पढाई में अव्वल, चुदाई में भी अव्वल

HOT Free XXX Hindi Kahani
आज मैं शलाका की साथ मेरे द्वार की अनहोनी के बारे में बता रहा हूँ | शलाका मेरे शूल में पढ़ा करती थी और क्यूंकि मैं कक्षा में पढाई में अव्वल रहने वालों में से था तो मुझपर मेरी कक्षा की हर लड़की डोरे डाला करती थी पर मैं भी किसी खास की ही चुत मारना चाहता था |

यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप www.HindiSexStoriesPictures.Com पर पढ़ रहे हैं

मेरे कक्षा में शलाका नाम की ही लड़की तो जो पढाई में मुझे टक्कर दे सकती थी और शायद कोई लड़की पूरे शूल में ना थी जो खूबसूरती में शलाका को टक्कर दे सकती थी | इसीलिए अब मेरा दिला उसकी चुत पर ही आ टिका था | अब जब मैंने धीरे – धीरे लड़कियों के बीच चर्चा का विषय बन ही चूका था तो यह तो होना ही था की अब शलाका भी मुझसे बात मेरे अंदर की खाशियत को टटोलने की कोशिश करती और अब वो भी मुझसे बात करने का प्रयत्न करने लगी |

हम दोनों ही कक्षा में पढाई में अच्छे थे तो इसीलिए हमारी मैडम ने हम दों को ही केवल एक खास प्रोजेक्ट एक साथ बनाने को कहा था जिसके ज़रिये अब हमारी भी बात हो चली थी | प्रोजेक्ट हम दोनों द्वारा कक्षा के समय में बनाते हुए काफी समय बीत चूका था और अगले दिन हमें प्रोजेक्ट को मैडम के पास जमा भी करना था इसीलिए एक दिन शलाका दोपहर को मेरे घर ही आ गयी की हम अब फुरसत से अपना प्रजेक्ट पूरा कर सकें | हमने देखते ही देखते अपना काम भी पूरा कर लिया और वहीँ मेरे घर में बैठकर बतियाने लगे क्यूंकि वहाँ कोई और नहीं था | मेरे घर पर उस वक्त कोई भी नहीं था तभी मैं बातों – बातों में शलाका से रोमांटिक होता चला गया | मैंने उससे कामुक अनुभव के बारे में पूछा जिसपर उसने बताया की कभी उसे मौका ही नहीं मिला |

मैं उसके हाथ को पकड़कर उसपर अपनी उँगलियाँ फिराने लगा जिसपर उसके रोम – रोम खड़े होने लगे और मैंने बतलाया की इसे ही कौम्कता का एक पाठ कहा जाता है | वो अब शर्मा रही थी और कुछ ज्यादा ही मेरी उँगलियाँ के भाव को महसूस करती हुई उतेजित करने लगी | अब मैंने मौका का पूरा फाइदा उठाया और उसके हाथ और जाँघों को मसलते हुए उसके होठों को भी दबा कर चूसने लगा | मैं अब उसके दोनों के चुचों को भींचे जा रहा था और मैंने उसके टॉप को भी उतार दिया | उसने मेरी किसी भी गतिविधि पर मुझे कुछ ना कहा पर उन्हें चूसने पर वो मुझे और अग्रम कर देने वाली सिस्कारियां भर रही थी | मैंने अपने अपने कपड़े खोल उसकी पैंट को भी उतार दिया और उसकी पैंटी के उप्पर से उसकी चुत के बीच अपनी उँगलियों को जोर देते हुए फिराने लगा | जिससे अब उसकी शकल रोने जैसे हो गयी थी और वो अब पूरी तरह से अपने आप से बहार जा चुकी थी |

मैंने उसकी पैंटी को भी उतार दिया जिससे शर्म के मारे मुझसे कसकर लिपट गयी | मैं कुछ देर उससे समझाते हुए उसकी पीठ को सहलाया और धीरे – धीरे उसी चुत के उप्पर उँगलियाँ फिराने लगा | वो काफी गरम हो चुकी थी इसीलिए मैं भी भी उसे उसी वक्त ही मेरे सामने कुतिया बना दिया और पीछे से उसकी गांड में ऊँगली करने लगा | हम दोनों बड़े ही रोमांचित हो उठे और मैंने उसकी चुत के छेद पर अपने लंड को टिकाते हुए कहानी में थोडा और मसल भर दिया | उसे भी चुदाई का मज़ा आने लगा था और वो अपनी गांड को मेरा लंड लेने की चाह में पीछे को धकेल रही थी और मेरा लंड पूरा का पूरा उसकी चुत को चीरता हुआ अंदर ही धंसा जा रहा था |

यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप www.HindiSexStoriesPictures.Com पर पढ़ रहे हैं

आखिरी तक छोड – चाड तक मैं उसकी चुत पर ही झड गया और हम मग्न होकर एक दूसरे को चूमने लगे |