एक बार मेरे लौड़े को चख तो लो

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एक बार की बात है जब मैं लखनऊ गया था, अपने दोस्त की शादी में तो उस समय मैं पहली बार लखनऊ गया था। मेरा नाम अतुल है। मैं उदयपुर का रहने वाला हूं। मैंने अपनी पढ़ाई उदयपुर में ही पूरी की है। मेरे पिताजी एक बिजनेसमैन है और मैं एक इंटरनेशनल कंपनी में काम करता हूं। मेरा एक छोटा भाई है जो अभी MBA की पढ़ाई कर रहा है। और मेरी मां एक टीचर है। तो कुछ समय पहले मैं लखनऊ अपने एक दोस्त की शादी में गया था। वहां हमारे सारे कॉलेज के दोस्त आए हुए थे। हम लोगों ने मिलकर खूब इंजॉय किया और शादी के कामों में भी उनके साथ हाथ बढ़ाया। जिस लड़की से मेरे दोस्त सूरज की शादी हो रही थी वह लड़की भी हमारे कॉलेज में ही पढ़ती थी। उसका नाम अंकिता था। उन दोनों की मुलाकात पहली बार कैंटीन में हुई थी। मेरा दोस्त उसी दिन उस लड़की को अपना दिल दे बैठा। वह उसे ऐसे ही रोज कैंटीन में देखता रहता पर उसकी अंकिता से कुछ कहने की हिम्मत ना होती फिर एक दिन उसने अंकिता से अपने दिल की बात कर ही दी लेकिन अंकिता ने भी पहले दिन कुछ नहीं बोला वह जानबूझकर सूरज को नजरअंदाज करने लगी। फिर कुछ दिनों तक ऐसे ही चलता रहा और फिर आखिर में एक दिन दोनों मिल ही गए।

वह दोनों एक दूसरे से बातें करने लगे। वह बहुत अच्छे दोस्त बन गए थे।और अंकिता हमारी भी अच्छी दोस्त हो गई थी। उन्होंने फैसला किया कि कॉलेज पूरा होते ही और दोनों शादी कर लेंगे और फिर एक दिन कॉलेज पूरा हुआ। कॉलेज पूरा होने के कुछ समय बाद दोनों की शादी की खबर आई और मैं बहुत खुश हुआ। मैं इसलिए खुश था कि सूरज की शादी में हमारे सभी दोस्त मौजूद होंगे। मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। क्योंकि कॉलेज पूरा होने के काफी समय बाद हम लोग एक दूसरे से मिलने वाले थे। हमारे सभी दोस्त सूरज की शादी में पहुंच गए। हम लोग एक दूसरे से मिले और कॉलेज की खूब सारी बातें की।  और अब दूसरे दिन बारात लड़की की घर पहुंची। अंकिता दुल्हन के लिबास में बहुत ही सुंदर लग रही थी। उसके साथ उसकी कई सहेलियां थी। उनमें से एक पर मेरी नजर पड़ी। मुझे वह पहली नजर में ही अच्छी लगने लगी। थोड़ी देर बाद वह लोग हमारे लिए खाना लेकर आये थे। और वह लड़की भी आई थी। मैंने उससे उसका नाम पूछा उसका नाम रितु था। उसके बाद उसने मुझसे मेरा नाम पूछा। मैंने भी अपना नाम उसे बता दिया। फिर थोड़ी देर तक हम दोनों बैठकर बातें करने लगे।एक दूसरे के बारे में पूछने लगे तो पता चला कि वह मेरे पिताजी के दोस्त की बेटी है। मैं मन ही मन सोचता रहा यह तो बहुत अच्छी बात है। हम दोनों की खूब जमने लगी हमने अपना नंबर भी एक दूसरे से शेयर किया।

उसके बाद हम दोनों अपने शहर लौट आए और मैंने रितु को फोन किया। रितु मुझसे काफी अच्छे से बात करने लगी और हमारी बातें बढ़ती चली गई। मैंने अपने घरवालों को रितु के बारे में सारी जानकारी दे दी थी। तो वह भी मना ना कर सके। उन्होंने भी कहा ठीक है जैसा तुझे लगता है तू देख ले।      उन्होंने रितु के पिताजी को हमारे घर पर मिलने बुलाया। मेरे पिताजी न रितु के पिता से बात की और वो कहने लगे ठीक है। लड़का लड़की एक दूसरे को पसंद करते हैं तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है। हमारी सगाई की बात तय हो चुकी थी। अब हम दोनों फोन पर ही बात किया करत थे। फोन पर हम लोग अश्लील बातें किया करते थे। हम लोग काफी सारी बातें किया करते थे।

दो महीने बाद हम लोगों की सगाई तय हुई। हमारे सगाई का दिन नजदीक आ गया जैसे ही हम लोगों की सगाई हुई। उस दिन रितु काफी अच्छी लग रही थी। उसने वाइट कलर का सूट पहना हुआ था। वह मेरे सामने आई मुझे उसको देखकर काफी अच्छा मन हो रहा था। मुझे ऐसा मन कर रहा था। जैसे मैं उसे चोदू मुझे उसकी गांड लेने का मन कर रहा था। हमारी सगाई हो चुकी थी। तो हम दोनों एक दूसरे से कहीं भी मिल सकते थे।

मैंने रितु से कहा कि मुझे तुमसे मिलना है। मैंने उसे अपने घर पर बुला लिया। उस दिन घर पर कोई था नहीं सब लोग कहीं गए हुए थे। वह घर पर आ गई हम दोनों बैठे हुए थे। हम दोनों काफी बातें करने लगे बातें करते-करते  रितु मुझसे कहने लगी। तुम फोन पर तो काफी अश्लील बातें करते हो और इस समय चुपचाप बैठे हुए हो। तुम्हें क्या हो गया है। मैंने उसे कहा मुझे कुछ भी नहीं हुआ है। वह मेरे साथ मजाक कर रही थी। ऐसा मजाक जो मुझे अच्छा लग रहा था।

मैंने उसे कहां तुम बहुत मजाकिया अंदाज में मुझसे बात कर कर रही हो। वह कहने लगी क्या मैं तुमसे मजाक भी नहीं कर सकती। मैंने उसे कहा ऐसी कोई बात नहीं है।

ऐसा कहते कहते मैंने उसकी जांघों पर अपने हाथ रख दिया। जैसे ही मैंने उसकी जांघों पर हाथ रखा। मुझे अंदर से कुछ फीलिंग आई। अब मेरा मन उसे चोदने का होने लगा। मैंने अपनी पेंट उतार दी और रितु को कहा मुझे तुम्हें चोदना है। वह कहने लगी ठीक है उसने भी अपना सलवार और कुर्ता उतार दिया। मैंने उसकी योनि को काटना शुरु कर दिया। जैसे जैसे मै उसकी चूत चाटता उसकी गर्मी से पानी निकलता जाता और एक समय ऐसा आया जब उसका पानी काफी ज्यादा गिरने लगा था। मैं उसके चूत के पानी को चटता जा रहा था। जो भी उसकी योनि से गिर रहा था। मुझे कहने लगी मुझे तुम्हारा लंड देखना है कितना बड़ा है। मैंने अपना लंड निकाला तो उसने अपने हाथों में पकड़ लिया और उसे अपने हाथों से हिलाने लगी। मैंने उसे कहा तुम इसे अपने मुंह में ले लो तो उसने कहा नहीं मैं नहीं ले सकती। मुझे बहुत गंदा लगता है। मैंने कहा तुम ट्राई तो करो बाद में तो लेना ही है। तो उसने धीरे से अपनी जीभ से मेरे लंड के टोपे को टच किया और वह कहने लगी इससे बड़ी गंदी बदबू आ रही है। मैंने उसके मुंह में डाल ही दिया जैसे ही मैंने डाला तो मैं उसके मुंह को अंदर बाहर करने लगा और वह मचलने लगी। वह मुझे कहती यह तो बड़ा स्वादिष्ट है अच्छा लग रहा है। थोड़ी देर बाद मैंने उसकी चूत में उंगली कर दी जैसे ही मैंने उंगली कि वह सातवें आसमान पर पहुंच चुकी थी। मैंने उसकी प्यास बुझाने के लिए उसकी योनि में अपना लंड डाल दिया और उसे काफी देर तक चोदा हम दोनों की गर्मी से मैं ज्यादा देर तक टिक ना सका और मेरा झड़ गया। मैंने अंदर ही गिरा दिया क्योंकि मुझे कोई टेंशन थी नहीं हमारी शादी होने वाली थी।

मेरा मन नहीं भरा था। मैंने उसे कहा मेरा मन नहीं भरा है। उसने कहा तो ठीक है तुम दोबारा से कर लो। मैंने कहा मुझे तुम्हारी गांड मारनी है। वह कहने लगी तो कैसे करोगे तुम मैंने कहा जैसा करते है वैसा करेंगे। मैंने इससे पहले कभी भी नहीं है। और मैं तुम्हारी ले सकता हूं। मैंने अपने लड पर थूक लगाया और उसकी गांड के छेद में भी मुह से गिला कर दिया। मैंने अपने लंड को उसके गांड में प्रवेश करवा दिया। जैसे ही मै प्रवेश करवा रहा था तो मुझे काफी ताकत लगानी पड़ी। मैंने काफी तेजी से धक्का मारा और झटका मारते-मारते उसके गांड मे जैसे ही मेरा लंड अंदर घुसा। वह बड़ी तेजी से चिल्लाई और कहने लगी। तुमने तो मुझे मार ही दिया। मैंने कहा मारा कहां है अभी तो घुसा ही नहीं है।  अभी तो आधा ही घुसा है। मैंने एक झटके के साथ ही पूरा अंदर डाल दिया। जैसे ही मैंने अंदर डाला तो वह और जोर से चिल्लाई जैसे ही वह चिल्लाने लगी। मैंने चोदना शुरू कर दिया। मैं अंदर बाहर करता जा रहा था और उसकी गांड से पानी  निकलता जा रहा था। मुझे काफी अच्छा लग रहा था। क्योंकि उसकी गांड काफी बड़ी बड़ी थी और मैं उसकी गांड को अपने हाथ से पकड़ कर धक्का मारता तो मुझे अच्छा लगने लगता। मैंने ऐसा काफी देर तक किया। मेरा गिरने को हो गया मैंने अपना माल गिरा दिया उसकी गांड में जैसे ही मैंने बाहर निकाला तो मेरा वीर्य टपक रहा था उसकी गांड से अब वह मुझे कहने लगी कौन साफ करेगा। फिर मैंने कपड़े से साफ किया हम दोनों ने कपड़े पहने अब वह अपने घर चली गई।

उसने मुझे फोन करके कहा कि आज मेरी गांड में बहुत तेज दर्द हो रहा है। मैंने उसे कहा कोई बात नहीं तुम सरसों का तेल लगा देना। मैं कल तुम्हारी गांड फिर मार दूंगा तो तुम्हें आदत हो जाएगी। अगले दिन भी आई मैंने उसकी गांड मारी। उसको हमेशा की तरह आदत हो गई थी। तो बिल्कुल भी दर्द नहीं होता था। जब तक मेरी शादी होने वाली थी तब तक ना जाने कितनी बार उसकी गांड मारी थी। अब हम दोनों की शादी हो चुकी है। अब तो मैं रोज तीन से चार बार उसके गांड मारता ही हूं।