अंजान आंटी को बस में चूसा

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हेलो दोस्तों मेरा नाम समीर है मैं मुंबई में रहता हूं. मेरी ऊंचाई ५ फुट ७ इंच है, रंग सांवला है और फिट बॉडी का मालिक हूं. मेरा लंड ६ इंच लंबा और २.५ इंच मोटा है, जो किसी भी औरत को सैटिस्फाई कर सकता है. मुझे शादीशुदा आंटियां बहुत पसंद है.

अब मैं अपनी कहानी पर आता हूं

यह बात ३ महीने पहले की है, जब मैं गोवा का कुछ काम से गया था. तभी अचानक मुझे मुंबई के लिए निकलना पड़ा, लेकिन उसी दिन निकलने की वजह से सारी बस फुल थी और ट्रेन भी नहीं थी.

तभी एक ट्रेवल वाले ने कहा कि स्लीपर खाली है लेकिन एक सिट तो नहीं दे सकते, आपको डबल टिकट देना पड़ेगा नहीं तो दूसरी सीट खाली जाएगी, मजबूरी में मैंने टिकट बुक करवाया और टाइम पर बस पिक पॉइंट पर पहुंच गया.

तभी वहां एक औरत जल्दी में रिक्शा से उतरी और टिकट काउंटर की तरफ गई. उसने मुंबई का टिकट मांगा लेकिन सीट नहीं होने के कारण नहीं मिली, फिर वो कहने लगी.

उसका मुंबई जाना बहुत जरुरी है और वह बस में ड्राइवर के केबिन में बैठ कर जाने को तैयार है, बहुत बोलने पर ट्रावेल वाले ने १-२ लोगों से बात की और ड्रायवर के पीछे वाली बैठने की सीट पर जाने को कहा.

एक बात मैं आपको बता दूं कि उस औरत की उम्र ४५ से ५० साल के बीच होगी. हाइट ५ फिट एकदम गोरी, साड़ी में बड़े बड़े बूबे और गांड बिल्कुल तरबूज की तरह, बड़ी बड़ी आंखें, थोड़े गुलाबी होंठ उसे देखकर मेरा लंड पेंट में ही जोर मारने लगा.

फिर में अपनी सीट पर आकर सो गया और कुछ सेक्सी वीडियो देखने लगा, आधे एक आधे घंटे बाद मुझे नींद आ रही थी की तभी बस कंडक्टर आया और मुझसे कहने लगा.

सर आपके पास डबल सीट है, बाहर एक मैडम है अगर आपको ऐतराज ना हो तो वह यहां बैठना चाहती है. केबिन में उसने बैठा नहीं जा रहा, वह टिकट के पैसे भी आपको दे देगी.

मैंने दिल में कहां, निकल पडी भाई, फिर अपने आप को संभाल कर मैंने कहा अगर उनको कोई परेशानी नहीं है तो मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है और मुझे पैसे नहीं चाहिए.

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थोड़ी देर में वह औरत मेरे पास बैठ गई उसने मुझे थैंक्स कहा और अपना सामान और कपड़े एडजस्ट करने लगी.

उसने अपना नाम श्रध्दा बताया, उसने कहा कि वह प्रोफेसर हे गोवा में और उसका लड़का मुंबई में होटल मैनेजमेंट पढ़ रहा है, वह अचानक बीमार हो गया है तो उसे देखने जा रही है.

फिर उसने अपने बेटे से फोन पर बात की और मुझे गुड नाइट कह कर मेरी तरफ पीठ करके सो गई लेकिन मुझे कहां नींद आने वाली थी, इतनी हॉट माल साथ में है, मेरा लंड तो पेंट में ही सलामी दे रहा था.

कुछ देर बाद बस हीलने के कारण उसकी गांड मुझे टच होने लगी, मैं ऐसे ही पड़ा रहा. जैसे बस इधर उधर हिलती थी उसकी गांड मेरी जांघ से रगड़ती थी, वह शायद नींद में थी.

फिर मैंने हिम्मत की और उसकी तरफ मुंह करके सो गया. थोड़ी देर बाद उसकी गांड मेरे लंड को थोड़ी सी लगी, मेरे लंड की हालत तो पहले से भी खराब हो गई दोस्तों.

फिर मैंने बहुत हल्के से उसकी तरफ दबाव बनाया, थोड़ी देर बाद मेरा लंड उसको जोर से लगा, मुझे लगा कि वह जाग जाएगी. एक तरफ डर भी लग रहा था और वासना भी सर में चढ़ी थी.

फिर वह थोड़ा पीछे हुई और मेरा लंड उसकी दरार में थोड़ा सा चला गया, बस के हिलने के साथ में लंड को आगे पीछे कर रहा था, फिर मैंने धीरे से मेरा हाथ उसकी गांड पर रख दिया, जब उसका कोई रिएक्शन नहीं हुआ तो मैं उसे धीरे सहलाने लगा ताकि वह नींद से ना उठ जाए. थोड़ी देर बाद वो एकदम पलटी हुई और मेरी तरफ मुंह करके सो गई. मेरी हालत बहुत खराब हो रही थी और मैं अपने लंड पर कंट्रोल नहीं कर पा रहा था.

उसका चेहरा बिल्कुल मेरे पास था, हमारी सांसे ही टकरा रही थी. मैंने महसूस किया उसकी सांसे गर्म है. मौका देखते हुए मैंने एक हाथ उसके कंधे पर रखा और उसे  धीरे धीरे सहलाने लगा.

अचानक उसने मेरा हाथ पकड़ा और अपने बूब्स पर रख दिया. अब तो ग्रीन सिग्नल मिल गया, मैं उसको ऊपर से दबाने लगा वह धीरे धीरे सिसकिया ले रही थी. धीरे से उसके ब्लाउज के बटन खोलने लगा और नीचे होकर उसकी साड़ी में अपना सर घुसाकर पागलों की तरह चूमने लगा, वह भी पागल सी होने लगी और उसका हाथ मेरे लंड को दबाने लगे.

फिर मैंने उसकी ब्रा उतारी और उसके दोनों कबूतर फड फड कर बाहर आ गए. मैं तो पागल की तरह उन्हें चूसने लगा वह भी खुल चुकी थी. उसने अपना हाथ मेरी जींस में डाला और मेरा शरीर को हथियार पकड़ लिया और सहलाने लगी. स्लीपर सीट में सीट को पर्दे होते हैं तो कोई प्रॉब्लम नहीं थी.

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फिर मैंने उसको अपने नीचे लिया और उसकी साड़ी में हाथ डाल कर उसकी चूत में उंगली फिराने लगा. उसकी चूत पर थोड़े थोड़े बाल थे, और चूत थोड़ी टाइट लग रही थी. मैंने अपनी एक उंगली पहली चूत में डाली वह भट्टी की तरह गर्म हो चुकी थी, उसके निप्पल चूस चूस के मैंने लाल कर दिए थे.

फिर मैं उसके ऊपर आया, उसकी साड़ी ऊपर करके उसकी गुलाबी चूत में अपनी जीभ डाल दी और चूसने लगा. उसकी चूत में से बहुत अच्छी खुशबू आ रही थी. ५ मिनट के बाद  उसने पानी छोड़ दिया ईतना पानी की बहुत सालों से चूदी ना हो. मेरा पूरा मुंह भर गया और फेस गीला हो गया. उसने एकदम मुझे ऊपर खींचा और कहां बस डाल दो राजा अब नहीं सहा जा रहा.

मैं भी देर नहीं की और अपने लंड को उसकी चूत के पास लगाया और थोड़ी देर तक अपना लंड का टोपा चूत में ऊपर रगडने लगा. वह तो आह ओह अहह हो अहह उम् अहह ओह अह्ह्ह आवाज़ कर रही थी.

वह गांड उठाने लगी और पागल हो रही थी, फिर मैंने देर नहीं की और लंड का टोपा जैसे ही घुसाया वह थोड़ी चीख पढ़ी. मैंने अपने होंठों से उसके ओठो को बंद किए. थोड़ी देर बाद थोड़ा जोर लगाया तो आधा लंड अंदर चला गया, उसकी आंखों से आंसू आ रहे थे, तो मैं उसे प्यार करने लगा मैंने कुछ देर तक लंड डाल कर ही आगे पीछे किया.

फिर जब उसको आराम हुआ तो मैंने एक बड़ा शॉट मारा और पूरा लंड उसकी चूत में फिट कर दिया, वह तो मछली की तरह तड़पने लगी और लंड बाहर निकलने को  कहने लगी, कुछ देर बूब्स चूसने के बाद उसे मजा आने लगा तो मैंने सटासट चुदाई शुरु की.

उसके मुंह से सिसकियां के साथ वह धीरे धीरे चोदो प्लीज चोदो मुझे और तेज़ और आह ओह अहह ओह अहह अय्य्य इह अहह गग अहह ह ऊओं उह्ह ओम्म्म अहः ओह हां होह हह्ह्ह हो अहः आयय तेज़ और तेज़ फक मी फक मी कह रही थी. लगभग 10 मिनट की चुदाई में वह दो बार झड़ चुकी थी.

में लंड को टोपे तक बाहर खींचता और जोर से अंदर शॉट से मारता, जो सीधा उसके बच्चेदानी में लगता, और वह सिहरने लगती. जबरदस्त चुदाई करते हुए १५ मिनट बाद मैं भी उसकी चूत में जड गया.

हम एसी बस में पसीने में भरे थे, फिर कपड़े एडजस्ट किया और उसने बताया कि उसका डायवोर्स हो चुका है, आज पाच साल बाद उसकी चुदाई हुई है और वह रो रही थी, उसके बाद मैंने उसे तीन बार और चोदा.

फिर बातें करते करते हम सो गए. सुबह ५ बजे मेरी नींद खुली तो मैंने अपने लंड पर हलचल महसूस की तो देखा श्रध्दा मेरा लंड निकाल कर चूस रही है.

जैसे कोई भूखी शेरनी शिकार पर जपट मारती है, १५ मिनट चूसने के बाद मेरा माल निकल गया तो उसने पी लिया, फिर वह मुंबई में अपने स्टॉप पर उतर गई.