतजार करने लगा. फिर उसकी क्लास छूटी तो मैंने देखा कि सीमा भी उसके साथ में है, तो में निराश हो गया कि अब कैसे बात करूँगा? तभी मैंने देखा कि सीमा ने शिल्पा से कुछ कहा और वो कहीं और जाने लगी.

फिर जब शिल्पा आगे बढ़कर ऑटो की तरफ जाने लगी तो मैंने अपनी बाइक शिल्पा के बगल में रोक दी और कहा कि घर जा रहे हो तो मेरे साथ चलो, में भी घर ही जा रहा हूँ. फिर वो बिना कुछ कहे मेरी बाइक पर बैठ गयी और अब में बहुत खुश था कि शिल्पा मेरी बाइक पर मेरे साथ बैठी थी. अब जब वो बाइक पर मेरे पीछे बैठी थी, तो उसके बूब्स बार-बार मेरे पीठ से टच हो रहे थे. अब मुझे बहुत अच्छा लग रहा था, तभी मैंने शिल्पा से कहा कि मुझे आप बहुत अच्छी लगती हो, आप बहुत खूबसूरत हो और आज में आपसे बात करने के लिए ही यहाँ तक आया हूँ.

फिर शिल्पा मेरी बातें सुनकर हँसने लगी और बोली कि आप भी मुझे अच्छे लगते है और में भी आपसे बात करना चाहती थी, लेकिन आप बात ही नहीं करते थे. फिर मैंने पूछा कि सीमा कहाँ गयी है? तो वो बोली कि सीमा आपको देखकर मुझसे अलग चली गयी थी और वो जानती थी कि आप मुझसे बात करने के लिए यहाँ तक आए है. अब में उसकी बात सुनकर बहुत खुश हो रहा था और अब मेरे दिल में एक अजीब सी खुशी हो रही थी.

फिर शिल्पा से बातें करते करते कब घर के पास आ गये, पता ही नहीं चला. फिर में शाम होने का इंतज़ार करने लगा कि शाम होगी तो छत पर जाऊँगा और शिल्पा से बातें करूँगा. फिर शाम हो गयी और में छत पर गया तो शिल्पा बाहर ही बैठी हुई थी और सीमा अंदर रूम में सो रही थी. फिर जब शिल्पा ने मुझे देखा तो उसने मुझे बैठने के लिए कहा और में उसके बगल में ही एक कुर्सी पर बैठ गया.

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फिर थोड़ी देर के बाद शिल्पा मेरे लिए चाय बनाकर ले आई और बोली कि चाय पी लीजिए. फिर में चाय का कप अपने एक हाथ में लेकर पीने लगा और अपना एक हाथ शिल्पा के हाथों के ऊपर रख दिया. शिल्पा मुझे देखकर थोड़ा सा मुस्कुराई, लेकिन कुछ नहीं बोली.

अब में भी समझ गया था कि शिल्पा भी चाहती है कि में उसके साथ कुछ करूँ, लेकिन शाम का टाईम था और ज्यादातर लोग अपनी-अपनी छतों पर थे, तो में कुछ कर नहीं पा रहा था.

फिर मैंने शिल्पा के चेहरे की तरफ अपना हाथ आगे बढ़ाकर उसके गालों को टच करते हुए अपने हाथ उसके लिप्स पर ले गया तो शिल्पा बोली कि क्या कर रहे हो साहिल? सीमा देख लेगी तो क्या सोचगी? फिर उसके बाद में थोड़ी देर तक वहाँ बैठा रहा और फिर नीचे चला आया और रात होने का इंतज़ार करने लगा. फिर में रात के करीब 11 बजे छत पर गया तो मैंने देखा कि शिल्पा के रूम की लाईट ऑन है, तो में वहीँ छत पर खड़ा होकर उसके बाहर आने का इंतज़ार करने लगा.

फिर वो रात को 12 बजे अपने रूम से बाहर आई, तो वो मुझे देखकर चौंक गयी और बोली कि आप यहाँ क्या कर रहे है? तो मैंने कहा कि आपके बिना रहा नहीं जा रहा था, आपकी याद आ रही थी तो छत पर चला आया और ये कहते हुए मैंने उसे अपनी बाहों में खींच लिया, तो वो बोली कि अरे ये क्या कर रहे है? कोई देख लेगा तो.

फिर मैंने कहा कि इस टाईम कौन देख रहा है? और कहते हुए मैंने उसके होंठो को किस करना चाहा. पहले तो उसने मना किया, लेकिन फिर वो खुद ही मेरे होंठो पर किस करते हुए बोली कि अब आप नीचे जाए. में बिना कुछ बोले दोबारा से उसके होंठो पर किस करने लगा. इस बार वो कुछ नहीं बोली और इस टाईम भी उसने स्कर्ट और शर्ट पहन रखी थी. अब जब में उसके होंठो पर किस कर रहा था, तो उसके बूब्स मेरी छाती से टच हो रहे थे और मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.

फिर में उसे पीछे से पकड़ते हुए उसके गले पर किस करने लगा और उसकी चूचीयों को अपने हाथों में लेकर दबाने लगा. पहले तो उसने थोड़ा सा विरोध किया, लेकिन फिर जब में उसकी चूचीयों को ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा तो वो सिसकते हुए बोली कि आआआआआहह धीरे-धीरे कीजिए उूउऊहह. अब मेरा भी लंड टाईट होने लगा था और फिर मैंने शिल्पा से कहा कि चलो सबसे ऊपर वाली छत पर चलते है और कहते हुए मैंने उसे अपनी गोद में उठा लिया.

अब उसने अपनी आँखे बंद कर ली थी और फिर में उसे उठाकर सबसे ऊपर वाली छत पर चला गया. फिर वहाँ जाते ही शिल्पा मेरे सीने से लिपट गयी और मेरे होंठो पर किस करने लगी और बोलने लगी कि साहिल में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ. अब वो मेरे होंठो को बेतहाशा चूमे जा रही थी और मैंने अपने दोनों हाथों से उसकी चूचीयों को दबाना स्टार्ट कर दिया था, उसकी चूचीयां बहुत टाईट थी.

फिर थोड़ी देर में ही मेरे हाथों में दर्द होने लगा, तो मैंने शिल्पा का पकड़कर हल्का सा ज़मीन के ऊपर लेटाते हुए उसकी शर्ट के सारे बटन खोल दिए और उसने शर्ट के नीचे कुछ नहीं पहना था.

अब उसकी चूचीयों को देखकर तो मानो मेरे लंड में 440 वॉल्ट का करंट दौड़ गया था. फिर में उसकी चूचीयों को अपने हाथों में लेकर दबाने लगा और अपने मुँह को उसकी चूचीयों के पास ले जाकर उसके निपल को अपने होंठो के बीच में दबाकर अपनी जीभ से हल्का-हल्का चूसने लगा था. अब शिल्पा को और भी अच्छा लगने लगा था.

अब में उसकी चूचीयों को अपने पूरे मुँह में लेकर चूसने लगा था और शिल्पा भी जोश में बोल रही थी कि साहिल मेरे साहिल मेरी चूचीयों का सारा दूध पी लो और आआअहह चूसते रहो मेरे साहिल और ज़ोर से चूसो. अब उसकी ये बाते मेरे अंदर और भी जोश पैदा कर रही थी और अब मेरी चूसने की स्पीड भी तेज हो गयी थी.

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फिर में उसकी चूचीयों को चूसते हुए अपना एक हाथ उसके पेट के ऊपर से उसकी जांघो के पास ले गया और उसे हल्के हाथ से सहलाने लगा. फिर शिल्पा भी जोश में मेरे मुँह को अपनी चूचीयों पर ज़ोर से दबाने लगी और आआआ आआआहह करने लगी थी.

अब में उसकी चूचीयों को चूसते-चूसते अपने दोनों हाथों से उसकी स्कर्ट खोलने लगा था. पहले तो उसने मेरा हाथ पकड़ लिया, लेकिन फिर उसने खुद ही अपनी स्कर्ट खोल दी, उसने अंदर ब्लेक कलर की पेंटी पहन रखी थी. अब चाँदनी रात में उसका खूबसूरत जिस्म और ऊपर से उसकी ब्लेक पेंटी मेरे ऊपर क़यामत कर रही थी.

अब में उसे अपनी बाहों में भरकर उसके पूरे जिस्म को अपने हाथों से सहलाने लगा था. अब मेरा लंड मेरे कंट्रोल में नहीं हो रहा था तो मैंने जल्दी से उसकी पेंटी उतार दी. अब उसकी क्लीन शेव चूत को देखकर तो मेरे होश ही उड़ गये थे, उसकी क्लीन शेव चूत इतनी सॉफ्ट थी कि क्या बताऊँ?

फिर मैंने उसकी चूत पर एक हल्का सा किस किया तो वो जोश से भर गयी और फिर मेरे कपड़े उतारने लगी. अब हम दोनों पूरे नंगे थे और अब शिल्पा के शरीर पर भी कोई कपड़ा नहीं था और मेरे शरीर पर भी कोई कपड़ा नहीं था. फिर उसने जैसे ही अपने मुलायम हाथों से मेरा लंड को टच किया तो मेरे तो होश ही उड़ गये.

अब मेरा लंड पूरी तरह से उसके हाथों में नहीं आ रहा था, वो बार-बार मेरे लंड को पूरी तरह से पकड़ने की कोशिश कर रही थी. फिर उसने एक बार नीचे झुककर मेरे लंड पर किस कर लिया, तो मेरा लंड बेकाबू हो गया.

फिर मैंने उसे अपने ऊपर से हटाते हुए उसे अपने नीचे लेटा दिया और उसकी चूत के पास अपना मुँह ले जाकर उसकी चूत पर किस किया, तो वो बोली कि साहिल ये क्या कर रहे हो? मुझे कुछ हो रहा है और वो उूउउफफफफफफ मत करो बोले जा रही थी. फिर मैंने अपनी जीभ बाहर निकाली और उसकी चूत के ऊपर अपनी जीभ फैरने लगा. अब शिल्पा ज़ोर- ज़ोर से आआआआआअहह करते रहो, आआआआवउुउउ बोले जा रही थी. अब मुझे शिल्पा को देखकर लग रहा था कि अब उससे भी कंट्रोल नहीं हो रहा था. फिर वो बोलने लगी कि मेरे साहिल जो करना है जल्दी से कर लो, जल्दी-जल्दी कर लो उूउऊहह आआआअ बस करो साहिल, अब और नहीं आआअहह उूउऊहह साहिल जल्दी से कर लो.

फिर मैंने अपने दोनों हाथों से उसकी चूत को हल्का सा फैलाया और अपनी जीभ उसकी चूत के अंदर डाल दी, उसकी चूत बहुत ही गर्म थी. अब शिल्पा भी मेरे मुँह को ज़ोर से अपनी चूत पर दबाकर अपनी कमर को हिलाने लगी थी और साथ में कुछ बड़बडा रही थी, पूरा चूस लो मेरी चूत को, चूस लो साहिल, साहिल आई लव यू, साहिल चूस लो मेरी चूत का सारा रस, साहिल मेरे साहिल उूउहहहहह आआआहह और फिर उसकी कमर हिलाने की स्पीड थोड़ी धीरे हो गयी और उसकी चूत से रस निकलने लगा. अब जब तक उसकी चूत से रस निकल रहा था, तब तक उसने मेरे मुँह को अपनी चूत पर कसकर दबा रखा था. फिर में उठा और उसके बगल में लेट गया और वो मुझसे लिपट गयी और मेरे लंड को अपने हाथों में लेकर हिलाने लगी.

अब वो अपने एक हाथ से मेरे लंड को हिला रही थी और उसका दूसरा हाथ मेरे पूरे शरीर पर चल रहा था, अब मेरा लंड पूरा टाईट खड़ा हो चुका था. फिर शिल्पा वहाँ से उठकर मेरे लंड के पास गयी और अपने होंठो से मेरे लंड के चारो तरफ किस करने लगी.

अब में पूरी तरह से बेकाबू होकर उसे चोदने के लिए पूरा तैयार हो गया था. फिर मैंने शिल्पा को नीचे लेटाकर उसके दोनों पैरो को फैलाया और उसके बीच में जाकर बैठ गया और अब वो बड़े ध्यान से मेरी तरफ देख रही थी. फिर मैंने उसकी चूत में अपनी एक उंगली डाली तो मुझे लगा कि उसकी चूत बहुत टाईट है. अब मेरी एक उंगली भी उसकी चूत में बड़ी मुश्किल से जा रही थी.

फिर में अपनी उंगली को उसकी चूत के अंदर डालकर अपनी उंगली को अंदर बाहर करने लगा. फिर थोड़ी देर में ही मेरी उंगली आसानी से अंदर बाहर होने लगी. अब मैंने अपना लंड उसकी चूत के छेद पर रखा तो उसने अपनी आँखे बंद कर ली.

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फिर मैंने हल्के से अपने लंड को उसकी चूत पर दबाया ही था कि वो चिल्ला उठी, नहीं साहिल अब नहीं दर्द हो रहा है. फिर मैंने उसी टाईम थोड़ा सा अपने लंड को और दबा दिया तो मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया और वो ज़ोर से चिल्लाई साहिल नहीं में मर जाऊँगी, प्लीज रहने दो आआआआआआहह, बहुत दर्द हो रहा है उूउऊहह, साहिल अब मत करो, बहुत दर्द हो रहा है. फिर मैंने अपने लंड को वैसे ही आधा अंदर आधा बाहर छोड़ दिया.

फिर थोड़ी देर में जब उसका दर्द जैसे ही कम हुआ तो मैंने ज़ोर का एक झटका दिया और मेरा पूरा लंड शिल्पा की चूत में घुस गया और वो इस बार ज़ोर से चिल्ला उठी साहिल्ल्ल्ल्लल्ल्ललल आआआहह साहिईईईईल्ल्ल्ल बस करो. फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत में डालकर वैसे ही छोड़ दिया. फिर 2 मिनट के बाद जब उसका दर्द थोड़ा कम हुआ तो शिल्पा ने अपने दोनों हाथों से मुझे जकड़ लिया और मेरे होंठो पर किस करने लगी.

अब उसके किस से मेरे अंदर उत्तेजना और बढ़ने लगी थी, तो मैंने फिर से अपना लंड शिल्पा की चूत में से बाहर निकाला और फिर एक ज़ोर का झटका मारा. इस बार मेरा पूरा लंड एक ही बार में पूरा अंदर चला गया और शिल्पा बोली कि बस साहिईईईईईईल्लल्लल्लल्ल धीरे-धीरे करो दर्द हो रहा है.

फिर में अपने लंड को उसकी चूत में ही छोड़कर उसके होंठो को चूसने लगा और फिर जब वो मेरे होंठो को चूसने में मस्त हो गयी तो मैंने अपने लंड से एक ज़ोर का झटका फिर से उसकी चूत में मारा तो इस बार उसे उतना दर्द नहीं हुआ और वो बस आआअहह मेरे साहिल अपना लंड मेरी चूत में डाल दो, मेरी चूत सिर्फ़ तुम्हारी है साहिल बोले जा रही थी. फिर में अपने लंड को उसकी चूत में अंदर बाहर करने लगा और अब शिल्पा तो बस उूउउईईईईईईईईईईईईंमममममम मर गयी और ज़ोर से मेरे साहिल और ज़ोर से करते रहो, आज मेरी चूत की प्यास मिटा दो मेरे साहिल, उूउउफफफफ्फ. अब शिल्पा को भी मज़ा आने लगा था और वो भी धीरे-धीरे अपनी कमर को उठाकर मेरा साथ देने लगी थी.

अब में पूरे जोश से अपने लंड को उसकी चूत के अंदर बाहर कर रहा था और साथ ही साथ उसके होंठो को भी बीच-बीच में चूम रहा था. तभी अचनाक से उसकी कमर उठाने की स्पीड बहुत तेज हो गयी और वो कहने लगी कि मेरे साहिल आज मेरी चूत को फाड़ दो और ज़ोर से करो मेरे साथ आआआआआहह करते रहो मेरे साहिल, करते रहो. अब उसने अपने दोनों पैरो से मेरी कमर को पूरी तरह से जकड़ लिया था और फिर मेरे एक ज़ोर के झटके के साथ वो झड़ गयी और मेरे होंठो पर अपने होंठो को रखकर किस करने लगी.

अब मेरा लंड भी अपनी आखरी स्टेज पर आ चुका था और अब में ज़ोर-ज़ोर से उसकी चूत में अपना लंड अंदर बाहर करने लगा था और ज़ोर-ज़ोर से झटके मारने लगा था. अब में भी झड़ने लगा तो मैंने उसकी चूत में ही अपना सारा वीर्य निकाल दिया. अब उसकी चूत मेरे वीर्य से पूरी भर गयी थी और फिर में 2 मिनट तक तो ऐसे ही उसके ऊपर लेटा रहा और फिर उसके बगल में आकर लेट गया. अब वो मेरे कंधे पर अपना सिर रखकर लेट गयी थी और अब मुझे उसका नंगा मुलायम शरीर सच में बहुत खूबसूरत लग रहा था.

फिर मैंने रात में ही एक बार फिर से उसकी चुदाई की और सुबह 5 बजे जब हल्की-हल्की रोशनी होने लगी तो हम लोग नीचे आ गये. फिर जब हम दोनों नीचे गये तो तब तक सीमा जाग चुकी थी. फिर वो हम दोनों को एक साथ में देखकर हँसते हुए बोली कि रात भर आप लोग सोए नहीं है क्या? अब शिल्पा तो उसकी बात सुनकर हंसकर रूम के अंदर चली गयी और फिर में भी नीचे अपने रूम में चला गया. फिर उस दिन शिल्पा पूरे दिन सोती रही और वो उस दिन अपनी कोचिंग क्लास भी नहीं गयी. फिर 10 दिनों तक तो हम लोग रोजाना रोज रात में इस तरह से चुदाई का खेल खेलते रहे.