दोस्त की नखराली बहन की चूत फाड़ी

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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम पंकज है और में पटना (बिहार) का रहने वाला हूँ. दोस्तों में आज आप सभी  चाहने वालों को अपनी एक सच्ची घटना और मेरा एक सेक्स अनुभव बताने जा रहा हूँ, जो कुछ समय पहले मेरे दोस्त की बहन के साथ घटित हुई और उसकी मेरे साथ पहली चुदाई की एक कहानी है, जिसमें मैंने उसको अपने कमरे पर लाकर चोदा उसकी चुदाई के पूरे पूरे मज़े लिए. में उम्मीद करता हूँ कि यह आप लोगो को यह कहानी जरुर पसंद आएगी. दोस्तों मेरी उस लड़की से पहचान बहुत समय पहले से थी, लेकिन मुझे उसके साथ यह सब करने का ऐसा कोई अच्छा मौका नहीं मिला और में हमेशा उस मौके की तलाश में लगा रहता था. फिर मेरी किस्मत में वो एक दिन आ ही गया. अब में अपना और उस मेरे दोस्त की बहन गीतू का आप लोगों से परिचय करवा देता हूँ, उसके बाद में आगे की कहानी सुनाऊंगा.


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दोस्तों मेरा नाम पंकज कुमार है. मेरी उम्र 24 साल और मेरे दोस्त की बहन जिसका नाम गीतू है, जिसकी उम्र 24 साल है. वो दिखने में बहुत सुंदर, गोरी भूरी, उसका भरा हुआ बदन, बड़े आकार के बूब्स, ठीक ठाक दिखने वाली मटकती गांड और पतली कमर, मुझे उसका पूरा बदन बहुत सेक्सी लगता था. उसका भाई मेरा दोस्त था इसलिए उसके साथ भी मेरा बहुत अच्छा बोलचाल था. हमारे बीच हर कभी हंसी मजाक चलता रहता और मेरी उससे बहुत अच्छी दोस्ती थी, लेकिन मेरा उसके साथ बोलचाल है यह बात उसके भाई को पता नहीं थी और उस बात का फायदा उठाकर में उससे बहुत बार घर से बाहर मिलता और हम दोनों घूमते फिरते और बहुत मज़े मस्तियाँ करते थे. फिर मैंने बहुत बार उसके बदन को उसके घर पर छुआ, लेकिन वो ना जाने क्यों पीछे हट जाती इसलिए हमारे बीच अब तक ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था. वैसे उसके बूब्स थे बहुत आकर्षक जिनको देखकर में हमेशा उसकी तरफ खिंचा चला जाता था और इस बात को वो भी बहुत अच्छी तरह से समझती थी.

दोस्तों मेरे दोस्त की बहन से मेरी दोस्ती को हुए पूरे दो साल हो गए थे, लेकिन इस बीच हम दोनों एक दूसरे के इतने करीब हो चुके थे कि हमारा हंसी मजाक मिलना घूमना फिरना बहुत ज्यादा बढ़ चुका था. मुझे उसको देखे बिना नींद नहीं आती थी और में उसके लिए दीवाना हो चुका था. फिर मैंने बहुत बार उसको सोचकर मुठ मारकर अपने लंड को शांत भी किया, लेकिन मैंने उसे अब तक ठीक तरह से छुआ भी नहीं था और में उसको पाने के लिए नये नये मौके ढूंढता रहता था. वह हर रात को मेरे सपनों में आती थी.

एक दिन जब हम दोनों एक पब्लिक गार्डन में मिले तो मैंने उसको वहां पर सिर्फ़ किस ही किया और उसके बाद हम दोनों हंसी मजाक बातें करने लगे और वह उस समय मुझसे बिल्कुल चिपककर बैठी हुई थी. वह मुझे बहुत खुश नजर आ रही थी और कुछ देर बाद जब मैंने उसका अच्छा व्यहवार देखकर उसके बूब्स पर हाथ लगाने लगा तो उसने मेरा हाथ उसकी छाती से एक झटका देकर तुरंत हटा दिया और कहने लगी यह सब क्या है? मैंने तुम्हे ऐसा नहीं समझा था और वह मुझसे बहुत गुस्सा हो गई और फिर झट से उठकर खड़ी हुई और मुझसे बिना बोले अपने घर के लिए निकल पड़ी.

फिर इसके बाद कम से कम एक महीने तक उसने मुझसे कोई भी बात नहीं कि थी. फिर में उससे माफी मांगने के लिए उसके घर व कॉलेज तक भी गया, लेकिन वह मुझसे तब भी नाराज ही रही और हर बार मुझे निराशा ही हाथ लगी. उसने मुझसे फोन पर भी बात करना बंद कर दिया था, इसके कुछ दिनों बाद मैंने भी आख़िर उसका पीछा नही छोड़ा और उसको एक दिन मना ही लिया और उसने मेरी गलती के लिए मुझे माफ़ भी कर दिया और फिर हमारे बीच सब कुछ अब पहले जैसा चलने लगा था और फिर एक दिन मैंने उससे कहा कि यह सब तो चलता रहता है और मैंने सेक्स के बारे में उससे उसकी राय पूछी. फिर वह मुझसे कहने लगी कि मुझे यह सब करना बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता, इसलिए तुम दोबारा ऐसा कोई भी काम मेरे साथ दोबारा ना करना. फिर मैंने उससे कहा कि हाँ ठीक है, अगर तुम्हे अच्छा नहीं लगता तो में दोबारा ऐसी कोई भी हरकत नहीं करूँगा और उस दिन के बाद हम दोनों जब भी मिलते तो हमारे बीच बस उसके माथे पर किस तक ही सीमित रहते, लेकिन अब मुझसे ज्यादा रहा नहीं जाता था और इसलिए मेंने अब उसको चोदने का विचार बनाने लगा. फिर मुझे कैसे भी करके उसकी एक बार चुदाई जरुर करनी थी, इसलिए मेरे मन में उसकी चुदाई का भूत सवार था.

एक बार जब में गर्मीयों के दिनों में उससे मिलने उसके कॉलेज चला गया तो वो मुझसे बोली कि आज तुम तुम्हारे ऑफिस से छुट्टी ले लो और आज हम दोनों बैठकर बहुत सारी बातें करेंगे. फिर मैंने अपने ऑफिस फोन करके कह दिया कि आज में किसी जरूरी काम की वजह से ऑफिस नहीं आ सकता हूँ और उसके बाद हम दोनों कुछ देर तक उसके कॉलेज में ही बैठे रहे. फिर मैंने उससे कहा कि हम कहीं बाहर घूमने चलते है, तो वो भी मेरी बात को तुरंत मान गई, लेकिन उस समय 12.00 बज रहे थे और उस समय ना तो हमें कोई भी फिल्म का टिकट मिलना था और ना ही हम किसी गार्डन में जा सकते थे, क्योंकि पटना में ज्यादातर 11:45 तक सारे सिनेमा में शो शुरू हो जाते है और हम दोनों गार्डन में भी इसलिए नहीं जा सकते थे, क्योंकि दिन में वहाँ पर बहुत ज्यादा गर्मी होती है. फिर मैंने उससे कहा कि हम दोनों मेरे रूम पर चलते है और वहीं पर आराम से बैठकर हम घंटो बातें कर सकते है और हमें किसी का डर भी नहीं होगा, लेकिन वो मना कर रही थी और मुझसे कह रही थी कि मुझे डर लगता है कि कहीं कुछ हो गया तो, लेकिन मैंने उसको बहुत समझाया और उसको मेरी बातों में फंसाकर उससे कहा कि अगर तुम्हे मुझसे सच्चा प्यार है और अगर तुम मुझ पर थोड़ा सा भी भरोसा करती हो तो मेरे साथ चल सकती हो नहीं तो में अपने ऑफिस चला जाता हूँ और तुम तुम्हारे घर पर चली जाओ.

फिर यह सुनकर वह मुझसे बोली कि हाँ ठीक है में तुम्हारे साथ कमरे पर चलती हूँ, लेकिन उससे पहले तुम मेरी कसम खाओ कि तुम मेरे साथ ऐसा वैसा कुछ भी नहीं करोगे, तब तो में अभी चलने के लिए तैयार हूँ और फिर मैंने बिना सोचे समझे तुरंत उसकी कसम खा ली और अब वो बहुत खुश होकर मेरे साथ मेरे कमरे पर जाने के लिए ख़ुशी ख़ुशी तैयार हो गई. दोस्तों अब मैंने अपनी बाईक पर उसको बैठा लिया वो मेरे कंधे पर अपना हाथ रखकर मुझसे सटकर बैठ गई, लेकिन में अब पूरे रास्ते यही बात सोचता रहा कि मैंने उसके कहने पर उसकी कसम तो खा ली है, लेकिन अब में इसको कैसे चोदूंगा? फिर जब हम दोनों मेरे रूम पर पहुंचे तो में दूसरा दरवाजा खोलने लगा तभी वो बोल पड़ी कि तुम यह वाला दरवाजा क्यों खोल रहे हो? मैंने कहा कि अगर कोई देख लेगा तो क्या कहेगा कि कौन है और मैंने दरवाजा खोल दिया और उस समय बाहर कोई भी नहीं था, इसलिए किसी ने भी हमें अंदर जाता हुआ नहीं देखा था.

फिर हम दोनों अंदर आ गए और मैंने जल्दी से दरवाजा बंद कर दिया और उसके बाद में बेड पर उसके साथ बैठ गया और फिर हम दोनों बातें करने लगे, बातें करते करते मैंने उसके कंधे पर अपना एक हाथ रखा और उसके होंठो पर किस करने लगा, जैसा कि हम दोनों सिनेमा हाल में और कभी कभी सही मौका देखकर करते थे, लेकिन यह किस 15 मिनट तक चलता रहा और अब मैंने उसकी छाती पर अपना एक हाथ फेरना शुरू कर दिया और मैंने महसूस किया कि उसके बूब्स बहुत ही मुलायम बड़े आकार के एकदम सुडोल थे, जिनको छूकर महसूस करके में आज पहली बार इतना खुश था, लेकिन उसने अपनी तरफ से मेरी इस हरकत का कोई भी विरोध नहीं किया और इसलिए मेरी हिम्मत ज्यादा बढ़ गई. अब में धीरे धीरे से उसकी छाती से होता हुआ उसकी चूत पर सलवार के ऊपर से हाथ फेरने लगा और अब भी मेरे होंठ उसके होंठो से किस कर रहे थे और मेरा एक हाथ उसके बूब्स पर और एक हाथ उसकी चूत के ऊपर चूत को सहला रहा था. अब में धीरे से उसकी गर्दन और उसके बाद उसके बूब्स को उसकी कमीज़ के ऊपर से चूमने लगा, जिसकी वजह से उसके मुहं से एक अजीब सी सिसकियों की अवाजें आने लगी थी, जिनको सुनकर में झट से समझ गया था कि वो अब पूरी तरह से गर्म हो चुकी है. फिर उसके बाद मैंने धीरे से अपना एक हाथ आगे बढ़ाते हुए उसकी कमीज़ के अंदर डाल दिया और ब्रा के ऊपर से उसके बूब्स को सहलाने दबाने लगा, उस वजह से वो अब मदहोश होने लगी और फिर में निप्पल को कसकर निचोड़ने लगा. वह अब बहुत ज़ोर से मोन करने लगी और अब पूरी तरह से गर्म होकर बहुत जोश में आ चुकी थी.

फिर कुछ देर बाद मैंने जल्दी से उसकी कमीज़ को उतार दिया, लेकिन वो अब भी मुझसे कुछ नहीं बोली क्योंकि वह अब पूरी तरह से गरम हो चुकी थी, उसके शरीर में सेक्स का नशा पूरी तरह से चड़ चुका था. फिर इसलिए मैंने ज्यादा समय लगाना ठीक नहीं समझा और मैंने उसकी कमीज़ को उतार दिया, इसके बाद मैंने देखा कि उसने बहुत सेक्सी बिना डोरी वाली काली कलर की ब्रा पहन रखी थी और अब वह मुझसे शरमाते हुए अपने बूब्स को अपने दोनों हाथों से ढककर मुझसे छुपाने लगी थी. फिर मैंने उसको अपनी बाहों में भरकर उसको दोबारा किस करना शुरू कर दिया और में उसके गोरे गरम नंगे बदन को चूमता रहा और वो हल्की सी आवाजे करने लगी और में उसकी ब्रा के ऊपर से दोनों बूब्स को लगातार सहलाता, दबाता रहा. फिर उसी समय मैंने उसकी कमर पर अपना एक हाथ ले जाकर उसकी ब्रा के हुक भी खोल दिए और अब वो मेरे सामने ऊपर से बिल्कुल नंगी थी. फिर में उसके बूब्स को देखकर ललचाने लगा और मैंने उसको जल्दी से बेड पर लेटा दिया. फिर अब में उसके बूब्स को किस करने लगा. मैंने उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाकर उसकी निप्पल को खींचकर एकदम लाल कर दिया और वो जोश में आकर सिसकियाँ लेते हुए मेरा सर अपनी छाती पर दबाने लगी और करीब 20 मिनट तक उसके बूब्स को किस करने के बाद मैंने बूब्स को निचोड़ते हुए ही उसकी सलवार की तरफ अपना एक हाथ आगे बढ़ा दिया और तुरंत उसका नाड़ा खोल दिया.

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दोस्तों मैंने तब तक भी उसके बूब्स को किस करना बंद नहीं किया और अब उसके मुहं से अजीब अजीब सी जोरदार आवाज़े आ रही थी, इसलिए मैंने सोचा कि कहीं मेरे पड़ोसी उसकी आवाजे सुन ना ले और अगर ऐसा हुआ तो समस्या हो जाएगी, इसलिए मैंने उसके बूब्स किस करते हुए ही सीडी का बटन चालू कर दिया. अब ज़ोर से म्यूज़िक बजने लगा और अब उसकी चीखने की आवाजे किसी को बाहर सुनाई देने का तो काम ही ना था. फिर मैंने उसकी सलवार को धीरे धीरे नीचे उतारनी शुरू कर दी. फिर उसकी सलवार को उतारने के बाद मेंने उसकी चूत को उसकी काली कलर की पेंटी के ऊपर से सक करने लगा और मैंने चूकर महसूस किया कि उसकी पेंटी चूत वाले हिस्से से बहुत गरम एकदम गीली थी. अब वो ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी.

फिर मैंने धीरे धीरे उसकी चूत को सहलाते हुए उसकी पेंटी को भी उतार दिया और फिर मैंने बहुत ध्यान से देखा तो उसकी चूत बहुत गोरी, चिकनी कामुक चुदाई के लिए बिल्कुल तैयार नजर आ रही थी. में अब उसकी चूत को सक करने लगा. वो अब मेरे सामने बिल्कुल नंगी लेटी हुई थी और कुछ बोल भी नहीं रही थी. फिर में करीब दस मिनट तक उसकी चूत को चूसता रहा और मैंने उसके दोनों पैरों को फैलाकर चूत को चाटने चूसने के मज़े लिए. वो कुछ देर बाद अपनी गांड को हिला हिलाकर मचलने लगी, जिसको देखकर में तुरंत समझ चुका था, कि वो अब झड़ने वाली है. फिर जैसे ही उसकी चूत झड़ने वाली थी तो में सक करने से हट गया और जैसे ही मैंने अपना मुहं उसकी चूत से दूर किया, तो वो बिना पानी की मछली की तरह तड़प उठी और अब वो अपनी चूत में ऊँगली डालकर चुदाई करने लगी. मैंने उसके दोनों हाथ कसकर पकड़ लिए तो वो मेरे आगे गिड़गिड़ाने लगी और वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज़ तुम मेरी चूत को ज़ोर से चाटो, निकाल दो इसका पानी उफ्फ्फ्फ़ आह्ह्ह्ह प्लीज मुझे कुछ हो रहा है. फिर मैंने कहा कि साली पहले तो तू बहुत अकड़ती थी, फिर आज क्यों नहीं अकड़ रही है, तूने मुझे कभी छूने तक भी नहीं दिया और जब मैंने थोड़ा सा छुआ तूने मुझसे बात करना बंद कर दिया. फिर वो मेरी बात को सुनकर मुझसे माफ़ी मांगने लगी और दोबारा मेरे सामने गिड़गिड़ाने लगी वो कहने लगी कि में आज उसकी चूत को शांत कर दूँ, मैंने जो आग उसके बदन में लगाई है, एक बार उसको ठंडा कर दूँ, वरना वो पागल हो जाएगी, क्योंकि उसको न जाने क्या हो रहा है और वो मेरी जीभ से उसकी चूत को चोदने चाटने के लिए कहने लगी. फिर मैंने बहुत ध्यान से देखा कि उसकी तड़प अब ज्यादा बढ़ने लगी थी.

अब मैंने उससे कहा कि में तुम्हारी चूत को एक ही शर्त पर चाट सकता हूँ, पहले तुम्हे भी मेरे लंड को चाटना होगा, उसके बाद में वो सब करूंगा जो तुम मुझसे कहोगी. अब वो तुरंत हाँ कहते हुए मेरी बात को झट से मान गयी और मैंने उससे मेरे कपड़े उतारने के लिए कहा तो उसने जल्दी जल्दी मेरे सारे कपड़े उतार दिए और फिर वो मेरे 6 इंच और 2.5 इंच मोटे लंड को अपनी आखों के सामने देखकर बोली कि यह मेरे मुहं में कैसे जा सकता है, यह तो मेरे मुहं से बहुत बड़े आकार का है. फिर मैंने उससे कहा कि अभी रुक साली में तुझे सब बताता हूँ और फिर मैंने उसके नीचे बैठाकर उसके सर को पकड़कर अपना लंड उसके मुहं में थोड़ा सा डाल दिया उसके बाद धीरे धीरे वो खुद ही लंड को आगे बढ़ाती चली गयी और उसने कुछ ही समय में मेरे पूरे लंड को अपने मुहं में डालकर उसको चाटने- चूसने लगी, लेकिन उसकी आखों से आंसू बह रहे थे और फिर भी वो अपने काम में लगी रही और लंड को अंदर बाहर करके लोलीपोप की तरह चूसती रही और अब उसका एक हाथ मेरे आंड के साथ खेल रहा था, उनको सहला रहा था और में उसके बूब्स के साथ खेल रहा था और उनको निचोड़ रहा था.

फिर थोड़ी देर चाटने के बाद उसने मेरे लंड को अपने मुहं से बाहर निकाल दिया और वो मुझसे कहने लगी कि अब तुम भी मेरी चूत को चाटो, तो मैंने कहा कि चलो ठीक है 69 की पोजीशन में हो जाओ. फिर वो मुझसे पूछने लगी कि वो क्या होती है? तब मैंने उसको बताया कि 69 क्या होती है और इस तरह हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गये और एक दूसरे को सक करने लगे. ऐसा करते हुए में उसकी चूत में उंगली भी डाल रहा था और वो कह रही थी कि मुझे दर्द होता है, लेकिन में लगा रहा, क्योंकि मुझे मज़ा आ रहा था. फिर करीब दस मिनट के बाद उसकी चूत का पानी निकल गया और में उसकी चूत के जूस को पी गया वो मुझे बहुत अच्छा लगा और में लगातार उसकी चूत को चाटता रहा और वो मचलती रही. मैंने कुछ ही देर में उसकी चूत को पूरा चमका दिया, लेकिन अब तक वो दोबारा गरम हो गई थी और वो मेरा सर अपने एक हाथ से अपनी चूत पर दबाने लगी थी. फिर जैसे ही मैंने उसकी चूत को चूसना बंद किया तो वो दोबारा मेरे सामने गिड़गिड़ाने लगी और मुझसे कहने लगी कि प्लीज सक करो. फिर मैंने उससे कहा कि अब में तुम्हे सक नहीं करूँगा बल्कि अब में तुम्हारी चूत में अपना लंड डालकर तुम्हारी चूत को चोदकर शांत करूंगा, जिससे तुम्हे बहुत मज़ा आयेगा और वो सुख मिलेगा जिसको तुमने आज तक कभी प्राप्त नहीं है.

फिर वो कहने लगी कि हाँ वो सब तो ठीक है, लेकिन तुम्हारा इतना बड़ा मोटा लंड मेरी छोटी सी चूत के अंदर कैसे जाएगा, मुझे तो तुम्हारी उंगली अंदर डालने से भी दर्द होता है तो में इसको कैसे सहन करूँगी? तो मैंने उससे कहा कि तुम्हे बिल्कुल भी डरने की ज़रूरत नहीं है. तुम्हे पहली बार में थोड़ी देर दर्द होगा, लेकिन उसके बाद तुम्हें भी चुदाई का सुख और मज़ा आने लगेगा और फिर मैंने उससे कहा कि सभी औरतों की चूत का छेद बहुत बड़ा होता है क्योंकि यहाँ से इतना बड़ा बच्चा भी बहुत आसानी से बाहर निकल जाता है. यह दिखने में छोटा लगता है, लेकिन होता बहुत बड़ा है और पहली बार चुदाई करते समय सभी को थोड़ा सा दर्द जरुर होता है, वैसे मेरा लंड तो तुम्हारी चूत में बहुत आराम से चला जाएगा, क्योंकि तुम एक बार झड़ भी चुकी हो और चूत पूरी गीली है और में इस पर कुछ लगा भी देता हूँ. फिर उसके बाद मैंने तेल लेकर थोड़ा सा अपने लंड पर और बाकी उसकी चूत के होंठो को खोलकर वहाँ पर भी लगा दिया और अब अपना लंड उसकी चूत के अंदर डालने की बजाए में चूत के होंठो पर ही रगड़ने लगा तो वो थोड़ी देर में ही चिल्ला उठी कि प्लीज़ अब इसको अंदर करो ना.

फिर इसके बाद मैंने अपने लंड को उसकी चूत में थोड़ा सा अंदर किया तो वो दर्द से तड़पने लगी और चीखने लगी तो मैंने उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए और अपने लंड को वहीं पर रखकर थोड़ा सा आगे पीछे हिलाने लगा और जब वो थोड़ा सा शांत होकर मज़े करने लगी तो, मैंने अपने लंड को चूत में एक जोरदार झटका दे दिया, जिसकी वजह से मेरा लंड उनकी चूत में चला गया और वो दर्द से तड़पने लगी, लेकिन अब मेरे सब्र का बांध टूट चुका था, इसलिए मैंने उसकी परवाह ना करते हुए में अब अपने लंड को उसकी चूत के अंदर और बाहर करने लगा. फिर वो थोड़ी देर दर्द को महसूस करती रही, लेकिन कुछ देर के बाद में उसे भी मज़ा आने लगा और अब वो भी मेरे साथ साथ मज़े करने लगी और उसके मुहं से आवाजे आने लगी आहूऊऊओ ऊऊऊऊऊऊहह हाँ और ज़ोर से धक्का देकर चोदो मुझे मेरे राज हाँ उफफ्फ्फ्फ़ वाह मज़ा आ गया आईईईई और ज़ोर से और अंदर तक डालकर मेरी चुदाई करो. फिर मैंने उससे कहा कि क्यों यह सब काम तो तुझे अच्छे नहीं लगते थे. फिर क्यों साली तुझे अब मेरे लंड का स्वाद आ रहा है ना? तेरी तो चूत को में आज पूरी फाड़ दूँगा और करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद मेरा लंड झड़ने वाला था और इस बीच मैंने महसूस किया कि वो दो बार झड़ चुकी थी.

अब मैंने उससे कहा कि मेरा वीर्य अब बाहर आने वाला है और उससे पूछा कि अंदर निकालूं या बाहर तो उसने बोला कि बाहर ही निकालना क्योंकि में बिना शादी के गर्भवती नहीं होना चाहती हूँ. फिर मैंने उसका वो जवाब सुनकर तुरंत मैंने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकालकर उसके मुहं में डाल दिया और अब में उसके मुहं में धक्के मारकर उसको चोदने लगा. फिर कुछ धक्के देने के बाद थोड़ी देर में मेरा वीर्य निकल गया और उसका मुहं मेरे वीर्य से भर गया. फिर कुछ वीर्य तो उसने निगल लिया और बाकी उसके मुहं से बाहर निकलकर उसके चेहरे से होता हुआ उसकी गर्दन पर टपकने लगा और वहां से वो सीधा उसकी छाती से होता हुआ उसके निप्पल तक बहने लगा. फिर उसके बाद में थोड़ी देर उसके ऊपर लेट गया और उसको किस करता रहा, अपने वीर्य को उसकी छाती पर गोल गोल हाथ घुमाकर निप्पल पर भी मसलता रहा और उसके बदन से खेलता रहा और उसका भी एक हाथ मेरे लंड को धीरे धीरे ऊपर नीचे करके सहला रहा था और करीब बीस मिनट तक यह सब करने के बाद हम दोनों उठे और अपने अपने कपड़े पहनने लगे और मैंने देखा तो अब शाम होने लगी थी और उसको घर भी जाना था.

फिर हम दोनों ने अपने आपको फ्रेश किया और मैंने उसके होंठो को चूमकर उसको पांच मिनट का एक किस किया और उसके बाद में उसको अपनी बाईक पर बैठाकर उसके घर के पास छोड़कर आ गया, वो जाते समय पूरे रास्ते मुझसे एकदम चिपककर बैठी हुई थी. आज पहली बार में उसके बूब्स को अपनी कमर पर छूकर मन ही मन बहुत खुश था, शायद उसके अंदर मेरे लिए इतना परिवर्तन उसकी मेरे साथ पहली चुदाई की वजह से था. वैसे भी मेरी चुदाई से वो बहुत खुश और पूरी तरह से संतुष्ट नजर आ रही थी. मैंने अपने कमरे पर आकर उसके और हम दोनों के वीर्य से खराब हुई उस चादर को सबसे पहले साफ किया. फिर उसके बाद में उसकी चुदाई के बारे में सोचता रहा और उसी रात को मैंने एक बार उसके नाम से मुठ मारकर अपने लंड को शांत किया और ना जाने कब में सो गया पता ही नहीं चला.


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दोस्तों यह थी मेरी पहली चुदाई अपनी गर्लफ्रेंड के साथ और उसके बाद मैंने उसको बहुत बार चोदा, क्योंकि पहली चुदाई करवाने के बाद से उसके मन से वो डर एकदम निकल चुका था, जिसकी वजह से उसने मुझे कभी छूने भी ना दिया था और अब वह खुद ही मुझे सही मौका देखकर अपनी घर पर बुलाकर अपनी चुदाई मुझसे करवा चुकी है और में उसकी चूत के मज़े ले चुका हूँ. मैंने उसको अपनी चुदाई से हमेशा खुश किया और वह जैसे कहती मैंने उसको वैसे ही चोदा और अब वो हमेशा मुझसे खुलकर रहती है और कभी भी मुझसे नखरे नहीं करती है.