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पति के नशे में मेरी बेहतरीन चुदाई
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HOT Free XXX Hindi Kahani
दोस्तों, मैं निरूपा एक हिदुस्तानी नारी, जो की इंडियन कल्चर के सारे रीती रिवाज को फॉलो करने वाली बेहद खुशमिजाज औरत. वैसे तो मैं एक बहुत ही संभ्रांत परिवार से हु, लेकिन एक कड़वा सच है, कि मर्दों के सामने औरत किसी भी परिवार से हो अमीर या गरीब, सब की हालत एक जैसी ही है. आज मैं आपको अपनी के बहुत ही जबरदस्त चुदाई के बारे में बताने जा रही हु.

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मैंने बहुत सी वेबसाइट पर सेक्स कहानिया पढ़ी है, लेकिन मुझे ये वेबसाइट सबसे अच्छी लगी, इसलिए यहाँ पर अपनी पहली कहानी लिख रही हु. दोस्तों, ये चुदाई किसी और ने नहीं, बल्कि मेरे पति ने ही की थी. आप सोच में पड़ गये होंगे ना, लेकिन दोस्तों, ये चुदाई उन्होंने उस समय की जब वो अपने होश में नहीं थे और पूरी तरह से नशे में धुत्त थे. उनका नाम अनूप है और वो एक इंजिनियर है और मैं ४३ साल की हु और एक स्कूल में टीचर हु.

उस दिन उनके ऑफिस में मंथएंड की पार्टी थी और वो रात को काफी देर से लौटने वाले थे. तो मैंने डीवीडी पर एक पिक्चर लगा ली और देखने लगी. मुझे हॉलीवुड मूवीज देखने का बहुत शौक है और मेरे पति को भी. तो उस समय भी मैं एक हॉलीवुड कीमूवी ही देख रही थी. गरमी का सीजन था, तो मैंने शॉर्ट्स और एक हलकी पतली सी टीशर्ट पहनी हुई थी और अन्दर कुछ भी नहीं पहना था. अनूप के पास घर कि दूसरी चाभी होती है, तो मुझे कोई प्रॉब्लम ही नहीं थी. मूवी देखते हुए, मेरी आँख लग गयी और मैं सोफे पर ही सो गयी.

रात के करीब एक बजे वो वापस आये और मेरे पास आकर मुझे घूरने लगे. दरवाजे के तेज खुलने से मेरी आँख खुल गयी थी. लेकिन आलस के मारे, मैं आँखे बंद करके वहीं पड़ी रही. अनूप आये और मुझे मेरे पास खड़े होकर घूरने लगे. अचानक से उन्हें पता नहीं क्या हुआ? उन्होंने अपने सारे कपड़े उतार दिए और बिलकुल नंगे हो गये और फिर धीरे से उन्होंने मेरी टीशर्ट को बीच में चीर दिया.

आपको मैं अपने और अनूप के बारे में बता दू. अनूप बहुत ही हैण्डसम, ६ फिट के है और ४५ साल की उम्र में भी उनका स्टेमिना गजब का है. अनूप एक टेनिस प्लेयर है, तो फिटनेस उनकी बहुत अच्छी है. अब आप सोचो, कि अभी ४५ में इतने अच्छे है, तो ये घटना जब कि है, जब वो ३७-३८ के थे. तब तो वो माशाअल्लाह होंगे. मेरी सोसाइटी की कितनी ही औरते और लड़की उनको अपने बालकनी में से ताड़ कर आहे भर्ती थी. उनके लंड का साइज़ ७ इंच के ऊपर था और उसकी मोटाई को याद करते ही, मेरी चूत गीली होने लगती है.

मेरा दावा है, कि उनके लंड के अन्दर जाते ही, किसी भी चूत का भोस्ड़ा बन जाता है. मैंने अब ४३ ही हु और उस समय मैं ३५ – ३६ के आसपास थी. मैं एकदम गोरी और चिकनी और मेरे मस्त तने हुए बूब्स और मोटी गांड का साइज़ ३६-३२-३८ है. मुझे देख कर भी लोग आहे भरते है और बाथरूम में जाकर मुठ मारते है. मैंने जब भी नहा कर बालकनी में जाती हु, तो लोग चुपके से मुझे निहारते है और एक शर्मा जी को तो एकदिन मैंने उनकी बालकनी में मुझे देख कर मुठ मारते हुए देखा भी था.

मैं समझ गयी थी, कि अनूप आज कुछ अलग ही मूड में है. लेकिन मैं भी मज़ा लेने के मूड में आ गयी थी. और चुपचाप आँखे बंद करके लेती रही. हम लोगो के ड्राइंगरूम एक चीते का स्टेचू है और उस पर एक कोमल हंटर रखा है. अनूप वहां गये और उन्होंने हंटर लिया और मेरे पास आकर एक जोर से हंटर मेरे बूब्स पर मारा. मैं एकदम से सोफे से नीचे गिर पड़ी और भोचक्की हो गयी रो दर्द के कहराने लगी. अनूप उस दिन बहुत ही अलग मूड में थे. अनूप का मोटा लंड लहरा रहा था हवा में और वो हंटर हाथ में लिए खड़ा था. दोस्तों आप ये कहानी मस्ताराम डॉट नेट पे पढ़ रहे है ।

मैं कुछ सोच पाती, उस से पहले ही मुझे एक और मार पड़ी और मैं दर्द से बिलबिला उठी आआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् आआआआअह्हह्हह्हह्हह्हह अनूप क्या कर रहे हो. अनूप बोले – उठ रंडी.. अपने घुटनों पर आ. मैं सुना और गर्दन घुमा ली और ये देख कर अनूप ने फिर से हंटर चला दिया. मैंने अब उसकी बात मानने में ही अपनी भलाई समझी और अपने घुटनों पर आ गयी और बोली – जो हुकुम. अब अनूप ने हंटर साइड में फेंक दिया और मेरे बालो को पकड़ लिया और मेरे मुह को ऊपर खीच कर अपने लंड को मेरे मुह में लगा दिया.

मैंने मुह नहीं खोला, तो अनूप ने अपने हाथ से मेरा मुह खोला और बोला – रंडी, मान जा और चूस ले इसे. आज ये तेरे हार्ड छेद का बाजा बाजयेगा. फिर अनूप ने अपना लंड मेरे मुह में लेरे गले तक उतार दिया. वैसे तो मैंने अनूप का लंड हजारो बार अपने मुह में लिया था. लेकिन उस दिन मुझे कुछ ज्यादा लम्बा और मोटा लग रहा था. उसका लंड मेरे गले तक उतर चूका था और मैं सांस भी नहीं ले पा रही थी. मेरे मुह से घु – घु – घु की आवाज़े निकलने के अलावा फु – फु करके हवा बाहर आ रही थी.

मैंने अनूप को बाहर निकालने ला इशारा किया, तो उसने बोला – रंडी, मादरचोद.. रोज़ जब चूसती है. तो कुछ नहीं. आज तुझसे सांस नहीं लिया जा रहा. फिर अनूप ने अपना लंड मुह से निकाला, तो उनके लंड ने थोड़ा सा पानी छोड़ दिया था और वो मेरे मुह में गिर गया था. मुझे उलटी सी आने लगी, लेकिन मैंने अपने आप को कण्ट्रोल किया.

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फिर, अनूप ने मुझे अपनी बाहों में उठाया और सोफे पर फेंक दिया और मेरी गांड पर अपने लंड को रगड़ने लगे. मैं डर गयी. आज तक मैंने अनूप को अपनी गांड को मारने नहीं दिया था. वो कहते जरुर थे, लेकिन मैं प्यार से मना कर देती थी. अनूप ने अपने हाथ पर थूका और मेरे गांड के छेद को गीला कर दिया. मैंने कहा – अनूप नहीं, प्लीज नहीं. अनूप ने मुझे एक थप्पड़ मारा और बोले – हरामी साली, आज तुझे पता चलेगा, कि जब रंडी की गांड मरती है. तो उसे कितना मज़ा आता है.

फिर, अनूप ने एक जोर के धक्के से अपना कुछ लंड अन्दर घुसा दिया. मेरे खयाल से १/४ गया था. मेरे मुह से जोरदार चीख निकली – र्र्रर्र्र्रर्र्र ऊऊऊऊऊओह्हह्हह्हह्ह रजाआआआत्त्त्त… मर गयी… मार डाला तुमने. फिर उन्होंने मेरे पेरो को पकड़ा और एक और जोर का धक्का और फिर तीसरे धक्के में उनका पूरा लंड मेरी गांड के अन्दर था.

 

मैंने तो बस बेहोश हो होने लगी थी. मेरी आँखे बंद होने लगी थी और अनूप अपने लंड को मेरी गांड में ठेलने में लगे थे. अब उन्होंने अपने २ उंगलिया मेरी चूत में डाल दी और बेरहमी से मेरी चूत को चोदने लगे. मेरा शरीर टूटने लगा था.. गांड में लंड और चूत में २ उंगलिया.. बाप रे.. मुझे लग रहा था, कि आज तो मैं मरने वाली हु. मुझे मालूम था, कि अनूप अपनी उंगलियों से चोदने में बहुत अच्छे है और ५ मिनट के बाद ही, उन्होंने मेरा पानी निकाल दिया. वो भी अपने धक्को की स्पीड तेज कर चुके थे और मैंने अपनी गांड में अनूप के गरम वीर्य की तेज पिचकारी महसूस की.

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अनूप रुके नहीं, फिर भी धक्के मारते रहे और जब उनका सारा रस निकल गया, तो उन्होंने अपना लंड निकाल और मेरे मुह में ठूस दिया. मेरी गांड की बदबू में लिपटा हुआ लंड मेने मुह में नहीं लिया और अपनी जीभ से चाट कर साफ़ कर दिया. इतने करते ही, अनूप सोफे पर गिर पड़े और मुझे अपनी बाहों में खीच लिया और मेरे होठो पर किस करके बोले – मुझे पता है, कि तुम ही मेरी बीवी हो, मेरी प्रेमिका भी और मेरी रंडी भी .. इसलिए मैं कहीं बाहर मुह नहीं मारता.. और मैंने भी मुस्कुराकर उनके होठो पर किस कर दी और फिर सो गये.

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