गावं मे एक मेम की चुदाई

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बात काफी पुरानी है, जब मै करीब १९-२० साल का हूँगा | मै अपने माँ-बापू के साथ गावं मे रहता था और अपने बापू की खेतो मे मद्दत करता था | मेरे बापू एक छोटे किसान थे और हमारी जमीन गावं के बाहर थी |

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जमीन काफी बड़ी थी, तो बापू से अकेले काम नहीं होता था | मैने थोडा बहुत पढ़ लिया था, तो मैने अपने खेतो को कुछ भागो मे बाँट दिया था और मौसम के अनुरूप फसल और फल और सब्जियां लगाई थी | मेरे कुछ समय के प्रयासों मे ही, हमारे पास थोडा सा पैसा जमा हो गया और मैने खाली जमीन को एक फार्म हाउस मे तब्दील कर लिया | अब मुझे कुछ तकनीकी ज्ञान की जरुरत थी, तो मैने विदेश मे एक कंपनी से संपर्क किया और उसकी एक टीम मेरी जमीन के बारे मे जाँच करने के लिए मेरे गावं आयी | उस टीम मे कुल मिलकर ३ लोग थे, २ लड्किया और १ लड़का | उनका काम ३-४ दिन मे खत्म हो गया और उनमे से १ लड़का और १ लड़की वापस चले गये | और एक मेम कुछ दिन के लिए रुक गयी | मैने उसको अपने ही फार्म हाउस पर रुकवा दिया | उन्होंने मेरे साथ थोडा घुमने की इच्छा जताई, तो मै उनको अपने साथ गावं घुमाने लगा | मेम को तैराकी का बड़ा शौक था और वो सारा दिन फार्म हाउस के पूल मे पड़ी रहती थी | वो पूल मे नंगी तैरती थी | उस जगह मे मेरे अलावा किसी और को जाने इज्जाज़त नहीं थी, तो उनको कोई डर नहीं था | लेकिन, मै उनको २-३ बार नंगा देख चुका था, तो मेरी नियत उनपर ख़राब हो चुकी थी और मेरी ठरक काफी बड़ गयी थी |मै उनको जानबूझ कर एक सुनसान झरने पर ले गया | उस सुंदर नज़ारे और साफ़ पानी को देखकर उन्होंने अपने कपडे खोलने शुरू कर दिये और ब्रा-पेंटी मे आ गयी | उनको कोई लाज और शर्म नहीं थी | उनके साफ़ और मखमल जैसे चिकने और कोमल शरीर को देखकर मेरी लार टपकने लगी और मै उनको छुने की कोशिश करने लगा | लेकिन, मेरे छुने से पहले ही वो पानी मे खुद चुकी थी | मैने भी काफी खेतो मे काम किया था, तो मेरा शरीर भी अच्छा बलिष्ठ था और मै किसी की भी काम पिप्सना को शांत कर सकता था | मेम पानी मे मज़े ले रही थी और मुझे भी बुला रही थी | मैने बिना देरी किये हुए अपने कपडे उतार फेके और पानी मे कूद मार दी | अब मै मेम के मस्त और कामुक शरीर के काफी करीब था | वो पानी के साथ मस्ती कर रही थी और अपने बालो को लहरहा रही थी | उसके चेहरे पर पानी की बुँदे, वाह क्या नज़ारा था! मेरा लंड पानी के अन्दर ही खड़ा होने शुरू हो गया और वो तेज-तेज झटके मारने लगा | उस समय मै और मेम काफी करीब थे और मेम का पैर मेरे लंड पर टकराया; मेम ने पानी के अन्दर मुह डाला और मेरे खड़े लंड को देखा | वो मेरी तरफ देखकर मुस्कुरायी और मेरे करीब आ गयी और पानी के अन्दर मेरे लंड को जोर पकड़ लिया और दबाने लगी | मेरी तो चीख निकलते-निकलते बची |मैने अपने दोनों हाथो से मेम का चेहरा पकड़ लिया और उसके होठो पर अपने होठ रख दिये और उनको बेताबी से चूसने लगा | मेरे बेहताशा चूसने से मेम की सिसकिया निकलने लगी और बेहद ठन्डे पानी मे, हम दोनों के शरीर गरम होने लगे | मैने मेम के शरीर को अपने हाथो से छुकर नाप लिया और उसके चूचो की गोलियों को मापने लगा | फिर, मै मेम को खीचकर किनारे तक ले आया और उनको पानी के अन्दर ही दिवार से टिका दिया | और उनके चूचो को मस्ती मे दबाने लगा | वो भी मस्ती मे अपने पैर चलने लगी | उन्होंने मेरे लंड को अब तक नहीं छोड़ा था और वो लगातार उसको दबा रही थी और मै एक मेंढक की तरह उछाल रहा था | मैने मेम के हाथ अपने लंड से खीच लिए और उनको अपनी गांड पर टिका दिया | मैने अपना मुह अब मेम की गर्दन पर रख दिया और उसको चूसने लगा | मेरे होठो उसके शरीर पर इस तरह चल रहे थे, जैसे की उसके शरीर पर साप रेंग रहा हो | मेम अपनी उंगलिया मेरी गांड के छेद मे डालकर मेरे लंड को ऊपर उठाने का प्रयास कर रही थी और  अपने पैर मस्ती मे पानी मे चला रही थी और पानी को मस्ती मे उछाल रही थी |मेरा मुह मेम के निप्पल की बैंड बजाने पर तुला हुआ था और मै कभी अपने दांतों से और कभी अपने होठो से उसके गुलाबी निप्पल को चूम रहा था और चूस रहा था | मेम मस्ती मे मचल रही थी; मैने अपनी उंगलिया मेम की चूत पर लगा दी और उनकी चूत को दबाने लगा | मैने अपनी एक ऊँगली मेम की चूत मे घुसा दी और उसकी चूत की दीवारों को कुरेदना शुरू कर दिया | मेम अब भड़कने लगी थी और वो मेरे शरीर को नोचने और काटने लगी थी; लेकिन, मेरे ताकतवर शरीर के आगे उसकी एक नहीं चल रही थी | लेकिन, मुझे लगने लगा, कि अब मेम बेकाबू होने लगी है और अब उसको ठोकने का सही समय है | मैने मेम एक शरीर को दिवार से चिपका दिया और अपने लंड को उसकी चूत पर लगा दिया और एक तेज धक्का मारा | मेम बहुत ही चुदक्कड थी और उसकी चूत काफी फटी हुई थी इसलिए, उसने मेरा लंड एक ही बार मे अपने अन्दर समा लिया |मेम काफी गरम थी और कुछ मिनटों मे ही उसकी गांड तेजी से चलने लगी और उसका वीर्य उसकी चूत से रिसने लगा | और पानी मे फैलने लगा | मुझे जान अभी बाकी थी, लेकिन मै भी अब झाड़ना चाहता था, क्योकि मेम का शरीर ढीला पड़ने लगा था| मैने मेम को और जोर से पकड़ किया और बहुत तेज झटके मारने शुरू कर दिये | कुछ ही झटको मे, मैने भी अपना पानी छोड़ दिया और मेम के शरीर से लिपट गया |

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हम दोनों के शरीर काफी हलके होकर पानी मे तैर रहे थे | मेम के चेहरे पर खुश थी और मुझ जैसे ठरकी के चेहरे पर तृप्ति के भाव |