होली की कहानी दीदी की जवानी

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दोस्तों! पिच्छाले स्टोरी मे मैं बताया था की होली से दो दिन पहले रानी दी मुझसे प्रॉमिस की थी की होली के दिन चुत चुडवाएगी.होली के दिन सुबह से ही मैं काफ़ी उत्तेजित था. हर वक़्त मैं दीदी के पीछे पीछे भाग रहा था लेकिन दीदी थी की होली मे खाना बनाना, घर सावरने मे ही व्यस्त थी. वो एक दो बार मुझसे बोली भी की कान्हा तुम जयो ना मैं रात मे दे दूँगी ना.

दोपहर के बाद बगल घर की भाभी आ गयी और दीदी को रंग लगा दी.दीदी का पूरा चेहरा लाल रंग से रंग दी दीदी भी भाभी के चेहरे मे रंग लगा दी लेकिन भाभी आपना हाथ रानी दी के सूट के उंड़र डालकर दीदी के चुचि को रंगने की कोशिश करने लगी लेकिन दीदी चिल्लाते हुए उनका हाथ बाहर निकल दी और दीदी भी उनकी चुचियों मे रंग लगाने लगी.

मैं देखकर हस रहा था और मज़े ले रहा था.दोनो काफ़ी देर तक एक दूसरे को रंग लगाए जा रही थी.दीदी भी खूब मज़े लेकर भाभी की चुचियों मे रंग डाले जा रही थी.फिर भाभी चली गयी.मैं भी रंग लेकर दीदी के गॅलन मे लगा दिया.दीदी भी मुझे गॅलन मे रंग लगा दी.मैं दीदी से बोला की दीदी रात को आपनी पिचकारी से रंग आपको दल दूँगा. दीदी हसने लगी.

मैं मौका देखकर दीदी को आपनी बाहू मे जाकड़ कर एक लीप किस करके चुचियों को दबा दिया. फिर मैं भी बाहर जा कर रंग खेलने लगा. रात को दीदी नहा कर सारा रंग साफ करके सोने के लिए मेरे कमरे मे आ गयी.मैं लेटकर दीदी का इंतेजर कर रहा था. मा पिताजी भी खाना खाकर मा के साथ दूसरे कमरे मे सो चुके थे.

दीदी कमरे मे आने के बाद डोर लॉक कर के लाइट ऑफ कर के मेरे बेड पर आ गयी. मुझे नींद कहाँ थी. मैं तुरंत दीदी को आपनी बाहू मे लेकर उसके नाज़ुक रसीले होठों को चूसने लगा.दीदी अभी तुरंत नहा कर आए थी इसलिए बिल्कुल फ्रेश और मस्त लग रही थी. दीदी सिर्फ़ नाइटी पहाँ रखी थी. नाइटी के उंड़र कुछ भी नही था.

मैं उसको आपनी बाहू मे कस कर दबा कर उसके होठों के रस को निचोड़ निचोड़ कर पी रहा था. दीदी को भी बहुत अच्छा लग रहा था. बीच बीच मे वो भी मेरे होठो को चूस रही थी. मैं आपने जीभ को दीदी के मूह मे घुसा घुसा कर छत रहा था. मेरी और दीदी दोनो की साँसे बहुत ज़ोर ज़ोर से चल रही थी. मूह से सिसकारी भी निकल रही थी.दीदी एकदम
गरम हो चुकी थी.

दीदी का नाइटी मैं उपर के तरफ से निकल दिया और चुचियों को चूसने लगा. क्या मस्त मस्त टाइट टाइट चुचि थी.एक हाथ से चुचियों को दबा भी रहा था और मूह से चूस भी रहा था.दीदी धीरे धीरे आ आ कर रही थी. मैं दीदी के निपल को दंटो से काटने लगा दीदी बोली कान्हा धीरे धीरे करो डर्द करता है.मैं आपना ट्रॅक्सयूट और वेस्ट उतार
दिया अब मैं भी दीदी की तरह बिल्कुल नंगा था मेरा हथोड़े लौदा दीदी के जाँघो मे चुभ रहा था .अब हम दोनो बेड पर आ गये.

मैं दीदी के दोनो लेग्स को आपने कंधे पर रख कर उसके चुत को टच किया.ऑम्ग बिल्कुल चिकना गुद्देदार चुत .आज ही दीदी झांतो को साफ की थी.टीना का चुत इसके सामने कुछ भी नही था. मैं दीदी से बोला की दीदी लाइट जला कर चुत को देखना चाहता हूँ. दीदी बोली की जो भी करना है अंधेरे मे करो नही तो मैं कुछ भी करने नही दूँगी.

मैं आपना लंड जो काफ़ी गरम सख़्त था उसे दीदी के चुत पर रख कर उंड़र घुसने लगा.दीदी का चुत गीला और चिकनाई लिए हुए था फिर भी उंड़र नही घुस रहा था.किसी तरह लंड का सुपरा उंड़र चुत के दोनो लिप्स के बीच फसा कर उंड़र धकेलने लगा लेकिन चुत भी क्या सक़त थी साली मेरे लॉड को उंड़र जाने ही नही दे रही थी फिसल कर बाहर हो जाती थी.

वैसे ही प्रायश चलता रहा दोनो उंगलियो से चुत के लिप्स को फैला कर लंड को फिर चुत मे फसाया और ज़ोर देकर उंड़र घुसने लगा और थोडा उंड़र घुसा फिर ज़ोर देकर धकेलने लगे तो दीदी मेरे लंड को बाहर निकल दी की डर्द करता है.

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लेकिन चुत चोदने का जितना मुझ पर नशा था उससे कहीं ज़्यादा दीदी भी तड़प रही थी.फिर लंड को फसाया चुत मे और धक्का मारा दीदी डर्द से कराह उठी लेकिन लंड आधा से ज़्यादा चुत की गहराए मे उतार चक्का था.मैं दीदी के चुचि को दबाने लगा चूसने लगा जिससे डर्द कुछ कम गया.उसी तरह आधा लंड उंड़र घुसा रहा और चुत की गर्मी को नापने लगा.

दीदी अब फिर से मज़े नबस्प; लेने लगी और मैं ज़ोर का धक्का मारा और लंड सीधा चुत की वर्जिनिटी को फड़ता हुया 9 इंच तक घुसता चला गया. दोस्तों आप ये कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है l

दीदी तो कसमसा कर तडप गये और आपने कमर को खिचाने लगी लेकिन मैं भी त्यआर था और ज़ोर से उसके कमर को आपनी ओर खिच कर लंड का दबाब बनाए रखा. कान्हा तुम ये क्या कर दिए हो लगता है उंड़र कुछ फट गया है बहुत डर्द कर रहा है. मैं बोला दीदी तेरे चुत का नाथ यानी सील टूटा है चिंता मत करो थोड़ी देर मे डर्द भी ख़तम हो जाएगा.

फिर मैं उसके उपर लेट कर उसके होठो को चूसने लगा और उसकी चुचि मेरे सिने से डब रही थी जिससे उसे अच्छा लग रहा था.मेरा लंड चुत की गहराई मे उतार कर फुदाक रहा था. कुछ देर के बाद डर्द कम गया और फिर मैं लंड को उंड़र बाहर&नबस्प; धीरे धीरे करने लगा चुचि को दबाता रहा मसलता रहा.

दीदी के मूह से हल्की हल्की सिसकारी निकालने लगी और फिर उसका दिल ज़ोर ज़ोर से धड़कने लगा.मूह से आ आ आ करने लगी. मैं लंड का रॅफटर बढ़ा दिया और फिर दीदी बोलने लगी कान्हा कस के चोदा और ज़ोर से चोदा मैं रॅफटर बढ़ता रहा और गूड़ेदार चुत पर ज़ोर ज़ोर से धक्का मरने लगा.

कान्हा और ज़ोर से मरो और ज़ोर से चोदा फाड़ डालो मेरे बुवर को.मैं उसकी चुचि को ज़ोर ज़ोर से मसल रहा था निपल को रग़ाद रग़ाद कर खिच रहा था और लंड राजधानी की तरह से चुत की चुदाई कर रहा था. दीदी बिल्कुल मस्त होकर छुड़ा रही थी . अचानक दीदी आपना गांड उठाकर धक्के मरने लगी .

वो बिल्कुल ही बीक्राल लग रही थी. कान्हा कस कस के चोदा ना,फाड़ दो इसको, बहुत मज़ा आ रहा है चोदा चोदा चोदा चोदा लगातार बोले जा रही थी .फिर झदाने ही बलि थी की मैं भी पूरी ताक़त से लंड का ठोकर उसकी चुत मे मरने लगा आ आ आ मज़ा आ रहा है मेरे भैईए ऐसी ही ज़ोर ज़ोर से चोदा और फिर उसके चुत मे उंड़र से ऐतान होने लगी और झडने लगी तभी मैं भी आपने लंड का फब्बरा उसकी चुत मे बहा दिया. आब वो भी शांत होकर निढाल हो गयी.

यह मेरी रानी दीदी की चुत की पहली और आखरी चुदाई थी क्योंकि फिर टीना आ गयी. और जब तक टीना रही रानी दी एक बार भी नही चुडवाई. फिर रानी दी की शादी हो गयी. अभी तो रानी दी को एक बेटा और एक बेटी है और आपने परिवार मे मस्त है.

टीना भी आपने परिवार मे मस्त है.अभी मैं एंगेज नही हो पाया हूँ देखता हूँ की किस्मेट मे कब चुत नसीब होठा है.कभी कभी कोई पाट जाती है तो चुड जाती है और मेरे लॉड को बुवर मिल जाता है लेकिन रेग्युलर नही हो पा रहा है.