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मेरा नाम रविंद्र है। मैं एक बिजनेसमैन हूं और मेरी उम्र 45 वर्ष है। मैं अपने बिजनेस के सिलसिले में बहुत ज्यादा ही बिजी रहता हूं और अपने घर वालों को बिल्कुल भी समय नहीं दे पाता हूं। मैंने बहुत मेहनत की है अपने काम को आगे बढ़ाने के लिए। मैंने इसमें दिन रात एक  करके ही आज इस मुकाम पर पहुंचा हूं। अब मैं एक अच्छा और सक्सेसफुल बिजनेसमैन हूं। मैं अपनी पत्नी और बच्चों को जब भी मुझे समय मिलता है मैं उन्हें घुमाने के लिए कहीं विदेश में ले जाता हूं। जिससे कि उन्हें भी मुझसे कोई  शिकायत नहीं रहती है कि, मैं उन्हें समय नहीं दे पाता हूं। मुझे पता ही नहीं चला कि मुझे अपना बिजनेस करते हुए कब 15 साल हो गए और मेरे कॉलेज के कई सारे दोस्त पता नहीं अब कहां हैं। उनसे हमारा कोई संपर्क भी नहीं हो पाता है लेकिन मैं सोचता रहता था कि कभी मौका मिलेगा तो जरूर उन लोगों से मुलाकात कर लूंगा। क्योंकि मैं दिल्ली में ही रहता हूं। इस वजह से ज्यादातर लोग दिल्ली में ही है। हमारी कॉलेज की पढ़ाई भी दिल्ली में ही हुई थी। अब एक बार मैं एक सेमिनार के लिए मुंबई चला गया। वह बहुत ही बड़ा सेमिनार था।

मैं जब उस प्रोग्राम में पहुंचा तो वहां पर काफी अच्छे-अच्छे स्टॉल्स लगे हुए थे और मैं ऐसे ही सॉरी स्टॉल्स को देख रहा था। कुछ ही देर बाद वहां सेमिनार शुरू होने वाला था। अब मैं वहां जाकर बैठ गया। हम लोगों का वह सेमिनार बहुत अच्छा रहा। उसके बाद हॉल के अंदर एक कैंटीन थी तो मैंने सोचा वहाँ पर थोड़ा सा रिफ्रेशमेंट ले लेता हूं। मैं अब वहां पर चला गया। मैं जब वहां बैठा हुआ था तो मेरे पास में ही एक महिला आकर बैठ गई। उसने भी लंच ऑर्डर करवा दिया और ऐसे ही वह अपने फोन में देख रही थी। वह काफी देर से मेरी तरफ देखे जा रही थी और मैं भी उसे देख रहा था। तभी उसके फोन पर कॉल आई। उसने वह फोन उठाया और बातें करने लगी। क्योंकि वह मेरे पास की ही सीट में बैठी हुई थी इसलिए मुझे उसकी बातें सुनाई दे रही थी। जब उसने अपने पति का नाम लिया। मेरे कालेज के दोस्त का नाम भी वही था। तो मुझे ऐसा लगा शायद ये वही है। अब वह दोनी  काफी देर तक बात करते रहे। जब उसने फोन रखा तो मैंने उससे पूछा, क्या आपके पति दिल्ली में ही रहते हैं? उन्होंने मुझे बताया हां। वह दिल्ली में  ही रहते हैं। अब उन्होंने जब अपने पति का नाम बताया तो वह मेरे दोस्त निकल गया।

उन्होंने जब मेरी बात अपने पति से करवाई तो वह भी काफी दंग रह गया और मुझे कहने लगा तुम इतने सालों बाद कहां हो? मैंने उसे बताया कि मैं भी दिल्ली में ही रहता हूं। अभी सेमिनार के सिलसिले में आया हुआ हूं और कुछ दिनों बाद दिल्ली वापस लौटूंगा। हमारी बात काफी देर तक हुई। उसके बाद मैंने फोन रखा अब मैंने उन महिला से जो कि मेरे दोस्त की पत्नी भी थी। मैंने उनका  नाम पूछा, उनका नाम ममता था और वह भी बिजनेस करती हैं। इस सिलसिले में वह भी मुंबई आई हुई थी। हमारी काफी बातें हुई मैंने उनसे पूछा कि आपका काम कैसा चल रहा है? वह कहने लगी बहुत अच्छा चल रहा है। मैं भी ज्यादातर बाहर ही बिजनेस के सिलसिले में जाती रहती हूं। इसलिए मैं भी मुंबई आई हुई हूं। मैं यह बात सुनकर बहुत खुश हुआ। मैंने उन्हें कहा, आप वापस कब जाएंगे? तो वह कहने लगी कि 2 दिन बाद में वापस जाऊंगी। मैंने भी उन्हें कहा कि मेरा भी 2 दिन बाद का ही प्लान है जाने का तो क्यों ना साथ में ही चले।  उन्होंने कहा ठीक है साथ में ही चलेंगे। अब हम दोनों ने फ्लाइट की टिकट बुक करवा ली और साथ में ही दिल्ली वापस आए। हम लोगों की काफी बातें हुई फ्लाइट में मैं उनसे काफी प्रभावित था। जिस तरीके से उन्होंने भी अपना बिजनेस किया था और काफी मेहनत की थी। वह भी मुझसे पूछने लगी कि आपने भी अपने बिजनेस की शुरुआत में काफी दिक्कते देखी होगी। मैंने उन्हें बताया कि जब मैं बिजनेस की शुरुआत कर रहा था तो मुझे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। मैं आर्थिक रुप से भी उतना मजबूत नहीं था। जैसेे कैसे मैं अपने बिजनेस को आगे बढ़ाता गया और आज एक सक्सेसफुल बिजनेसमैन हूं। हम लोग जब दिल्ली पहुंचे तो उन्होंने कहा कि आप कभी हमारे घर आइए। मैंने कहा क्यों नहीं बिल्कुल। अब तो आना ही पड़ेगा अपने दोस्त से भी मिलने के लिए और आपसे भी कुछ ऐसी कुछ बातें हो जाया करेगी।

अब मैं एक दिन ममता के घर चला गया। मैंने वहां देखा मेरे दोस्त भी घर पर ही था वह देखते ही मेरे गले मिल गया और मुझसे पूछने लगा, इतने सालों बाद तुम मिल रहे हो! इतने सालों तक कहां थे? मैंने उसे बताया कि मैं अपना ही बिजनेस कर रहा था। इसलिए मैं ज्यादा इधर उधर ही रहता था। इस वजह से मेरा किसी से ज्यादा संपर्क में नहीं था। हमारी काफी बातें हुई। उसके बाद मेरी ममता से भी बात हुई और मैंने उसकी भी काफी तारीफ की। मैंने कहा कि तुम्हारी पत्नी भी काफी अच्छा बिजनेस कर रही है। तभी ममता ने बोला कि यह तो मेरे पति का ही साथ था। इनकी वजह से ही मैं इस बिजनेस को आगे बढ़ा पाई हूं। हम लोगों ने काफी बातें की उसके बाद मैंने भी उन्हें अपने घर में आने के लिए कहा, मेरा दोस्त कहने लगा कि मेरे पास तो समय नहीं है लेकिन ममता तुम्हारे घर पर आ जाया करेगी। अब हमारे घर में आना जाना लगा रहा और हमारे संबंध काफी अच्छे हो गए।

एक दिन हमारे बिजनेस का सेमिनार चेन्नई में था। वहां पर ममता भी आई हुई थी। मैंने उसे कहा तुम कौन से होटल में रुकी हुई हो तो उसने मुझे बताया मैं इस होटल में रुकी हुई हूं। मैं उसके होटल में चला गया और जब मैं उसके रूम में पहुंचा तो मैंने वहां देखा कि उसकी पैंटी बिस्तर पर पड़ी हुई है। उसने मुझे देखते ही अपने पैंटी को वहां से हटा दिया। मैंने उसे कहा कि यह सब फॉर्मेलिटी करने की जरूरत नहीं है मुझे सब पता है। मैंने उसे कसकर अपनी बाहों में ले लिया जैसे ही मैंने उससे जोर से दबाया तो वह मेरे बाहों में आ गई। वह भी मुझसे कस कर गले लग गई और मैंने जैसे ही उसके होठों को किस करना शुरू किया तो उसने भी मेरे होठों को बड़ी अच्छे से किस करना शुरु कर दिया। जिससे कि वह भी अब मेरे पूरे काबू में आ चुकी थी और उसका बदन मेरे हाथों में था। उसका बदन गदराया हुआ था और वह बहुत सेक्सी और हॉट थी। मैंने तुरंत उसके कपड़ों को उतार कर जैसे ही उसके स्तनों को अपने हाथ में लिया तो मुझे एहसास हुआ कि वह बहुत ही नर्म और मुलायम है। मैं उन्हें अपने मुंह में लेकर रसपान करने लगा। जैसे ही मैंने उसके स्तनों को अपने मुंह में लिया तो उसका थोड़ा बहुत दूध भी निकलने लगा और मैंने उसकी चूत मे उंगली डाल दी। मैं अपनी उंगली को अंदर बाहर कर रहा था तो वह बड़ी तेज चिल्ला रही थी। मैंने भी अब उसे अपने लंड के ऊपर बैठा दिया जैसे ही मैंने उसे अपने लंड पर बैठाया तो उसकी चीखें निकल पड़ी और वह मुझ से लिपट कर बैठ गई।

मैं उसके चूतड़ों पर धक्के मारे जा रहा था थोड़ी देर बाद वह ऐसे ही मुझे पकड़ कर बैठी रही। कुछ देर में उसे भी मजा आने लगा तो वह भी अपने चूतडो को ऊपर-नीचे करती जाती और मुझे कहती कि मुझे बहुत ही मजा आ रहा है जब तुम मुझे इस तरीके से चोद रहे हो। मैं ऐसे ही उसे झटके मारता रहा और उसका पूरे शरीर को मैं अपने हाथों से दबाता जाता। वह बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो गई और वह मादक आवाज निकालने लगी जैसे ही उसकी मादक आवाज मेरे कानों में जाती तो मैं बड़ी तीव्र गति से उसे झटके मारने लगा। मैंने तुरंत ही उठाकर उसे घोड़ी बना दिया और उसके चूतड़ों पर बड़ी तेज प्रहार करने लगा। मैं उसे ऐसे ही चोद रहा था कि अचानक से मेरे वीर्य भी गिर गया। जैसे ही मेरा वीर्य उसके योनि के अंदर गया तो मैंने तो अपने लंड को बाहर निकालते हुए उसके मुंह में डाल दिया। जो भी मेरा माल टपक रहा था वह सब उसने अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया। वह बहुत ही ज्यादा खुश थी और हम जब भी अब कहीं मीटिंग से बाहर जाते तो हम दोनों साथ ही रहते थे।

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