पड़ोस की भाभी की चूत का जन्नत का मज़ा

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पड़ोस की भाभी की चुत की जन्नत का मजा padhos ki bhabhi ki chut ka jannat ka maza

दोस्तों, मेरा नाम पवन है.. में दिल्ली का रहने वाला हूँ. शरीर से एक दम फिट और चुस्त दुरुस्त हूँ. मेरी उमर 23 साल है और मेरे लंड का मेप 6 इंच लंबा और 2 इंच मोटा है.

में अभी कॉलेज की पढ़ाई कर रहा हूँ और इसके साथ-साथ लड़कियों और भाभियो को प्यार करना हे मेरा सबसे पहला काम है.

तो बात कुछ 8 महीने पहले की है… हमारे पड़ोस में एक फॅमिली रहती है.. उसे फॅमिली में 4 लोग रहते है. एक 47-48 साल की महिला.. उसकी एक लड़की… एक लड़का और लड़के की बीवी है.

उन्न आंटी का लड़का सिसफ में जॉब करता है… उसकी बहू हाउस वाइफ है और लड़की अभी पढ़ाई कर रही है.

भाभी यानि सिसफ वाली की बीवी की उमर 22 साल है.. वो देखने में एक दम बूम लगती है.. उसके जिस्म का एक-एक हिस्सा ऊपर वाले ने बड़ी फ़ुर्सत से बनाए है.

भाभी के 36 साइज के चुच्चे..28 की कमर और 38 साइज की उठी हुई गांड… उनके गोरे रंग के हुस्न की शोभा बढ़ते है. उसके साथ- साथ लंबे बाल भी भाभी की खूबसूरती में 4 चाँद लगते है जिसे कोई मर्द एक बार देख ले.. तो वो अपना लंड निकल कर हिलने लगे या पेंट के अंदर हे पिचकारी चोर दे…

भाभी और मेरी पहले मुलाकात गली के ही पार्टी के अवसर पर हुई थी. भाभी ने उसे दिन गुलाबी रंग की सारी पहनी हुई थी. एक तो उनका गोरा रंग.. ऊपर से गुलाबी सारी.. जैसे हे मैंने एक नज़र से देखा तो में मुंह फाड़ कर देखता हे रही गया… वो बूम लग रही थी.. सच कह रहा हूँ दोस्तों ऐसा लग रहा था… जैसे कोई परी ज़मीन पर आ गयी हो…

तो भाभी के ननद मेरे घर वालो के साथ कुछ बातें कर रही थी और परिचय करा रही थी की यह हमारी भाभी है… इतने में मैं भी वहां पहुंच गया. मैंने भाभी और उनकी ननद से ‘ही- हेलो’ की… जिस पर भाभी ने भी मेरी तरफ देख कर मुस्कुराते हुए जवाब दिया.

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इसके बाद मैंने भाभी और उनकी ननद को डांस करने के लिए कहा… तो भाभी तो जैसे इंतेज़ार कर रही थी की कब उनसे कोई डांस फ्लोर पर चलने को कहे और वो डांस करे.

बस दोस्तों… फिर तो महफ़िल का समा रंगीन हो चुका था… क्योंकि भाभी मेरे साथ डांस जो कर रही थी. भाभी का रंग- रूप देख कर तो में पागल हो गया था… ऊपर से अब हम दोनों थोड़ा करीब से या यू कहा जाए की बिलकुल चिपक कर डांस कर रहे थे.

मेरा तो लंड खड़ा हो चुका था और पेंट से निकालने के लिए बार- बार मचल रहा था. डांस करते हुए भाभी की गांड अचानक मेरे लंड से छू गयी… जिसे भाभी ने भी खूब महसूस किया था.

मुझे तो एक पल के लिए डर सा लगा.. मगर भाभी ने मेरी तरफ देखा और मुस्करा कर डांस फ्लोर से नीचे उतार कर ननद को लेकर अपने घर चली गयी.

उसे दिन मुझे बहुत बुरा महसूस हुआ और अब में भाभी से माफी माँगने के लिए बात करने का मौका ढूंढ़ने लगा.

2 दिन बाद भाभी खुद किसी काम से हमारे घर आई… अब मुझे लगा की आज बात हो सकती है.. तो में भाभी के पास जाकर बैठ गया और मौका देखते हे भाभी को ‘सॉरी’ बोल दिया

तो भाभी ने कहा- सॉरी किस लिए?

मैंने उन्हें उसे शर्त के बड़े में बताया तो भाभी का जवाब सुन कर में तो दंग हे रहा गया.

भाभी ने कहा – कोई बात नहीं.. इट’स ओके.. इस उमर में ऐसा हो हे जाता है…

उसे दिन मेरे मन के सारे मलाल दौड़ हो आ गये और मैंने मौका ताड़ते हुए भाभी से कह दिया- भाभी तुम भी एक दम माल हो… मेरा तो क्या,…. तुम्हें देख कर किसी का भी यही हाल हो जाता होगा !

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इस पर भाभी ने मेरा गाल पकड़ कर हल्के से खींचा और कहा- की अभी तुम नादान नहीं हो और पूरे शैठानी के मूंड़ में थे उसे दिन…

उनसे कुछ देर तक हँसी मज़ाक चलता रहा… वो मुझसे खुलने लगी थी/.

अब मैंने भाभी से उनका फोन नंबर माँगा तो भाभी ने कहा- तुम मुझे अपना नंबर दे दो.. में खुद हे तुम्हें फोन कर लूँगी.

मैंने अपना नंबर दिया और वो नंबर लेकर चली गयी.

उसे दिन मैंने भाभी के नाम की 2 बार मूठ मारी और भाभी के फोन आने का इंतेज़ार करने लगा/

अचंशक2 दिन बाद मुझे एक फोन आया पिक करने पर किसी लड़की की आवाज़ सुनाई दी, रो मैंने भी झूठ-ते हे कहा- भाभी आ गयी याद आपको?

तो भाभी का उधर से जवाब था- क्या बात है… तुम मुझे हे याद कर रहे थे क्या? जो आवाज़ सुनते हे अपनी भाभी को पहचान लिया.

इस तरह से हम अब रोज़ हे बातें करने करने लगे… वक्त के साथ- साथ पता नहीं कब… हम दोनों प्यार और हवस जगह गयी.

हम केवल फोन पर अब चुत… लंड… और चुदाई के हे बातें करते थे.

बस… अब इंतेज़ार था तो मौका मिलने का क्योंकि आग दोनों तरफ बराबर की लगी थी.

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कुछ महीनों बाद भाभी की ननद के पेपर थे तो उसका एग्ज़ॅम सेंटर झझर( हरियाणा) में पड़ा…. उसके 2 पेपर 2 दिन में होने थे और बाकी के पेपर्स में गॅप था.

एक दिन भाभी को मैंने अपने घर मम्मी को बात करते हुए देखा तो उन्हें देख कर में बहुत खुश हुआ.,..

भाभी के जाने के बाद मम्मी ने मुझे बताया की भाभी की ननद का एग्ज़ॅम है और झझर सेंटर पड़ा है…तो कह रही थी की पवन को हमारे साथ भेज देन…

अब मेरे मन का लड्डू एक दम से फूटा..

फिर मां ने कहा- 3 दिन के लिए जाना कोग़ा… तू अपनी पॅकिंग कर ले… परसो तुम्हें निकलना है.

में तो जैसे पागल हे हो चुका था… अब मुझ से कंट्रोल नहीं हो रहा था.

2 राते तो हम दोनों ने बातें करते हुए पूरी- पूरी रात निकल दे.

आख़िर वो दिन आ हे गया… जिसका हम दोनों इंतेज़ार कर रहे थे. में जल्दी से आपने दोस्त की दुकान पर गया और एक कॉंडम का बड़ा वाला पॅकेट और 2 नींद की गोली लेकर आ गया.

बस अब हम तीनों रोहिणी से झझर के लिए निकल गये और झझर पहुंच कर एक होटल में रूम ले लिया.

अब भाभी और में दोनों चुदाई के लिए पागल हुए जा रहे थे.. तो मैंने नींद की एक गोली कोल्ड- ड्रिंक में मिला कर भाभी की ननद को पीला दे.

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ननद के सोते हे मैंने भाभी को पकड़ लिया और अपने पास खींच लिया और अपने होंठ भाभी के होठों पर रख दिए.

हम दोनों पहले से हे गरम हो चुके थे तो हमारी यह चूमा- छाती का प्रोग्राम लगभग 15 मिनट तक चलता रहा और चुंबन करते- करते पता हो नहीं चला की कब हम दोनों के कपड़े.. . हमारे जिस्मो से अलग हो गये.

भाभी ने जैसे हे मेरा ठाना हुआ लंड देखा तो लंड को पकड़का र्सीधे अपने मुंह में लेकर चूसने लगी.

मुझे तो पता नहीं क्या हो चला था… मेरी कमर खुद हे आगे- पीछे होने लगी थी.

अब में भाभी के मुंह की चुदाई कर रहा था. उत्तेजना के कारण बस 10 मिनट में हे मेरे लंड भाभी के मुंह में पिचकारी चोर दे और भाभी ने भी मेरा लंड चूस कर बिलकुल साफ कर दिया था.

अब बड़ी मेरी थी… मैंने भाभी को चुंबन करते हुए उनके सीने की गोलैयो को अपने हाथों से नापते हुए दबाना शुरू कर दिया.

भाभी भी मेरा पूरा साथ दे रही थी.. भाभी के होठों को चिदते हुए नीचे सीन्स.. पाते… कमर… जांघों को चुमन्ते हुए जैसे भाभी के चुत के मुंह पर फुचा.. और जैसे हे मेरी जीभ भाभी की चुत पर लगी.. भाभी एक दम से उछाल से गयी.

अब में भाभी की चुत को अपनी जीभ से चोद रहा था और भाभी अपनी आंखें बंद किए हुए सिशकरही थी- आ.. अया… आह ही चूस लो इसे.. अच्छे से निकल दो इसका पूरा पानी.. ओह…

अब भाभी और में दोनों 69 की अवस्था में आ गये थे.

भाभी नीचे से ऊपर को अपनी कमर उठा रही थी और में ऊपर से नीचे को मुंह में झटके लगा रहा था.

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भाभी ने मुंह से लंड निकाला और कहने लगी- बस अब नहीं जा रहा है..पाले दो अपना यह लंड.. मेरी चुत में… फाड़ दो इसे…. यह लंड खाने को बहुत भूखी है.

में भी अब भाभी के ऊपर आ गया और लंड को भाभी की चुत पर रगड़ने लगा. अब भाभी बार बार चिल्लाने लगी- टाइम क्यों खराब कर रहे हो.. डाल भी दो इसे अंदर…. मैंने लंड के टोपे को चुत के छेद पर सेट किया और जैसे झटका लगाया… मेरा लंड चुत से फिसल गया.

भाभी की चुत अभी नयी और कसी हुई थी.थोड़ा कोशिश करने के बाद जैसे हे लंड की आगे का कुछ भाग भाभी की चुत के अंदर घुसा… भाभी के मुंह से चीख और आंखों से आँसू निकल गये. मगर भाभी फिर भी यह कह रही थी- डाल दो पूरा… लंड अंदर… जितना दर्द होगा एक बार में से लूँगी.

मैंने भी 2-3 झटकोन में पुवर आका पूरा लंड चुत के अंदर कर दिया और धीरे- धीरे झटके लगाने लगा.

चुत का दर्द थोड़ा कम होने… पर अब भाभी के मुंह से सिसकियां निकालने लगी और इसी के साथ मैंने भी चुदाई के रफ्तार बढ़ा दी.

भाभी- आआहहा… आह हे हां आ उम्म्म हे हुउऊ और तेज.. और तेज.. डाल दो… फाड़डो… इसे…

वो इस तरह चिल्लाते हुए 15 मिनट की चुदाई के बाद अकड़ गयी… में धकपेल लगा रहा.अब वो चूड़ते हुए 4 बार झाड़ चुकी थी और चौथी बार उनके झाड़ते समय में भी भाभी की चुत में हे झाड़ गया.

हम दोनों के झड़ने के बाद मुझे याद आया की चुदाई करने के लिए में तो कॉंडम भी लाया था.. मगर वो तो जेब में हे रही गया. मैंने यह बात जब भाभी से कही तो भाभी ने जवाब दिया- कोई बात नहीं… तेरी भाभी शादी-शुदा है… तू डर मत.. बस एसे हे मेरे प्यास बुझता रही.

उसे दिन हमने 3 घंटों में 2 बार चुदाई की और फिर शाम को सेंटर की खोज में निकल गये.

हम 2 दिन और उसी होटल में रुके रहे और मैंने भाभी को 2 दिन ज़न्नत के मुझे दिलाए.

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उसके बाद भी हमारी चुदाई अभी तक भी चालू है. कभी मेरे घर पर… तो कभी भाभी के घर पर लंड- चुत का खेल चलता रहा.