हॉस्टल की कामवाली को स्टोर रूम में चोदा

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दोस्तों मेरा नाम संजय है और मेरी बॉडी एकदम अथलेटिक है. और ये बात तब की है जब मैं हॉस्टल में रहता था अपनी बेचलर डिग्री की पढ़ाई के लिए. और ये कहानी की हिरोइन हमारी कामवाली शांति है जो की हमारे हॉस्टल में ही काम करती है.


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वो देखने में थोड़ी काली है लेकिन वैसे बाकी का बदन काफी सेक्सी है. उसका फिगर 38 30 38 का है और उसके इस भरे हुए यौवन को देख के किसी का भी खड़ा हो जाए! और ये कहानी एक सच्ची बात पर आधारित है जो मेरे और इस कामवाली के बिच में कुछ महीनो पहले हुआ था.

शांति को हॉस्टल में काम करते हुए तिन साल से ऊपर समय हो गया था.  उसका काम बहार के खुले मैदान में झाड़ू लगाना और टॉयलेट और बाथरूम की सफाई करना था. और वो एक्स्ट्रा इनकम के लिए पर्सनल रूम्स की भी सफाई करती थी जिसके पैसे वो अलग से लेती थी.

एक दिन किसी ने मेरे डोर को नोक किया. मैंने खोल के देखा तो वो शांति ही थी. उसने मेरे से पूछा की क्या रूम की सफाई करनी है? मैंने कहा कुछ देर के बाद आओ. क्यूंकि मैंने उस वक्त सिर्फ बॉक्सर ही पहना हुआ था. आप को तो पता ही है की हॉस्टल में सब लड़के कैसे रहते है!

और कुछ देर में शांति झाड़ू ले के मेरा कमरा साफ़ करने के लिए आई. और जब वो कमरे में झाड़ू लगा रही थी तो मेरी नजर उसकी कमर और पीठ के ऊपर ही थी. और वो देख के मैं सेक्सी और चुदासी हो रहा था. और फिर वो आगे की और पलटी तो उसका क्लीवेज भी दिखने लगा. वो सब देख के मेरा लंड बॉक्सर को ऊपर उठा के तम्बू बना रहा था. लेकिन उसने वो देखा नहीं.

कमरे के साफ हो जाने के बाद मैंने उसे पैसे दे दिए और उसको बोला की एक दिन छोड़ के दुसरे दिन मेरा कमरा साफ़ कर दिया करे वो. जैसे ही वो वहाँ से गई मैंने कमरे को बंद कर दिया. और मैं पलंग पर लेट के शांति के नाम की ही मुठ मारने लगा. और उस दिन मैं कोलेज नहीं गया और दिनभर तिन बार उसके नाम की ही मुठ मारी.

और उसके नाम की मुठ मारने की मुझे जैसे लत लगी हुई थी. कुछ हफ्ते ऐसे ही निकल गए और फिर मेरे सेमेस्टर के एग्जाम आनेवाले थे. अब तक हम दोनों के बिच अच्छी दोस्ती भी हो गई थी.

एक दिन वो ऐसे ही मेरा कमरा साफ़ करने के लिए आई थी. आज उसका चहरा एकदम उतरा हुआ था. और आज उसने मेरे से जरा भी बात भी नहीं की! मैंने उसको पूछा की क्या प्रॉब्लम है आज? पहले तो उसने कहा की नहीं ऐसा कुछ भी नहीं है सब कुछ ठीक है. लेकिन मैंने फ़ोर्स किया उसको सब कुछ सच बताने के लिए.

तब वो रोते हुए बोली की मेरी एक बेटी है आज उसकी स्कुल की फ़ीस नहीं भर पाई तो उसे स्कुल से निकाल दिया गया है. मैंने अपने बटवे से पैसे निकाल के उसे दे दिए. उसने पैसे लेने से मना कर दिया. लेकिन फिर मेरी जिद्द के आगे उसे पैसे लेने ही पड़े. और उस दिन के बाद हम दोनों के अन्दर अजीब क्लोजनेस बन गई थी. वो अपना अच्छा बुरा सब मेरे से साथ शेयर करने लगी थी.

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और मेरी नजर अब उसके बूब्स पर कुछ ज्यादा ही थी. मैंने उन्हें चूस के उसका रसपान करना चाहता था. एक दिन मैं हॉस्टल के ग्राउंड पर फुटबॉल से खेल रहा था. और तभी अचानक से ही तेज बारिश का एक झोंका आ गया. मैं पूरा भीग गया था और मैं और मेरे सभी दोस्त ग्राउंड से भागे रूम्स की तरफ.

मैं कमरे तक जा नहीं सका और एक कमरे में घुसा जो हॉस्टल के स्टोर रूम के जैसा था. मैंने देखा की शांति भी पूरी भीगी हुई खड़ी थी वही पर और उसका बदन भीगने की वजह से कांप भी रहा था.

मैने उसको पूछा की अरे तुम कैसे भीग गई? उसने कहा यहाँ आ रही थी और एकदम से बारिश हो गई. उसके बूब्स एकदम साफ़ नजर आ रहे थे उसके भीगें हुए कपड़ो की वजह से. उसने सफ़ेद ब्लाउज और निचे मेचिंग ब्रा पहनी ही थी. मैंने खुद को कहा की आज कसम से एकदम सही मौका है अप्रोच करने के लिए. मैंने शांति को कहा की आज तो भीगने के बाद तुम एकदम ही मस्त माल लग रही हो. और ये कह के मैंने उसे स्माइल दे दी. उसने नजरें निचे कर दी और बोली, थेंक्स!

मैंने उसे कहा अब तो बारिश और भी बढ़ रही है. वो ये चिंता में थी की अपने घर कैसे लौटेगी! मैंने कहा घबराओ नहीं अभी कुछ देर में रुक जायेगी.

और तभी एकदम कडाके की बिजली चमकी और उसका आवाज भी आया. वो मेरे से लिपट पड़ी. और उसने मेरे को बोला की मुझे बिजली से बहुत डर लगता है बाबु जी. मैंने मन ही मन में उपरवाले को शुक्रिया कहा शांति को मेरे इतना करीब लाने के लिए.

अब मैंने भी उसको एकदम जोर से हग कर लिया. और उसके बेक के ऊपर मेरा हाथ था. उसे भी ये अच्छा लगा. हग करने से उसकी चूचियां मेरी छाती से लगी हुई थी. और उसके बूब्स का ये टच मुझे एकदम क्रेजी बना रहा था. मैंने उसकी कमर को पकड़ा और उसके रिएकशन को देखने लगा. उसे भी मौसम का और मेरा दोनों का मजा आ रहा था. और मैंने अब उस स्टोर रूम के दरवाजे को अंदर से सक्कल लगा दी.

अब उसे मेरे टच करने से अलग ही अहसास हो रहा था जो उसकी आँखों में साफ दिखाई दे रहा था. अब मैंने उसकी कमर को सहलाते हुए उसके गले के ऊपर किस कर लिया. पहले पहले तो उसने उतने अच्छे से रिस्पोंस नहीं किया लेकिन बाद में वो जोर जोर से साँसे लेन लगी थी. अब मैंने शांति के चहरे को पकड लिया और उसको लिप किस करने लगा.

उसके मुहं में अपना मुहं लगा के करीब 20 मिनिट तक मैं उसे चूसता रहा. बिच बिच में जब बिजली कडकती तो उसकी आँखे बंद हो जाती थी. और बिच बिच में हम दोनों आँखे खोल के एक दुसरे को देख के किस का मजा ले रहे थे. हम दोनों का थूंक भी इस मुहं से उस मुहं में आ जा रहा था और वो भी खूब एन्जॉय कर रही थी.

और फिर मैंने उसकी साडी को खोलना चालू कर दिया. और अब वो सिर्फ अपने ब्लाउज और पेटीकोट में थी. मैंने अपना ड्रेस भी उतार दिया और अब अपने बॉक्सर में ही था. मैंने उसे कहा शांति तुम सच में एक सेक्सी और खुबसुरत लेडी हो. वो बोली बहुत धन्यवाद आप का ये कहने के लिए!

और फिर उसने स्माइल देते हुए मेरे लंड को बॉक्सर के ऊपर से ही पकड लिया. और वो उसे ऊपर नीचे करने लगी जिस से मेरे लंड में एक अजब सी हलचल हुई और वो एकदम से बड़ा भी होने लगा था. और फिर शांति ने बॉक्सर को भी खोल दिया. और मेरे लंड को मजे से मुहं में भर के वो उसे चूसने लगी. मैंने तो इस कामवाली के लंड चूसने से जैसे की सातवें आसमान पर था. उसने कुछ देर तक लंड को और बॉल्स को चूस चूस के मेरा पानी छुडवा दिया. और शांति के मुहं में ही मैंने अपने लंड का पानी छोड़ा जिसे वो पी गई. मेरी लाइफ का वो पहला ब्लोव्जोब था, अब तक मैंने ब्लोव्जो सिर्फ क्सक्सक्स मूवीज में ही देखा था.

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और फिर मैंने उसे कहा अब मैं तुम्हे मजे करवाता हूँ. और फिर मैंने उसकी ब्लाउज और पेटीकोट को निकाल दिया और उसकी ब्रा और पेंटी को भी. मैंने ब्रा को निकाल के उसके बूब्स को चुसना चालू कर दिया. और उसके निपल्स को इंच करना भी. वो सिहर उठी और उसका बदन कांप सा रहा था.  अब मैंने अपनी एक ऊँगली को उसकी चूत पर लगाया और उसे हिलाते हुए उसके बूब्स सक करने लगा. वो मोअन करते हुए मुझे और भी जोर जोर से बूब्स सकिंग के लिए कह रही थी और उसकी सिसकियाँ कमरे के अट्मोसफियर को और भी सेक्सी बना रही थी. मैंने ऊँगली उसकी चूत में घुसाई और उसको स्टोर रूम के कौने में एक बेंच के ऊपर लिटा दिया.

मैने पूरी ऊँगली को उसकी चूत में घुसा के अन्दर की गर्मी का जायजा ले लिया. सच कहूँ तो ये काली औरत की चूत में इतनी गर्मी थी की कोई शब्द नहीं उसे लिखने के लिए. इतनी सेक्सी चूत को खाने का और चाटने का अवसर कोई अपने हाथ से जाने नहीं दे सकता था. मैंने पागल के जैसे उस चूत को चाटना चालू कर दिया और वो भी मेरे इस स्टेप को फिल कर के एकदम चुदासी होने लगी थी. वो चुदासी आवाजें निकाल रही थी और मैं उसकी चूत से बहते हुए सेक्स रस के झरने को फिल कर रहा था. और तभी एक जोर के मोअन से वो झड़ गई. और उसने बताया की चुदाई में आज पहली बार उसे उतना मजा आ रहा था! और अब वो मेरे से भीख मांग रही थी की जल्दी से अपन लंड मेरी चूत में घुसा के मुझे चोद दो.

मैंने अब अपने लंड को शांति की चूत में घुसाना चालू कर दिया. उसकी चूत झड़ने की वजह से एकदम चिकनी हो गई थी. इसलिए मेरे लिए उसके अंदर लंड घुसाना एकदम आसान हो गया था. उसकी चूत में एक अलग ही गर्मी थी जिसे मैं फिल कर सकता था. मैंने अब उसे जोर जोर से चोदना चालू कर दिया और वो प्लीजर की वजह से मोअन कर रही थी.

हम दोनों मिशनरी पोज में चुदाई कर रहे थे. और कुछ देर में इस पोज में चोदने के बाद मैं अब उसे कुतिया बाण दिया. मैं पीछे गया और अपना लंड चूत में डाल के चोदने लगा. मैंने उसे कहा शांति आई लव यु मेरी जान. वो बोली आई लव यु टू बाबु जी. बाहर बारिश हलकी हो रही थी लेकिन हमारी चुदाई की स्पीड एकदम से बढ़ चुकी थी.

आधे घंटे तक मैंने धायं धायं चोदा उसे और फिर मेरा लंड का पानी एकदम नाली में आ गया था लंड की. उसको कहा तो उसने कहा अंदर ही निकालो मेरी चूत के अन्दर ताकि मैं आप के पानी की गर्मी को महसूस कर सकूं अपनी चूत के अन्दर.

मैंने एक आह्ह्ह निकाली मुहं से और निचे मेरे लंड से वीर्य का स्त्राव उसकी चूत में हो गया. मैंने लंड निकाल एक उसके मुहं के पास रख दिया. वो समझ गई और चाट चाट के उसने मेरे लंड को क्लीन कर दिया. मैंने उसे कहा शांति सच में बड़ा मजा आ गया तुम्हे चोद के. वो बोली मुझे भी बहुत सालों के बाद किसी ने इतना मस्त चोदा है.


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अब हम दोनों ने कपडे पहन लिया और पहले वो निकली और फिर मैं भी स्टोर रूम से निकल खड़ा हुआ. आज भी मेरा औ उसका चक्कर है और जब चांस मिलता है मैं इस कामवाली की चूत को चोद ही लेता हूँ!