अन्जिनियर चुदक्कड ही होते हैं भाई

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मैं बी.टेक. 3 का छात्र हूँ, मेरी उम्र 21 साल है और पढने में काफी अच्छा हूँ. मेरी ब्रांच कंप्यूटर साइंस है और मेरे क्लास में करीब 15 लड़कियां है. हमेशा से ही मैं क्लास में आगे बैठा था और पुरे मन से पढ़ाई करने की कोशिश करता था. पिछले 3 साल में शायद ही मैं दारू पी होगी या किसी लड़की से अच्छे से बात की होगी, पर मैं हमेशा छुप छुप के पोर्न मूविज और स्टोरीज पढ़ा करता था और किसी भी लड़की या आंटी को देखकर मन ही मन ख्याल बनाया करता था. यह कहानी मेरे क्लास की देसी लड़की अनीता की चुदाई की है, जिसे मैंने क्लास के अंदर ही अपना लंड दे दिया था….!

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एक दिन सुबह ८ बजे की क्लास थी और मैं क्लास में लेट हो गया था उस दिन मुझे पीछे बैठना पड़ा था. एक्जाम आने वाले थे इस लिए मैं रात भर पढ़ रहा था. मुझे काफी नींद आ रही थी और मैं क्लास में ध्यान नहीं दे पा रहा था. हमारे क्लास की डेस्क काफी बड़ी हैं और एक में करीब ३ लोग बैठ जाते हैं. मैं सबसे पीछे वाली डेस्क पे अकेले बैठा सर नीचे कर के सोने की कोशिश कर रहा था. अचानक मेरी नज़र मेरे बाजु वाली डेस्क पे पड़ी, उसमे विकास और अनीता बैठे हुए थे, विकास काफी पढ़ने वाला लड़का था और अनीता हमारे क्लास की सबसे सुन्दर देसी लड़की थी, उसका शरीर काफी गठीला था और बूब्स बहुत सुडोल. जब वो शर्ट पहनती थी तो शर्ट के बटन भी ठीक से नहीं बंद हो पाते थे. सारे लड़के इस देसी लड़की की एक नज़र पाने के लिए भी पागल रहते थे. पहले तो मुझे कुछ समझ नहीं आया मैंने ध्यान स देखा तो देखा की  देसी लड़की तरह तरह के एक्सप्रेशन दे रही थी. उसी समय विकास का पेन नीचे गिर गया और वो उसे उठाने लगा, अभी भी मुझे कुछ ठीक से समझ नहीं आ रहा था.

इस देसी लड़की के एक्सप्रेशन और भी भारी हुए जा रहे थे और विकास काफी देर से ही पेन उठा रहा था. मुझसे रहा नहीं गया और मैंने भी नीचे झुक के देखा, वो देखते ही मैं सन्न रह गया. देसी लड़की की स्कर्ट के अन्दर विकास का सर था और यह हॉट लड़की उसके बाल सहला रही थी. थोरी देर में ही लेक्चर ख़तम हो गया और वो दोनों उठ के साथ में ही कहीं चले गये. मेरी पूरी नींद उड़ चुकी थी बस अनीता के वो दर्द भरे एक्सप्रेशन ही मेरे दिमाग में चल रहे थे. मैं तुरंत रूम गया और उसे सोच कर मुठ मारने लगा.

अगले दिन से मैं रोज़ पीछे ही बैठने लगा और पूरी हरकतों पे नज़र रखने लगा. अगले दिन कंप्यूटर ग्राफ़िक्स की क्लास थी, उसका टीचर काफी सीधा है और किसी को कुछ कहता नहीं है, क्लास में भी काफी कम लोग थे मैं उसी डेस्क में बिठा था और वो दोनों भी बाजु वाली पे, थोड़ी देर में ही उनकी हरकतें शुरू हो गयी थी, पहले तो विकास ने इस देसी लड़की की स्कर्ट के अन्दर हाथ डाल के उसकी जांघे सहलाना शुरू कर दिया था, धीरे धीरे उसका हाथ और अन्दर जाता गया, देसी लड़की की हवस भी बढ़ती जा रही थी. फिर देखते ही देखते विकास ने बैठे बैठे ही अनीता की पेंटी नीचे उतार दी थी, अब वो स्कर्ट के अन्दर पूरी नंगी थी और विकास कभी हाथ डालता तो कभी अपना मुह ही स्कर्ट के अन्दर डाल देता. अनीता भी मचल मचल के पागल हो रही थी और उसने विकास की  पेंट के अन्दर से उसका लंड निकला और पागलो की तरह चूसने लगी. मेरी तो हालत ख़राब हो रही थी, पेंट के अन्दर एक तो मेरा लंड समां नहीं रहा था और दूसरी तरफ वो बिना टीचर की परवाह किये क्लास में ही पुरे मज़े ले रहे थे. मैं बार बार नीचे झुक के देख रहा था अनीता की चूत तो नहीं देख पाया पर उसकी गांड पूरी नज़र आ रही थी मुझे, थोरी देर तक वो एक दुसरे के साथ खेलते रहे और फिर शायद विकास जड़ गया और वो दोनों रुक गए थे, शायद अनीता अभी पूरी तरह से सेटिसफाय नहीं हुई थी और उसका मूड थोड़ा ऑफ हो गया था. क्लास खत्म हो गया था पर पता नहीं क्यूँ अचानक टीचर ने विकास को अपने पास बुलाया और अपने साथ ले गया.

देसी लड़की वहीं क्लास में उसका इंतज़ार करती रही क्लास पूरा खाली हो चूका था और यह देसी लड़की अकेली बैठी थी अन्दर थोरी देर में अनीता किनारे वाली डेस्क में जा के बैठ गयी और अपनी पेंटी उतार दी. मैं छुप के साइड वाले दरवाज़े से देख रहा था, फिर उसने अपनी स्कर्ट उठाई और अपनी चूत के अन्दर ऊँगली करने लग गयी. इस समय मुझे उसकी चूत साफ़ साफ़ दिखाई दे रही थी, उसमे घने बाल थे और उसके गुलाबी मुह से पानी रिस रहा था, करीब 2 मिनट तक देसी लड़की अपनी ऊँगली अन्दर बाहर करती रही. इतना देख कर मुझसे कण्ट्रोल नहीं हुआ और मैंने क्लास के अन्दर घुस के दरवाजा बंद कर दिया. वो एकदम से घबरा सी गयी थी और इससे पहले की वो कुछ कर पति मैंने अपनी पेंट से अपना लंड बाहर कर दिया. वो शायद थोड़ा डर गयी थी और इसलिए अपनी पेंटी पहन के क्लास के बाहर जाने लगी, लेकिन जैसे ही वो बाहर जाने लगी मैंने झटके से उसका हाथ खिचा और अपने तने हुए लंड पे रख दिया. फिर क्या वैसा ही हुआ जैसा मैंने सोचा था उसने बिना रेसिस्ट किये ही तुरंत मेरा मोटा काला लंड अपने हाथों में लिया और हिलाने लगी.

धीरे धीरे उसने खुदही मेरा पेंट खोल दिया और जॉकी नीचे खिसका के लंड और टट्टे पागलों की तरह चाटने लगी. ये मेरा पहला टाइम था इस लिए मुझसे भी कण्ट्रोल नहीं हो रहा था. मैं तुरंत उठा और क्लास के दोनों दरवाजे चेक किये, फिर मैंने अपनी शर्ट भी खोल दी और अनीता के सामने पूरा नंगा हो गया था. अब तो अनीता चुदने के लिए बेताब थी.

मैंने धीरे धीरे उसके कपड़े उतारने शुरू किये सबसे पहले उसकी टाइट शर्ट खोली, शर्ट खोलते ही उसके बड़े बड़े स्तन आज़ाद हो गये, काले रंग की टाइट ब्रा पहने थी वो, फिर मैं उसकी पीठ को चूमने लगा और दातों से ही उसकी ब्रा के हुक खोल दिए.अब उसके स्तन आज़ाद हो चुके थे और मैं उन्हे पीछे की तरफ से दबाने लगा. मेरा लंड बार बार अनीता की गांड को छु रहा और इस लिए उसका इकसाईटमेंट भी बढ़ता जा रहा था.

मैं भी पागल हो रहा था और कभी उसके स्तन दबाता और कभी निप्पल को धीरे से काट लेता. इस दर्द में उसे भी बहुत मज़ा अ रहा था. फिर अनीता से ज्यादा रहा नहीं गया और उसने खुद ही मेरा सर पकड़ के अपनी स्कर्ट के अन्दर कर लिया. मैं समझ गया था अब उसे भयानक चुदास सवार है, पर मैं भी इतनी जल्दी कहाँ मानने वाला था. मैंने देसी लड़की को डेस्क पे बैठा दिया और उसके पैर चीर दिए. फिर पेंटी के ऊपर से ही उसकी चूत चाटने लगा, वो बेचारी मचल ही पड़ी थी और बार बार छोड़ने को कह रही थी.

फिर मैंने उसकी पेंटी निकाल दी और स्कर्ट भी खोल दी. अब मैं और देसी लड़की उस क्लास में पूरे नंगे थे. मैं कभी उसकी चूत चाट रहा था तो कभी उसकी गांड के छेद में ऊँगली कर रहा था. उसने भी मेरा लंड भरपूर चाटा. अब हम दोनों से रहा नहीं जा रहा था मैंने उसे डेस्क पे लिटाया और उसके पैर पूरी तरह से खोल दिए, फिर उसकी घनी चूत पे अपना लंड  रगडने लगा. और एक दो झटके दे कर लंड उसकी चूत में डाल दिया दर्द तो हम दोनों को हो रहा था पर मज़ा भी खूब आ रहा था.

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थोरी देर में देसी लड़की झड गयी पर मेरे लंड में अभी भी कुछ गर्मी बाकी थी. मेरे मन में अभी भी उसकी सुन्दर गांड घूम रही थी. मैंने अनीता को खड़ा किया और उसे डेस्क के सहारे झुका दिया. उसके गांड के छेद को थोरी देर चाटा और फिर उसपे लंड रगडने लगा. अनीता ने पहले ऐसा कभी नहीं किया था इस लिए वो मना करने लगी लेकिन अब मुझसे रुका नहीं जा रहा था. मैंने कस के उसे पीछे से पकड़ा और चूची दबाने लगा वो ज्यादा हिलडुल नहीं पा रही थी और इसी बीच धीरे से उसके गांड के छेद को अपने लंड से भर दिया पहले तो उसे बहुत दर्द हुआ पर फिर मज़ा आने लगा वो भी झटके मारने लगी, अब मुझे और भी मज़ा आने लगा था और अपना मोटा लंड पूरा का पूरा उसकी गांड में डाल दिया था, 2 मिनट तक लगातार खूब झटके मारे और फिर मेरा भी मुठ निकलने वाला था, मैंने तुरंत लंड निकला और उसके मुह में दे दिया वो उसे भरपूर चाटने लगी और पूरा का पूरा मुठ पी गयी इस चुदाई के बाद हम दोनों बहुत संतृप्त थे और खुशी से कपडे पहन के निकल गए. इसके बाद मेरी अनीता से काफी बात होने लगी और अब क्लास में वो विकास को छोड़ मेरे साथ पीछे वाली डेस्क में बैठने लगी.

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वहीँ

क्लास में बैठे बैठे हम दोनों एक दुसरे के गुप्तांगों से खेलते रहते और जब भी मौका मिलता, कभी क्लास के बाद तो कभी डिपार्टमेंट के पीछे जम कर चुदाई करते. इस देसी लड़की ने मुझे चुदाई के बहुत नए नए दाव भी सिखाये है, जो मैं इस देसी लड़की की चुदाई के वक्त आजमाता रहेता हूँ, क्या आप भी कोई देसी लड़की की चुदाई कर चुके है…?