हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम भास्कर है और मेरी बहन का नाम रिनिता है, वो मुझसे बड़ी है और वो दिखने में बहुत सुंदर है। उस टाईम सर्दियों का मौसम था और ठंड भी काफ़ी थी। फिर मेरी बहन ने अपने घर में पूछा कि मुझे मेरी फ्रेंड अपने घर पर बर्थ-डे पार्टी पर बुला रही है, तो मेरे घरवाले उसे रात को भेजने के लिए मना करने लगे तो उसने घरवालों को बहुत मनाया कि वो नाराज़ हो जाएगी, मेरी फ्रेंड मुझे बार-बार फोन कर रही है और क्या-क्या बहाने लगाए?
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तो आखरी में घरवालों ने बोला कि तुझे जाना ही है तो भास्कर को भी अपने साथ ले जा और ये सोचकर कि मेरे साथ वो सुरक्षित रहेगी, मतलब इधर उधर नहीं जाएगी, तो वो मान गई कि ठीक है, क्योंकि वो मना नहीं कर सकती थी। अब शाम के 7 बजे थे और अंधेरा हो गया था। फिर हम ऑटो में गये और फिर उसने किसी को फोन किया। अब वो बोल रही थी कि में बाज़ार पहुँच गई हूँ और मेरा छोटा भाई भी साथ में है तो कुछ गड़बड़ नहीं होनी चाहिए।
अब वो बात करते टाईम मेरे आगे थी, लेकिन मुझे साफ-साफ़ सुनाई दे रहा था। अब रात का टाईम था और हम गली से गुजर रहे थे तो सब शांत था, उस समय उसने ब्लू जीन्स और ऊपर ग्रीन स्वेटर पहना हुआ था। फिर थोड़ी देर के बाद एक लड़का आया और फिर मेरी बहन ने उससे हाथ मिलाया और कुछ बात की। अब मुझे पता नहीं चला था कि वो क्या बोल रहे थे?
फिर कुछ देर तक चलने के बाद हम एक बिल्डिंग में पहुँचे, वहाँ थोड़ा अंधेरा था। फिर वो हमें एक रूम में लेकर गया, वो वहाँ शायद किराए का रूम लेकर रहता था, शायद वो वहीं जॉब करता होगा, वो रूम अंदर से ज़्यादा बड़ा नहीं था, वहाँ दो सिंगल बेड लगे हुए थे और बीच में काफ़ी जगह थी, शायद दो लड़के शेयर करके रहते थे।
फिर थोड़ी देर तक उन दोनों के बीच में बातें हुई, वहाँ बहुत ठंड थी तो हम रज़ाई में बैठे थे और दूसरी साईड में दूसरे बेड पर वो लड़का बैठा था, वो दिखने में थोड़ा पतला था, लेकिन लंबा था। फिर वो पिज़्ज़ा लेकर आया तो हमने पिज़्ज़ा खाया और अब हम साथ में हँसी मज़ाक भी कर रहे थे। अब उन दोनों की बातें में चुपचाप सुन रहा था। फिर हम टी.वी देखते रहे और वो बातें भी करते रहे।
अब रात के 10 से ज़्यादा बज गये थे और टी.वी ऑन था और लाईट ऑफ थी और दरवाजा अंदर से बंद था। अब रात के करीब 11-12 बजे होंगे कि मेरी दीदी ने मुझे जगाया कि भाउ उठ पेशाब नहीं करना तुझे, तो में नहीं उठा और चुपचाप सोया रहा और वो भी मुझे थोड़ी देर तक हिलाती रही तो उन्हें महसूस हो गया कि में सो चुका हूँ और फिर वो धीरे से रज़ाई से बाहर निकली और फिर उसने मेरे मुँह तक रज़ाई कर दी ताकि में कुछ देख ना सकूँ।
फिर उसने ज़ोर-ज़ोर से बोला कि उठ-उठ, लेकिन में नहीं उठा, तो उसे लग गया कि में गहरी नींद में हूँ। फिर वो पेशाब करने चली गई, जब लाईट ऑन थी। फिर मुझे अलमारी की आवाज़ आई तो मैंने अपने हाथ से धीरे से रज़ाई उठाई और अपना मुँह रजाई की रुई को थोड़ा सा साईड में करके उसमें से देखने लगा। अब वहाँ वो लड़का नहीं था और ना ही मेरी दीदी थी। अब में वैसे ही लेटा रहा और फिर वो लड़का आया और बेड पर बैठा, वो ब्लेक कलर का पजामा पहने हुए था और ऊपर स्वेटर, शर्ट पहने हुए था। दोस्तों आप ये कहानी न्यू हिंदी सेक्स कहानी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।
फिर उसने कुछ टेबल पर रखा और बैठा रहा। फिर थोड़ी देर में दीदी आई और वो जीन्स पहने हुई थी। अब वो दोनों मेरे बिल्कुल सामने थे और अब मुझे रज़ाई के अंदर से बिल्कुल साफ़-साफ़ दिख रहा था। अब उन्हें लग रहा था कि में सोया हूँ और मेरे ऊपर सिर तक रज़ाई है तो मुझे सुनाई भी कुछ नहीं देगा। फिर उसने मेरी दीदी को स्माइल की, तो उसने भी स्माइल की और बोला कि अब कहाँ सोना है? तो दीदी बोली कि जहाँ तुम बोलो। फिर उसने दीदी को उठाया और हग किया। अब दीदी के चूतड़ मेरे सामने थे और करीब 6 फुट की दूरी पर उसके बेड पर और में दूसरे बेड पर सोया हुआ था।
फिर वो दोनों बेड पर बैठ गये और उसने दीदी का स्वेटर खोला और फिर दीदी को बेड पर लेटा दिया। फिर वो दीदी के ऊपर लेट गया और फिर उसने दीदी की गर्दन से बाल हटाए और उनके गले पर किस करने लगा। अब दीदी ने उसकी पीठ पर अपने हाथ रख दिए थे और काफ़ी देर तक ऐसे ही चलता रहा। फिर उसने दीदी के बाल खोल दिए और अब वो बार-बार अपने चूतड़ उठाकर दीदी को दबा रहा था।
अब पूरे रूम में धीमी-धीमी आवाज़े आ रही थी। फिर उसने दीदी की शर्ट उतारी, उसने अंदर ब्लेक कलर की बनियान पहन रखी थी। फिर उसने दीदी के पेट से बनियान ऊपर की तो अब मुझे दीदी की कमर बिल्कुल सपाट दिख रही थी। अब वो वहाँ अपना हाथ फैर रहा था और फिर वो धीरे-धीरे नीचे हुआ और दीदी के पेट पर किस करने लगा और कभी नाभि में अपनी जीभ डाल रहा था। अब दीदी का पेट कांप रहा था और दीदी ने चद्दर ज़ोर से पकड़ी हुई थी।
फिर उसने दीदी की पेंट का बटन खोला और जीप खोली दी। अब दीदी ने सफ़ेद इलास्टिक वाली ब्लेक कलर की पेंटी पहनी हुई थी। फिर उसने वहाँ किस किया और दीदी को बेड पर बैठाया और उनकी बनियान खोली तो अंदर पिंक ब्रा थी। अब मुझे साईड से दीदी के बूब्स बहुत बड़े-बड़े लग रहे थे। फिर उसने पीछे अपना हाथ डालकर ब्रा की हुक खोली और ब्रा उतारकर नीचे फेंक दी। अब दीदी के बूब्स नीचे लटक गये थे, वो बहुत बड़े-बड़े थे शायद 36 के आस पास होंगे। फिर उसने दीदी को लेटा दिया और बूब्स को पकड़कर ऊपर किया। अब मुझे दीदी के ब्राउन निपल दिख रहे थे। फिर उसने दीदी के बूब्स पर अपने दाँत मारना शुरू किया तो दीदी ने उसे हटा दिया।
फिर वो दीदी के बूब्स चूसने लगा, अब पूरे कमरे में फच फच की आवाज़ आ रही थी। अब वो दीदी के बूब्स अपने मुँह में लेकर एकदम से छोड़ देता था। अब दीदी पागल हो गई थी और फिर उसने दीदी की टाँगे ऊपर उठाई और उनकी पेंट नीचे खींच दी। दीदी के पैर बिल्कुल गोरे थे, फिर वो दीदी की टांगो पर अपने दाँत मारने लगा। अब दीदी अंडरवियर में थी और पूरी नंगी थी।
फिर उसने ऊपर से दीदी की अंडरवियर पकड़ी और एकदम से पूरी उतार दी। अब मुझे दीदी के नाभि के नीचे काले बाल दिख रहे थे। फिर उसने अपने दोनों हाथों से दीदी की टाँगे फैला दी और दीदी की टांगो के बीच में अपना मुँह डाल दिया। अब मुझे काफ़ी देर तक पीस पीस पीस पीस की आवाज़ आ रही थी। अब दीदी ने उस टाईम अपनी आँखे बंद की हुई थी।
फिर उसने नीचे खड़े होकर अपने कपड़े उतारे और अब दीदी मेरे सामने बेड पर ऊपर से नीचे तक पूरी नंगी लेटी हुई थी। अब में रज़ाई के नीचे से सब साफ-साफ देख रहा था। अब वो लड़का पूरा नंगा हो गया था, उसने सिर्फ़ अंडरवियर ही पहना था, उसने फ्रेंची पहनी थी जिसमें उसका लंड ऐसा दिख रहा था जैसे अंडरवियर में लकड़ी डाली हो और वो बिल्कुल मेरे मुँह के सामने था।
फिर उसने दीदी को खड़ा कर दिया और अब दीदी भी उसके साथ ठीक मेरे सामने खड़ी थी। उन्हें बिल्कुल भी पता नहीं था कि में ये सब देख रहा हूँ। फिर उसने दीदी को हग किया और अब उसका लंड अंडरवियर के अंदर से दीदी के पेट को टच कर रहा था। उसने आर्मी कलर वाला अंडरवियर पहना हुआ था और दीदी को कसकर पकड़ा था।
फिर उसने दीदी को बेड पर झुकाया और दीदी की गांड पीछे की तरफ कर दी। अब दीदी झुकी हुई थी और उसके चूतड़ बिल्कुल मेरे मुँह के सामने थे। अब मुझे उसकी टांगो के बीच में होंठ जैसा दिख रहा था और उस पर पानी-पानी लगा था। फिर उसने दीदी के चूतड़ों पर अपने दाँत मारे और उनकी चूत में अपनी एक उंगली डालने लगा। अब उसका लंड बार-बार मेरे मुँह के सामने झटके मार रहा था। फिर उसने अपनी जीभ दीदी के पीछे वाले छेद में डाली और अपनी जीभ से दीदी की गांड का छेद कुरेदने लगा।”
फिर दीदी बेड पर आ गई और पीठ के बल लेट गई तो वो भी बेड पर चढ़ गया और फिर उसने अपना अंडरवियर नीचे करके फेंक दिया। अब दीदी उसका लंड देखती ही रह गई थी और अब इतना लंबा लंड था कि उसके पेट की और खड़ा हुआ था और ऊपर की तरफ पूरी स्किन पीछे की तरफ थी। उसका लंड बिल्कुल सरिये जैसा था और बार-बार ऊपर उछल रहा था, उसका लंड कम से कम 8 इंच का तो होगा।
अब में तो देखकर डर गया था, उसका लंड मोटा तो था ही, लेकिन लंबा बहुत था, शायद वो दीदी को पहली बार चोद रहा था। फिर उस टाईम दीदी ने बोला कि ये तो बहुत बड़ा है धीरे-धीरे डालना, तो उसने बोला कि कंडोम लगा लूँ, तो दीदी बोली कि हाँ लगाओ, तो उसने बोला कि टेबल पर रखा है खुद लगा दो। फिर दीदी ने अपने हाथ पीछे की तरफ किए और कंडोम के पैकेट को देखा। फिर उन्होंने उस पैकेट को अपने दाँत से खोला और एक कंडोम निकाला और सीधा लंड पर रखा और पीछे की तरफ सरकाया।
अब उसके आधे से थोड़े ज़्यादा हिस्से तक ही कंडोम लगा हुआ था। फिर दीदी लेट गई और अपनी टाँगे पूरी खोल दी। अब मेरा तो उस टाईम गला सूख गया था कि अब क्या होगा? फिर उसने दीदी की चूत पर अपना थोड़ा सा थूक लगाया और अपने लंड को रगड़ने लगा। अब पूरे कमरे में ठप ठप की आवाज़ आ रही थी। फिर उसने अपना लंड थोड़ा सा अंदर डाला और रुक गया। फिर उसने दीदी की टाँगे फोल्ड की और उसके घुटनों पर अपना हाथ रखकर पूरा दीदी के ऊपर आ गया। दोस्तों आप ये कहानी न्यू हिंदी सेक्स कहानी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।
फिर दीदी ने उसे कमर से पकड़ा और उसे पूरा अपनी बाहों में भर लिया, तो दीदी के मुँह से अहहह निकली और उसका लंड अंदर घुस गया। फिर दीदी ने बोला कि रुक जाओ प्लीज, आपका बहुत बड़ा है। फिर उसने एक और धक्का मारा और दीदी ने पूरे ज़ोर से उसे पीछे की तरफ धकेला। अब दीदी ने अपना मुँह खोल रखा था तो उसने दीदी के मुँह में अपना थूक गिरा दिया। फिर दीदी ने बोला कि अंदर टच हो गया है तो फिर उसने धीरे-धीरे अपना लंड आगे पीछे किया। अब दीदी शांत हो गई थी और अब झटको-झटको में दीदी के बूब्स बहुत हिल रहे थे और सिर भी हिल रहा था।
फिर उसने दीदी की टाँगे उठाकर अपने कंधो पर रख दी और पूरी फोल्ड कर दी। अब दीदी से दर्द सहन नहीं हो रहा था तो दीदी के मुँह से ह ह ह ह की आवाज़े आ रही थी। अब पूरे कमरे में पुच पुच पुच पुच चप चप की आवाजें आ रही थी, अब फोल्डिंग बेड पूरा हिल रहा था। फिर दीदी ने बोला कि बस करो, तो उसने अपना लंड बाहर निकाला तो उसका लंड लाईट में पूरा चमक रहा था और ऊपर से कंडोम चढ़ा था।
फिर उसने दीदी से बोला कि उठ जा, तो दीदी नीचे खड़ी हो गई और वो भी नीचे खड़ा हो गया। उसका लंड बहुत ही बड़ा था और वो मेरे सामने हिल रहा था। अब दीदी के बूब्स पूरे तने हुए थे और फिर उसने दीदी को आगे की तरफ झुका दिया। अब मुझे दीदी की चूत साफ़-साफ़ दिख रही थी, दीदी की चूत पूरी लाल थी। फिर उसने पीछे से अपना लंड घुसाया तो पच की आवाज़ हुई, अब उसके बूब्स नीचे की तरफ लटके थे जिन पर पानी-पानी लगा हुआ था।
फिर उसने ऐसा कुछ देर तक किया और फिर उसने अपना लंड बाहर निकाल दिया और बेड पर चला गया। अब दीदी मेरे सामने खड़ी थी और उसके पेट के नीचे बहुत काले-काले बाल थे और अब उनका पेट लाल हो गया था। फिर दीदी बेड पर लेट गई और फिर उन्होंने अपनी पूरी टाँगे खोली। फिर उसने दीदी की दोनों टांगो को अपने हाथों से दोनों साईड से दबाया और ऊपर आ गया।
फिर उसने दीदी के दोनों हाथ नीचे किए और फिर वो अपने लंड को पकड़कर ज़ोर-ज़ोर से हिलाने लगा। फिर उसने अपना लंड दीदी की चूत पर रखकर एकदम से धक्का मारा और बहुत ज़ोर-ज़ोर से आगे पीछे करने लगा। अब दीदी ने अपनी दोनों टांगो से उसे जकड़ लिया था और वो लगातार धक्के मारता जा रहा था। अब दीदी ने अपने होंठ अपने दाँतों में दबा रखे थे। फिर उसने बोला कि मेरा निकलने वाला है तो दीदी ने बोला कि मेरा भी निकलने वाला है। अब वो दीदी की चूत पर ज़ोर लगाकर दीदी से चिपका हुआ था।
फिर दीदी ने बोला कि मेरी बच्चेदानी में दर्द हो रहा है ज़ोर मत लगाओ और ऐसा बोलते ही वो दीदी के ऊपर लेट गया। फिर कुछ देर के बाद उसने अपना लंड पीछे खींचा तो अब उसका लंड पूरा सिकुड़ गया था और कंडोम नीचे लटका था। अब वो कंडोम उसके वीर्य से पूरा भरा-भरा लग रहा था। फिर उसने कंडोम निकाला और दीदी से बोला कि बहुत मज़ा दिया तुमने और दीदी ने भी स्माइल की और रज़ाई अपने ऊपर कर ली।
फिर दीदी उठी और पेशाब करने चली गई। अब दीदी के चूतड़ लाल हो गये थे और चूत सूज गई थी। फिर वो लाईट बंद करके सो गई, अब दीदी उसी के पास सोई थी। फिर मुझे रात को फिर से दीदी की चीखे सुनाई दी और बेड की ची-ची की आवाज रातभर सुनाई देती रही और वो बातें करते रहे। अब वो दीदी की तारीफ कर रहा था कि तुम्हारी गांड बहुत मस्त है, तुम्हारे बूब्स बहुत नर्म है, तुम बहुत हॉट हो और दीदी भी बोल रही थी कि तुम्हारा भी बहुत बड़ा है।
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उसने दीदी को पूरी रातभर चोदा था और उन्होंने रात को लाईट भी ऑन की थी। अब दीदी उसके लंड पर बैठी थी और दीदी ने उसका लंड भी चूसा था और उसने भी दीदी की चूत चाटी थी। फिर मुझे नींद आ गई थी और फिर जब में सुबह उठा तो दीदी मेरे पास सोई हुई थी और उन्होंने मुझे वीडियो गेम खरीदकर दिया और कहा कि घर में बोलना कि हम सहेली के घर गये थे, तो मैंने भी हाँ की और फिर हम घर आ गये। ये सब मेरे सामने-सामने हुआ था और मैंने उन दोनों की चुदाई देखकर बहुत मजा किया था.