निगाहों से अपने लंड को हरा करवाने तक

HOT Free XXX Hindi Kahani

नमस्कार दोस्तों,

आज मैं आपको एक बहुत प्यारी सी चुदाई की कहानी सुनाने जा रहा हूँ | आपको यह खूब पसंद आयगी क्यूंकि मैं इसमें एक आंटी की चुदाई करने जा रह हूँ जोकि मेरे घर के बाजु में रहा करती थी |

यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप www.HindiSexStoriesPictures.Com पर पढ़ रहे हैं आंटी मेरे घर के सामने वाले मकान में ही रहा करती थी | हम एक उदरसे को बालकोनी से ही देख सकते थे और एक दूसरी जान – पहचान हमारी बालकोनी से ही हुई थी | अब तो मैंने आंटी को बालकोनी सी कामुक इशारें देना शुरू कर दिया था जिससे आंटी मस्त में चुस्त होकर गर्म हो जाया करती थी और बदले में मुझे भी अपने होंठ मिस्मिसाते हुए आँख मारा करती थी | मैं अब उनकी चुत की तालास में मौका ढूंढ ही रहा था की एक दिन आंटी ने अपने कामुक इशारों के साथ अपने घर में आने का निमत्रण भी दे डाला |

मैं किसी भी नहीं रुकने वाला था और मस्त में तैयार होकर आंटी के घर चल पड़ा | घर जाते मैंने आंटी से कुछ दो पल ही बात की होंगी मैंने उसके घर में अब उन्हें वहाँ बक्से पर ही बठे – बैठे चूमना शुरू कर दिया और कुछ पल में हम एक – दूसरे को सहयोग करते हुए एक दूसरे के होठों में बिलकुल खो गए | मैंने अब ज्यादा ना कुछ ना सोचते हे आंटी के ब्लाउस के उप्पर से ही चुचों को दबाते हुए उनके पेतिच्कोट और ब्लौस को खोल दिया | मैंने आंटी के चुचों को दबाते हुए चूसा अब उन्हें वहीँ बक्से पर ही लिटा दिया और उसके उप्पर चढ़कर उसके चूचकों को पिने लगा | अब तो मेरा लंड भी तैनात हो चूका था इसीलिए मैंने जोश मैं आंटी की चुत को भी मसलने लगा और अपनी पतलून खोलते हुए उनकी चुत की फांकों के बीच रगड़ते अंदर – बाहर करना शुरू कर दिया |

आंटी इंतनी चुत जोश में अपनी गांड को हिलाते हुए मेरे लंड को ले रही थीं की कुछ देर बाद ही इनकी चुत भी गीली हो गई और मैं भी गंदे तरीके से उनके उप्पर चढ के चोद रहा था | आंटी अब जोर – जोर से आह्हहः अहह्हः अह्हह करके चिल्ला रही थी जिससे मेरी उत्तेजना लाजवाब तरीके से बढती ही चली जा रही ही | हम दोनों रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे | मैंने दोस्तों आंटी की चुत लगभग ४० मिनट तक बेझिझक तरीके से चोदा और आखिर में हार मानते हुए झड भी गया और मेरा सारा विया आंटी को चुत में समां चूका था और उसके बाद मैंने आंटी को नयी मुद्रा में आने को कहा |

आंटी अब किसी भैस की तरह अपनी गांड को उठा चुकी थी और मैंने सही तोप की तरह उन्केसाही पीछे अपने लंड को भी तैनात कर लिया | अब मैंने उनकी गांड में कुछ देर ऊँगली करते हुए दूसरी पारी में अपने लैंड को डालने लगा जिससे आंटी को शुरुआत में बहुत दर्द हुआ और वो गंदे तरीके से चिल्ला भी रही थी | मैं रुकने वाला ना था और बस अब पूरा दम लगते हुए आंटी की गांड में लंड को डाले जा रहा था| आंटी की गांड मैंने और कुछ २० मिनट मारी ही की मेरा लंड गंदे तरीके से फिर लाल होकर दर्द करने लग | अब मैंने थक – हारकर आंटी को चुत को चाटना ही सही समझा जिसके कुछ देर बाद आंटी ने मुझे जाने को भी कह दिया |

यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप www.HindiSexStoriesPictures.Com पर पढ़ रहे हैं मेरे लंड के टांकें टूट चुके थे और उसके बाद तो मैंने आंटी कई बार चोदा और अपनी प्यास भुझाता चला गया |