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मेरी बहन मीनल की कुंवारी चूत
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Category: भाई बहन,

Tags:meri, behan, ki, kuvari, chut, ka, maza,

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मेरा नाम देवेश है, मैं आज आपको अपनी चचेरी बहन की कुंवारी बहन की चूत का उद्घाटन किया उसी की कहानी आपको बताने जा रहा हु, ये कहानी मेरे ज़िन्दगी में हमेशा मेरे करीब रहेगा, क्यों की शायद ही ज़िन्दगी में मुझे ऐसी कुंवारी, गोरी, टाइट, बिना बाल की चूत को चोदने का मौका मिलेगा ये मैं कभी कल्पना भी नहीं कर सकता. दोस्तों इसलिए आज मैंने अपनी इस हॉट चुदाई की स्टोरी जो की मेरी बहन के बारे में है आज मैं आपको बताने जा रहा हु,

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मेरे पाप दो भाई भाई है, मेरे चाचा मुम्बई में रहते है और हमलोग गाँव में रहते है, मेरा गाँव थोड़ा ज्यादा ही इंटीरियर में है. इसलिए मैं वह से किसी तरह से दसबी पास कर लिया पर आगे की पढाई के लिए मुझे बाहर ही जाना होता, तो मेरे चाचा बोले की मेरे पापा से की देवेश को मुम्बई ही भेज जो, पास के स्कूल में ही उसका दाखिला करवा दूंगा. और हुआ भी यही. जब मैंने सूना की मैं अपने चाचा जी के यहाँ रह कर मुम्बई में पढ़ूगा तो मेरा ख़ुशी का ठिकाना ना रहा. कुछ दिन बाद मुझे मुम्बई जाना पड़ा.

दोस्तों जब मैं चाचा जी के यहाँ पंहुचा तो हैरान रह गया, क्यों की उनका घर बहूत बड़ा था, नौकर चाकर, बड़ी बड़ी कार, चाचा जी और चाची दोनों का अपनी कंपनी है, दोनों वही जाते है और काफी बीजी रहते है, चाचा जी को बस एक बेटी है उसका नाम रुपाली है. गजब की खूबसूरत है, दूध की तरह गोरी है, आपको तो पता है बड़े घर की लड़कियां की खूबसूरती ही अलग होती है. वैसी ही थी मेरी बहन, भगवान् ने उसको बड़े ही खूबसूरती से बनाया था. मैं तो फ़िदा हो गया था उसी समय, गजब की टाइट टाइट चूचियां और गोल गोल जांघ, जब वो टेनिस खेलने जाती थी गजब की लगती थी ऐसा लगता था की मैं उसके कपडे फाड़ कर उसके चूत में अपना लंड पेल दू, पर ऐसा कर नहीं सकता, नही तो पता है ना आपको, मैं चाचा जी के घर से उठा कर फेंक दिया जाता. मैंने अपने लंड और दिल और दिमाग पर काबू रखा.

दिन बीतते गया, रुपाली की कजरारी आँख और होठ गुलाबी, जाँघे गोल गोल, चूचियां क्रिकेट की बॉल की तरह बड़ी बड़ी, गाल ऐसा की चूमने के बाद ही खून निकल जाये इतिनी गोरी. मैं उसको देखता तो मैं खो जाता था. एक दिन की बात है, मेरे चाचा जी और चाची जी. एक कंपनी के काम से दुबई चले गए, घर में मैं और मेरी बहन रुपाली थी, दोस्तों उस दिन संडे का था, मैं नहाने बाथरूम में जा रहा था, मैं अपना कपड़ा पहले ही उतार चूका था, और सिर्फ तौलिया लिपटे बाथरूम के पास गया, और दरवाजा खोलने से पहले ही मैं तौलिया गिरा दिया, क्यों की अब अंदर ही जाने बाला था मैं ऐसा अक्सर करता था क्यों की तौलिया दरवाजे के बाहर ही छोड़ देता था. और दरवाजा में धक्का लगाया और अंदर चला गया, अंदर जाते ही रुपाली नहा रही थी, वो चीख उठी क्यों की वो पूरी नंगी थी, और मैं भी नंगा था, मैं हक्का बक्का रह गया, ना तो कुछ बोल रहा था ना बाहर निकल रहा था ऐसा लग रहा थे मुझे सोक लग गया था.

रुपाली अपने दोनों हाथो से चूचियों को ढके हुए थे और अपने चूत को जांघो से चिपकाये हुए थी और ऊपर झरना चल रहा था पानी उसके ऊपर गिर रही थी. मेरा लंड उसके बदन को देखकर लंड खड़ा हो गया था, और मेरी बहसि आँख उसको बदन को निहार रही थी. तभी रुपाली बोली भैया बाहर जाओ, फिर मैं बाहर निकल आया और बाहर पड़े तौलिये को लपेट लिया और अपने कमरे में चला गया. थोड़े देर बाद रुपाली आई अपने बाल में तौलिये लपेटे हुए और बाल को रगड़ते हुए, बोली क्यों आप अंदर आ गए थे, तो मैंने कहा मुझे लगा की तुम अंदर नहीं हो. पर अगर तुम अंदर थी तो दरवाजा बंद क्यों नहीं किया था. तो रुपाली बोली मैं भूल गई थी दरवाजा बंद करने के लिए. मैंने उसके चूंच को अभी भी निहार रहा था. और सोच रहा था काश वो मुझे दाबने और उसके निप्पल को चूसने के लिए मिल जाये तो मजा आ जायेगा.

फिर उस दिन दोनों खाना खाये और टीवी देखने लगे. हम दोनों एक दूसरे को देख रहे थे और मुस्कुरा रहे थे. क्यों की आज हम दोनों एक दूसरे को नंगे देखे थे. तो मैंने रुपाली से कहा रुपाली इसके पहले तुमने कभी किसी लड़के को इसतरह से देखि है. तो वो बोली नहीं और फिर उसने पूछी की आपने देखि है किसी लकड़ी को ऐसे मैंने कहा नहीं पहली बार देखा हु तुमको और अभी तक वही दृश्य सामने आ रहा है, फिर रुपाली बोली भैया एक बात बताओ पेंट के ऊपर से तो इतना बड़ा नहीं दिखता है पर बाथरूम में तो बहूत बड़ा और मोटा दिख रहा था . तो मैंने समझाया की की जब भी कोई लड़का लकड़ी को नंगे देखता है तब ये बड़ा हो जाता है. तो रुपाली बोली बड़ा होने का क्या मतलब है. तो मैंने बताया की लड़का लड़की जब मिलती है तो पता है ना सेक्स होता है. तो रुपाली बोली तुम मुझे बेवकूफ समझ रहे हो मैंने तो यों ही पूछ रही थी. मैं सब जानती हु, मैं पढ़ी लिखी और मॉडर्न हु, मेरे कई दोस्त है जो की सेक्स कर चुकी है. तो मैंने कहा की तुमने कभी किया की नहीं. तो वो बोली नहीं. मैंने कभी भी नहीं किया.

मैं बहूत खुश था क्यों की, वो मेरे से खुल कर बात कर रही थी. मुझे लग रहा था की आज मैं कामयाब हो जाऊंगा. मैं ये सोच ही रहा था की रुपाली बोली क्या सपने देख रहे हो. मैंने कहा यार वही बाथरूम बाली सिन को ही याद कर रहा हु, रुपाली बोली क्या चाहते हो. मैंने कहा मैं तुम्हारे साथ आज रात बिताना चाहता हु, तो रुपाली बोली अगर ये बात पापा मम्मी को पता चल गया तो, तो मैंने कहा पता नहीं चलेगा, वो आज यहाँ है भी नहीं और वो जानेंगे कैसे. तो रुपाली बोली अगर तुम्हारा स्पर्म अंदर चला गया तो? तो मैंने कहा एक टेबलेट मिलता है खा लो फिर 72 घंटे तक सेक्स कर सकते हो. रुपाली बोली फिर ठीक है ले आओ. मैं तुरंत बाहर जाकर मेडिकल से वो टेबलेट ले आया, और आते ही मैं रुपाली को हग कर लिया वो भी मुझमे लिपट गई.

दोस्तों मेरा सपना साकार हो रहा था जिसको मैं ३ महीने से अपनी नजर से पि पि कर सपने देख रहा था वो आज मेरे बाहों में थी. फिर में उसके गुलाबी होठ को चूसने लगा. वो कह रही थी धीरे धीरे किश करना नहीं तो निशान लग जायेगा. मैंने उसके ऊपर के टी शर्ट को उतारा वो ब्लैक कलर की ब्रा पहनी थी. गोर बदन पे ब्लैक ब्रा तो और खूबसूरती में चार चाँद लगा रहा था मैंने उसका केपरी उतार दिया. वो हलकी पट्टी बाली पेंटी पहनी थी. ओह्ह्ह पीछे देखा तो वो पट्टी गांड में दन घुसी हुई थी और गोल गोल चूतड़ हिल रहे थे. मैंने ऊके चूतड़ को चाटने लगा. और फिर पेंटी उतार दी और ब्रा भी. मैंने उसको दोनों हाथो पे उठाया और नजर में नजर डाले हुए उससे बैडरूम में ले गया.

उसको बेड पे पटकते हुए मैं उसके चूत को चाटने लगा. वो अंगड़ाई लेने लगी. मैंने उसके बूब्स को दबाते हुए उसको निप्पल को पिने लगा वो आह आह आह कर रही थी. फिर मैंने अपनी ऊँगली उसकी चूत में घुसाने की कोशिश की पर उसने कहा नहीं नहीं ऊँगली मत डालो फिर मैंने अपना लंड निकाल लिया, रुपाली की चूत काफी गीली हो चुकी थी पर अंदर कोई छेद दिखई नहीं दे रहा था, मैंने अपने लंड को चूत के ऊपर रखा और उसका पैर फैला दिया, फिर जोर से धक्का मारा लंड छिटक गया, फिर मैंने try किया और जोर से घुसाने की कोशिश की पर फिर नाकामयाब रहा, क्यों की उसकी चूत की छेद बहूत ही छोटी थी वो इसके पहले नहीं चूड़ी थी. फिर मैंने उसको घोड़ी बनाया, और फिर पिच्छे से लंड को उसके चूत पर सेट किया और एक धक्का लगाया और चूत के अंदर मेरा लंड फाड़ते हुए अंदर दाखिल हो गया. आप ये कहानी नॉनवेज स्टोरी पे पढ़ रहे है.

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दोस्तों वो रोने लगी और उसके चूत से खून निकलने लगा. मैंने उसके पीठ को सहलाया और बोला अब दर्द नहीं करेगा, और फिर धीरे धीरे लंड को आगे पीछे करने लगा. वो थोड़े देर बाद मजे लेने लगी, और फिर क्या बताऊँ दोस्तों उसके मखमली बदन को चाट कर मैंने साफ़ कर दिया. और चूत को लाल कर दिया, चोद चोद कर. वो दर्द से चल नहीं पा रही थी जब पहली चुदाई के बाद बाथरूम जा रही थी वो टांगो को फैलाकर जा रही थी, दोस्तों उस दिन मैं रात भर रुपाली को चोद चोद कर परेशां कर दिया, वो भी खूब चुदी, अब हम दोनों रोज रोज चुदाई करते है क्यों की घर तीन बजे ही आ जाते है शाम को छह बजे तक हम दोनों एक दूसरे के जिस्म से खेलते रहते है.

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