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चाची ने लंड लिया, भतीजी ने चूत में ऊँगली की
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मेरा नाम शकीना है और मैं अपनी फेमली के साथ वापी गुजरात के पास एक गाँव में रहती हूँ. हमारी जॉइंट फेमली है और मेरे घर में मम्मी पापा, बड़ा भाई, चाचा, चाची और उनका एक बेटा है. मेरी चाची का नाम परवीन है और वो करीब 30 साल की है. पापा और चाचा सिटी में ही एक होटल चलाते है और वो बड़ा अच्छा चलता है. इस वजह से वो दोनों रात को ही घर आते है और सुबह जल्दी चाचा जी निकल जाते है क्यूंकि उन्हें सब्जी मंडी से वेजिटेबल लेने होते है. मेरे पापा आराम से 9 बजे के बाद जाते है.


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और जाहिर सी बात है मेरी चाची को वो सब नहीं मिल पाता है जिसकी एक औरत को चाह होती है. मैं भी अब उतनी छोटी नहीं हूँ की मेरे को ये सब पता न चले. मम्मी जब बहार हो तब चाची के पास पड़ोस के खान साहब बड़े आते थे. और मेरे को ये समझने में देर नहीं लगी की दोनों के बिच में कुछ तो है. मैं चाची के ऊपर वाच रखे हुए थी और एक दिन मुझे मेटनी शो देखने को मिल ही गया.

मम्मी एक शादी में गयी हुई थी और चाची घर पर अकेली थी. मैं जल्दी आ गई थी स्कुल से जिसका उसे पता नहीं था. वो किचन में थी और तब मैं ऊपर के कमरे में अपना बस्ता रख के निचे आई. शायद मैं ऊपर गई उतने में चाची का लवर खान घर में आ गया था. जब मैं निचे आई तो मैंने देखा की मेन डोर अंदर से बंद था और किचन से कुछ खुस पूस की आवाजें आ रही थी. मेरा मन एकदम व्याकुल था और मैं दबे पाँव किचन की तरफ बढ़ी. और जैसे जैसे मैं करीब हुई तो अंदर की आवाजें मेरे लिए क्लियर होती गई. 

चाची की आवाज आई, हां भाई अब तो आप कहाँ हमारी देखरेख करोगे, आप बड़े साहब हो और हम एक हाउसवाइफ!

खान: अरे मेरी जान परवीन ऐसी बात नहीं है, मेरी बीवी शक करने लगी है और इसलिए मैं अब पहले जैसे बेधडक यहाँ आने से डरता हूँ.

चाची: वो मोटी को गांड पर लात मारो साली को, अब उसकी भोसड़ी में आग नहीं है वो तुमने ही तो कहा था!

खान: अरे ऐसे नहीं कर सकता मेरे बच्चो के ऊपर ख़राब असर पड़ेगा, लेकिन एक बात पक्की है की मैं सिर्फ तुम्हें प्यार करता हूँ. और मुझे सच में तुम्हारे हसबंड नावेद के ऊपर बहुत जलन होती है, साला कितना मनहूस है जो ऐसे माल को छोड़ के पैसे के पीछे भागता रहता है.

चाची ने अब खान को अपने गले से लगा लिया. और खान अपने दोनों हाथ से चाची के बूब्स दबाने लगा. चाची की चुन्चियों को उसने कपड़ो के ऊपर से ही खूब दबाई. चाची ने भी उसके लहंगे के ऊपर से उसके लोडे को पकड के हिलाया. और फिर नावेद ने अपने लहंगे का नाडा खोल दिया. उसे निचे कर के चाची ने उसके लंड को बहार निकाला. वो सुन्नत किया हुआ लंड करीब 6 इंच का था और मोटा भी बहुत था. चाची ने बड़े ही प्यार से उसे मुहं में ले लिया और उसे चूसने लगी. खान ने चाची के कंधो को पकडे हुए थे. और वो उन्हें आगे पीछे कर के चाची के मुहं को चोद रहा था.

और चाची जैसे लंड को खाने ही वाली थी. पुरे मुहं को खोल के जितना अंदर ले सकती थी उतना ले रही थी. और वो खान चाची के मुहं को और भी जोर जोर से चोदने लगा था अब तो. चाची ने मुहं की चुदाई करवाई पांच मिनिट और फिर बोली, चलो जल्दी कमरे में नहीं तो शकीना आ जायेगी. अब उन्हें क्या पता की शकीना तो कब की आ गई थी और चाची का काण्ड ही देख रही थी छिप के.

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चाची और खान बहार निकले उसके पहले मैं सीढ़ियों के पास छिप गई. चाची ने एक हाथ से खान का लंड पकड़ा हुआ था. और वो उसके लंड को खिंच के ही उसे अपने बेडरूम में ले गई. और बेडरूम के अंदर चाची ने फिर से उस लंड को अपने मुहं में भर लिया और चूसने लगी. कमरे का दरवाजा बंद था लेकिन मैं की होल से सब कुछ आराम से देख सकती थी. चाची अब किसी रंडी से कम नहीं लग रही थी. लंड चूसते हुए वो अपने कपडे एक एक कर के खोल रही थी. पहले अपने उसने दुपट्टे को बिस्तर पर फेंक दिया. और फिर अपनी सलवार और कमीज को निकाल दिया. निचे उसने पेंटी नहीं पहनी थी और उपर एक भूरे रंग की ब्रा थी. खान ने चाची को ऊपर कर दिया और वो दोनों अब एक दुसरे को जोर का किस करने लगे. दोनों के होंठ एकदम लोक हुए पड़े थे. और चाची के बूब्स को खान अपने दोनों हाथ से मसल रहा था. 

मेरी चाची के बूब्स पोर्नस्टार मिया खलीफा के जैसे है बड़े और कडक. चाची की चुचियों का मर्दन और खान का खड़ा लंड देख के अब मेरे अंदर की औरत भी प्यासी होने लगी थी. मैने भी हलके से अपने बूब्स को हिलाए और अपनी निपल्स को पिंच किया. और ऐसा करने से मेरी चूत में भी पानी आ गया था. मैंने अपनी सलवार का नाडा ढीला कर के अपनी चूत पर ऊँगली रख दी.

चाची को अब पलंग में लिटा दिया था उसके बॉयफ्रेंड ने. और वो उसके उपर आ चूका था. चाची के दोंनो बूब्स को जोर जोर से दबा के वो अपने लंड से चाची की नाभि को चोद सा रहा था. चाची आहें भर रही थी और बोल रही थी.

चाची: जल्दी करो मेरे राजा, अपने लोडे को मेरी चूत में घुसा के मेरी प्यास के बुझा दो, अब तो तुम आते भी नहीं पहले जैसे, देखो मेरी मैना कितने दिनों से प्यासी है और रो रही है.

खान: मेरी जान तेरी मैना में घुसने के लिए मेरा तोता भी कब से फडफडा रहा है.

और फिर खान ने मेरी चाची की टांगो को पूरा खोल दिया. और अपनी दो ऊँगली से वो चाची की चूत को हिलाने लगा. चाची की सिसकियाँ निकल पड़ी थी और उसके मुहं से चुदासी साउंड अब मेरे को भी फुल गरम कर रहे थे. मेरी चूत में मैंने अपनी दो ऊँगली को डाल दी थी और हिलाने लगी थी. खान ने एक मिनिट और मेरी चाची की चूत को हिलाया. चाची की और मेरी दोनों की चूत पानी पानी हो चुकी थी. खान अब चाची के ऊपर चढ़ गया. और अपने लंड को उसने चूत के ढक्कन के ऊपर सेट कर दिया. चाची की चूत काफी ढीली ढाली सी थी. खान ने एक ही धक्के में आधे से पुरे लंड को अंदर घुसा दिया.

खान के चोदने की स्पीड पहले मिनिट से ही जैसे फास्ट थी. शायद मेरी चाची ने उसके लंड को पचासों बार अपनी चूत में लिया था. चाची के निपल्स अकड चुके थे और वो जैसे खान को कह रहे थे की चूस लो हमें. खान निचे झुक के बिच बिच में उन्हें चुस लेता था और फिर जोर के झटके से चाची को धक्के देता था. जब उसका लंड चाची की बुर की गहराई में जाती थी तो वो और भी मचल जाती थी और खान को उकसाने के लिए वो अह्ह्ह अह्ह्ह ओह ओह अह्ह्ह्ह करती जा रही थी.

पांच मिनिट तक चाची ने खान का लंड मिशनरी पोज में लिया. और फिर खान ने चाची जी को घोड़ी बना दिया. चाची की गांड मेरी आँखों के सामने ही थी. और खान ने चाची की गांड के ऊपर जोर जोर से स्पेंक किया. चाची बोली चलो डालो जल्दी से शकीना आ जायेगी तो बिना पानी निकाले लंड लिए भागना पड़ेगा.

खान ने चाची की गांड को खोला और चूत जो एकदम भीगी हुई लग रही थी. चाची की सेक्सी चूत को खान ने अपनी ऊँगली से थोड़ी हिलाई और फिर चूत के दाने को दो ऊँगली के बिच में दबा दिया. उसकी इस हरकत ने मेरी पुसी में भी आग सी लगा दी थी. मैं चूत में ऊँगली ऊँगली कर के अब एकदम उत्साहित हो गई थी. और मैं झड़ भी गई. 

खान ने चाची को गांड से पकड़ा और अपने लंड को उसने पुसी के अंदर घुसा दिया. चाची के बोबे अब उसने अपने हाथ  में ले के दबाये और जोर जोर से चोदने लगा. चाची भी अपने कूल्हों को आगे पीछे कर के खान अंकल का पूरा सपोर्ट कर रही थी. उसकी गांड आगे पीछे हो रही थी और खान का लंड अंडकोष तक चूत में घुस रहा था. चाची चुदासी आवाजें कर रही थी और खान गांड पर मार… मार रहा था पुसी को.

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और फिर खान थोडा ऊपर हो गया, पोजीशन के लिए. खान मस्त हो रहा था ऊपर निचे और उसका लोडा चाची के बुर में ऊपर से ड्रिल के जैसे अंदर जाता था कसम से अगर मेरे को कोई ऐसे चोदे तो मैं उसके लिए कुछ भी कर लूँ!

चाची की भी ऐसी ही कुछ कैफियत थी, उसकी आवाजें अब बहार तक साफ़ साफ आ रही थी. और वो ऊपर हो के जैसे लंड को अपनी गांड से लडवा रही थी. तभी खान अंकल के लोडे ने वीर्य की पिचकारी छोड़ दी. उसने लंड को बहार निकाला. ज्यादातर वीर्य तो चूत में ही छोड़ दिया था उसने, और बाकी के वीर्य को उसने जैसे निचोड़ निचोड़ के गांड के ऊपर ही निकाल दिया. चाची तृप्त और संतुष्ठ हो गई थी. वीर्य की टपकती हुई बुँदे बड़ी ही सेक्सी लग रही थी जब वो गांड के होल पर जा रही थी.

खान को भी बड़ा मजा आ गया था मेरी इस छिनाल चाची की चूत बजा के. और उसके लंड की और चाची की पुसी की लड़ाई को देख के मैं भी झड़ गई थी. गन्दी चूत के ऊपर ही मैंने सलवार पहन ली और चुपके से अपने कमरे में चली गई. मैं जानती थी की अब किसी भी वक्त खान बहार आएगा और मैं नहीं चाहती थी की वो मेरे को देख ले. 

कसम से उस दिन से मेरे को भी खान अंकल का लंड लेने का चस्का सा लगा हुआ था. मैंने उसके बाद भी खान अंकल और चाची की चुदाई दो बार देखी. और एक बार तो खान ने चाची को घोड़ी बना के उसकी गांड भी मारी. लेकिन मैं अब तक हिम्मत नहीं कर पाइ हूँ की खान के सामने जा के उसके लंड को मांग लूँ.

सोचती हूँ की एक दिन जब वो दोनों चुदाई कर रहे होंगे तभी मैं भी नंगी हो के चली जाउंगी उनके पास और खान को कहूँगी की अपने लंड को मेरी चूत में भी डाल दो. आप को कैसे लगा ये आइडिया? क्या मेरे को ऐसा करना चाहिए?


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चलिए फिर अभी के लिए इतना ही. आप को लेकिन मैं एक प्रोमिस करती हूँ की जब भी खान अंकल का लंड लुंगी तब वो कहानी भी आप को लिख के बताउंगी. चलो फिर मिलेंगे तब, अभी के लिए बाय.

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