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पापा और कामवाली का बाँडेज सेक्स
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मेरी माँ नाना जी के घर पर गई हुई थी मेरी मौसी की सगाई की प्रिपरेशन के लिए. और इधर कामवाली बबिता और पापा की इश्कबाजी स्टार्ट हो गई थी. पापा समझते थे की मैं बच्चा हूँ पर मैं सब समझता था. वो कामवाली के साथ किचन में घंटो बिताते थे. माँ जिस दिन से गई उस दिन से उन्होंने ऑफिस से 2-3 छुट्टी भी ले ली थी. और तो और कामवाली बबिता जो पहले घर भागने की फिराक में रहती थी वो खुद भी दिनभर काज करती रहती थी. घर में मेरे पापा और कामवाली के अलावा सिर्फ हमारा कुत्ता मोंटी ही हे.

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पापा की एज 48 साल हे और वो एक बड़ी कम्पनी में पर्चेस डिपार्टमेंट के हेड हे. पैसे बहुत कमाते हे इधर उधर से और घर की हालत बहुत बढ़िया हे हमारी. बबिता की एज मुशकिल से 25 की होगी. वो पिछले 4 साल से हमारे यहाँ काम करती हे. वो सामने की सोसायटी की बाउंड्री वाल से लगी हुई कुटिया में रहती हे. उसका पति गोविन्द एक दिहाड़ी मजदुर हे जो सुबह घर से खाना ले के निकलता हे तो उसे खुद को पता नहीं होता हे की शाम को वो घर कर आएगा.

और इन मजदूरों की बेचारो को सेक्स लाइफ भी क्या होती होगी! थके हुए लंड को चम्मच की तरह बुर में हिला के वीर्य की धार छोड़ के चद्दर खींचने का ही काम होगा. फॉर-प्ले और आफ्टर-प्ले की माँ की आँख!

इसी वजह से शायद बबिता पापा के लंड की आशिक थी. पापा एकदम फालतू होते थे ऑफिस ना जाए तो. और वो बबिता को बिस्तर में ले के घंटो तक पड़े रहते थे. कभी उसकी चूत में ऊँगली करते तो कभी उसे सिर्फ लंड को हिलाने को कहते थे.

दोस्तों मैंने काफी दफा पापा के लौड़े से कामवाली की चूत का सींचन देखा हे. एक ऐसा किस्सा आज मैं आप को इस हिंदी कहानी में सुनाता हूँ.

माँ अभी भी ननिहाल में ही थी. और हम लोगों को भी दो दिन के बाद मौसी की सगाई में जाना ही था. उस दिन स्कुल में बहुत बोर लग रहा था. मैं बंक कर के चला आया. पापा भी घर पे ही थे और मैं जानता था की वो बूढा कामवाली के भोसड़े में ही घुसा होगा. एक चाबी थी मेरे पास इसलिए मैंने घर खोला और हॉल में सोफे के ऊपर बैठ गया. लम्बा हो के अभी बस्ता ही निकाला था की ऊपर के बेडरूम से अह्ह्ह ओह्ह्ह्ह ओह्ह्ह की सिसकियाँ

सुनाई दी. पहले तो मैंने सोचा की इनका तो रोज का हे. पर आज सिसकियाँ कुछ अलग ही थी. जैसे किसी का रेप हो रहा था और उसका मुहं बंधा हुआ था वैसी आवाजें आ रही थी!

मैंने सोचा की चलो देखते हे की पापा आज क्या नया गुल खिला रहे हे कामवाली के साथ. मैंने बसते को अपने कामे में रख दिया और दबे पाँव ऊपर कमरे की तरफ बढ़ा. एक सुराख था जहाँ से अन्दर झाँका जा सकता था. आइने आँख लगाईं तो अंदर बाँडेज काण्डचल रहा था. पापा ने कामवाली की आँखों पर काली पट्टी बाँध रखी थी और उसके दोनों पैर और दोनों हाथ को भी माँ के दुपट्टे से बेड की चारों तरफ बाँधा गया था. पापा ने बबिता को ऐसे बाँधा था की उसकी गांड उनके तरफ थी, यानी उसे उलटा कर के बाँधा गया था. पापा भी एकदम नंगे थे और उनके हाथ में और वहां मेज पर बाँडेज सेक्स के प्रॉप्स थे.

पापा के हाथ में उस वक्त एक पिंछ वाला प्रोप था जिसे वो कामवाली की गांड के सुराख पर हिला रहे थे. और गुदगुदी होने की वजह से बबिता सिसकियाँ रही थी. पापा भी एकदम नंगे ही थे. और उनका काला मोटा लंड लटक रहा था. उन्होंने बबिता की गांड के ऊपर से होते हुए उस पिंछ को ऊपर कमर तक घिसा. फिर उसे बूब्स की साइड में घिसा और फिर कामवाली की बगल में भी. बबिता मस्त सिसकियाँ रही थी और छटपटा रही थी. लेकिन सब तरफ से बंधी हुई थी इसलिए बस वो सिसकियाँ सकती थी और कुछ नहीं.

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पापा ने अब पिंछ को साइड में रख दिया. अब उनके हाथ में एक डिलडो आ गया. पापा ने कामवाली के मुहं के ऊपर से बंदिश को हटाई और उसे डिलडो चुसाया. कामवाली जैसे लंड को सक कर रही थी वैसे ही डिलडो को भी चूसने लगी. पापा उसके बूब्स मसल रहे थे और डिलडो को धक्का लगा लगा के उन्होंने पूरा उसके मुहं में डाल दिया. बबिता की सांस अटक गई क्यूंकि डिलडो पुरे 7 इंच जितना था और मोटा भी काफी था.

वो गु गु गु करने लगी. पापा ने उसकी नाक पकड़ ली और डिलडो को पूरा अन्दर डाल के ऐसे ही रहने दिया. कामवाली की आँखों से आंसू निकल पड़े और वो पापा की तरफ बेचारी नजरों से देखने लगी. पापा पापा के अन्दर कोई दया नहीं थी. वो जोर जोर से डिलडो को मुहं में और भी घुसेड़ने को थे. बबिता ने एक आह निकाली जो डिलडो की वजह से दब के रह गई. पापा ने फटाक से डिलडो हटा के अपना लंड बबिता के मुहं में डाल दिया. बबिता को थोड़ी राहत हुई क्यूंकि डिलडो से पापा का लंड कम लम्बा और पतला जो था. वो आराम से लंड चूसने लगी.

2 मिनिट लंड चूसा के पापा ने उसे निकाल लिया. और फिर उसके मुहं को बांध दिया. अब पापा ने गिले डिलडो को साइड में रख दिया और एक बेलन जैसा प्रोप उठाया. इस बेलन के ऊपर दाने जैसे बने हुए थे पूरी लम्बाई पर. जिसे चूत में डाला जाएँ तो खुरदुरापन महसूस. पापा ने उसे ले के कामवाली की गांड में बिना किसी वार्निंग के घुसेड दिया. बबिता ऐसे चीखी जैसे किसी ने उसकी गांड में लोहे की गरम सलाख घुसेड डाली हो. वो ऊऊउ ऊऊ करती गई पर मुहं बंद था इसलिए आवाज मर जा रही थी उसकी! पापा बेरहम प्रेमी के जैसे गांड में उस प्रोप को हिलाते गए. बबिता छटपटा रही थी. पर पापा नहीं रुके.

बबिता की गांड मस्त  मसल दी पापा ने इस प्रोप से कुछ 2-3 मिनिट के लिए. मैंने देखा की बबिता की गांड का गू भी निकल आया था. पापा ने उसका ब्लाउज उठा के प्रोप के ऊपर से और गांड से गू को साफ़ किया और बोले, मादरचोद हग दिया साली ने!

और फिर वो बोले, आज मैं तेरी गांड मारूंगा साली, बहुत लंड खड़ा करती हे मेरा तू!

पापा ने एक कंडोम लिया और अपने लंड पर चढ़ा दिया. फिर बबिता की गांड खोल के उसे अन्दर फच से डाल दिया. बबिता आह्ह अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह कर रही थी. पापा ने उसके मुहं को खोल दिया और बबिता की गांड मारने लगे. साथ में वो एक हाथ से इस कामवाली की चूत को अपनी उँगलियों से हिला रहे थे. बबिता को प्रोप से दर्द हुआ था लेकिन पापा का लंड वो एन्जॉय कर रही थी. वो खुद भी गांड को धीरे धीरे से उस से जितनी हो सकती थी हिला रही थी. पापा के लंड के ऊपर के कंडोम का रंग भी पिला हो गया था बबिता के गू की वजह से!

पापा बेरहमी से और 5 मिनिट तक गांड मारते रहे. फिर फट से उठ के उन्होंने कंडोम निकाल दिया. बबिता की दोनों टांगो को खोल के उसे घोड़ी बना दिया. और फिर डौगी स्टाइल में उन्होंने लंड को चूत में पेल दिया. बबिता भी अपनी गांड को हिलाने लगी थी. और वो पापा के झटको का जवाब अपनी गांड हिला के दे रही थी. पापा भी थक गए थे और वो खुद भी.

पुरे कमरे से पच पच की पानीदार आवाजे आ रही थी. पापा मेरे पोर्नस्टार के जैसे कडक लंड से कामवाली बबिता की धज्जियां उड़ा रहे थे. बबिता भी पापा का लंड ले ले के बहुत कुछ सिख गई थी. वो भी पूरा एन्जॉय करवा रही थी अपने कुल्हे हिला के. 4 5 मिनिट कुतिया बन के चुदवाने के बाद अब पापा ने बबिता के हाथ भी खोल दिए.

अब वो उसे खिड़की के पास ले गए. और नंगा ही खड़ा कर के बोले, तू बहार लोगों को सडक पर आते जाते देख और मैं तुझे चोदता हु.

बबिता बोली: साहब किसी ने देख लिया तो मेडम को बोल देगा!

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पापा बोले: साली छिनाल, तेरी और तेरी मेडम की माँ की चूत. तुझे लंड इस पोस में ही देना हे. अगर मेडम बोली तो उसे भी बांध के गांड में बेलन डाल दूंगा साली की!

बबिता कुछ नहीं बोली, पापा ने उसे खिड़की पकड़ा दी. और पीछे से वो पच पच करने लगे वंस अगेन.

बबिता भी अपनी गांड को एकदम जोर जोर से हिला रही थी. पता नहीं उसे रस्ते से किसी ने देखा या नहीं. दोपहर का वक्त था इसलिए कम लोग ही वैसे आते जाते हे. पापा ने उसके बूब्स पकड लिए और जोर जोर से ठोकने लगे.

फिर उन्होंने लंड चूत से निकला और बोले रुक. फिर वो वो बेलन जैसा प्रोप फिर से ले आये. उन्होंने उसे बबिता की चूत में डाल दिया और बोले ले इसे पकड़ के हिला अपने भोसड़े में  मैं गांड मारूंगा.

बबिता ने एक हात से खिड़की और एक हाथ से प्रोप पकड़ा. वो उसे चूत में हिला रही थी. और पापा ने एक बार फीर से कामवाली की गांड को अपने लंड से भर दिया. बबिता पस्त हो गई थी और थकान से चूर भी. पर पापा उसकी गांड और भी 4 मिनिट तक चोदते ही रहे.

फिर वो बोले, चल जल्दी से अपना मुहं खोल साली रंडी.

बबिता ने बेड में लेट के अपना मुहं खोला. पापा अपने लंड को हिलाने लगे उसके मुहं के पास में. बबिता पापा के अंडे के साथ खेलने लगे.

अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह ये ले साली कुतिया, अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह….. ये सब बोलते हुए पापा ने गाढ़ा वीर्य छोड़ा और कामवाली को सब पिला दिया. बबिता से उन्होंने अपने लंड को एकदम चाट के साफ़ करवाया. और फिर वो कपडे पहनते हुए बोले, ये सब अलमारी में छिपा दे धोने के बाद तेरी मेडम ने बहुत सब सामान मंगवा लिया हे हमारे लिए!

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तो वो सब बाँडेज सेक्स के प्रोप माँ के थे? क्या वो और पापा भी बाँडेज करते हे? साला ये भी किसी दिन देखना पड़ेगा. पापा के कमरे की दरवाजे की तरफ बढ़ने से पहले मैं वहां से निकल के अपने बेडरूम में जा के सो गया. चद्दर के अंदर लंड पकड़ के मैंने भी बबिता के नाम की मुठ मार ली!

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