मामी की कुंवारी चूत पेली

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मामी की चूत में पूरा हक

हेलो दोस्तों आप सब को सुनाते हैल्न अपने मामी की चूत को चोदने की सच्ची कहानी। मैं अपने मामा के यहां शुरु से रह के पढता था। मेरी मां सबसे बडी थीं और मामा काफी छोटे सच तो ये है कि मेरे मामा मेरे हम उम्र थे या मुझसे कुछ ही साल बड़े थे।

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इसलिए जब उनकी शादी हुई तो मैं उनके छोटे भाई के उमर का था। चूंकि मामा अकेले हैं इसलिए मामी को कोई देवर भी न था और इसलिए मेरे पास मौका था कि मैं मामी के करीब जा सकूं।

मामा अक्सर दुकान पर चले जाते। शहर मे किराने की दुकान थी। मामी और नानी और हम अक्सर घर पर रहते। मैं जल्दी ही कालेज से चला आता और शायद, इस वजह से भी कि घर में नौजवान मामी आ चुकी थी। इसलिए मैने मामी के साथ बात करने के लिए कोई मौका न ह्होड़ा और इसलिए उनके पास आस मंडराता रहता। मामी बड़ी हसीन थी, कजरारी बड़ी आंखें और गोरा बदन्। मस्त छरहरा बदन और बड़ी गांड । उन्नत स्तन और मसलने लायक चूंचे, यह सब एक अच्छी चुदक्क्ड़ी क्न्या में जो भी होना चाहिए वो सब था मामी मे। जाहिर है चूत भी मस्त होगी अंदर में। मैने उनको पटाअने के लिए हर संभव कोशिश करने के लिए सोच रखा था और इसलिए मुझे उनको हर सेवा देनी पड़ती थी

मामा के दुकान जाने के बाद हम और मामी ढेरों बाते करते। एक दिन मामी बाथरुम में गयी। मैने सोचा कि देखते हैं कि क्या कर रही हैं, शायद उनको पेशाब लगा हो। बाथरुम के उपर घ्रेरा था पर चत नत थी। मैं छ्त के ग्रिअल से देखने लगा। मामी बाथरुम में जाके अन्दर बाहर उन्गली अपनी चूत में कर रही थी। मैने यह देखकर बड़ा अचम्भा हुआ कि ऐसा क्यो कर रही है अभी अभी तो उनकी शादी हुई है। थोड़ी देरमें वो अपना मुह पोंछते हुए बाहर निकली।

बाथौर्म में कोईप अंखातो था न्हीं कि वो गर्म न रहतीं। बिहारी को मूठ मारने में पसीना हो गया था।

जैसे वो बाहर आईं, मैने उनको देखा और पूछा, क्या हुआ मामी, सब ठीक तो है ना? वो चौंक गयीं बोली

“ हां जी हुआ क्या है सब बढिया तो है। मैने पूछा ओत बाअथरुम में जाअके अंदर बाह्र करने की क्या जरुरत थी। यहां मैं आपका गबरु जवान भांजा तो बैठा हुआ हूं ना आपको हरेक सेवा देने के लिए।

मामी समझ गयी न कि मैने उनका खेला देख लिया है। तो आंखो में आंसू लाके बोली आपको क्याअ पता, मेरी राते कैसि बीतती हैं। मैने कहा कैसे अगर आप न बताएंगी तो कैसे पता चलेगा आपकी राते कैसे बीतती हैं?

वो कहने लगीं सोलह सालो से बचा के रखी यह सोने जैसी जवानी क्या ऐसे पति के लिए है जो दिन में दुकान पर आंटे का दाल भाव पूछता है और शाम को आते ही लुढक जाताअ है किसी बोरी की तरह। कहने पर कहता है कि दिन मे बहुत काम किया है और इसलिए आराम करने दो, मुझे दिन में जाके बहुत काम करना है। यह सुन कर मैं पागल हो जाती हूं। थोड़ी भी सुधि नहीं लेते तुम्हारे मामा जी।

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मैने कहा तो क्या हुआ मामी जी, हम तो सुधि लेते हैं न आपकी, दिन भर आपके साथ रहते हैं, बाते करते हैं, हेल्प करते हैं, अब क्या चाहिए और आज तो आपको देख भी लिया। ऐसा कहके मैने आंख मार दीं’

मामी ढीठ थीं उसने मुझे आंख मारते देख करके हँस दिया और बोलि, बहुत नॉटी हो, आओ तुम्हें कुछ दिखाते हैं। और अपने बेडरुम में चली। मैं उसके पीछे। मुझे लग रहा था कि काम बनने वाला है।

अंदर जाते ही मामी ने दरवाजा बंद कर दिया और बोली, तो भांजे जी। आप तो मेरे देवर की तरह हो, बोलो क्या सलूक किया जाय आपके साथ में?

मामी को चूत मराने की जल्दी थी आज पता चला।

मैने कहा आपका हूं मामी जो चाहे सो करिए। और मामी ने मुझे दीवाल से सटा कर चूमना शुरु कर दिया। ऐसा चुम्मा कि इमरान भाई शरमा जाए, मल्लिका शरावत पानी भरे। उसने मेरे शर्ट के बटन खोल कर मेरे छाती के बालों में हाथ फिराते हुए मुझे किस किया और फिर अपने होट नीचे मेरे गले, कानों और छाती के चूंचकों को चूमते हुए मेर पेट से होते हुए मेरे कमर तक ले गयी

मेरा दिमाग सनसनाने लगा था। उसने मेरे पैंट के बटन को झटके से अलग किया और पैंट को नीचे सरका दिया। अंडर्वियर खींच कर नीचे किया और फिर चुम्मा लेती हुई लंड के जड़ तक पहुंच गयी। अब तक मेरा धीरज खो बैठा मैने पकड़ के उनको उठाया और बेड पर पटक दिया।

टांगे उपर उठाईं तो पेटीकोट नीचे सरक गया, बिना बालों की सफाचट चूत दिखी और मैने अपना मुह पर पानी आया हुआ देख जीभ होटों पर फिराई, एक चुम्मा लिया गहरा चूत का और फिर गांड का। इतना मामी को दीवाना कर देने के लिए काफी था। फिर मैने अपना लंड उनके चूत पर भिडाया और धक्के दिए, मस्ताते हुए मामी की कुंवारी चूत फटते हुए लंड को अंदर लेने लगी। चर्र चर्र खाट बोली और पर्र पर्र चूत फटी। धीरे धीरे पूरा मोटा लंड अंदर घुसा कर के मैने स्पीड बढाई, अब चूंचे खोल कर मुह में ले लिया। दो उंगली उनके मुह में डाल दी, कि वो लेमन चूस की तरह चूसती रहें। बस वो उसे लेकर चूसती रहीं और मैं उनके चूंचे दबाता और चूत चोदता रहा। जल्द ही मामी की चूत से फचाफच पानी आने लगा।

अब मैने उनको पेट के बल लिटा दिया और तकिया को पेट के नीचे रख कर उनकी चूत उचका दी। चूंकि कुतिया बन के चोदने में उनके मुलायम बाहों को दिक्कत होती, इसलिए मैने उनको तकिया दे दिया था, गांड के पीछे आकर लंड घुसा दिया और फिर चूंचे दबाते हुए दुबारा चोदने लगा। इसी के तो सपने देखा करती थी मामी जी। मजे आ रहे थे उनको और फिर उन्होंने मुझे अपना सब सौंप दिया था। अब वो मस्ती में कराह रहीं थीं, बेड शीट उनकी शील टूटने से लाल हो गयी थी। मैने कहा कि इस बेड्शीट को धो देना और छुपा देना।

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आखिर में मैने उनकी चूत में अपना माल छोड़ दिया। मस्त हो गयी वो और आज तक मैं मामी की चूत मारता रहा हूं।