अनोखी शाम [पार्ट २]

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….उनहोने दरवाजा खोला, वोह एक नाइटी पे थी और उनके नीति के अन्दर उनका ब्रा भी दिख रहा था I उनहोने अन्दर कोई सकत भी नहि पेहें रक्खा था I मेने उन्हें लैब की चाबी दी और दरवाजे से ही वापस जा रहा था लेकिन उनहोने कहा अन्दर आने कोफ़ी पिने के लिए Iमेरा जाने का मन तो नहि था लेकिन उनहोने जोर दिया और मुझे उनके घर के अन्दर जाना पड़ा I

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मे उनके घर पे बेठा था, थोरी ही देर मे उनहोने मेरे लिए कोफ़ी ले आई I मे कोफ़ी पि रहा था इतने मे उनहोने कहा “उसदिन अपने जो देखा, उसके बारे मे किसीको कुछ कहना मत ” I” नहि मेडम, मे किसी से भी कुछ नहि कहूँगा ” मेने जवाब दिया Iफिर उनहोने कहा ” वोह मेरे दोस्त है, बोहोत दिन बड़ वोह हमसे मिलने ए थे I और हम दोनों बस बाते कर रहे थे ” I” नहि मेडम, मे किसीको कुछ नहि कहूँगा, क्यूँ की मे कुछ जनता ही नहि हूँ I ” फिरसे मेने जवाब दिया I

अब मेने मेडम से पूछा, ” मेडम अगर आप बुरा ना मने तो, क्यूँ आप फिरसे दूसरा शादी नहि करलेते ? “एक मिनट के लिये वो अपनी शादी शुदा जिंदगी मे लौट गयी, और फिर मेरे तरफ देखकर एक लम्बी सांश छोरी I” मे तुम्हे बताउंगी राजा ! मे तुम्हे सिर्फ इसलिए बता रही हूँ, क्यूंकि , कोलेज मे सिर्फ तुम ही मेरे सबसे करीब हो, और मे सिर्फ तुमपे ही भरोसा करती हूँ I “मे चुप चाप इंतिजार करता रहा I” हम बोहोत खुस थे हमारे शादी के वक़्त और हमने बोहोत खुसी खुसी शादी की थी I

पर हमारी शादी की बड़ हमारे आपस मे प्यार धीरे धीरे काम होता गया, और उसका वजह था उसका वजह था उसकी सेक्स प्रोब्लम I उसका लिंग बोहोत ही छोटा था Iफिर भी शादी के बाद हम हर रत कमसे काम दो बार सेक्स करते थे, लेकिन उसका सेक्स से ध्यान दिन बा दिन घटता गया और पैसे पे ध्यान बड़ता गया I “धीरे धीरे वोह मुझसे दूर होने लगा और मे अकेली बिश्तार मे हर रात तड़पती रही I मेने बोहोत दिनतक उसका इंतिजार किया, लेकिन उसका वापस आने का कोई नमो निशान तक नहि था I

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फिर मेने सोंचा मेरे हसबंड से मुझे मिला क्या ? वोह मुझे एक बच्चे तक नहि दे पाये, ये रिश्ता और लम्बा खींचने का कोई मतलब नहि इ”और फिर मेने फैसला किया डिवोर्स लेने की I बादमे मेने बोहोत कोशिश की कुछ दोस्त बनाने की टेक मेरे जिंदगी मे फिरसे रौनक लोट आये, और फिर मेरा यहाँ ट्रांसफर हो गया Iअभी मे अपने आपको बोहोत अकेला महसूश करती हूँ, मुझे खुद नहि पता अब मे क्या करूँ I “